महिला की FIR दर्ज न करने वाले सदर बाजार थाने को IPS ने चुना सर्वश्रेष्ठ थाना।
घिटोरनी थाने को भी सर्वश्रेष्ठ थाना चुना जाना चाहिए-
इंद्र वशिष्ठ
लूट की शिकार हुई महिला की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करने वाले सदर बाजार थाना को दिल्ली पुलिस का सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है। शिकायतकर्ता की शिकायत तक रिसीव नहीं करने वाले फर्श बाजार थाना को भी सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है।
दिल्ली पुलिस के काबिल आईपीएस अफसरों द्वारा तीन थानों को सर्वश्रेष्ठ थाना घोषित किया गया है। इनमें प्रथम स्थान सदर बाजार थाना,दूसरा स्थान कालकाजी थाना और तीसरा स्थान फर्श बाजार थाना को मिला है। इन थानों के एस एच ओ को पुलिस दिवस पर आयोजित समारोह में ट्राफी दे कर सम्मानित किया जाएगा।
इस मामले से पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया है।
सर्वश्रेष्ठ सदर बाजार थाना की करतूत-
महिला लुटी और कार के नीचे आते-आते बची। सदर बाजार थाना पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की--
घिटोरनी थाने को भी सर्वश्रेष्ठ थाना चुना जाना चाहिए-
इंद्र वशिष्ठ
लूट की शिकार हुई महिला की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करने वाले सदर बाजार थाना को दिल्ली पुलिस का सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है। शिकायतकर्ता की शिकायत तक रिसीव नहीं करने वाले फर्श बाजार थाना को भी सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है।
दिल्ली पुलिस के काबिल आईपीएस अफसरों द्वारा तीन थानों को सर्वश्रेष्ठ थाना घोषित किया गया है। इनमें प्रथम स्थान सदर बाजार थाना,दूसरा स्थान कालकाजी थाना और तीसरा स्थान फर्श बाजार थाना को मिला है। इन थानों के एस एच ओ को पुलिस दिवस पर आयोजित समारोह में ट्राफी दे कर सम्मानित किया जाएगा।
इस मामले से पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया है।
सर्वश्रेष्ठ सदर बाजार थाना की करतूत-
महिला लुटी और कार के नीचे आते-आते बची। सदर बाजार थाना पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की--
16 सितंबर 2019 को सदर बाजार इलाके में स्कूटर सवार लुटेरे ने एक महिला से चेन छीनने में ऐसा झटका मारा कि वह सड़क पर गिर गई। महिला के पीछे से वैन और सामने से कार आ रही थी महिला कार के नीचे आते-आते बची। पुलिस को 100 नंबर पर कॉल की गई। पीसीआर महिला को थाने ले गई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
महिला से एक सादे काग़ज़ पर शिकायत लिखवा ली गई। महिला के पति ने खुद लोगों के पास जाकर सीसीटीवी फुटेज दिखाने की गुहार लगाई। इसके बाद वारदात का सीसीटीवी फुटेज सामने आया। वारदात की जगह पर पुलिस का सीसीटीवी कैमरा भी लगा हुआ है लेकिन वह शो-पीस बन हुआ है।
आरोप है कि सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दिए जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वारदात को अंजाम देने के बाद भी वह लुटेरा इलाके में ही घूमता देखा गया। सीसीटीवी फुटेज में लुटेरे के स्कूटर का नंबर भी साफ़ है। 23 सितंबर को समाचार पत्र में यह मामला उजागर होने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
महिला से एक सादे काग़ज़ पर शिकायत लिखवा ली गई। महिला के पति ने खुद लोगों के पास जाकर सीसीटीवी फुटेज दिखाने की गुहार लगाई। इसके बाद वारदात का सीसीटीवी फुटेज सामने आया। वारदात की जगह पर पुलिस का सीसीटीवी कैमरा भी लगा हुआ है लेकिन वह शो-पीस बन हुआ है।
आरोप है कि सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दिए जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वारदात को अंजाम देने के बाद भी वह लुटेरा इलाके में ही घूमता देखा गया। सीसीटीवी फुटेज में लुटेरे के स्कूटर का नंबर भी साफ़ है। 23 सितंबर को समाचार पत्र में यह मामला उजागर होने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
महिला डीसीपी मोनिका भारद्वाज के होते हुए पीड़ित महिला की रिपोर्ट न दर्ज करने से पुलिस का संवेदनहीन चेहरा उजागर हो गया।
वैसे अपराध कम दिखाने के लिए एफआईआर दर्ज न करने में डीसीपी मोनिका भारद्वाज माहिर हैं।
मोनिका भारद्वाज ने पश्चिम जिला की डीसीपी रहते हुए 88 वारदात एक ही एफआईआर में दर्ज करने का कारनामा किया था।
यह जग जाहिर है कि सदर बाजार थाना को दिल्ली के सबसे मलाईदार थानों में गिना जाता है।
