Thursday 23 September 2021

युद्ध बीर सिंह डडवाल काबिलियत और बहादुरी की मिसाल, IPS की भी नकेल कस कर रखते थे।

युद्ध बीर सिंह डडवाल काबिलियत और बहादुरी की मिसाल।

आईपीएस भी डरते थे।


इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस में पिछले कुछ वर्षों से कमिश्नर के पद पर ऐसे आईपीएस अफसर तैनात किए जा रहे हैं जो पेशेवर रुप से कमजोर/दब्बू और नाकाबिल साबित होते है। ऐसे कमिश्नर के कारण ही न केवल दिल्ली पुलिस की बल्कि आईपीएस जैसी प्रतिष्ठित सेवा की छवि खराब होती है। ऐसे आईपीएस के कारण ही बेईमान पुलिसकर्मी निरंकुश हो जाते है और अपराध और अपराधियों पर अंकुश भी नहीं लग पाता है। लगता है अब काबिल और दमदार आईपीएस अफसरों का अकाल पड़ गया है।
डडवाल की मिसाल -
लेकिन एक समय ऐसा भी था कि कमिश्नर के पद पर काबिल और दमदार आईपीएस भी रहे थे। जिनकी काबिलियत,दबंगता, दमदार नेतृत्व और निर्णय क्षमता, कुशल प्रशासन की आज भी मिसाल दी जाती है।
पिछले तीन दशकों में अगर 2-3 बेहतरीन कमिश्नरों की गिनती की जाए तो उनमें से एक युद्ध बीर सिंह डडवाल हैं। 
हालांकि कहा तो यह तक जाता है कि युद्ध बीर डडवाल के बाद ऐसा दूसरा कोई कमिश्नर नहीं आया। जिसकी काबिलियत की मिसाल दी  जा सके।
युद्धबीर का युद्ध आईपीएस के भी विरुद्ध- 
पुलिस कमिश्नर के पद पर जुलाई 2007 से नवंबर 2010 तक युद्धबीर सिंह डडवाल ने पूरी काबिलियत, दबंगता से कार्य किया।आईपीएस अफसरों द्वारा पुलिसकर्मियों, रसोईए और कार आदि संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने की उन्होंने ही कोशिश की। आईपीएस अफसरों द्वारा अपने साथ चहेते पुलिसकर्मियों को भी ले जाने की परंपरा को डडवाल ने बंद कर दिया था। लेकिन उनके जाने के बाद यह परंपरा दोबारा शुरु हो गई।
कॉमन वेल्थ गेम्स की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था - 2010 में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स के लिए कड़े  सुरक्षा इंतजाम करने का श्रेय डडवाल को जाता है।
डडवाल कितने अनुशासनप्रिय, सख्त और दबंग थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा  सकता है कि कॉमन वेल्थ गेम्स की रिहर्सल दिखाने के लिए आईपीएस अजय चौधरी अपनी पत्नी को लेकर स्टेडियम पहुंच गए। इस पर डडवाल ने अजय चौधरी को डांट लगाई और वापस भेज दिया।
कॉमन वेल्थ गेम्स में करोड़ों रुपए के सुरक्षा संबंधी उपकरण कमिश्नर डडवाल और संयुक्त आयुक्त कर्नल सिंह आदि की कमेटी ने खरीदे  थे । लेकिन पुलिस की खरीद पर किसी ने जरा भी उंगली नहीं उठाई। जबकि शीला दीक्षित सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे।
किसी बेकसूर को झूठे मामलों में फंसाने वाले  पुलिसकर्मियों, इंस्पेक्टर तक को वापस सब-इंस्पेक्टर बनाने जैसी सख्त कार्रवाई डडवाल द्वारा की जाती थी।
बटला हाऊस एनकाउंटर-
13 सितंबर 2008 को दिल्ली में सिलसिलेवार 5 बम धमाके हुए जिसमें 22 लोगों की मौत हुई और 131 लोग घायल हुए। इन बम धमाकों में शामिल आतंकियों को  स्पेशल सेल ने 6 दिनों में ही खोज निकाला। 19 सितंबर 2008 को बटला हाऊस में कथित एनकाउंटर में दो आतंकी मारे गए और इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए।
इस एनकाउंटर को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ और तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद ने इसे  फर्जी एनकाउंटर कह कर सवालिया निशान लगा दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग ने इस एनकाउंटर को असली/ सही माना।
तत्कालीन कमिश्नर युद्ध बीर सिंह डडवाल और स्पेशल सेल के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त कर्नल सिंह ने अदालत, सरकार,नेताओं और आयोग आदि के सामने पुलिस का पक्ष मजबूती से पेश कर एनकाउंटर को सही साबित किया।
कर्नल सिंह के मुताबिक पुलिस के एक समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पुलिस के कार्य की सराहना की।
स्टैंडिंग आर्डर-
युद्ध वीर सिंह डडवाल ने ही दिल्ली पुलिस में पुराने तमाम स्टैंडिंग ऑर्डर को रिव्यू करके उनमें सुधार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया था। 
