Thursday 5 October 2023

आतंकवाद के खात्मे के लिए एंटी टेरर एजेंसियां क्रूर दृष्टिकोण अपनाएं : गृहमंत्री अमित शाह


आतंकवाद पर प्रहार के लिए क्रूर दृष्टिकोण अपनाएं। 
 

 
इंद्र वशिष्ठ 
कोई नया आतंकी संगठन खड़ा ही न हो पाए,
इसके लिए सभी आतंकवाद निरोधक एजेंसियों को ऐसे क्रूर दृष्टिकोण (ruthless approach) को अपनाना होगा। सिर्फ आतंकवाद ही नहीं बल्कि इसके पूरे पारिस्थितिक तंत्र को ध्वस्त करने की ज़रूरत है। 
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 5 अक्टूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो-दिवसीय “आतंकवाद निरोधी सम्मेलन" के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। 
समन्वय बेहतर हो-
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्र और राज्यों की एजेंसियों ने पिछले 9 वर्षों में देश में आतंकवाद के सभी स्वरूपों पर मज़बूती से नकेल कसने में सफलता प्राप्त की है।  एनआईए के तत्वाधान में देश में एक माडल एंटी टेररिज्म स्ट्रक्चर का गठन करना चाहिए। सभी राज्यों में एंटी-टेरर एजेंसियों की पदानुक्रम, संरचना और जांच के मानक संचालन प्रक्रिया ( एसओपी) एक समान हो, जिससे केंद्र और राज्य की एजेंसियों में बेहतर समन्वय हो सके। 
नया आतंकी संगठन खड़ा ही न हो पाए, सभी एंटी-टेरर एजेंसियों को ऐसे क्रूर दृष्टिकोण को अपनाना होगा।
सभी केन्द्रीय और राज्य-स्तरीय आतंकवाद-निरोधी एजेंसियों के लिए एक समान ट्रेनिंग होनी चाहिए, जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की कार्यपद्धति में एकरूपता लाई जा सके। उन्होंने इस दिशा में  एनआईए और आईबी को पहल करने को कहा। 
आतंकवाद पर प्रहार-
गृहमंत्री ने कहा कि एनआईए, एटीएस और एसटीएफ का काम सिर्फ जांच करना नहीं है, बल्कि इन्हें जांच के दायरे से बाहर निकल कर,लीक से अलग सोच  के साथ आतंकवाद पर प्रहार करने की दिशा में काम करना चाहिए। 
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ग्लोबल से गांव तक और देश के विभिन्न राज्यों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ काम करने की ज़रूरत है।
गृहमंत्री ने कहा कि अब need to know से need to share और duty to share की अप्रोच के साथ काम करने का समय आ गया है।
सरकार ने क्रिप्टो , हवाला, टेरर-फंडिंग, संगठित अपराध सिंडिकेट, नार्को-टेरर लिंक्स जैसी सभी चुनौतियों पर सख्त रूख अपनाया है, जिसके बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं, लेकिन अभी भी काफी कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए केन्द्र और राज्यों, उनकी एजेंसियों और अंतर एजेंसी सहयोग द्वारा हर तरीके से सोचना होगा।
डेटा बेस का इस्तेमाल-
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 5 वर्षों में कई बड़े डेटा बेस तैयार किए हैं।  सभी एजेंसियों को इनका बहु आयामी  और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपयोग करना चाहिए, तभी हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि डेटा बेस का उपयोग जांच, अभियोजन, रोकथाम और कार्रवाई के लिए करना चाहिए। 
उन्होंने हर पुलिस थाने के साथ-साथ युवा पुलिस अधिकारियों से भी डेटा बेस का अधिकतम उपयोग करने पर ज़ोर दिया।
डेटा बेस  -
इन्टर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) -- 99.93% यानी 16,733 पुलिस स्टेशनों में सीसीटीएनएस  लागू,   ई-कोर्ट से 22 हजार अदालतें जुड़ गई हैं और ई-प्रिजन से लगभग 2 करोड़ कैदी डेटा उपलब्ध, ई-प्रॉसिक्यूशन से 1 करोड़ से अधिक अभियोजन डेटा उपलब्ध और ई-फोरेंसिक से 17 लाख से अधिक फोरेंसिक डेटा। इसी प्रकार, नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) में 90 लाख से अधिक फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड दर्ज हैं। इंटिग्रेटेड मॉनीटरिंग ऑफ टेररिज्म (i-MoT) के तहत यूएपीए रजिस्टर्ड मामलों की मोनिटरिंग हेतु 22 हजार आतंकवादी मामलों का डाटा उपलब्ध है। 
