Sunday 23 January 2022

CBI ने दिल्ली पुलिस के रिश्वतखोर SHO समेत तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। बिना रिश्वत दिए एक ईंट नहीं लगा सकते।

कमिश्नर राकेश अस्थाना, देखो ये क्या हो रहा है।
   
सीबीआई ने रिश्वतखोर एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया।


इंद्र वशिष्ठ 
सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता से प्लाट की चारदीवारी करने देने की एवज में पांच सौ रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से रिश्वत मांगी थी।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि कालिंदी कुंज थाने के एसएचओ भूषण कुमार आजाद, हवलदार राकेश प्रसाद यादव और सिपाही दिनेश को रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया गया है।
पांच सौ रुपए गज -
सीबीआई के अनुसार कालिंदी कुंज थाना इलाके के मदन पुर खादर निवासी शिकायतकर्ता ने एसएचओ भूषण कुमार आजाद और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई में शिकायत की थी। शिकायकर्ता को अपने 132 वर्ग गज के प्लाट की चारदीवारी बनवा रहा था। हवलदार राकेश ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। चारदीवारी बनाने देने के लिए एसएचओ भूषण कुमार आजाद ने हवलदार राकेश यादव के माध्यम से पांच सौ रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की। एस एच ओ  ने शिकायतकर्ता से बातचीत के बाद  रिश्वत की रकम घटा कर तीन सौ रुपए प्रति वर्ग गज कर दी। 
सीबीआई ने मामला दर्ज कर पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। 22जनवरी को हवलदार राकेश यादव की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 39 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए सिपाही दिनेश को गिरफ्तार किया गया। एसएचओ भूषण कुमार आजाद और हवलदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद सीबीआई ने इन पुलिसकर्मियों के थाने के कमरे और घरों में तलाशी ली।
बिना रिश्वत एक ईंट नहीं लगा सकते-
पुलिस को रिश्वत दिए बिना कोई एक ईंट भी नहीं लगा सकता। पुलिस की कमाई का यह  सबसे बड़ा जरिया है। 
वसूली के लिए मजदूरों पर जुल्म-
पिछले महीने ही नारायण थाना के एसएचओ समीर श्रीवास्तव और हवलदार नवनीत आदि के खिलाफ सतर्कता विभाग में भी शिकायत की गई। आरोप है कि पुलिस ने बिल्डर से पैसा वसूलने के लिए  उसके मजदूरों को आधी रात में सोते से उठा कर पीटा और थाने में अवैध रुप से बंधक बना कर रखा। पुलिस ने महिला मजदूर तक को पीटा और बदसलूकी की। 
झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर
बिल्डर सोती पुरुषोत्तम गेरा से पांच लाख रुपए की मांग की गई, दो लाख रुपए वसूलने के बाद ही मजदूरों को छोड़ा गया। बिल्डर के सुपरवाइजर सुनील गेरा ने इस मामले की शिकायत पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उर्विजा गोयल से की। एसएचओ समीर श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत की गई है।  इसके बावजूद एक एएसआई को इस मामले की जांच सौंप दी गई। इससे वरिष्ठ पहले अफसरों की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है। जिला पुलिस का ऐसा रवैया  देख कर बिल्डर ने सतर्कता विभाग में शिकायत की। सतर्कता विभाग के डीसीपी एस के सिंह से मिल कर उन्हें पुलिसिया जुल्म की सारी कहानी बताई। लेकिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एएसआई गिरफ्तार-
सीबीआई के 18 जनवरी को सुलतान पुरी थाने में तैनात असिस्टेंट सब -इंस्पेक्टर (एएसआई) कुलदीप सिंह और चाय विक्रेता भगत लाल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। भगत लाल की थाने के सामने चाय की दुकान है।
सुलतान पुरी निवासी धीरज कुमार ने 17 जनवरी को सीबीआई मे शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उसकी भांजी ने उसके छोटे भाई सुमित और भतीजे सुशील के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले का जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप सिंह है। कुलदीप सिंह ने उसके भाई और भतीजे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी।



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