Monday, 11 February 2013

अफजल गुरु जैश-ए-मुहम्मद का मुख्य साजिशकर्ता

अफजल गुरु जैश--मुहम्मद का मुख्य साजिशकर्ता

इंद्र  वशिष्ठ,  

मुहम्मद अफजल गुरु संसद हमले में शामिल आतंकवादी गिरोह जैश--मुहम्मद का मुख्य साजिशकर्ता था। संसद पर हमला करने वाले पांचों पाकिस्तानी आतंकवादियों को कश्मीर से लाकर दिल्ली में ठहराने से लेकर सभी इंतजाम अफजल ने ही किए थे। संसद में घुसने तक फिदायीन दस्ते का सरगना अफजल से मोबाइल फोन पर संपर्र्क में था। सरगना मुहम्मद ने अफजल को फोन कर कहा कि वह टीवी पर संसद की कार्यवाही देखें और बताए कि इस समय सदन में कौन-कौन से वीवीआईपी मौजूद है। अफजल ने उसे कहा कि वह अभी टीवी के पास नहीं है। इसके बाद ही सरगना ने संसद में घुसने का फै सला किया। हमले के लिए रवाना होने से पहले हमले के सरगना मुहम्मद ने दस लाख रुपए और एक लैपटॉप अफजल को सौंपा और उससे कहा कि रकम तुम रख लेना और लैपटॉप जैश--मुहम्मद के कश्मीर घाटी के सुप्रीम कंमाडर गाजी बाबा को सौंप देना। संसद पर हमले के तुरंत बाद अफजल अपने रिश्तेदार शौकत के साथ ट्रक में रकम और लैपटॉप लेकर श्रीनगर चला गया। श्रीनगर में ये दोनों ट्रक में रकम और लैपटॉप के साथ पकड़े गए थे।
अफजल  ने १९९० में पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली  -कश्मीर के  सोपोर, बारामूला से स्कू  की  पढ़ाई पूरी करने के बाद आतंकवाद में शामिल हुआ अफजल १९९० में जेकेएलएफ में शामिल  हो गया। इसके बाद वह पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद गया। वहां  आईएसआई के कैंप में अफजल ने ढाई महीने की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के बाद अफजल कश्मीर वापस गया। लेकिन घाटी में सुरक्षा बलों के दबाव के चलते अफजल दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपने रिश्तेदार शौकत हुसैन के यहां गया। उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार से बीए की पढ़ाई शुरू कर दी। १९९३ में बीए  पास करके अफजल श्रीनगर चला गया। वहां उसने सर्जिकल उपकरण के कमीशन एजेंट का काम शुरू कर दिया।
गाजी बाबा उर्फ डॉक्टर से मिला- फरवरी २००१ में श्रीनगर में मिले तारिक ने अफजल को पहलगांव में जैश--मुहम्मद के घाटी में सुप्रीम कमांडर पाकिस्तानी गाजी बाबा उर्फ डाक्टर से मिलवाया। गाजी बाबा ने अफजल को बताया कि आईएसआई ने जैश के मुखिया मसूद अजहर और लश्कर के सरगना जकी उर रहमान पर दिल्ली में फिदायीन हमला करने का दबाव डाला है। गाजी बाबा के कहने पर अफजल दिल्ली में एक सुरक्षित ठिकाना बनाने के लिए गया। अफजल ने अपने रिश्तेदार शौकत और उसके दोस्त एसएआर गिलानी को भी हमले की साजिश के लिए तैयार कर लिया। अक्टूबर २००१ में गाजी बाबा ने उसे पाकिस्तानी आतंकवादी मुहम्मद से मिलवाया और बताया कि मुहम्मद हमला करने वाले फिदायीन दस्ते का सरगना है। अफजल मुहम्मद को दिल्ली ले आया और मुखर्जी नगर की क्रिश्चयन कॉलोनी में एक मकान में उसे ठहरा दिया। इसके एक हफ्ते बाद अफजल फिर श्रीनगर गया। इस दौरान शौकत ने गांधी विहार में एक अन्य मकान का इंतजाम कर लिया। अफजल नंवबर में पाकिस्तानी आतंकवादी राजा और हैदर को लेकर दिल्ली आया। इसके एक हफ्ते बाद अफजल फिर श्रीनगर गया। इस बार उससे पाकिस्तानी आतंकवादी राणा और हमजा मिले। दिसंबर २००१ के पहले सप्ताह में इन दोनों के  साथ दिल्ली आया। इस बार ये आतंकवादी अपने साथ बिस्तरबंद में छिपा कर एके रायफल, तीन पिस्तौल, १२ मैगजीन, एक ग्रेनेड लांचर१५ ग्रेनेड, दो डिब्बे डेटोनेटर, रेडियो एक्टिवेटिड डिवाइस, और दो वायरलेस सेट भी लेकर आए थे। संसद की रेकी करने जाने के लिए अफजल  ने करोलबाग से बीस हजार रुपए में काले रंग की एक यामहा मोटर साइकिल खरीदी। इसके अलावा मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पालिका बाजार से कार्गो पैंट, टी शर्ट, जैकेट और सिविल लाईन की तिब्बती मार्केट से जोड़ी जूते खरीदे।
किंगस्वे कैंप से पुलिस की तीन वर्दी भी खरीदी। इसके अलावा आईईडी बम बनाने के लिए खारी बावली, तिलक बाजार से ३० किलो अमोनियम नाइट्रेट, - किलो सल्फर और एल्यूमिनियम पाउडर खरीदा। इसके बाद संसद का जाली कार स्टीकर और परिचय पत्र तैयार किए गए। ११ दिसंबर को करोलबाग में एक कार डीलर से सफेद रंग की एंबेसेडर कार खरीदी गई। कार के शीशों पर फिल्म और लाल बत्ती लगवाई। १३ दिंसबर को सभी आतंकवादी गांधी विहार के मकान में जमा हुए। संसद पर हमले के लिए रवाना होने से फिदायीन दस्ते के सरगना मुहम्मद ने अफजल को दस लाख रुपए और लैपटॉप दिया। लैपटॉप उसने गाजी बाबा को देने को हा था।
 मोबाइल फोन से पकड़े गए साजिशकर्ता- संसद पर हमले के दौरान मारे गए पांचों आतंकवादियों के पास से मिले मोबाइल फोनों से ही पुलिस हमले के साजिशकर्ताओं तक पहुंची थी। मोबाइल फोन के रिकार्ड की तफ्तीश के  आधार पर पुलिस ने १५ दिंसबर २००१ को सबसे पहले जाकिर हुसैन कालेज के लेक्चरर एसएआर गिलानी को पकड़ा। इसके बाद शौकत के घर पुलिस पहुंची। वहां से शौकत की पत्नी आफ्शां गुरु उर्फ नवजोत संधू को गिरफ्तार किया। नवजोत से पुलिस को पता चला कि १३ दिसंबर को हमले के बाद शौकत और अफजल ट्रक में श्रीनगर चले गए हैं। उसने यह भी बताया कि वे लोग इस समय श्रीनगर की फल मंडी में हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने खुफिया एजेंसियों के जरिए ये सूचना श्रीनगर पुलिस को दी। श्रीनगर पुलिस ने ट्रक खोज लिया और अफजल, शौकत, दो ट्रक चालक और एक हेल्पर को पकड़ा गया। उनके पास से दस लाख रुपए और लैपटॉप बरामद हुआ। इसी दौरान विशेष विमान से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम श्रीनगर पहुंच गई और अफजल और शौकत को विशेष विमान से दिल्ली ले आई।

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