Saturday, 20 December 2025

दिल्ली पुलिस में सिपाही से डीसीपी तक 9248 पद खाली

दिल्ली पुलिस में सिपाही से लेकर डीसीपी तक के 9248 पद खाली 


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस में सिपाही से लेकर डीसीपी तक रैंक-वार कुल 9248 पद खाली/ रिक्त हैं। इनमें सबसे ज्यादा पद सिपाही, हवलदार, एएसआई और सब-इंस्पेक्टर के खाली है। 
दिल्ली पुलिस के रैंक-वार कुल स्वीकृत पद 92044 है। इस समय दस फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं। 
राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रकाश चिक बाराईक द्वारा पूछे सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।30.11.2025 तक की स्थिति के अनुसार, दिल्ली पुलिस में रैंक-वार कुल स्वीकृत पदों और रिक्तियों का ब्योरा। 
स्वीकृत पद-  पुलिस कमिश्नर एक, स्पेशल कमिश्नर 11, ज्वाइंट कमिश्नर 22, एडिशनल कमिश्नर 20 डीसीपी/ एडिशनल डीसीपी 60, एडिशनल डीसीपी (जेएजी) 54, एसीपी 346, इंस्पेक्टर 1453, सब-इंस्पेक्टर 8087, एएसआई 7320, हवलदार 23724, सिपाही 50946 समेत कुल स्वीकृत पद 92044  है।
खाली पद-  डीसीपी/ एडिशनल डीसीपी 13, एडिशनल डीसीपी (जेएजी) जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड 15 , एसीपी 125, इंस्पेक्टर 108, सब-इंस्पेक्टर 1039, एएसआई 300, हवलदार 3057,सिपाही 4591 समेत कुल रिक्तियां 9248 है।
प्रक्रिया- गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पदों का रिक्त होना एक गतिशील प्रक्रिया है, जो अन्य बातों के साथ-साथ सेवानिवृत्ति, पदोन्नति और त्यागपत्र आदि पर निर्भर करती है, और इन्हें भरना एक सतत प्रक्रिया है। रिक्तियों की सूचना, भर्ती करने वाली एजेंसियों को नियमित रूप से दी जाती है और भर्ती प्रक्रिया, जिसमें लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा परीक्षण शामिल हैं, के पूरा होने के बाद नियुक्तियों की जाती हैं।



Thursday, 18 December 2025

फिदायीन बनने की ठान चुका आतंकी गिरफ्तार, लाल किला बम धमाका मामले में नौंवी गिरफ्तारी


इंद्र वशिष्ठ, 
लालकिले के सामने हुए फिदायीन कार बम धमाके के मामले में यासिर अहमद डार को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। यासिर अहमद फिदायीन बनने की ठान चुका था। आत्मघाती हमले को अंजाम देने की वह कसम भी खा चुका था।
 श्रीनगर(कश्मीर) के शोपियां का रहने वाला  यासिर अहमद डार इस मामले में गिरफ्तार होने वाला नौवां व्यक्ति है। उसे एनआईए ने  नई दिल्ली से पकड़ा। एनआईए की जांच में यासिर की उस  साजिश में सक्रिय भूमिका का पता चला है, जिसके तहत 10 नवंबर को लालकिले के सामने कार बम धमाका हुआ था।
 इस साजिश मे सक्रिय रूप से शामिल यासिर ने  निष्ठा की शपथ ली थी और आत्मबलिदान वाले अभियानों को अंजाम देने की कसम खाई थी।एनआईए की जांच में यह भी पता चला है कि यासिर इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ करीबी संपर्क में था, जिसमें फिदायीन डाक्टर उमर उन नबी ( बम धमाके को अंजाम देने वाला ) और मुफ्ती इरफान शामिल हैं। विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हुए, एनआईए आतंकी हमले के पीछे की पूरी साजिश का पता लगा रही है। 
इस महीने की शुरुआत में, एनआईए  ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर तलाशी ली थी और विभिन्न डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की थी। इससे पहले, मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील गनी और महिला डॉ. शाहीन सईद के फरीदाबाद (हरियाणा) में अल फलाह यूनिवर्सिटी कॉम्प्लेक्स और अन्य जगहों पर भी इसी तरह की तलाशी ली गई थी।
इस मामले में फिदायीन उमर के आठ अन्य प्रमुख सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आतंकी हमले की साज़िश में शामिल फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े बारामूला (जम्मू-कश्मीर) निवासी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को एनआईए ने 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया। दिल्ली स्थित एनआईए के मुख्यालय में पूछताछ के बाद डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को गिरफ्तार किया गया। 
एनआईए की जांच के अनुसार, बिलाल ने जानबूझकर फिदायीन हमलावर डाक्टर उमर उन नबी को पनाह दी और सामान आदि से भी उसकी सहायता की। डॉ. बिलाल नसीर मल्ला पर आतंकवादी हमले से संबंधित सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप है। 
फिदायीन हमले से ठीक पहले आतंकवादी डाक्टर उमर उन नबी को शरण देने के आरोप में फरीदाबाद निवासी शोएब को एनआईए ने 26 नवंबर को गिरफ्तार किया था। एनआईए की जांच से पता चला है कि उसने 10 नवंबर को राजधानी में लाल किले के बाहर हुए कार बम विस्फोट से पहले आतंकवादी उमर को रसद/ सामान आदि सहायता भी प्रदान की थी। 
बताया जाता है कि जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल को दबोचा तो उमर गायब हो गया। उमर नबी के छिपने की व्यवस्था शोएब ने ही की। उसने डॉक्टर उमर को अपनी रिश्तेदार के घर कमरा दिलवाया। यहां उमर दिल्ली धमाके से पहले (10 नवंबर) तक किराए पर रहा था। यहीं से उसने  दिल्ली जाकर धमाका किया था।




