Thursday, 13 June 2024

श्री राजमहल ज्वैलर्स की 112 करोड़ रुपए की संपत्तियों की कुर्की


श्री राजमहल ज्वैलर्स की 112 करोड़ की संपत्तियों की कुर्की



इंद्र वशिष्ठ, 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसर्स श्री राज महल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड (एसआरएमजेपीएल) से संबंधित 94.18 करोड़ रुपए मूल्य की चल/अचल संपत्तियां तथा इसी समूह की कंपनी मैसर्स गिन्नी गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड (जीजीपीएल) से संबंधित 13.43 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं। इन संपत्तियों का स्वामित्व अशोक गोयल, प्रदीप गोयल, प्रवीण कुमार गुप्ता (प्रमोटरों /निदेशक) के पास है। इस मामले में कुल कुर्की राशि 112 करोड़ रुपए है।

ईडी ने एसआरएमजेपीएल और जीजीपीएल और उनके निदेशकों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। उक्त एफआईआर के अनुसार, सोने और हीरे जड़ित आभूषणों के निर्माण और व्यापार में लगे एसआरएमजेपीएल और  जीजीपीएल ने बैकों से करोड़ों रुपए का ऋण लिया था।

232 करोड़ की धोखाधड़ी-

बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ से क्रमशः 125 करोड़, 45 करोड़ रुपए कर्ज लिया और उसके बाद बैंक को धोखा दिया।

सीबीआई ने बैंकों के साथ लगभग 232 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में श्री राज महल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों/प्रमोटरों और इस समूह की कंपनियों के खिलाफ भी कई एफआईआर दर्ज की हैं। 

संपत्तियां खरीद ली-

ईडी की जांच से पता चला कि उपरोक्त संस्थाओं, उनके प्रमोटरों/निदेशकों ने बैंक ऋण निधि को उक्त संस्थाओं के व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया, जैसे व्यक्तिगत नामों पर अचल संपत्तियों में निवेश या अप्रत्यक्ष रूप से उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के नाम पर डमी निदेशकों के माध्यम से निवेश किया। 

कागजी कंपनियां-

इसके अलावा शेल/कागजी संस्थाओं को कथित बिक्री दिखाकर बैंक ऋण में गिरवी रखे गए शेयरों को भी निकाल लिया गया, ताकि बैंक के बकाया की वसूली के लिए वह उपलब्ध न हो सके। 

शेल संस्थाओं की जांच से पता चलता है कि या तो वे अस्तित्व में ही नहीं हैं या बही खाता में किया गया लेनदेन का दावा फर्जी है। कुछ संस्थाओं ने स्वीकार किया है कि उन्होंने प्रमोटरों के अनुरोध पर प्रविष्टियाँ प्रदान की हैं। उक्त कुछ फर्जी इकाइयां गिन्नी गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड और श्री राज महल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों/निदेशकों के रिश्तेदारों द्वारा संचालित की जाती हैं।

100 कंपनियां-

ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि जीजीपीएल और एसआरएमजेपीएल के प्रमोटरों/निदेशकों ने लगभग 100 कंपनियों/इकाइयों की स्थापना की है, जिनका इस्तेमाल मुख्य कंपनियों एसआरएमजेपीएल और इसकी समूह कंपनियों से फंड की लेयरिंग और डायवर्जन के लिए किया गया था।

दुकानें कुर्क-

ईडी 18 जनवरी 2024 को गिन्नी गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के मामले में पहले ही लगभग 4.34 करोड़ रुपए की करोल बाग स्थित दुकानों  को  कुर्क कर चुका है। 

ईडी ने 11-04-2023 और 07-05-2024 को तलाशी अभियान चलाया था और

बीएमडब्ल्यू/मर्सिडीज कारें , आपत्तिजनक  रिकॉर्ड आदि जब्त किया था। 













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