डंकी रूट से अमेरिका ले जाने वाले हरियाणा के 2 मानव तस्कर गिरफ्तार
इंद्र वशिष्ठ,
एनआईए ने कुख्यात डंकी रूट से लोगों को अमेरिका ले जाने वाले हरियाणा के दो मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है।
एनआईए के अनुसार आरोपी रवि कुमार और गोपाल सिंह को हरियाणा और पंजाब में चार स्थानों पर व्यापक तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया। हरियाणा के करनाल जिले में दो स्थानों पर, यमुनानगर (हरियाणा) और गुरदासपुर (पंजाब) में एक-एक स्थान पर तलाशी ली गई।
इंटरनेशनल गैंग-
एनआईए की जांच से पता चला है कि करनाल ज़िले के रहने वाले रवि और गोपाल एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा हैं। जो भारतीय नागरिकों को अमेरिका की वैध यात्रा का झूठा वादा करके उन्हें लुभाते/फंसाते थे। गोपाल ने एक अन्य प्रमुख अभियुक्त जय कुमार और रवि के साथ मिलकर कई पीड़ितों के अवैध इमिग्रेशन की साज़िश रची थी। उसने न केवल पीड़ितों की होटल बुकिंग और यात्रा कार्यक्रम का प्रबंधन किया, बल्कि अन्य सह-पीड़ितों के लिए एजेंट के रूप में भी काम किया। एनआईए की अब तक की जांच के अनुसार, उसने पीड़ितों और उनके परिवारों से पैसे वसूलने में अन्य अभियुक्तों की मदद की।
42 लाख रुपये लिए-
यह मामला हरियाणा के नारायणगढ़ निवासी शुभम सैनी के अमेरिका में अवैध इमिग्रेशन से संबंधित है। इस साल जनवरी में, उसे अमेरिकी अधिकारियों ने सीमा पर पकड़ लिया और भारत वापस भेज दिया। नारायणगढ़ पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में, सैनी ने खुलासा किया था कि उसे दक्षिण और मध्य अमेरिकी देशों के रास्ते अमेरिका ले जाया गया था। उसे विदेश में बंदी बनाकर रखा गया। उसके साथ दुर्व्यवहार और जबरन वसूली की गई। उन्होंने और उनके परिवार ने सिंडिकेट को किश्तों में कुल 42 लाख रुपये दिए।
एनआईए द्वारा तलाशी के दौरान जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जांच इमिग्रेशन रैकेट से जुड़ी आपराधिक साजिश के बारे में और सबूत जुटाने के लिए की जा रही है। ताकि साज़िश में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके और उन्हें गिरफ़्तार किया जा सके।
एनआईए ने इसके पहले 5 जुलाई को भी डंकी रूट से लोगों को अमेरिका ले जाने वाले दो मानव तस्करों धर्मशाला, जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) के सनी उर्फ सनी डोनकर और रोपड़ (पंजाब) के शुभम संधाल उर्फ दीप हुंडी को गिरफ्तार किया था। हवाला कारोबारी शुभम वर्तमान में पीरागढ़ी, दिल्ली में रह रहा था। ये दोनों इस साल मार्च में गिरफ्तार किए गए मानव तस्कर गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी के सहयोगी हैं।
100 से ज्यादा लोगों को भेजा-
तिलक नगर, दिल्ली निवासी गगनदीप को एक पीड़ित की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था, जिसे कुख्यात डंकी रूट से अवैध रूप से अमेरिका ले जाया गया था और इस साल फरवरी में उसे वापस भारत भेज दिया गया था।
एनआईए को जांच में पता चला कि गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी प्रत्येक व्यक्ति से वैध कानूनी वीजा पर उन्हें अमेरिका भेजने के नाम पर करीब 45 लाख रुपये लेता था। इसके बाद वह उन्हें अवैध तरीके से स्पेन, अल-साल्वाडोर, ग्वाटेमाला और मैक्सिको सहित कई देशों के रास्ते कठिन यात्रा पर भेज देता था। गिरफ्तार होने से पहले उसने 100 से अधिक लोगों को इस अवैध तरीके से अमेरिका भेजा था।
पैसे के लिए प्रताड़ित-
सनी, गगनदीप सिंह का मुख्य सहयोगी/डोनकर है। उसने डंकी मार्ग पर पीड़ितों की यात्रा के इंतजाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पीड़ितों को रास्ते में डोनकर और एजेंटों द्वारा अधिक पैसे वसूलने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। शुभम संधाल उर्फ दीप हुंडी हवाला कूरियर ऑपरेटर है। गगनदीप ने पीड़ितों से लिए गए पैसे का कुछ हिस्सा लैटिन अमेरिका में स्थित डोनकरों को हस्तांतरित करने के लिए उसका इस्तेमाल किया।
डंकी रूट क्या है-
डंकी रूट- अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए जो रास्ता अपनाया जाता है उसे डंकी रूट कहते हैं।
डंकी शब्द पंजाबी भाषा के 'डुंकी' से आया है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर कूदना होता है। सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है। इसमें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है। इस रूट से विदेश यात्रा करने वालों को मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है। यह रकम लाखों में होती है। दिसंबर 2023 में डंकी रूट तब सुर्खियों में आया था जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 भारतीय यात्रियों वाले एक चार्टर विमान को मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था। इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था।
फरवरी 2024 में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जो डंकी रूट अपनाकर अमेरिका गए थे, उनके परिवारों ने बताया था कि मानव तस्कर दिल्ली और मुंबई से प्रवासियों को टूरिस्ट वीजा पर यूएई ले जाते हैं। वहां से उन्हें वेनेजुएला, निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे लैटिन अमेरिका के कई ट्रांजिट बिंदुओं से होकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है। वहां इन लोगों को हैंडलर की ओर से यह भी बताया जाता है कि सीमा पार करते समय पकड़े जाने पर कैसे उत्पीड़न का हवाला देकर शरण का दावा किया जाए।
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