Friday, 1 August 2025

1 करोड़ रुपए रिश्वत मांगने वाला इंस्पेक्टर सुनील जैन गिरफ्तार, 30 लाख रुपए बरामद। पुलिस कमिश्नर शशि भूषण कुमार सिंह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाएंगे ?

      पुलिस कमिश्नर शशि भूषण कुमार सिंह


          इंस्पेक्टर सुनील जैन सस्पेंड 



इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में दिल्ली पुलिस कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले होमगार्ड के डीजी शशि भूषण कुमार सिंह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाएंगे या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा। लेकिन पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
केवल दृढ़ इच्छाशक्ति, ईमानदार कोशिश और कड़ी कार्रवाई से ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। 
कमिश्नर का पद संभालते ही उनके सामने भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। जिससे पता चलता है कि पुलिस में भ्रष्टाचार कितने चरम पर है। 

उत्तर पश्चिम जिले के डीआईयू  में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन को तीस लाख रुपए लेने के मामले में रोहतक, हरियाणा की एंटी करप्शन ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। 
इंस्पेक्टर सुनील जैन ने अलीपुर थाने में दर्ज दो मामलों को हल्का करने / आरोपी का नाम निकाल देने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगी थी। 
तीस लाख लेते गिरफ्तार-
इंस्पेक्टर सुनील जैन की ओर से रिश्वत के तीस लाख रुपए लेते हुए सोनीपत में संदीप को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम इंस्पेक्टर सुनील जैन को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली आई। 
उत्तर पश्चिम जिले के मौर्या एंक्लेव थाना भवन में स्थित डीआईयू के दफ़्तर में जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में हरियाणा की एंटी करप्शन ब्रांच के डीएसपी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुनील जैन से पूछताछ की गई। इसके बाद शुक्रवार रात को इंस्पेक्टर सुनील जैन को गिरफ्तार करके ले गई। संदीप इंस्पेक्टर सुनील जैन के भाई के सोनीपत जिले में स्थित 3 जी स्कूल में क्लर्क  है। 
इंस्पेक्टर सस्पेंड-
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर सुनील जैन को सस्पेंड कर दिया गया है और उसके ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। 
वकील ने पकड़वाया-
इस मामले में शिकायतकर्ता वकील विपिन ( गांव बडवासनी, सोनीपत) ने रोहतक, एंटी करप्शन ब्रांच में एक अगस्त को इंस्पेक्टर सुनील जैन के ख़िलाफ़ एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज कराया। इंस्पेक्टर सुनील जैन और विपिन की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी एंटी करप्शन ब्रांच को दिए जाने का शिकायत में दावा किया गया है। 
विपिन के नरेला निवासी रिश्तेदार प्रवीण लाकड़ा के खिलाफ प्रवीण गुप्ता ने अलीपुर थाने में दो मामले दर्ज कराए है। इंस्पेक्टर सुनील जैन उन मामलों का जांच अफसर है। आरोप है  कि प्रवीण लाकड़ा के मामलों को हल्का करने और नाम निकालने के लिए इंस्पेक्टर सुनील जैन ने एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगी। सौदेबाजी के बाद में वह सत्तर लाख लेने पर राजी हो गया। 
कहानी के अंदर कहानी-
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रवीण लाकड़ा और प्रवीण गुप्ता का गोदाम बनाने का धंधा है। प्रवीण गुप्ता ने प्रवीण लाकड़ा के ख़िलाफ़ दो मामले अलीपुर थाने में दर्ज कराएं। प्रवीण गुप्ता को इस साल दो गाडियों में आए बदमाशों ने इतना पीटा कि वह अभी तक ठीक नहीं हुआ है।
प्रवीण गुप्ता की शिकायत पर बाहरी उत्तरी जिले के अलीपुर थाने में मारपीट, हत्या की कोशिश, लूट आदि धाराओं में प्रवीण लाकड़ा आदि के ख़िलाफ़ दो मामले दर्ज हैं। प्रवीण लाकड़ा ने भी प्रवीण गुप्ता के ख़िलाफ़ एक मामला दर्ज कराया है। 
