Saturday, 4 October 2025

Toddler's identity exposed by DCP, Will CP act? CP Show the Courage

            CP Show the Courage 
Toddler's identity exposed by DCP, Will CP act? 
CP Show the Courage 



Inder Vashisth
A case of flouting the law by revealing the identity of a toddler has come to light at Delhi Police Headquarters, right under the nose of Commissioner of Police, Satish Golchha. 
On September 28th, Central District DCP Nidhin Valsan held a press conference at Police Headquarters regarding the arrest of the kidnappers of a one-and-a-half-year-old child. 
Exposed  Identity
DCP Valsan exposed the identity of the child and his parents by presenting them before the media. 
For publicity, DCP Nidhin Valsan had the media take photos and videos of him holding the child in his arms, having the child cut a cake, and so on.
Punishable  Offense-
Revealing the identity of a child victim of a crime is a punishable offense. Some newspapers like Indian Express,Times of India, Nav Bharat Times and some YouTube channels are equally responsible for revealing the child's identity.
History Repeated-
The same case was occurred in the year 2000, when  Ajay Raj Sarma was the CP, Delhi. This journalist was the one who raised questions about the then Central District DCP Muktesh Chandra presenting foreign rape victims to the media at police headquarters in June 2000.
DCP Removed 
The then Commissioner Ajay Raj Sharma removed Muktesh Chandra from the post of District Deputy Commissioner of Police. In response to a question asked in Parliament, it was also reported that the DCP had been reprimanded and removed from his post as District DCP.
CP Show the Courage 
Now the question is- will CP, Delhi initiate the action against DCP Nidhin Valsan for violating the JJ Act and presented the victim before the media like an 'item'. In this case the guidelines of the Supreme Court has also been violated.
Would Commissioner Satish Golchha dare to remove a DCP like the late Ajay Raj Sharma, former Delhi Police Commissioner?

Attempts were made to contact Police Commissioner Satish Golchha and Police spokesperson Sanjay Tyagi regarding this matter.
A message was also left in the Commissioner's office. A WhatsApp message was also sent to Police spokesperson Sanjay Tyagi regarding this matter.
Arrested-
On September 24th, a one-and-a-half-year-old child from a family from Kota, Rajasthan, sleeping on the footpath on Pusa Road in the Karol Bagh police station area, was abducted.
Four accused arrested including one buyer. one minor involved in this case also apprehended. 
The child, belonging to a family from Rajasthan who had come to Delhi to sell toys, was sold by the kidnappers for 45,000 rupees in Mahoba district, Uttar Pradesh. The person who bought the child had two daughters and desired a son.





Thursday, 2 October 2025

DCP निधिन वाल्सन ने डेढ़ साल के बच्चे की पहचान ही उजागर कर दी, कमिश्नर सतीश गोलछा की नाक के नीचे पुलिस मुख्यालय में कानून की धज्जियां उड़ाई गई, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, नवभारत टाइम्स ने भी पहचान उजागर की

                   DCP निधिन वाल्सन
इस फोटो में इस पत्रकार द्वारा तीनों के चेहरे ढके गए हैं। 

              
DCP निधिन वाल्सन ने डेढ़ साल के बच्चे की पहचान ही उजागर कर दी

कमिश्नर सतीश गोलछा की नाक के नीचे पुलिस मुख्यालय में कानून की धज्जियां उड़ाई गई

इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया
और नवभारत टाइम्स ने भी पहचान उजागर की




