Tuesday, 12 November 2024

लक्ष्मी नगर थाने का सब- इंस्पेक्टर गिरफ्तार, विजिलेंस यूनिट का भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ अभियान


लक्ष्मी नगर थाने का सब- इंस्पेक्टर गिरफ्तार


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने लक्ष्मी नगर थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल को दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए थाने के अंदर से ही गिरफ्तार किया है। सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल ने शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए बीस हजार रुपए रिश्वत मांगी। 
लक्ष्मी नगर निवासी शिकायतकर्ता का कृषि उत्पादों का व्यवसाय है। कर्नाटक और बंगाल निवासी कुछ लोगों ने शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी कर दी। 
शिकायतकर्ता व्यवसायी ने पूर्वी जिले के लक्ष्मी नगर थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दी। सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल ने आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए नोटिस जारी करने के लिए शिकायतकर्ता व्यवसायी से बीस हज़ार रुपए रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस यूनिट में शिकायत कर दी। 11 नवंबर को लक्ष्मी नगर थाने के अंदर ही सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के रूप में दस हज़ार रुपए लिए। विजिलेंस यूनिट ने तभी सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल को पकड़ लिया। सब- इंस्पेक्टर की कमीज़ की जेब से रिश्वत की रकम बरामद हुई। 
महिला सब-इंस्पेक्टर गिरफ्तार-
विजिलेंस यूनिट ने 6 नवंबर को बवाना थाने में अपने कमरे में बलात्कार के आरोपी की पत्नी से रिश्वत लेते हुए सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान को गिरफ्तार किया। 
 भ्रष्टाचार का सिलसिला- 
विजिलेंस यूनिट ने ही चार नवंबर को कृष्णा नगर थाने में तैनात एएसआई प्रमोद कुमार को थाने में ही दस हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
विजिलेंस यूनिट ने 24 अक्टूबर को समय पुर बादली थाने के एएसआई कृष्ण चंद को थाने के अंदर ही 25 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
विजिलेंस यूनिट ने 9 अक्टूबर को वसंत कुंज (दक्षिण) थाने में तैनात सिपाही अमित को तीन हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। 
सीबीआई ने 24 अक्टूबर को माडल टाउन स्थित साइबर थाने के हवलदार गिरीश महौर को आठ हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
सीबीआई ने 15 अक्टूबर को शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए बुराड़ी थाने के  इंस्पेक्टर संदीप अहलावत एवं सब- इंस्पेक्टर भूपेश कुमार को गिरफ्तार किया था। पुलिसवालों ने शिकायतकर्ता से डेढ़ करोड़ रुपए रिश्वत मांगी थी। 




सीआईएसएफ में पहली महिला बटालियन के गठन को मंजूरी







इंद्र वशिष्ठ, 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ में पहली महिला बटालियन के गठन को मंजूरी दे दी है।
महिलाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भूमिका बढ़ाने के उद्देश्य से, यह  निर्णय लिया गया है। 
सीआईएसएफ के डीआईजी (आसूचना) दीपक वर्मा ने बताया कि सीआईएसएफ उन महिलाओं के लिए एक पसंदीदा विकल्प रहा है जो वर्तमान में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में राष्ट्र की सेवा करना चाहती है। 
सीआईएसएफ में लगभग एक लाख 90 हजार की नफरी है जिसमें महिला बल कर्मियों की संख्या 7 फीसदी  से अधिक हैं। महिला बटालियन के गठन से देश भर की महत्वाकांक्षी युवा महिलाओं को सीआईएसएफ में शामिल होने और राष्ट्र की सेवा करने के लिए और प्रोत्साहन मिलेगा। इससे सीआईएसएफ में महिलाओं को एक नई पहचान मिलेगी।
महिला बटालियन में 1025 महिलाएं होंगी। 
        सीआईएसएफ मुख्यालय ने नई बटालियन के लिए शीघ्र भर्ती, प्रशिक्षण और मुख्यालय के स्थान के चयन के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी है। प्रशिक्षण को विशेष रूप से डिज़ाइन किया जा रहा है जिससे एक विशिष्ट बटालियन बनाई जा सके और बल की महिलाओं को वीआईपी सुरक्षा में कमांडो के रूप में, हवाई अड्डों की सुरक्षा, दिल्ली मेट्रो रेल सुरक्षा जैसे विविध कर्तव्यों स्थलों पर सुरक्षा सेवा प्रदान करने हेतु सक्षम बनाया जा सके। 
  53वें सीआईएसएफ दिवस समारोह के अवसर पर  केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश के अनुसरण में, बल में महिला बटालियनों के सृजन की प्रक्रिया शुरू की गई थी।


Friday, 8 November 2024

दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड का लीगल अफसर गिरफ्तार, 3.79 करोड़ रुपए बरामद

दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड का लीगल अफसर गिरफ्तार, 3.79 करोड़ रुपए बरामद 

इंद्र वशिष्ठ, 
सीबीआई  ने दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के कानून अधिकारी विजय मग्गो को शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। विजय मग्गो ने 40 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। तलाशी के दौरान विजय मग्गो के घर से 3.79 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए है। 
सीबीआई ने करोल बाग निवासी कर्ण गुप्ता की शिकायत के आधार पर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के कानून अधिकारी (लीगल अफसर) विजय मग्गो, निजी व्यक्ति सतीश एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों सहित आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 07.11.2024 को मामला दर्ज किया।
शिकायत में कर्ण गुप्ता ने आरोप लगाया कि  कानून अधिकारी विजय मग्गो ने पी.के. झा, प्रिंसीपल डायरेक्टर, डीयूएसआईबी के साथ मिलीभगत करके उसकी दुकानों की सील खोलने के लिए 40 लाख रुपए रिश्वत मांगी। 
कर्ण गुप्ता की पहाड़ गंज के मुल्तानी ढांडा में दो दुकानों( मिनिस्ट्री ऑफ केक्स और श्री सांवरिया स्वीट्स) में अनधिकृत निर्माण के लिए डीयूएसआईबी द्वारा 07/07/23 को दोनों दुकानों को सील कर दिया गया था।
कर्ण गुप्ता का आरोप है कि विजय मग्गो ने कहा कि अगर मैं उन्हें 40 लाख रुपए की रिश्वत देता हूं तो वह उसकी दुकानों को बिना डी-सील के आधिकारिक दस्तावेज के खोलने की सुविधा देंगे। दोनों दुकानों को बेरोकटोक चलने देंगे और उसे आश्वासन दिया कि कोई भी जांच के लिए नहीं आएगा, अगर कोई जांच के लिए आता है या कोई शिकायत मिलती है तो हम कुछ दिनों के लिए दुकान को फिर से सील कर देंगे और तस्वीर खींच कर दिखा देंगे कि यह दुकान सील है और कुछ दिन बाद दुकानों को फिर से खोलने की अनुमति दे देंगे। 
सीबीआई ने दिनाँक 07.11.2024 को जाल बिछाया एवं डीयूएसआईबी के आरोपी कानून अधिकारी विजय मग्गो को  शिकायतकर्ता से 05 लाख रुपए की रिश्वत राशि स्वीकार करने के दौरान रंगे हाथों पकड़ा।  सीबीआई ने आरोपी विजय मग्गो के आवासीय परिसरों की भी तलाशी ली, जिसमें 3.79 करोड़ रुपए का नकद एवं कुछ संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए।    





Thursday, 7 November 2024

महिला सब-इंस्पेक्टर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, बलात्कार के आरोपी की जमानत के लिए रिश्वत मांगी



महिला सब-इंस्पेक्टर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार



इंद्र वशिष्ठ,
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट द्वारा भी भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पकड़ने का सिलसिला जारी है। लगातार धरपकड़ के बावजूद भ्रष्टाचार थम नहीं रहा है। 
 विजिलेंस यूनिट ने बाहरी उत्तरी जिले के बवाना थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान को पांच हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान ने बलात्कार के आरोपी की अग्रिम जमानत कराने में मदद करने के लिए रिश्वत मांगी थी। 
6 नवंबर को बवाना थाने में अपने कमरे में 
बलात्कार के आरोपी की पत्नी से रिश्वत लेते हुए सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान को गिरफ्तार किया गया। रिश्वत की रकम पूजा चौहान की जींस की जेब से बरामद हुई। 
बलात्कार के आरोपी की पत्नी ने विजिलेंस यूनिट में दी अपनी शिकायत में बताया कि सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान रिश्वत के लिए लगातार दबाव डाल रही है। पूजा चौहान ने उसे धमकी दी कि अगर रिश्वत नहीं दी, तो वह उसके पति की अग्रिम जमानत नहीं होने देगी। बलात्कार के आरोपी की अग्रिम जमानत की अर्जी अदालत ने 5 नवंबर को खारिज कर दी थी। सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान के सुझाए वकील ने आरोपी की पत्नी से डेढ़ लाख रुपए मांगे। 
शिकायतकर्ता ने सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान से कहा कि वह इतना पैसा नहीं दे सकती। इस पर पूजा चौहान ने पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी। परस्पर बातचीत के बाद पूजा चौहान बीस हजार रुपए रिश्वत लेने को तैयार हो गई। शिकायतकर्ता दस हजार रुपए सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान को पहले  दे चुकी थी। 
सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान ने शिकायतकर्ता से कहा कि रिश्वत की बकाया रकम का भुगतान करने के बाद अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन करना। 
 भ्रष्टाचार का सिलसिला- 
विजिलेंस यूनिट ने ही चार नवंबर को कृष्णा नगर थाने में तैनात एएसआई प्रमोद कुमार को थाने में ही दस हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
विजिलेंस यूनिट ने 24 अक्टूबर को समय पुर बादली थाने के एएसआई कृष्ण चंद को थाने के अंदर ही 25 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
विजिलेंस यूनिट ने 9 अक्टूबर को वसंत कुंज (दक्षिण) थाने में तैनात सिपाही अमित को तीन हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। 

