Friday 30 August 2024

केशव पुरम थाना के 3 पुलिसकर्मी लाइन हाज़िर, पुलिस बूथ से रेहड़ी वाले को बिजली दी

               डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा 


बूथ पर रेहड़ी लगवा दी और बिजली भी दी


इंद्र वशिष्ठ, 
केशव पुरम थाना के तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया गया है। 
पुलिस बूथ नंबर 7 पर तैनात इन पुलिसकर्मियों ने बूथ से रेहड़ी वाले को बिजली का अवैध कनेक्शन दिया था। इस पत्रकार ने यह मामला उजागर किया। 
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि हवलदार अजय, हवलदार सुमन और सिपाही अशोक  को बीट से हटा कर जिला पुलिस लाइन में भेज दिया गया है।
डिवीजन अफसर पर कार्रवाई हो -
इस मामले में इस बीट के डिवीजन अफसर के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।डिवीजन अफसर भी जिम्मेदार है। 
बूथ से बिजली-
केशवपुरम थाना इलाके में ओंकार नगर, त्रीनगर में नाले पर पुलिस बूथ नंबर सात बना हुआ है। पुलिस वालों ने इस बूथ के बाहर ही मैंगो शेक/बनाना शेक की रेहड़ी लगवाई। बूथ के अंदर से ही तार लगा कर रेहड़ी पर बिजली दी गई । इस बिजली से ही रेहड़ी पर जूसर /मिक्सी चलाई जाती  और रोशनी की व्यवस्था की जाती। 
इस बूथ के बाहर सुबह और शाम को दो अलग लोगों द्वारा रेहड़ियां लगाई जाती। यहीं नहीं इस बूथ के आसपास सुबह छोले भटूरे और शाम को अंडे वाले आदि की रेहड़ी लगाई जाती है। माल ढुलाई वाले तिपहिया वाहन भी बूथ के साथ और आसपास खड़े रहते हैं। इन अतिक्रमणों के कारण सड़क का रास्ता संकरा हो जाता है जिससे यातायात बाधित तो होता ही है लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। 
इस बूथ पर कुछ ऐसे लोग भी बैठे रहते हैं जिन्हें इलाके में पुलिस का दलाल कहा जाता है। पुलिसकर्मियों की गैर मौजूदगी में भी ये लोग बूथ पर रहते हैं। ये बूथ का इस्तेमाल अपनी निजी संपत्ति की तरह करते हैं। 

एसएचओ जिम्मेदार-
यह सब हो रहा है इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अफसरों के साथ साथ सबसे ज्यादा जिम्मेदार एसएचओ होता है।
पुलिस बूथ पर ही रेहड़ी/ दुकान लगवाने और रेहड़ी पर बूथ से बिजली कनेक्शन दिए जाने से साफ़ पता चलता है कि एसएचओ पुलिस बूथ का दौरा नहीं करता, इलाके में या तो गश्त नहीं करता या ऐसे मामले में उसकी भी मिलीभगत होती है। दोनों ही सूरत में एसएचओ जिम्मेदार है। एसएचओ अगर ईमानदारी से गश्त करें, पुलिस बूथ का दौरा/निरीक्षण करें, तो बीट में तैनात पुलिस वाले इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सकते। 
बूथ किराए पर-
वैसे इस पुलिस बूथ का करीब तीन दशक पुराना भी एक किस्सा है। तब पुलिसकर्मियों ने पुलिस बूथ को ही किराए पर चढ़ा दिया था। अशोक विहार सब- डिवीजन के तत्कालीन एसीपी बालाजी श्रीवास्तव को इस पत्रकार ने यह जानकारी दी, तब उन्होंने पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की। 




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