इंद्र वशिष्ठ
क्या अपराध के शिकार/पीड़ित बच्चों की पहचान उजागर करने पर रोक लगाने वाला कानून सरकार ने खत्म कर दिया है ? 
डीसीपी कानून से ऊपर-
अगर कानून जिंदा है तो क्या वह दिल्ली पुलिस के डीसीपी निधिन वाल्सन पर लागू नहीं होता ? 
क्या मध्य जिले के डीसीपी निधिन वाल्सन द्वारा अपराध पीड़ित गरीब बच्चे की पहचान उजागर करना अपराध नहीं है ? 
गरीब का बच्चा-
बच्चा यदि किसी रईस या किसी वीआईपी का होता, क्या तब भी डीसीपी उसकी पहचान उजागर करने की हिम्मत करते ? 
क्योंकि बच्चा फुटपाथ पर सोने  वाले परिवार का था, इसलिए प्रचार के लिए पूरे परिवार को ही मीडिया के सामने पेश कर दिया गया। 
कमिश्नर डीसीपी के ख़िलाफ़ एक्शन लेंगे ? 
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा की नाक के नीचे पुलिस मुख्यालय में कानून की धज्जियां उड़ाने का यह मामला सामने आया है। 
क्या कमिश्नर सतीश गोलछा भी दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर स्वर्गीय अजय राज शर्मा की तरह डीसीपी को हटाने की हिम्मत कर सकते हैं? 
इस बारे में पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा और पुलिस प्रवक्ता संजय त्यागी से संपर्क करने की कोशिश गई। 
कमिश्नर के दफ़्तर में संदेश भी छोड़ा है। पुलिस प्रवक्ता संजय त्यागी को इस बारे में व्हाट्सएप पर संदेश भी भेजा  है। 

कानून का उल्लघंन-
वरिष्ठ वकील, स्पेशल सेल के पूर्व डीसीपी  लक्ष्मी नारायण राव(एल एन राव) ने बताया कि पुलिस अफसर द्वारा पीड़ित बच्चे और उसके परिवार को मीडिया के सामने ले कर आना, उनकी पहचान उजागर करना कानून का सरासर उल्लघंन/ गैरकानूनी है। 
पूरा परिवार पेश किया-
मध्य जिले के डीसीपी निधिन वाल्सन ने 28 सितंबर को डेढ़ साल के बच्चे के अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी के बारे में पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बच्चे और उसके माता पिता को भी मीडिया के सामने पेश करके उनकी पहचान ही उजागर कर दी। 
फोटो/वीडियो बनवाई-
मीडिया में प्रचार के लिए तो डीसीपी ने गरीब बच्चे को गोद में लेकर, बच्चे से केक कटवाने आदि की बकायदा मीडिया से फोटो और वीडियो बनवाई। 
डीसीपी क्या इतने नादान है ? 
डीसीपी निधिन वाल्सन द्वारा ऐसा करना उनकी पेशेवर काबलियत, कानूनी समझ और संवेदनशीलता पर सवालिया निशान लगाते हैं। 
क्या डीसीपी निधिन वाल्सन इतने नादान हैं कि उन्हें यह भी नहीं मालूम कि अपराध पीड़ित  मासूम बच्चे को मीडिया के सामने पेश करना उसके फोटो, वीडियो बनवाना, पहचान उजागर करना दंडनीय अपराध है। 
इतिहास दोहराया -
मध्य जिले के किसी डीसीपी द्वारा अपराध पीड़ित की पहचान उजागर करने का 25 साल में यह दूसरा मामला सामने आया है। 
डीसीपी मुक्तेश चंद्र को हटाया- 
मध्य जिला के तत्कालीन डीसीपी मुक्तेश चंद्र  द्वारा जून 2000 में बलात्कार पीड़िता विदेशी युवतियों को मीडिया के सामने ही पेश करने पर इस पत्रकार ने ही सवाल उठाया था। जिससे मुक्तेश चंद्र की पेशेवर काबिलियत और संवेदनशीलता पर सवालिया निशान लग गया था। 
तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अजय राज़ शर्मा ने इस मामले में भी मुक्तेश चंद्र को जिला पुलिस उपायुक्त के पद से हटा दिया था। यही नहीं संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में भी खुल कर यह जानकारी दी कि इस मामले में डीसीपी को फटकार लगाई गई है और जिला पुलिस उपायुक्त के पद से हटा दिया गया है।