सीबीआई ने 24 अक्टूबर को माडल टाउन स्थित साइबर थाने के हवलदार गिरीश महौर को आठ हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
सीबीआई ने 15 अक्टूबर को शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए बुराड़ी थाने के  इंस्पेक्टर संदीप अहलावत एवं सब- इंस्पेक्टर भूपेश कुमार को गिरफ्तार किया था। पुलिसवालों ने शिकायतकर्ता से डेढ़ करोड़ रुपए रिश्वत मांगी थी। 


पुलिस नि:संकोच यूएपीए लगाए, टेरर इकोसिस्टम के ख़िलाफ़ एंटी टेरर इको सिस्टम बनाएंगे : गृह मंत्री अमित शाह



नि:संकोच यूएपीए लगाएं: अमित शाह



इंद्र वशिष्ठ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि टेरर इको सिस्टम के ख़िलाफ़ एकीकृत एंटी टेरर इको सिस्टम बनाना पड़ेगा। इसके लिए एटीएस, एसटीएफ, प्रशिक्षण और अभियोजन की एसओपी, इन चारों में सामंजस्य होना जरुरी है। 
गृह मंत्री ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित आतंकवाद निरोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि टेररिज्म, टेररिस्ट और टेररिज्म के इको सिस्टम से लड़ने के लिए गृह मंत्रालय कुछ ही महीनों में एक नेशनल काउंटर टेररिज्म पॉलिसी और स्ट्रेटजी लाएगा है। 
वित्त पोषण-
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद का वित्त पोषण जब तक नहीं रोकते है आतंकवाद को नहीं रोक सकते। इसके ईको सिस्टम को तोड़ना है तो इसके वित्त पोषण को रोकना होगा। क्रिप्टो करेंसी, सोने की तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी, हवाला, एल ओ सी पर व्यापार के माध्यम से हवाला कई प्रकार से अवैध धन हमारे देश में पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। इस संपूर्ण ईको सिस्टम को नष्ट करने के लिए राज्य पुलिस में एक जागरूक तंत्र बनाना होगा। 
थानों की अहम भूमिका-
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ पूरी लड़ाई में थानों की भूमिका को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते। 
जब तक थाने पूर्ण रूप से आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए तैयार नहीं है, ये लड़ाई हम नहीं लड़ सकते। क्योंकि कोई भी सूचना हो, वो थाना स्तर से ही राज्य खूफिया एजेंसी या भारत सरकार की खुफ़िया एजेंसी के पास आएगी। सूचना थाने से ही आती है। इसलिए वहां एक विशेष दृष्टि निर्मित करनी होगी। इसके लिए थानों के अधिकारियों को खुफ़िया जानकारी एकत्र करने, लक्षित जांच करना, समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के मामलों को सजग दृष्टि से देखना। राज्य के प्रमुखों को आसूचना संकलन के लिए एसओपी बनाना चाहिए। 
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद तभी समाप्त हो सकता है जब हम इसके खिलाफ पूरी शिद्दत के साथ, कम से कम नुकसान के साथ तभी लड़ सकते हैं जब थाने से लेकर राज्य के पुलिस प्रमुख तक पूरी हमारी पुलिस की व्यवस्था इसके लिए जागरुकता लाए और एक साथ काम करे। 
सीमाहीन और अदृश्य तरीके से हमले और षडयंत्र हमारे ख़िलाफ़ खड़े हैं। आतंकवाद का सटीक सामना करना है तो उच्चतम टैक्नोलॉजी से हमारे युवा अफसरों को लैस करना होगा। 
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद निरोधी इस सम्मेलन की उपयोगिता तभी है जब सम्मेलन में निकले कार्रवाई योग्य बिंदु (एक्शनेबल पाइंट) को थाने तक, बीट तक ले जाएं। बीट से लेकर एनआईए महानिदेशक तक पूरे तंत्र को आतंकवाद के ख़िलाफ़ के खतरों से जागरूक करने का हम अगर काम  करते हैं तभी यह सम्मेलन सफल माना जाएगा। 
आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का मतलब यह नहीं, कि कुछ षड्यंत्र को पकड़ कर उसका पर्दाफाश करना। आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का मतलब है आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने वाली एजेंसियों के हाथ कानूनी रूप से मज़बूत किए जाए। एक ऐसा ईको सिस्टम बनाया जाए, जिसके आधार पर आतंकवाद के ख़िलाफ़ की हमारी लड़ाई मजबूत हो। 

