Thursday 16 September 2021

आतंकवादियों को स्पेशल सेल ने पकड़ा या यूपी के एटीएस ने ? स्पेशल सेल के दावे पर सवालिया निशान? श्रेय के चक्कर में आरोपी को फायदा मिलेगा? स्पेशल सेल लगातार विवादों में।

स्पेशल कमिश्नर नीरज ठाकुर, डीसीपी प्रमोद कुशवाहा

       गिरफ्तार कथित आतंकी


आतंकवादियों को स्पेशल सेल ने पकड़ा या यूपी एटीएस ने ?
स्पेशल सेल लगातार विवादों में।

इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 6 कथित आतंकियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है लेकिन स्पेशल सेल के दावे की पोल उत्तर प्रदेश पुलिस ने खोल दी है।  
उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस ने मीडिया को बताया कि उसने 6 आतंकियों को पकड़ा और स्पेशल सेल के हवाले किया है। 
तीन आतंकी कहां गए?
स्पेशल सेल ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सौंपे गए छह आतंकियों में से सिर्फ तीन की ही जानकारी मीडिया को दी है। बाकी तीन आतंकियों की जानकारी क्यों नहीं दी गई। वे तीनों कहां हैं?
प्रचार के चक्कर में केस का भट्ठा बैठेगा ?-
इस मामले से स्पेशल सेल की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी में साफ तौर पर बताया गया है कि 6 आतंकियों को यूपी एटीएस ने पकड़ा है। ऐसे में स्पेशल सेल द्वारा उन आतंकियों को पकड़ने का श्रेय लेना अफसोसनाक है। 
प्रचार/श्रेय के चक्कर में स्पेशल सेल ने आतंकवाद से जुड़े इस गंभीर मामले का भट्ठा बिठा दिया है। 
आतंकियों को पकड़ने को लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस द्वारा बताई गई अलग-अलग कहानियों में अंतर साफ दिखाई देता है। जिसका फायदा अदालत में आरोपियों को मिल सकता है।
यूपी एटीएस ने 6 आतंकियों को पकड़ा -
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से सूचना मिली थी कि आतंकी उत्तर प्रदेश में बम धमाके करने की साजिश रच रहे हैं। ये लोग स्पेशल सेल द्वारा दर्ज आतंकी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए )और आपराधिक साजिश के मामले (एफआईआर नंबर 243/21) में वांटेड हैं। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ये विदेशों में प्रशिक्षित हैं।
इन आतंकियों की लोकेशन और एक्शन प्लान के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिली थी।  एटीएस ने  ग्राउंड सर्विलांस और विभिन्न माध्यमों से इन आतंकियों के बारे में सटीक सूचना एकत्र की गई। एटीएस ने 14 सितंबर को लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर एक साथ दबिश देकर इन आतंकियों को दबोचा। इनकी निशानदेही पर प्रयागराज से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, असलहे और कारतूस भी बरामद किए गए। इन आतंकियों में से एक जीशान कमर पाकिस्तान जाकर प्रशिक्षण भी ले चुका है। इन सभी आतंकियों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हवाले किया गया।
एटीएस द्वारा पकड़े गए आतंकी- 
मोहम्मद आमिर जावेद (लखनऊ), मूलचंद श्रीवास्तव उर्फ साजू उर्फ लाला (रायबरेली), मोहम्मद जमील उर्फ जमील खतरी (रायबरेली),
मोहम्मद इम्तियाज उर्फ कल्लू( प्रतापगढ़), जीशान कमर (प्रयागराज),मोहम्मद ताहिर उर्फ मदनी (प्रयागराज)।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की कहानी-
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 14  सितंबर को बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से सूचना मिली थी कि पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी गिरोह के लोग त्यौहारों के मौके पर दिल्ली और आस पास के इलाकों में भीडभाड़ वाले स्थानों पर बम धमाके करने की साजिश रच रहे हैं। 
स्पेशल सेल ने ये छह आतंकी बताएं-
 स्पेशल कमिश्नर नीरज ठाकुर और डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि 14 सितंबर की सुबह कई राज्यों में दबिश देकर मोहम्मद आमिर जावेद, मूलचंद उर्फ लाला, जीशान कमर, ओसामा, जान मोहम्मद अली शेख उर्फ समीर और मोहम्मद अबु बकर को गिरफ्तार किया गया। इनमें से ओसामा और जीशान इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान में जाकर ट्रेनिंग करके वापस लौटे हैं। इनसे विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद हुए हैं।
आईएसआई और अंडरवर्ल्ड का गठजोड़ -
स्पेशल सेल ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी से इनपुट मिला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अंडरवर्ल्ड के गठजोड़ से तैयार किया गया एक गिरोह(मॉड्यूल) भारत में बड़े पैमाने पर सीरियल आईईडी ब्लास्ट की वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा है। 
पुलिस ने दिल्ली के ओखला इलाके में और महाराष्ट्र में इस मॉड्यूल का एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप मे काम करने वाले संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया। यूपी और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों में उनके सहयोगियों पर नजर रखनी शुरु की। 