मीडिया ने भी कानून की धज्जियां उड़ाई-
पहचान उजागर कर दी-

नवभारत टाइम्स  के ऑनलाइन संस्करण में  फोटो छपी है जिसमें बच्चे का मुंह तो छिपा दिया गया लेकिन उसके माता पिता का चेहरा खुला हुआ है। अखबार के संपादक की नज़र में क्या पीड़ित बच्चे के माता पिता की पहचान उजागर करना शायद अपराध नहीं है। माता पिता से ही बच्चे की पहचान भी उजागर हो जाती है क्या उन्हें इतनी सी भी समझ नहीं है। 
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बच्चे और उसके माता पिता का चेहरा छिपाए बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस वाली फोटो छाप दी। 
इंडियन एक्सप्रेस के ऑनलाइन संस्करण ने भी बच्चे और उसके माता पिता का चेहरा छिपाए बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस वाली फोटो लगा दी। 
इससे इन प्रमुख अखबारों के संपादकों की पेशेवर काबलियत पर सवालिया निशान लग जाता है। 
इसके अलावा सोशल मीडिया, इंस्टाग्राम, कुछ यू-टयूब चैनलों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस वाली वीडियो मौजूद है। 
इन सबके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

बच्चों की पहचान उजागर करने पर रोक के कानून-
भारत में दो मुख्य कानून , किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे एक्ट) और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पोक्सो एक्ट) अपहरण और अन्य बच्चों से जुड़े अपराधों में पीड़ित बच्चों की पहचान उजागर करने पर रोक लगाते हैं। मीडिया और किसी भी संचार माध्यम को बच्चे का नाम, पता, स्कूल या कोई भी ऐसी जानकारी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है जिससे उसकी पहचान हो सके। और इसके उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है। 
किशोर न्याय अधिनियम, 2015:
इस कानून की धारा 74 के अनुसार, किसी भी समाचार पत्र, पत्रिका, ऑडियो-विजुअल मीडिया या संचार के अन्य साधनों को किसी भी जांच या न्यायिक प्रक्रिया के संबंध में बच्चे का नाम, पता, स्कूल या कोई अन्य विवरण प्रकाशित करने से मना किया गया है, जिससे उसकी पहचान हो सके। 
सजा:
धारा 74(3): धारा 74(1) के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले "किसी भी व्यक्ति" को छह महीने तक के कारावास या 2 लाख रुपये तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। निपुण सक्सेना बनाम भारत संघ - सर्वोच्च न्यायालय
पोक्सो अधिनियम, 2012:
यह अधिनियम भी बाल शोषण के मामलों में पीड़ित की गोपनीयता की रक्षा करता है। यह सुनिश्चित करता है कि विचारण के दौरान किसी भी समय बच्चे की पहचान प्रकट न हो। 
सजा:
इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक वर्ष तक के कारावास या एक लाख रुपये तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है. 
अपवाद
पहचान प्रकट करने की अनुमति केवल तभी दी जा सकती है जब विशेष न्यायालय यह निर्धारित करता है कि ऐसा करना बच्चे के सर्वोत्तम हित में है, और इसके कारण लिखित में अभिलिखित किए जाने चाहिए। 
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) बच्चों के अधिकार से जुड़े मामलों की निगरानी करता है और मीडिया द्वारा पीड़ित बच्चों की पहचान उजागर करने पर रोक लगाने के उद्देश्य से भी काम करता है। 

पुलिस की कहानी-
मध्य जिले की करोल बाग़ थाना पुलिस ने 24 सितंबर को अपहृत किए गए डेढ़ साल के बच्चे को 48 घंटे में बरामद कर लिया।
पूसा रोड, गंगा राम अस्पताल की लालबत्ती के पास फुटपाथ पर सो रहे राजस्थान के कोटा के एक परिवार के इस बच्चे का अपहरण कर लिया गया था मासूम के अपहरणकर्ता सहित बच्चे की ख़रीद फ़रोख्त में संलिप्त कुल 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 1 नाबालिग को भी पकड़ा गया। 
राजस्थान से करोलबाग में  खिलौने, गुब्बारे आदि बेचने दिल्ली आए परिवार के बच्चे को अपहरणकर्ताओं ने 45,000 में उत्तर प्रदेश महोबा ज़िले में बेच दिया था। जिस व्यक्ति ने खरीदा उसके दो बेटियां हैं लड़के की चाह में उसने बच्चे को खरीदा। 
पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से सभी अपराधियों को पता लगा कर धर दबोचा। 


 

Monday, 29 September 2025

IPS अफसरों में आपस में भरोसे/ तालमेल की कमी या अकेले श्रेय/प्रचार लेने की चाह ? रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गैंग के 10 बदमाशों की गिरफ्तारी का मामला

            डीसीपी हरेश्वर स्वामी

रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गैंग के 10 बदमाश गिरफ्तार

IPS अफसरों में आपस में भरोसे/ तालमेल की कमी ? 
अकेले श्रेय लेने की चाह ? 