आतंकवादियों की सेल्फ लाइफ में भी कमी आई है। जो पहले दो साल तक थी अब कुछ दिनों तक सीमित करने में हम सफल रहे हैं। 
सज़ा दर 95 फीसदी-
गृह मंत्री ने कहा कि यूएपीए के मामले में किस प्रकार से जांच हो और किस प्रकार से अभियोजन की कार्रवाई हो? 
गृह मंत्री ने उदाहरण दिया कि एनआईए भी यूएपीए का उपयोग करता है। 
एनआईए ने 632 मामले दर्ज किए हैं। 498 मामलों में अदालत में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। एनआईए के मामलों में सज़ा दर/दोषसिद्धि दर 95 फीसदी है। गृह मंत्री ने कहा कि जब एनआईए कर सकती है तो राज्य पुलिस क्यों नहीं कर सकती। 

नि:संकोच यूएपीए लगाएं-
गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अफसरों से कहा कि जहां पर भी गैर कानूनी गतिविधि निरोधक कानून ( यूएपीए) लगाने की जरुरत हो नि:संकोच लगाना चाहिए। जहां पर यूएपीए लगाएं, वहां पर सुपरवाइजर अथारिटी की जिम्मेदारी है कि इसकी जांच एनआईए की तर्ज़ पर हो। 

सूचना साझा करना कर्तव्य-
गृह मंत्री अमित ने कहा कि पुराने समय के ध्रुव वाक्य जानने की जरुरत ( नीढ टू नो) को बदल कर साझा करने की जरुरत (नीढ टू शेयर) और उससे भी आगे साझा करने का कर्तव्य (डयूटी टू शेयर) तक ले जाएं। अब सूचना छिपाने से इतने बड़े देश में उग्रवाद के ख़िलाफ़ हम नहीं लड़ सकते। क्योंकि आपके (राज्यों) के पास जो सूचना है उसके कई आयाम/डायमेंशन होंगे, जो शायद आपको मालूम नहीं है। यदि सूचना मल्टी एजेंसी सेंटर और एनआईए के साथ साझा करोगे, तो वह सभी आयामों का मूल्यांकन/ अप्रीशिएट करके सूचना पर कार्रवाई करने के लिए अंततोगत्वा आपके पास ही सूचना आएगी। 
गृहमंत्री ने कहा कि उग्रवाद के ख़िलाफ़ इस साझा लड़ाई को हम अपनी लड़ाई समझे। कोई राज्य उग्रवाद से बच नहीं सकता, जब तक हम इस लड़ाई को साझा लड़ाई समझ कर न चलें। 
गृह मंत्रालय एक मजबूत संकल्प के साथ देश में  उग्रवाद के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए एक इको सिस्टम भी बनाएगा, परिणाम भी लाएंगे और सफल भी होंगे। 















Tuesday, 5 November 2024

यादगार पल


राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी के साथ राष्ट्रपति भवन में
11-3-2015

    दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोरा, स्पेशल  कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा

       स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक



           डीसीपी रवि कुमार सिंह आईपीएस

     डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा आईपीएस

     डीसीपी संजय कुमार सैन आईपीएस
स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह, स्पेशल कमिश्नर रवींद्र यादव और पत्रकार पुलिस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में
स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक, स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह और पत्रकार
     पीआरओ ब्रांच के अफसर और पत्रकार
       स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह

      डायरेक्टर ईडी कर्नल सिंह आईपीएस

      स्पेशल कमिश्नर रणबीर सिंह आईपीएस

 आलोक वर्मा आईपीएस, रवींद्र यादव आईपीएस

दीपक मिश्रा आईपीएस, टीएन मोहन आईपीएस

         प्रदीप भारद्वाज आईपीएस


        देवेश चंद्र श्रीवास्तव आईपीएस

देवेश चंद्र श्रीवास्तव आईपीएस, संजय जैन आईपीएस

आदित्य आर्य आईपीएस, मुक्तेश चंद्र आईपीएस

      दीप चंद आईपीएस, आदित्य आर्य

तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक, पी कामराज, दीपेंद्र पाठक आईपीएस, क्रिकेटर ईशांत शर्मा और पत्रकार





    तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा

  तत्कालीन पुलिस कमिश्नर एमबी कौशल

     तत्कालीन पुलिस कमिश्नर वीएन सिंह
तत्कालीन पुलिस कमिश्नर निखिल कुमार

   तत्कालीन पुलिस कमिश्नर एमबी कौशल

            एसबीएस त्यागी

पंजाब पुलिस के पूर्व महानिदेशक केपीएस गिल


               इंस्पेक्टर जगप्रीत सिंह




मेरे पिता श्री राम सिंह शर्मा (नेशनल हेराल्ड अखबार) प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के साथ।