Tuesday, 9 December 2025

फिदायीन हमलावर को पनाह देने वाला डाक्टर गिरफ्तार , लाल किला बम धमाके में आठवीं गिरफ्तारी


फिदायीन हमलावर को पनाह देने वाला डाक्टर गिरफ्तार



इंद्र वशिष्ठ, 

लालकिले के सामने हुए फिदायीन बम विस्फोट मामले में मंगलवार को एनआईए ने एक और अहम आरोपी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को गिरफ्तार किया। 
फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा बारामूला (जम्मू-कश्मीर) निवासी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला इस मामले में गिरफ्तार होने वाला आठवां आरोपी है। दिल्ली स्थित एनआईए के मुख्यालय में पूछताछ के बाद डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को गिरफ्तार किया गया।
एनआईए ने उसे लाल किला के सामने हुए  हुए आतंकवादी हमले की साजिश में शामिल पाया। 
एनआईए की जांच के अनुसार, बिलाल ने जानबूझकर फिदायीन हमलावर डाक्टर उमर उन नबी को पनाह दी और सामान आदि से भी उसकी सहायता की। डॉ. बिलाल नसीर मल्ला पर आतंकवादी हमले से संबंधित सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप है।
एनआईए ने इससे पहले इस मामले में फिदायीन उमर के सात अन्य प्रमुख सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।
फिदायीन हमले से ठीक पहले आतंकवादी डाक्टर उमर उन नबी को शरण देने के आरोप में फरीदाबाद निवासी शोएब को एनआईए ने 26 नवंबर को गिरफ्तार किया था। एनआईए की जांच से पता चला है कि उसने 10 नवंबर को राजधानी में लाल किले के बाहर हुए कार बम विस्फोट से पहले आतंकवादी उमर को रसद/ सामान आदि सहायता भी प्रदान की थी। 
बताया जाता है कि जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल को दबोचा तो उमर गायब हो गया। उमर नबी के छिपने की व्यवस्था शोएब ने ही की। उसने डॉक्टर उमर को अपनी रिश्तेदार के घर कमरा दिलवाया। यहां उमर दिल्ली धमाके से पहले (10 नवंबर) तक किराए पर रहा था। यहीं से उसने  दिल्ली जाकर धमाका किया था।
एनआईए इस घातक आतंकवादी कृत्य के पीछे की साजिश की जाँच जारी रखे हुए है। आतंकवाद निरोधी एजेंसी साजिश के सभी पहलुओं को उजागर करने के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। 






Friday, 5 December 2025

नाबालिग बलात्कार पीड़िता की मां से रिश्वत लेते महिला सब-इंस्पेक्टर गिरफ्तार, अमानवीयता और बेशर्मी की हद