इंद्र वशिष्ठ, 
नरेला में प्रापर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने के लिए गोली चलाने वाले गिरोह के 10 बदमाशों को स्पेशल सेल और नरेला पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इस मामले ने पुलिस अफसरों में तालमेल की कमी या अकेले श्रेय लेने की प्रवृत्ति को उजागर कर दिया है। 
स्पेशल सेल ने हथियारों के साथ 2 पकड़े -
स्पेशल सेल के डीसीपी कृष्ण कुमार और एसीपी राहुल सिंह की टीम ने इस मामले में पानीपत के अनुरोध त्यागी और कुणाल त्यागी को 23 सितंबर को बरवाला- बेगम पुर रोड पर पकड़ा। 
इनके पास से दो पिस्तौल और दस कारतूस बरामद हुए है। अनुरोध त्यागी फिरौती के लिए फोन करने वाले जोरा का दोस्त है। 
स्पेशल सेल के वरिष्ठ अफसर ने बताया कि अनुरोध ने पिस्तौल, बाइक, हेलमेट और पैसा आदि गोली चलाने वालों को दिया था।
सनोली खुर्द थाना इलाके के निवासी अनुरोध त्यागी के ख़िलाफ़ 6 मामले दर्ज हैं। 
स्पेशल सेल ने इनके खिलाफ हथियार कानून के तहत मामला दर्ज किया है। 
ये दोनों इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में है। 
सेल ने श्रेय क्यों नहीं लिया ? 
स्पेशल सेल ने इन दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया में प्रचार क्यों नहीं किया ? 
स्पेशल सेल ने श्रेय क्यों नहीं लिया ? 

