Saturday 27 July 2024

सीबीआई का भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पकड़ने का सिलसिला जारी, द्वारका थाने का एएसआई रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, एसएचओ लाइन हाज़िर




इंद्र वशिष्ठ, 
सीबीआई की लगातार धरपकड़ के बावजूद
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा।  
सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के द्वारका सेक्टर- 23 थाने में तैनात एएसआई अनिल कुमार को चालीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। 
इस मामले में एसएचओ का काम देख रहे इंस्पेक्टर को लाइन हाज़िर किया गया है। 
सीबीआई के अनुसार शिकायतकर्ता भगीरथ की मौसी के बेटे प्रिंस की गाड़ी/कार, स्कूटी से टकरा गई। इस मामले में द्वारका थाने के जांच अधिकारी एएसआई अनिल कुमार ने प्रिंस को जमानत पर छोड़ दिया और गाड़ी/कार जब्त/बंद कर दी। 
26 जुलाई को कोर्ट का आदेश लेकर भगीरथ और प्रिंस थाने अपनी गाड़ी लेने गए। एएसआई अनिल कुमार ने प्रिंस को थाने में बिठा लिया। एएसआई अनिल कुमार ने प्रिंस और गाड़ी को छोड़ने की एवज़ में पचास हजार रुपए रिश्वत की मांग की। भगीरथ ने सीबीआई से शिकायत कर दी। सीबीआई ने जाल बिछाया और एएसआई अनिल को चालीस हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। 

सीबीआई ने 22 जुलाई को सरिता विहार थाने के सब- इंस्पेक्टर राजकुमार और एएसआई रघुराज को 35 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
सीबीआई के अनुसार सरिता विहार थाने के सब- इंस्पेक्टर राजकुमार एवं  एएसआई रघुराज ने शिकायतकर्ता से उनके विरुद्ध लंबित एफआईआर  को रद्द करने के लिए रिश्वत मांगी। 
19 जुलाई को हौजखास थाने के सब- इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह यादव को ढाई लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। सब- इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह यादव ने  न्यायालय में अनुकूल कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने हेतु शिकायतकर्ता वकील अमित गौतम से 03 लाख रुपए की माँग की।
सीबीआई ने 19 जुलाई को ही पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाने के हवलदार सुधाकर और हवलदार राजकुमार को दस हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोप है कि सिविल कपड़ों में 04 व्यक्ति शिकायतकर्ता नाजरीन की दुकान पर आए, उनमें से दो ने स्वयं को स्पेशल स्टाफ, दिल्ली पुलिस, आनंद विहार के सदस्य के रूप में पेश किया। उन्होंने एक मामले में उसका नाम न फंसाने के लिए शिकायतकर्ता से 50,000 रुपए की रिश्वत की माँग की। 
19 जुलाई को ही गोविन्द पुरी थाना इलाके में स्पेशल ब्रांच में तैनात हवलदार राव कुंवर सेन को पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए शिकायतकर्ता वीरेंद्र गिरि से तीन हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने आठ जुलाई को दिल्ली पुलिस के ज्योति नगर थाने के एटीओ/इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को  शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता से कहा कि उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले का जांच अफसर एसीपी दीपक चंद्र पांच लाख रुपए से कम में उनका मामला नहीं निपटाएंगे।
रिश्वत लेने से पहले इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता को एसीपी दीपक चंद्र से मिलवाया भी था। एसीपी दीपक चंद्र ने शिकायतकर्ता को जांच में मदद करने का भरोसा दिया। 
तीन जुलाई को सीबीआई ने उत्तर जिले के नारकोटिक्स सैल में तैनात हवलदार रवींद्र ढाका और हवलदार प्रवीण सैनी के ख़िलाफ़ शिकायतकर्ता से दस लाख रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया। सीबीआई हवलदारों को रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई। 
सीबीआई की टीम को देख कर
हवलदार प्रवीण सैनी और रवींद्र ढाका रिश्वत देने आए शिकायतकर्ता को अपनी कार में अगवा करके फरार हो गए। पिस्तौल की नोंक पर हवलदार चलती कार में शिकायतकर्ता की पिटाई करते रहे और ब्रिटानिया चौक से आगे रिंग रोड पर शिकायतकर्ता को कार से धक्का देकर फरार हो गए। सात जुलाई को दोनों हवलदारों के ख़िलाफ़  रुप नगर थाने में अपहरण, लूट और धमकी मामला दर्ज किया गया। 
इस मामले में इंस्पेक्टर सुरेन्द्र और दोनों हवलदारों को निलंबित किया गया है। हवलदारों ने जालसाज़ी/धोखाधड़ी करके शिकायतकर्ता के भाई की जमानत करा देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। 
इसके पहले 20 जून को छावला थाने के सब- इंस्पेक्टर विजय गौड़ को सीबीआई ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता को एक मामले में गिरफ्तार न करने की एवज़ में तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। 










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