निदान यानी नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस ऑन अरेस्टेड नार्को-ओफेंडर के तहत 5 लाख से अधिक नार्को-ओफेंडर का डाटा उपलब्ध है। नेशनल डेटाबेस ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑफेंडर्स (NDHTO) के तहत लगभग 1 लाख ह्यूमन ट्रैफिकर का डाटा उपलब्ध है। क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (Cri-MAC) के तहत 14 लाख से अधिक Alert का डाटा उपलब्ध है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर 28 लाख से अधिक कंप्लेंट का डाटा उपलब्ध है। प्रिजन डेटाबेस में प्रिजनर का बायोमेट्रिक डेटाबेस और उनसे मिलने वालों की जानकारी उपलब्ध है। इसके अलावा NIA का राष्ट्रीय स्तर का टेररिज्म डेटाबेस भी उपलब्ध है।
सज़ा दर बढाएं-
उन्होंने 94 प्रतिशत से अधिक दोष सिद्धि दर हासिल करने के लिए एनआईए की प्रशंसा की और कहा कि इस दिशा में और अधिक काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने सभी राज्यों से भी दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा।
ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई :
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि  केन्द्र और राज्य सरकारों के सहयोग से मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलताएं हासिल हुई हैं। इन उपलब्धियों में  नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( NCB) के नेतृत्व में इसी वर्ष चलाया गया ऑपरेशन समुद्रगुप्त शामिल है, जिसके दौरान केरल में लगभग 12,000 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की 2,500 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त की गई थी। इसके अलावा 10 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट (ड्रग्ज डिस्पोजड) भी किए जा चुके है।
सब को मिल कर लड़ना होगा-
गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती और कोई भी राज्य अकेले आतंकवाद का सामना नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इस बुराई को जड़ से खत्म करना होगा। 
5 बिंदु-
गृह मंत्री ने दो दिवसीय सम्मेलन के हर सत्र में 5 कार्रवाई योग्य बिंदु ( actionable points) बनाकर उन्हें, केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजने का सुझाव दिया।

पदक-
गृह मंत्री ने एनआईए के अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक भी प्रदान किए। 
दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा आयोजित दो-दिवसीय आतंकवाद-निरोधी सम्मेलन के अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री  निशिथ प्रमाणिक, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, राज्यों के पुलिस महानिदेशक, केन्द्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

आतंकी घटनाओं में कमी-
गृहमंत्री ने बताया कि वर्ष 2001 में आतंकी घटनाओं की संख्या 6000 थी, जिसे वर्ष 2022 में घटाकर 900 तक लाने का काम केन्द्र की सरकार ने किया है। 
जम्मू और कश्मीर में 2004 से 2014 के 10 वर्षों के मुकाबले 2014 से 2023 के 9 वर्षों के दौरान हिंसक घटनाओं में आई भारी कमी के आई है
 पिछले 10 सालों की तुलना में आतंकवाद की घटनाओं में 70 फीसदी की गिरावट आई है। इन नौ सालों के दौरान नागरिकों की मौत में 81फीसदी और सुरक्षा कर्मियों की मौत में 48 फीसदी की गिरावट आई है










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