नरेला पुलिस अपने मामले में अब इनको रिमांड पर लाएगी। 

नरेला पुलिस ने मोबाइल फ़ोन और बाइक के साथ 8 पकड़े -
बाहरी-उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने 29 सितंबर को बताया कि नरेला पुलिस ने इस मामले में गोकुल पुर के दिनेश, हेमंत उर्फ अक्षय , मेरठ के सौरव उर्फ गौरव, राहुल उर्फ पिस्टल, पानीपत के आशीष त्यागी उर्फ काला , सचिन, संदीप और बागपत के वंश मलिक उर्फ कट्टा को गिरफ्तार किया है। 
डीसीपी ने सेल को श्रेय क्यों नहीं दिया ?-
डीसीपी हरेश्वर स्वामी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में अनुरोध त्यागी उर्फ मोनू और कुणाल की इस मामले में भूमिका का तो जिक्र किया गया है। लेकिन इन दोनों की गिरफ्तारी स्पेशल सेल द्वारा किए जाने की बात उन्होंने न तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई और न ही प्रेस रिलीज में। 
क्या ऐसा हो सकता है ?-
डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने इस पत्रकार से कहा  कि सेल द्वारा अनुरोध त्यागी, कुणाल की गिरफ्तारी की उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि पहले एक बार उनके मुंह से निकल गया, कि सेल ने गिरफ्तार किया है लेकिन फिर तुरंत कहा कि शायद सेल ने पकड़ा है। 
अगर डीसीपी की बात को ही सच मान लें, तो ये गंभीर मामला है। इससे तो फिर ये जाहिर होता है कि स्पेशल सेल के अफसरों और जिला डीसीपी में तालमेल ही नहीं है। 
हालांकि यह बिल्कुल भी संभव नहीं है और कोई भी आईपीएस अफसर डीसीपी की इस बात से सहमत नहीं होगा। 
डीसीपी की विश्वसनीयता पर सवाल ? -
इस तरह की बात कहने से डीसीपी की विश्वसनीयता/साख पर ही सवालिया निशान लग जाता है। 
क्योंकि सच्चाई यह है कि स्पेशल सेल/अपराध शाखा सनसनीखेज मामले में किसी को भी गिरफ्तार करती है तो पुलिस कमिश्नर, संबंधित वरिष्ठ पुलिस अफसरों, जिले के डीसीपी और थाने को तुरंत सूचित किया जाता है।
कमिश्नर ध्यान दें-
ये पुलिस अफसरों में भरोसे या तालमेल की कमी है या अकेले श्रेय लेने की मानसिकता ? पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा को इस पर ध्यान देना चाहिए।
धमकी के 5 मिनट बाद ही गोली चलाई-
बाहरी- उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि 14 सितंबर को नरेला में एक प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर में  गोली चलने की सूचना मिली‌। तभी पता चला कि प्रापर्टी डीलर के पूर्व पार्टनर को 5 मिनट पहले ही 5 करोड़ रुपये फिरौती के लिए विदेश से फोन आया था। फिरौती के लिए फोन करने वाले ने खुद को लारेंस विश्नोई का भाई जोरा बताया था।  प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर में बैठा एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया। 
सीसीटीवी ने पकड़वाया-
पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए गोली चलाने वाले दिनेश, हेमंत और सौरव तक पहुंच गई। उनसे पूछताछ के आधार पर बाकी 5 को भी पकड़ा गया। जोरा विदेश से सिग्नल एप के माध्यम से गिरोह के निरंतर संपर्क में था। जोरा के दोस्त अनुरोध त्यागी के माध्यम से वंश मलिक का जोरा से संपर्क हुआ। 
गोली चलाने के 5-5 लाख-
जोरा के निर्देश पर वंश मलिक और राहुल ने दिनेश आदि से गोली चलाने के लिए संपर्क किया। इनको 5-5 लाख रुपये देने का वादा किया गया। 
अनुरोध त्यागी की भूमिका-
प्रेस रिलीज के अनुसार जोरा के दोस्त अनुरोध त्यागी के माध्यम से वंश मलिक का जोरा से संपर्क हुआ। 
जोरा के निर्देश पर अनुरोध त्यागी ने हथियार, बाइक और इनके खर्च के लिए पैसे का इंतजाम किया। सचिन और संदीप के माध्यम से दिनेश आदि को ये पैसे मिले। इस पैसे से दिनेश आदि ने कपड़े, जूते आदि खरीदे। वारदात से पहले ये बहादुर गढ़ और पानीपत के होटलों में ठहरे।
पिस्तौल, बाइक-
वारदात से पहले अनुरोध त्यागी के निर्देश पर आशीष और कुणाल त्यागी ने 3 पिस्तौल और बाइक दिनेश आदि को सोनीपत में दी थी। गोली चलाने के बाद पिस्तौल सोनीपत में ही वापस कर दी गई। 
डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि  सीसीटीवी फुटेज खंगालने से पता चला कि गोली चलाने के बाद ये नरेला से सोनीपत, बागपत और लोनी होते हुए गोकुल पुर गए थे।
सिपाही मोहित, साहिल और सुमित ने 60-70 किलोमीटर के रास्ते पर लगे लगभग 500 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल कर गोली चलाने वाले बदमाशों का पता लगाया। 
वारदात से पहले जोरा ने प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर का फोटो दिनेश आदि को दिया। दिनेश आदि ने वहां पहुंच कर दफ़्तर का फोटो खींच कर जोरा को भेज दिया। जोरा ने उन्हें पांच मिनट इंतजार करने के लिए कहा। इसके बाद जोरा ने प्रापर्टी डीलर के साथी को फिरौती के लिए फोन किया। जोरा ने इसके बाद दिनेश आदि को गोली चलाने का निर्देश दिया। 
नरेला पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल बाइक और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं। 



Saturday, 27 September 2025

कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में धोखेबाज़ बिल्डरों के ठिकानों पर छापे: CBI



कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में धोखेबाज़ बिल्डरों के ठिकानों पर छापे



इंद्र वशिष्ठ, 
कोलकाता,बेंगलुरु और मुंबई में हज़ारों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी करने वाले बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के बीच गठजोड़ की जांच के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 6 मामले दर्ज किए हैं। 
सीबीआई ने कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में 12 स्थानों पर तलाशी ली है। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं।

सीबीआई ने मेसर्स इथाका एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु, मेसर्स एलजीसीएल अर्बन होम्स (इंडिया) एलएलपी बेंगलुरु, मेसर्स ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु , मेसर्स शाश्वती रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड मुंबई (बेंगलुरु में परियोजना), मेसर्स एमकेएचएस हाउसिंग एलएलपी कोलकाता और मेसर्स एसीएमई रियलिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। 

