इंद्र वशिष्ठ,
राज्य सभा में मार्शल के रूप में सीआईएसएफ को सदन में बुलाए जाने पर हंगामा जारी है। हंगामे के कारण मंगलवार को भी सदन नहीं चल पाया।
विघ्न डालना अराजकता-
राज्य सभा में सदन के नेता भाजपा अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि सदन की कार्यवाही में विघ्न डालना अलोकतांत्रिक है। अब मैं बोल रहा हूं और मेरे बगल में आकर कोई खड़ा होकर नारे लगाएगा तो ये लोकतांत्रिक नहीं है। जिसका बोलने का अधिकार है उसमे विघ्न डालना/ बाधित करना अराजकता है।
तानाशाही नहीं चलेगी-
इस दौरान विपक्ष के सदस्य तानाशाही नहीं चलेगी, तानाशाही बंद करो के नारे लगा रहे थे। इस पर नड्डा ने कहा कि अरे, सच्चाई सुनने की ताकत नहीं होती, तो यही शब्द निकलते हैं।
ओ मैडम, मैडम जी-
जगत प्रकाश नड्डा ने विपक्ष की महिला सांसद को संबोधित करते हुए कहा " ओ मैडम, मैडम जी सुन लीजिए "।
ट्यूशन ले लो-
नड्डा ने कहा कि मैंने इन लोगों (विपक्ष) को कई बार कहा कि मैं 40 साल से ज्यादा समय विपक्ष में रहा हूं। कुछ मेरे से ट्यूशन ले लो। मैं बता दूंगा कि अपोजिशन कैसे करना होता है। अभी आप नए-नए हो, विपक्ष में अभी तो दस ही साल हुए हैं। अभी 30-40 साल विपक्ष में रहना है। इसलिए मेरे से ट्यूशन ले लो। मैं बताउंगा, आपको कि अपोजिशन कैसे होती है।
डेमोक्रेसी की सीमा-
उन्होंने कहा कि विपक्ष की डेमोक्रेसी वहां समाप्त हो जाती है जब वे अपने स्थान को छोड़ कर सत्ता पक्ष के किसी व्यक्ति को, जिसका बोलने का अधिकार है उसके बगल में खड़ा हो कर नारे लगा कर उसमे विघ्न डालते हैं। ये अलोकतांत्रिक ही नहीं बल्कि अराजकता है।
पटेल ने गृहमंत्री को डांटा-
राज्य सभा में डीएमके के त्रिरुची शिवा ने
त्रिरुची शिवा ने कहा कि एक बार सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के चेयरपर्सन विट्ठल भाई पटेल थे।
8 अप्रैल 1929 को असेंबली में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने धमाके वाले बम फेंके। उसके अगले दिन सदन में सिक्योरिटी फोर्स तैनात कर दी गई। इस पर पटेल ने पूछा कि बिना मेरी परमिशन के किसने इसकी अनुमति दी ? ये स्वीकार्य नहीं है। सरदार पटेल ने होम मेंबर/होम मिनिस्टर से कहा कि फोर्स को तुम बाहर भेजो या तुम बाहर जाओ।
त्रिरुची शिवा ने कहा कि सीआईएसएफ को मार्शल बताया जा रहा है। जबकि वो संसद की डेडिकेटिड सिक्योरिटी फोर्स नहीं है, जैसी कि पहले होती थी। ये तो बिल्कुल अलग है। सीआईएसएफ वाले मार्शल की वर्दी में थे, लेकिन वो मार्शल नहीं है। किसी अन्य फोर्स को मार्शल का नाम दिया गया।
सदन गृहमंत्री चला रहे हैं ?
राज्य सभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उप सभापति से कहा कि मैं आप से पूछना चाहता हूं कि सदन आप चला रहे हैं या गृहमंत्री चला रहे हैं। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि ये गलत आरोप है।
विघ्न डालना लोकतांत्रिक-
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा तत्कालीन विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा था विघ्न डालना भी लोकतंत्र का हिस्सा है।
पुलिस बुलाई-
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारे को प्रोटेक्ट करने में संसद का स्टाफ़ सशक्त और मजबूत है। वो सभापति के कंट्रोल में होता है। लेकिन आप (उपसभापति) पुलिस लाते हैं। जबकि विपक्ष जनहित से जुड़े मामले उठा कर, विरोध करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहा था।
मार्शल ही आ सकते हैं -
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि ये रिकॉर्ड में स्पष्ट है कि सदन में सिर्फ मार्शल ही आ सकते हैं और उस दिन भी मार्शल ही थे। सदन में सीआईएसएफ को पैरामिलेट्री फोर्स का नहीं, बल्कि मार्शल के रूप में माना जाता है। सदन में मार्शल को ही बुलाया गया था। जो भी इस सदन में आते हैं, वो मार्शल ही होते हैं। इसलिए विपक्ष को गलत बात करके सदन की गरिमा को नहीं गिराना चाहिए।
राज्य सभा में उपसभापति हरिवंश इस संदर्भ में नियम स्थिति और प्रासंगिक तथ्य सदन के संज्ञान में लाए।
उप सभापति ने बताया कि मार्शल/सुरक्षाकर्मियों सेवा की शुरुआत सेंट्रल असेंबली के पहले चुने हुए भारतीय अध्यक्ष सरदार पटेल द्वारा 1930 में की गई।
No comments:
Post a Comment