साइबर क्राइम के खिलाफ साइबर कमांडो
इंद्र वशिष्ठ,
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आई4सी के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया और साइबर अपराध की रोकथाम के लिए चार प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया।
गृह मंत्री ने साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया और समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली) का शुभारंभ किया। साइबर कमांडों कार्यक्रम और सस्पेक्ट रजिस्ट्री का भी उद्घाटन किया।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में हर राज्य के पास साइबर सस्पेक्ट रजिस्ट्री अलग-अलग रहने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी, क्योंकि राज्यों की अपनी सीमा है लेकिन साइबर अपराधियों की कोई सीमा नहीं है। ये समय की मांग थी कि राष्ट्रीय स्तर पर एक सस्पेक्ट रजिस्ट्री बनाई जाए और राज्यों को इसके साथ जोड़कर साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक साझा मंच तैयार किया जाए। इस पहल से आने वाले दिनों में साइबर अपराधों की रोकथाम में हमें बहुत मदद मिलेगी।
गृह मंत्री ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी)के साथ बैंक, वित्तीय संस्थान, टेलीकॉम कंपनी, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और पुलिस को एक ही मंच पर लाकर इस केन्द्र का विचार रखा गया है। आने वाले दिनों में यह साइबर अपराध की रोकथाम का एक प्रमुख प्लेटफॉर्म बनेगा।
अमित शाह ने कहा कि साइबर कमांडो कार्यक्रम के तहत 5 साल में लगभग 5 हज़ार साइबर कमांडो तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी):
इस केंद्र की स्थापना नई दिल्ली स्थित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) में की गई है, जिसमें प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये सभी हितधारक ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए मिलकर काम करेंगे। सीएफएमसी कानून प्रवर्तन में "सहकारी संघवाद" का एक उदाहरण पेश करेगा।
समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली):
यह प्लेटफॉर्म एक वेब-आधारित मॉड्यूल है जो साइबर अपराध के डेटा संग्रह, डेटा साझाकरण, अपराध मानचित्रण, डेटा विश्लेषण, सहयोग और देश भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए समन्वय मंच के लिए वन स्टॉप पोर्टल के रूप में कार्य करेगा।
साइबर कमांडो :
इस कार्यक्रम के तहत देश में साइबर सुरक्षा परिदृश्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सीपीओ में प्रशिक्षित 'साइबर कमांडो' की एक विशेष शाखा स्थापित की जाएगी। प्रशिक्षित साइबर कमांडो डिजिटल स्पेस को सुरक्षित करने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों की सहायता करेंगे।
सस्पेक्ट रजिस्ट्री:
इस पहल के हिस्से के रूप में वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की एक संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जा रही है।
46 फीसदी डिजिटल ट्रांजेक्शन वॉल्यूम -
गृहमंत्री ने कहा कि कि विश्व का 46 फीसदी डिजिटल ट्रांजेक्शन वॉल्यूम आज भारत में हो रहा है। जब डिजिटल अकाउंट और डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ते हैं, तो डिजिटल फ्रॉड से सुरक्षा की ज़रूरत भी बहुत अधिक बढ़ जाती है। साइबर अपराधियों द्वारा महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा की बिक्री, ऑनलाइन उत्पीड़न, महिला और बाल शोषण, फर्जी समाचार और टूल किट, मिस इनफॉरमेशन कैंपेन जैसी बहुत सारी चुनौतियां हमारे सामने हैं और इनसे निपटने के लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है।
आई 4 सी की सबसे बड़ी उपलब्धि 1930 राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर है।
साइबर अपराध की शिकाय़तों को ध्यान में रखते हुए मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी में सात ज्वाइंट साइबर कोआर्डिनेशन टीमें गठित की गई हैं और इनके बहुत अच्छे नतीजे मिले हैं।
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