Thursday 2 March 2023

महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद के अपहरणकर्ता आतंकी के घर की कुर्की, आतंकियों पर हमलावर NIA

रुबैया सईद

महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद के अपहरणकर्ता आतंकी के घर की कुर्की



इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)  ने पाकिस्तान की सरजमीं से सक्रिय आतंकवादियों के ख़िलाफ़ बड़ी हमलावर कार्रवाई करते हुए आतंकवादी मुश्ताक अहमद जरगर की श्रीनगर स्थित संपत्ति कुर्क कर ली है. 
आतंकी संगठन अल उमर मुजाहिद्दीन का संस्थापक और चीफ़ कमांडर श्रीनगर का मूल निवासी मुश्ताक अहमद जरगर इस समय पाकिस्तान में है. 
घर की कुर्की-
मुश्ताक जरगर का गनी मोहल्ला, जामा मस्जिद, नौहट्टा, श्रीनगर में दो मरला जमीन पर घर है. एनआईए ने जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर गैर कानूनी गतिविधि निरोधक (यूएपीए)  कानून के तहत
मुश्ताक जरगर की इस संपत्ति को कुर्क/ जब्त करने की कार्रवाई की है.
आतंकी घोषित-
भारत सरकार द्वारा यूएपीए के तहत आतंकी घोषित मुश्ताक जरगर इंडियन एयरलाइंस विमान हाईजैक कंधार मामले में रिहा होने के बाद से ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर 
में है और वहीं से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए धन भेज रहा है.
मुश्ताक जरगर श्रीनगर के नौहट्टा में पला बढ़ा और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट में शामिल हो गया. 
रुबैया का अपहरण किया-
वर्ष 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और  महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद का अपहरण करने वाले आतंकियों में मुश्ताक जरगर भी शामिल था. रुबैया सईद को रिहा करने के बदले सरकार ने पांच आतंकियों को छोड़ा था.
जम्मू कश्मीर में अनेक आतंकी हमलों और हत्या जैसे जघन्य अपराध में  शामिल मुश्ताक जरगर अल कायदा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का भी खास सहयोगी है. मुश्ताक जरगर को 15 मई 1992 को गिरफ्तार किया गया था. 

 आईसी 814 विमान हाईजैक -
आतंकवादी भारत की जेलों में बंद अपने साथियों को रिहा कराने के लिए 24 दिसंबर  1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान (आईसी 814) को हाईजैक कर कंधार, अफगानिस्तान ले गए थे.
आतंकियों ने  मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की.बाद में फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया.
विदेश मंत्री आतंकियों को छोड़ने गए-
31 दिसंबर 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बंधक यात्रियों को रिहा कराने के एवज़ में जेल में बंद जैश ए मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश आतंकी अहमद उमर सईद शेख़ को छोड़ा था.
तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद आतंकियों को विमान में लेकर कंधार गए थे.

रुबैया सईद अपहरण कांड-

यासीन मलिक को पहचाना-
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद  की बेटी रुबैया 15 जुलाई 2022 को स्‍पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने पेश हुईं.अदालत में रुबैया सईद ने 1989 के अपहरण के मामले में मुख्य आरोपी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और तीन अन्य की पहचान की.यह पहली बार है जब रुबैया सईद को मामले में पेश होने के लिए कहा गया. दरअसल उस अपहरण कांड में रुबैया को पांच आतंकवादियों को रिहा करने के बाद  मुक्त कर दिया गया था.

सीबीआइ ने 1990 की शुरुआत में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। प्रतिबंधित जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक इस मामले में मुख्‍य आरोपी हैं। मलिक को हाल ही में एक आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

दिनदहाड़े अपहरण-
8 दिसंबर 1989 वह तारीख थी, जब केंद्र में वीपी सिंह को सत्ता संभाले एक हफ्ता भी नहीं बीता था. दोपहर 3 बजे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद अपनी पूरी ड्यूटी होने के बाद घर के लिए निकली.वह उस वक्त एमबीबीएस पूरा करने के बाद श्रीनगर के अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी.वह बस में सवार हुई जो लाल चौक से श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम की तरफ जा रही थी.बस में आतंकी पहले से सवार थे.जैसे ही बस चानपूरा चौक के पास पहुंची, तीनों आतंकियों ने बंदूक की नोक पर बस रुकवा दी रुबैया सईद को नीचे उतारकर नीले रंग की मारुति कार में बिठा दिया और फरार हो गए. घटना के दो घंटे बाद ही जेकेएलएफ के जावेद मीर ने एक स्थानीय अखबार को फोन करके भारत के गृहमंत्री की बेटी के अपहरण की जिम्मेदारी ली.यह खबर सामने आते ही कोहराम मच गया.
वीपी सरकार-
दिल्ली से श्रीनगर तक पुलिस से लेकर इंटेलिजेंस की बैठकों का दौर शुरू हो गया। आतंकियों ने  रुबैया को छोड़ने के बदले में 7 आतंकियों की रिहाई की मांग की.मध्यस्ता के लिए कई माध्यम खोले गए. इस पूरी कवायद में 5 दिन बीत गए और 8 दिसंबर से 13 दिसंबर की तारीख आ चुकी थी.13 दिसंबर 1989 की सुबह दिल्ली से दो केंद्रीय मंत्री विदेश मंत्री इंद्र कुमार गुजराल और नागरिक उड्डयन मंत्री आरिफ मोहम्मद खान श्रीनगर पहुंचे. उनके साथ तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नाराणयन भी थे.तीनों  मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से मिलने पहुंचे थे.
 5 आतंकियों को रिहा किया-
3 दिसंबर की दोपहर तक सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौता हो गया. समझौते के तहत उस दिन शाम 5 बजे 5 आतंकियों को रिहा किया गया.उससे कुछ ही घंटे बाद लगभग साढ़े सात बजे रुबैया को सोनवर स्थित जस्टिस मोतीलाल भट्ट के घर सुरक्षित पहुंचाया गया. रुबैया को उसी रात विशेष विमान से दिल्ली लाया गया.

इस घटना का मास्टरमाइंड अशफाक वानी था.उसे 31 मार्च 1990 को सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था.अशफाक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट  से जुड़ा था.अपहरण से पहले उसने मुफ्ती के घर और अस्पताल की निगरानी भी की थी.

 छोडे गए आतंकी -
अब्दुल हामिद शेख जो नवंबर, 1992 में 
 एक मुठभेड़ में मारा गया. गुलाम नबी भट,जावेद अहमद जरगर, नूर मोहम्मद कलवल और अल्ताफ बट. 

    

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