Saturday 18 January 2020

DSP की आतंकवादियों से सांठ-गांठ, खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवालिया निशान, NIA ने जांच शुरू की।

आतंकवादियों और डीएसपी की सांठ-गांठ से
खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवालिया निशान।

आतंकवादियों के मददगार  डीएसपी के खिलाफ एनआईए की जांच शुरू।

इंद्र वशिष्ठ

हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किए गए कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंद्र सिंह मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी( एनआईए) ने शुरू कर दी है।
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने इस मामले में दोबारा से एफआईआर दर्ज कर के तफ्तीश शुरू कर दी है।

खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवालिया निशान--
कश्मीर पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पता चला है कि  डीएसपी देविंद्र सिंह लंबे समय से इन आतंकवादियों के संपर्क में था। यह भी खुलासा हुआ है कि 2018 में भी इन आतंकवादियों को लेकर जम्मू गया था। यहीं नहीं वह आतंकवादियों को अपने घर में पनाह देता था।
इस मामले ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवालिया निशान लगा दिया है। डीएसपी देविंद्र सिंह लंबे समय से आतंकवादियों को पाल पोस रहा था और खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
इस मामले में खुफिया एजेंसियों के अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंद्र सिंह को कश्मीर पुलिस ने 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था। 
खुफिया सूचना के आधार पर इनको उस समय पकड़ा गया जब यह एक कार में  काजीगुंड इलाके में नेशनल हाईवे पर जा रहे थे।
डीएसपी देविंद्र सिंह के साथ हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर नवीद बाबू और आतंकवादी अलताफ सवार थे। इनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए थे।
इनके खिलाफ काजीगुंड थाने में मामला दर्ज किया गया था।
आतंकवादी नवीद बाबू पर दक्षिण कश्मीर में 11 गैर कश्मीरियों की हत्या में शामिल होने का आरोप है। जिनमें मजदूर और ट्रक ड्राइवर शामिल थे। नवीद पूर्व एसपीओ भी रहा है।

आतंकवादियों के साथ जम्मू कश्मीर के डीएसपी देविंद्र सिंह के पकड़े जाने के कारण मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई है।

जम्मू कश्मीर पुलिस की हिरासत में देविंद्र सिंह से पूछताछ के दौरान  पता चला कि  उसने दोनों आतंकवादियों को चंडीगढ़ में कुछ महीने तक घर मुहैया कराने के लिए 12 लाख रुपए लिए थे।
डीएसपी देविंद्र सिंह आतंकवादी नवीद बाबू को पिछले साल जम्मू ले गया था और उसके बाद शोंपियां लौटने में भी उसकी मदद की थी।
डीएसपी देविंद्र सिंह की चल अचल संपत्ति की भी जांच भी शुरू कर दी गई है। उसकी दिल्ली, पंजाब और जम्मू कश्मीर में मौजूद संपत्तियों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

डीएसपी  पहले भी विवादों में-
श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी हाइजैकिंग टीम में तैनात डीएसपी देविंद्र सिंह साल 2013 में उस समय चर्चा में आया था जब संसद हमले में शामिल अफज़ल गुरु ने एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें दावा किया गया था डीएसपी देविंद्र सिंह ने उसे संसद हमले में शामिल एक आतंकवादी को दिल्ली साथ ले जाने और उसके रहने की व्यवस्था करने को कहा था।




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