नाबालिग बलात्कार पीड़िता की मां से रिश्वत लेते महिला सब-इंस्पेक्टर गिरफ्तार




इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों के लगातार पकड़े जाने के बावजूद भ्रष्टाचार थम नहीं रहा है। भ्रष्टाचार कितने चरम पर है और पुलिसकर्मी कितने अमानवीय, संवेदनहीन और बेशर्म हो गए हैं इस बात का अंदाजा इस मामले से लगाया जा सकता है। 
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने दक्षिण जिले के संगम विहार थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर नमिता को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। सब-इंस्पेक्टर नमिता ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता की मां से दो लाख रुपये रिश्वत मांगी। रिश्वत नहीं देने पर उनका मामला कमज़ोर करने की धमकी दी। सब-इंस्पेक्टर नमिता को चार दिसंबर को संगम विहार थाने में शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपये लेते हुए पकड़ा गया। 
महिला शिकायतकर्ता ने विजिलेंस यूनिट में शिकायत की, जिसमें आरोप लगाया कि उसके द्वारा दर्ज कराए गए मामले की जांच अधिकारी, सब-इंस्पेक्टर नमिता ने दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग की और धमकी दी कि अन्यथा मामला कमज़ोर कर दिया जाएगा।
स्पेशल कमिश्नर (विजिलेंस) अजय चौधरी ने बताया कि विजिलेंस यूनिट ने थाना संगम विहार में जाल बिछाया। शिकायतकर्ता पूर्व-निर्धारित समय पर सब-इंस्पेक्टर नमिता के कमरे में गई और रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपये सौंप दिए। सब-इंस्पेक्टर नमिता ने शिकायतकर्ता को निर्देश दिया कि वह मेज़ पर रखी एक फ़ाइल में पैसे रख दे। विजिलेंस टीम ने तुरंत सब-इंस्पेक्टर नमिता को गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से 15,000 रुपये की रिश्वत की रकम बरामद कर ली। सब-इंस्पेक्टर नमिता को  अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एक महीने के भीतर रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों के पकड़े जाने का यह चौथा मामला है। 

भ्रष्टाचार का बोलबाला-

सब-इंस्पेक्टर गिरफ्तार-
सीबीआई ने शाहदरा जिले के कृष्णा नगर थाने के सब-इंस्पेक्टर नितिन मीना को शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपये लेते हुए 19 नवंबर को गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता का भाई जेल में बंद है। सब-इंस्पेक्टर नितिन मीना ने शिकायतकर्ता के भाई के पक्ष में चार्जशीट दाखिल करने और जमानत कराने में मदद करने के लिए पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी। सब-इंस्पेक्टर नितिन मीना ने धमकी दी, कि रिश्वत नहीं देने पर शिकायतकर्ता का भाई जेल में रहेगा। 
एएसआई गिरफ्तार-
सीबीआई ने 18 नंवबर को उत्तर पूर्वी जिले के हर्ष विहार थाने के एएसआई बुद्ध पाल को महिला शिकायतकर्ता से पचास हजार रुपए लेते हुए पकड़ा। शिकायतकर्ता के पिता की सबौली में संपत्ति है। शिकायतकर्ता की भाभी ने संपत्ति विवाद के संबंध में शिकायतकर्ता और उसकी बहन के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करा दी। एएसआई बुद्ध पाल ने शिकायतकर्ता का नाम इस मामले से हटा देने के लिए एक लाख रुपये रिश्वत मांगी। रिश्वत नहीं देने पर महिला को जेल भेज देने की धमकी दी। 
एएसआई गिरफ्तार-
सीबीआई ने 9 नवंबर को उत्तर पूर्वी जिले के ज्योति नगर थाने में तैनात असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) पाटील कुमार को शिकायतकर्ता से 2 लाख 40 हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। एएसआई पाटील कुमार ने शिकायतकर्ता से संपत्ति के दस्तावेजों की वैरीफिकेशन की अनुकूल रिपोर्ट कोर्ट में देने के लिए 15 लाख रुपये रिश्वत मांगी। एएसआई ने धमकी दी कि अगर रिश्वत नहीं दी, तो वह शिकायतकर्ता के खिलाफ प्रतिकूल रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करेगा।
एएसआई ने शिकायतकर्ता के वकील दोस्त से कहा कि, अगर वह रिश्वत दिलाने में उसकी मदद करेगा, तो बदले में वह उसे एक लाख रुपये देगा।