इसके बाद विभिन्न राज्यों में एक साथ छापेमारी की गई सबसे पहले अंडरवर्ल्ड के मुंबई निवासी जान मोहम्मद अली शेख उर्फ समीर कालिया को राजस्थान के कोटा से उस वक्त दबोचा गया जब वह रेल से दिल्ली जा रहा था। ओसामा को दिल्ली के ओखला से, मोहम्मद अबू बकर को दिल्ली के सराय काले खां से, जबकि जीशान को यूपी के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा मोहम्मद आमिर जावेद को लखनऊ से और मूलचंद उर्फ साजू उर्फ लाला को रायबरेली से पकड़ा गया था। उत्तर प्रदेश में आतंकियों को पकड़ने में यूपी एटीएस का सहयोग लिया गया।
पाकिस्तान में ट्रेनिंग-
इनमें से ओसामा और जीशान इसी साल अप्रैल में मस्कट गए थे। वहां से जहाज की मदद से उन्हें पाकिस्तान ले जाया गया। वहां एक फार्म हाउस में इन्हें रखा गया। वहां पर उन्हें पाकिस्तान के दो फौजियों ने बम बनाने और हथियार चलाने आदि की ट्रेनिंग दी। ये ट्रेनिंग लगभग पंद्रह दिनों की थी। इस ट्रेनिंग के बाद ये लोग वहां से वापस मस्कट आए। 
दाऊद कनेक्शन-
पुलिस अफसर के अनुसार कि एक खास बात जो इन्होंने बताई कि जब ये लोग मस्कट से जा रहे थे तो इनके ग्रुप में लगभग 14-15 बांग्ला भाषा बोलने वाले लोग भी थे,  लगता है कि उन्हें भी ट्रेनिंग के लिए ले जाया गया। वहां से वापस आने के बाद ये लोग स्लीपर सेल की तरह अपने काम में जुट गए। दो अलग-अलग टीमें बनाई गई थी। एक टीम अंडरवर्ल्ड के हवाले की गई थी, जिसका संपर्क दाऊद दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम से था। इस टीम का काम था कि बॉर्डर के उस पार से आने वाले हथियार को भारत के अलग-अलग शहरों में छिपाकर रखना। इनका दूसरा काम फंड जुटाना था। मुंबई का समीर और यूपी का मूलचंद लाला अंडरवर्ल्ड वाले ग्रुप का हिस्सा थे।
स्पेशल सेल ने बताया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड ओसामा का पिता उसैद उर रहमान है। वह दुबई में मदरसा चलाता है। ओसामा का चाचा हुमैदुर रहमान भी साजिश में शामिल है।
पूछताछ के बाद छोड़ दिया-
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि  जमील और इम्तियाज को पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया था। ताहिर को स्पेशल सेल नहीं लाया था। 
हवालात को बनाया मयखाना-
स्पेशल सेल की करतूतें लगातार सामने आ रही हैं।स्पेशल सेल ने बदमाशों के लिए हवालात को मयखाना बना दिया था। भ्रष्ट पुलिस अफसरों की सांठगांठ से बदमाशों ने अपने साथियों के साथ हवालात में दारू पार्टी कर स्पेशल सेल को दुनिया के सामने नंगा कर दिया। इसके बावजूद पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने किसी वरिष्ठ पुलिस अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सब-इंस्पेक्टर रोहित को भी सिर्फ़ निलंबित करके खानापूर्ति कर दी गई।
गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) में बेकसूरों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने हवालात में बदमाशों की दावत कर खुद गैरकानूनी कार्य किया है।
छात्रों को आतंकी बताया-
यह वहीं स्पेशल सेल हैं जिसने छात्रों को देशद्रोही, दंगाई और आतंकी बता कर जेल में डाल दिया था। लेकिन स्पेशल सेल की पोल अदालत में खुल गई थी ।
दिल्ली की एक अदालत ने 15 जुलाई 2021 को आतंकी साजिश के मामले में गिरफ्तार चार छात्रों को जमानत दे दी। इन चारों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कारगिल से गिरफ्तार किया था।
अदालत ने कहा कि छात्रों के खिलाफ ऐसा कुछ भी सबूत नहीं है जिससे यह पता चले कि वह किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए थे या समाज के लिए खतरा हैं।
अदालत में खुली पोल।-
15 जून को हाईकोर्ट ने स्पेशल सेल की कहानी की धज्जियां उड़ाते हुए नताशा नरवाल समेत तीन छात्रों को जमानत दे दी थी
हाईकोर्ट ने पाया कि ऐसा कोई भी साक्ष्य, सबूत नहीं है जिसे आतंकी कृत्य माना जाए है।
स्पेशल सेल इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द नहीं की। लेकिन कहा कि हाईकोर्ट का यह आदेश नजीर के रुप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
आईपीएस की भूमिका पर सवालिया निशान।-
इन मामलों से दिल्ली पुलिस के आईपीएस अफसरों की काबिलियत और भूमिका पर एक बार फिर से सवालिया निशान लग गया है। इससे पता चलता है कि कैसे बिना सबूतों के पुलिस किसी को भी आतंकवाद के मामले में गिरफ्तार कर जेल में डाल  देती है। 
सेल का सुशील से स्पेशल प्रेम-
लोदी कालोनी स्थित स्पेशल सेल सुशील पहलवान का आत्म समर्पण कराने और सुशील के साथ फोटो खिंचवाने के कारण भी विवादों में रहा है।
पुलिस और जेल प्रशासन के भ्रष्ट अफसरों द्वारा बदमाशों और अमीर मुलजिमों को विशेष सुविधाएं देने के मामले अक्सर सामने आते हैं। लेकिन स्पेशल सेल के हवालात में बदमाशों द्वारा दारू पार्टी करना बहुत ही संगीन मामला है।

(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)

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