प्रवीण लाकड़ा की तलाश-
पुलिस मुख्यालय ने इन मामलों की जांच के लिए उत्तर पश्चिम जिले के एडिशनल डीसीपी सिकंदर के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की थी। इंस्पेक्टर सुनील जैन हत्या के प्रयास, लूट आदि धाराओं के तहत दर्ज मामले में जांच अधिकारी है।
जिले के आला अफसर ने बताया पुलिस की जांच में आया कि प्रवीण लाकड़ा ने साज़िश रच कर प्रवीण गुप्ता पर हमला कराया। इन मामलों में प्रवीण लाकड़ा की तलाश है। पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी कराया है ताकि प्रवीण लाकड़ा विदेश न जा सके। प्रवीण लाकड़ा की जमानत की अर्जी हाईकोर्ट तक से खारिज हो चुकी है। 
चार्जशीट दाखिल-
जिला पुलिस के आला अफसर ने बताया कि जिस मामले में धारा हटाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। उसमें तो पुलिस  इंस्पेक्टर सुनील जैन की गिरफ्तारी से पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एक आरोपी विदेश भाग गया। प्रवीण लाकड़ा समेत दो आरोपियों की तलाश की जा रही है। 
50 थानेदारनी ने लाख मांगे-
पश्चिम विहार ईस्ट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट द्वारा 50 लाख रुपए  रिश्वत मांगने का मामला 27 जुलाई को सामने आया। बीस लाख से ज्यादा सब- इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट ले चुकी है। 
विजिलेंस यूनिट मामले की जांच कर रही है। पता चला है कि पश्चिम विहार में रहने वाले शिकायतकर्ता डॉक्टर नीरज कुमार और उसके स्टाफ की पिटाई पीरागढ़ी के एक पुलिस बूथ में ले जाकर की गई। उनसे 50 लाख रुपए की मांग की गई थी, पीड़ित ने 20.50 लाख रुपए का इंतजाम बेंगलुरु के एक रिश्तेदार से करवाया। बाकी के 19.50 लाख बाद में देने की हामी पीड़ित से भरवाई गई।
सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय में पीड़ित के एक दूर के रिश्तेदार के हस्तक्षेप के बाद पश्चिम जिले के आला अधिकारी को मामले की जानकारी दी गई। यह भी पता चला कि जब पीड़ित जिले के एक अधिकारी के पास था, तब भी पीड़ित को फोन पर धमकाया गया। इस मामले में कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के भी शामिल होने का पता चला है।
थानेदार ने 7 लाख मांगे-
साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के कापसहेड़ा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सुरेश द्वारा चोरी के मामले में गिरफ्तार न करने की एवज में सात लाख रुपए मांगने का मामला सामने आया है। 24 जुलाई को विजिलेंस की टीम ने 50 हजार रुपए लेते हुए सब इंस्पेक्टर सुरेश को पकड़ लिया। सब- इंस्पेक्टर ने बचने के लिए कहानी बना दी कि ये रकम तो केस प्रॉपर्टी के रूप में उसने जब्त की है। विजिलेंस ने जांच की तो पता चला कि थाने में इस बारे में सब- इंस्पेक्टर सुरेश ने रिकॉर्ड में कुछ भी दर्ज (डीडी एंट्री) नहीं किया था। जिसके बाद विजिलेंस यूनिट ने सब- इंस्पेक्टर के खिलाफ के खिलाफ़ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया।

विजिलेंस  के अनुसार शिकायतकर्ता किसान और टैक्सी ऑपरेटर विक्रम ने बताया था कि उसके भाई ने दो महीने पहले 30 लाख रुपये की चोरी की थी। इस अपराध के लिए उसके खिलाफ कापसहेड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विक्रम ने चोरी की रकम बरामद करने में पुलिस की मदद करने का दावा किया था। इस सिलसिले में कापसहेड़ा थाने का सब- इंस्पेक्टर  सुरेश हरियाणा गया और शिकायतकर्ता विक्रम को कथित तौर पर हिरासत में ले लिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दबाव में आकर उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए 7 लाख का इंतजाम किया और सब- इंस्पेक्टर सुरेश को 50 हजार रुपए बतौर एडवांस देना तय हुआ।  विक्रम ने विजिलेंस में शिकायत कर दी। 24 जुलाई को विजिलेंस टीम ने ट्रैप लगाया। 50 हजार की रकम के साथ लिया पकड़ लिया। 







 


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