उल्लेखनीय है कि भारत भर में बिल्डरों/डेवलपर्स द्वारा ठगे जा रहे और वित्तीय संस्थानों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही दबावपूर्ण कार्रवाई से व्यथित हजारों घर खरीदारों ने राहत की मांग करते हुए विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करके सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच अपवित्र गठजोड़ को देखते हुए, जिसमें वे घर खरीदारों को धोखा दे रहे हैं, होम लोन 'सबवेंशन स्कीम' शुरू करके, अप्रैल 2025 में, सीबीआई को 7 प्रारंभिक जाँच दर्ज करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने 7 प्रारंभिक जाँच दर्ज की और एनसीआर के बिल्डरों से संबंधित 6 प्रारंभिक जाँच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने एनसीआर के विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ 22 मामले दर्ज किए थे, जिनकी जाँच चल रही है। अब, एनसीआर के बाहर विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ सातवीं प्रारंभिक जाँच पूरी होने पर, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। 
सीबीआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अवलोकन के बाद,सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई के विभिन्न बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 6 नियमित मामले दर्ज करने का निर्देश दिया। 




पीईएसओ का रिश्वतखोर संयुक्त मुख्य नियंत्रक गिरफ्तार , 26 लाख बरामद

पीईएसओ का रिश्वतखोर संयुक्त मुख्य नियंत्रक गिरफ्तार , 26 लाख बरामद


इंद्र वशिष्ठ, 
सीबीआई ने रिश्वतखोरी के एक मामले में पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ), नवी मुंबई के संयुक्त मुख्य नियंत्रक (विस्फोटक) राजेन्द्र रावत और राहुल बचाते (निजी व्यक्ति) को गिरफ्तार किया है। राजेन्द्र रावत के घर और कार्यालय से कुल मिलाकर 26 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

सीबीआई ने संयुक्त मुख्य नियंत्रक (विस्फोटक) राजेन्द्र रावत द्वारा निजी सलाहकारों और एजेंटों के साथ मिलकर कथित तौर पर बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्ट आचरण के बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर मामला दर्ज किया।

इसके बाद सूचनाओं के आधार पर, एक जाल बिछाया गया। इस कार्रवाई के दौरान राहुल बचाते (निजी व्यक्ति) को आरोपी अफसर राजेन्द्र रावत के घर पर एक पैकेट पहुंचाते हुए पकड़ा गया। पूछताछ करने पर राहुल (निजी व्यक्ति) ने राजेन्द्र रावत की पत्नी को 9 लाख रुपये की रिश्वत देने की बात कबूल की। सीबीआई ने राजेन्द्र रावत के घर से ​​उक्त राशि के साथ-साथ 7.5 लाख रुपये की अतिरिक्त बेहिसाबी नकदी भी जब्त की। 
इसके अलावा, आरोपी अधिकारी राजेन्द्र रावत के कार्यालय की तलाशी के दौरान, एक अन्य एजेंट ने रिश्वत के रूप में 8 लाख रुपये लाने की बात स्वीकार की। यह नकदी उसके वाहन से बरामद की गई। 
इसी दौरान कार्यालय में मौजूद एक आर्किटेक्ट ने एक अन्य सरकारी अफसर के लिए 1.5 लाख रुपये की रिश्वत लाने की बात स्वीकार की। यह राशि भी जब्त कर ली गई।





Friday, 26 September 2025

कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी की संपत्तियां कुर्क : NIA


कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी की संपत्तियां कुर्क 


इंद्र वशिष्ठ, 
एनआईए ने शुक्रवार को हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के एक आतंकवादी की अचल संपत्तियां कुर्क की। यह आतंकवादी कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंधित संगठन के सक्रिय आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करता था।
एनआईए की विशेष अदालत, जम्मू के आदेश पर, एजेंसी ने तारिक अहमद मीर की अचल संपत्तियां कुर्क की है। तारिक अहमद मीर को अप्रैल 2025 में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। 
एनआईए ने शोपियां जिले के मालदेरा गांव में 780 वर्ग फुट भूमि पर बना एक मंजिला मकान और 8 मरला भूमि का टुकड़ा/बाग कुर्क किया है। 
हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी सैयद नवीद मुश्ताक के सहयोगी तारिक के खिलाफ  एनआईए की विशेष अदालत में आईपीसी, शस्त्र अधिनियम और यूए(पी)अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। 
भारत की शांति, स्थिरता और सद्भाव को बाधित करने के उद्देश्य से कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ एनआईए द्वारा संपत्तियां कुर्क करने की कार्रवाई चल रही है। 