एसटीएफ का डर -
तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने दिल्ली में अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई थी जिसका मुखिया युद्ध बीर सिंह डडवाल को बनाया गया था। एसटीएफ के मुखिया डडवाल और तत्कालीन डीसीपी कर्नल सिंह की टीम ने दिल्ली के सभी बड़े बड़े अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई शुरु की, तो बिल्डरों और एमसीडी के भ्रष्ट इंजीनियरों में दहशत फैल गई थी।
शानदार पारी-
आईपीएस के 1974 बैच के युद्ध बीर सिंह डडवाल जुलाई 2007 से नवंबर 2010 तक दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर शानदार पारी  के बाद सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक नियुक्त किए गए और वहीं से साल 2011 में सेवानिवृत्त हो गए।
युद्ध बीर सिंह डडवाल दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर (प्रशासन,इंटेलीजेंस ),नयी दिल्ली रेंज और सशस्त्र पुलिस के संयुक्त आयुक्त भी रहे थे। इसके अलावा वह अरुणाचल प्रदेश, दमन दीव और चंडीगढ़ पुलिस के प्रमुख के पद पर भी रहे।
14 अक्टूबर 1951 को जन्मे युद्ध बीर सिंह डडवाल 1993-1995 में चंडीगढ़ पुलिस के आईजी रहे। चंडीगढ़ सचिवालय के बाहर तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की आत्मघाती हमलावर द्वारा बम से हत्या कर दी गई। डडवाल के नेतृत्व में वारदात के पांच दिनों बाद ही दो अपराधियों को पकड़ लिया गया।
उन्हें विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक और सेवा पदक से चार बार सम्मानित किया गया।
 इस्तीफा दे दिया -
आईपीएस अफसर जहां सेवानिवृत्त होने के बाद राज्यपाल ,यूपीएससी सदस्य या कोई अन्य सरकारी पद पाने के लिए लालायित रहते है और उसे पाने के लिए नौकरी के दौरान सत्ता के लठैत या दरबारी तक बन जाते हैं। वहीं डडवाल सेवानिवृत्त होने के बाद अपना जीवन शांतिपूर्वक बिताने लगे। 
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद 26 जनवरी 2016 को युद्ध बीर डडवाल को तत्कालीन राज्यपाल जेपी राजखोवा का सलाहकार नियुक्त किया गया। लेेेकिन डडवाल ने 2 फरवरी 2016 को ही इस्तीफा दे दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि असल में डडवाल इस पद के लिए इच्छुक नहीं थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से उनके अच्छे संबंध थे। अजीत डोभाल ने बिना उनकी सहमति लिए उन्हें नियुक्त करा दिया था। अजीत डोभाल से संबंध की खातिर डडवाल ने वह पद स्वीकार तो किया लेकिन तुरंत ही छुट्टी पर चले गए और एक हफ्ते में ही पद से इस्तीफा दे दिया।
खिलाड़ी-
युद्ध बीर सिंह डडवाल क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे । बाद में वह गोल्फ खेलने लगे। अपने दफ्तर में वह कसरत करने के लिए डंबल भी रखते थे।
घुडसवार-
दिल्ली पुलिस में अपने शुरुआती दौर में युद्ध वीर डडवाल विरोध प्रदर्शनों ,रैली आदि के दौरान घोड़े पर सवार होकर भी सुरक्षा बंदोबस्त का नेतृत्व करते थे।
ना काहू से  दोस्ती, ना काहू से बैर-
पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अफसर जहां अपने चहेते पत्रकारों का गुट बना लेते हैं वहीं डडवाल ने कोई ऐसा गुट नहीं बनाया। उनकी पत्रकारों से ना दोस्ती थी, ना ही दुश्मनी।
विवाद-
साल 1999 में महरौली में माडल जेसिका लाल की हत्या से पहले बीना रमानी के बॉर में मौजूद रहने का खामियाजा नयी दिल्ली रेंज के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त युद्धबीर डडवाल को तबादले के रुप मेंं भुगतना पड़ा था। 
बताया जाता है कि डडवाल ने रेस्तरां में जो शराब पी, उसका भुगतान खुद अपने क्रेडिट कार्ड से ही किया था। 
हमेशा विवादों में रहने वाली 1972 बैच की आईपीएस किरण बेदी को दरकिनार करके आईपीएस के 1974 बैच के युद्ध बीर डडवाल को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। 
दिल्ली पुलिस के दबंग और काबिल कमिश्नर रहे युद्ध बीर सिंह डडवाल का 22 सितंबर 2021 को बीमारी के कारण निधन हो गया। 



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