सड़क और पटरी पर अतिक्रमण कर धंधा करने वाले पुलिस की उगाही का बहुत बड़ा जरिया है।
आईपीएस अधिकारियों के अलावा पूरी दुनिया को यह सब कुछ दिखाई देता है
फर्श बाजार थाना की करतूत-
10 फरवरी 2020 को एक व्यक्ति फर्श बाजार थाना में शिकायत दर्ज कराने गया। उसने अपनी लिखित शिकायत पुलिस को दी। शिकायतकर्ता एसएचओ ए के सिंह से मिला। लेकिन पुलिस ने शिकायत पत्र को रिसीव तक करने से मना कर दिया। शिकायतकर्ता के वकील सत्य प्रकाश शर्मा ने स्पेशल कमिश्नर (कानून- व्यवस्था) सतीश गोलछा को फोन किया तब सतीश गोलछा के दखल के बाद शिकायत पत्र को रिसीव किया गया और उस पर मुहर लगाई गई।
पुलिस कमिश्नर और आईपीएस की भूमिका पर सवालिया निशान-
जिस सदर बाजार थाने में लुटेरों की शिकार महिला की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जाती है। जिस फर्श बाजार थाने में आम आदमी का शिकायत पत्र रिसीव तक नहीं किया जाता है। उन थानों को सर्वश्रेष्ठ थाना चुना जाना पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान लगाता है।
शिकायत पत्र रिसीव तक नहीं करते-
वैसे यह हाल पूरी दिल्ली के थानों में है। बिना सिफारिश या पैसे दिए बिना आम आदमी की शिकायत रिसीव तक नहीं की जाती है यानी उसके शिकायत पत्र पर पुलिस मुहर तक आसानी से नहीं लगाती।
ओखला औद्योगिक इलाके में एक फैक्टरी के मालिक ने बताया कि कुछ दिन पहले उसे अपनी शिकायत रिसीव कराने यानी मुहर लगवाने के लिए पांच हजार रुपए देने पड़े।
वैसे अपराध कम दिखाने के लिए एफआईआर दर्ज न करने में डीसीपी मोनिका भारद्वाज माहिर हैं।
मोनिका भारद्वाज ने पश्चिम जिला की डीसीपी रहते हुए 88 वारदात एक ही एफआईआर में दर्ज करने का कारनामा किया था।
यह जग जाहिर है कि सदर बाजार थाना को दिल्ली के सबसे मलाईदार थानों में गिना जाता है।
सड़क और पटरी पर अतिक्रमण कर धंधा करने वाले पुलिस की उगाही का बहुत बड़ा जरिया है।
आईपीएस अधिकारियों के अलावा पूरी दुनिया को यह सब कुछ दिखाई देता है
फर्श बाजार थाना की करतूत-
10 फरवरी 2020 को एक व्यक्ति फर्श बाजार थाना में शिकायत दर्ज कराने गया। उसने अपनी लिखित शिकायत पुलिस को दी। शिकायतकर्ता एसएचओ ए के सिंह से मिला। लेकिन पुलिस ने शिकायत पत्र को रिसीव तक करने से मना कर दिया। शिकायतकर्ता के वकील सत्य प्रकाश शर्मा ने स्पेशल कमिश्नर (कानून- व्यवस्था) सतीश गोलछा को फोन किया तब सतीश गोलछा के दखल के बाद शिकायत पत्र को रिसीव किया गया और उस पर मुहर लगाई गई।
पुलिस कमिश्नर और आईपीएस की भूमिका पर सवालिया निशान-
जिस सदर बाजार थाने में लुटेरों की शिकार महिला की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जाती है। जिस फर्श बाजार थाने में आम आदमी का शिकायत पत्र रिसीव तक नहीं किया जाता है। उन थानों को सर्वश्रेष्ठ थाना चुना जाना पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान लगाता है।
शिकायत पत्र रिसीव तक नहीं करते-
वैसे यह हाल पूरी दिल्ली के थानों में है। बिना सिफारिश या पैसे दिए बिना आम आदमी की शिकायत रिसीव तक नहीं की जाती है यानी उसके शिकायत पत्र पर पुलिस मुहर तक आसानी से नहीं लगाती।
ओखला औद्योगिक इलाके में एक फैक्टरी के मालिक ने बताया कि कुछ दिन पहले उसे अपनी शिकायत रिसीव कराने यानी मुहर लगवाने के लिए पांच हजार रुपए देने पड़े।
घिटोरनी थाने को भी सर्वश्रेष्ठ थाना चुना जाना चाहिए-
मेट्रो में एक लड़की के सामने एक युवक द्वारा अश्लील हरकतें करने की शर्मनाक वारदात सामने आई। घबराई हुई लड़की ने हिम्मत कर मोबाइल से आरोपी की फोटो खींच ली।
लड़की इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने मेट्रो के घिटोरनी थाने गई। वहां कोई महिला सिपाही नहीं थी। वहां मौजूद हवलदार को लड़की ने सारी बात बताई। इसके बावजूद हवलदार ने एफआईआर दर्ज करने से साफ़ मना कर दिया। लड़की ने पुलिस की महिला हेल्पलाइन पर मदद मांगी तब एफआईआर दर्ज की गई। लड़की ने टि्वट कर आपबीती बताई।
पुलिस कमिश्नर नाकारा-
डीसीपी और एस एच ओ के खिलाफ कार्रवाई करने की तो पुलिस कमिश्नर में हिम्मत नहीं हैं। इसलिए पुलिस कमिश्नर सदर बाजार थाना की तरह घिटोरनी थाने को भी सर्वश्रेष्ठ थाना तो घोषित कर ही सकते हैं।
इन मामले ने पुलिस के महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने के दावे की एक बार फिर से धज्जियां उड़ाई हैं।
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