पिटाई का बदला लेने के लिए हत्या करने वाले 2 बदमाश गिरफ्तार, पिस्तौल, कारतूस बरामद : स्पेशल सेल

एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा


पिटाई का बदला लेने के लिए हत्या करने वाले 2 बदमाश गिरफ्तार


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और सीआईए गुरुग्राम की संयुक्त टीम ने दोहरे हत्याकांड के चश्मदीद गवाह की हत्या करने वाले दो बदमाशों को गुरुग्राम में कथित एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया है। 
बदमाशों के पैरों में गोली-
पुलिस के अनुसार बदमाशों की एक गोली हवलदार नरपत की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी, जबकि दूसरी सब-इंस्पेक्टर विकास के हाथ में लगी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाशों के पैरों में गोली लगी। 
संयुक्त टीम-
स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह  कुशवाहा ने बताया कि डीसीपी कृष्ण कुमार, एसीपी राहुल कुमार सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर अनुज नौटियाल और इंस्पेक्टर चंदन की टीम ने और एसआई अरुण सीआईए, गुरुग्राम की संयुक्त टीम ने गोगी गिरोह के मोहित जाखड़ (गोयला खुर्द, छावला) और जतिन राजपूत (विपिन गार्डन, द्वारका मोड़) को गिरफ्तार किया है। 
इनसे दो पिस्तौल, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है। 
पिटाई का बदला-
स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि 4 जुलाई 2025 को संजू दहिया के निर्देश पर मोहित जाखड़, जतिन राजपूत और नीरज गुर्जर ने नजफगढ़ इलाके में नीरज तेहलान की हत्या की थी। नीरज पिछले साल नजफगढ़ के सैलून में हुई अपने दो साथियों की हत्या के मामले में शिकायतकर्ता और चश्मदीद गवाह था। जतिन और मोहित से पूछताछ में पता चला कि नीरज तेहलान ने जतिन और नीरज गुर्जर की पिटाई की थी, जिसका वे बदला लेना चाहते थे। 
दोस्त बने जानी दुश्मन-
संजीव उर्फ संजू और नीरज की दुश्मनी की शुरुआत छावला पुलिस द्वारा 2021 में फायनांसर नरेश की हत्या के मामले में नीरज तेहलान और आशीष सिंधु की गिरफ्तारी से हुई थी। नीरज तेहलान को शक था कि संजू दहिया की मुखबरी के कारण वह पकड़े गए। साल 2023 में जेल से रिहा होने के बाद भी नीरज तेहलान संजू दहिया को धमकियां देता रहा। इससे कभी करीबी दोस्त रहे, इन दोनों के बीच गहरी दुश्मनी पैदा हो गई।
सनसनीखेज हत्याकांड-
नीरज तेहलान को खत्म करने के लिए संजू दहिया ने गोगी गैंग के हर्ष उर्फ ​​चिंटू के साथ मिलकर नीरज तेहलान की हत्या की योजना बनाई। 09 फरवरी 24 को नजफगढ़ में एक सैलून में नीरज तेहलान, सोनू तेहलान और आशीष सिंधु के साथ मौजूद था। संजू और हर्ष ने वहां गोलीबारी की, जिसमें सोनू तेहलान और आशीष सिंधु मारे गए, लेकिन नीरज तेहलान सैलून के केबिन में छिपकर बच गया।
विदेश भाग गए-
 इस हत्याकांड के बाद हर्ष और संजू विदेश भाग गए। जाली दस्तावेजों पर यात्रा करने के कारण हर्ष दुबई में पकड़ा गया और उसे वापस भारत भेज दिया गया। हर्ष जेल में है। संजू दहिया विदेश में बताया जाता है।