Monday, 29 September 2025

IPS अफसरों में आपस में भरोसे/ तालमेल की कमी या अकेले श्रेय/प्रचार लेने की चाह ? रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गैंग के 10 बदमाशों की गिरफ्तारी का मामला

            डीसीपी हरेश्वर स्वामी

रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गैंग के 10 बदमाश गिरफ्तार

IPS अफसरों में आपस में भरोसे/ तालमेल की कमी ? 
अकेले श्रेय लेने की चाह ? 



इंद्र वशिष्ठ, 
नरेला में प्रापर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने के लिए गोली चलाने वाले गिरोह के 10 बदमाशों को स्पेशल सेल और नरेला पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इस मामले ने पुलिस अफसरों में तालमेल की कमी या अकेले श्रेय लेने की प्रवृत्ति को उजागर कर दिया है। 
स्पेशल सेल ने हथियारों के साथ 2 पकड़े -
स्पेशल सेल के डीसीपी कृष्ण कुमार और एसीपी राहुल सिंह की टीम ने इस मामले में पानीपत के अनुरोध त्यागी और कुणाल त्यागी को 23 सितंबर को बरवाला- बेगम पुर रोड पर पकड़ा। 
इनके पास से दो पिस्तौल और दस कारतूस बरामद हुए है। अनुरोध त्यागी फिरौती के लिए फोन करने वाले जोरा का दोस्त है। 
स्पेशल सेल के वरिष्ठ अफसर ने बताया कि अनुरोध ने पिस्तौल, बाइक, हेलमेट और पैसा आदि गोली चलाने वालों को दिया था।
सनोली खुर्द थाना इलाके के निवासी अनुरोध त्यागी के ख़िलाफ़ 6 मामले दर्ज हैं। 
स्पेशल सेल ने इनके खिलाफ हथियार कानून के तहत मामला दर्ज किया है। 
ये दोनों इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में है। 
सेल ने श्रेय क्यों नहीं लिया ? 
स्पेशल सेल ने इन दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया में प्रचार क्यों नहीं किया ? 
स्पेशल सेल ने श्रेय क्यों नहीं लिया ? 

नरेला पुलिस अपने मामले में अब इनको रिमांड पर लाएगी। 

नरेला पुलिस ने मोबाइल फ़ोन और बाइक के साथ 8 पकड़े -
बाहरी-उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने 29 सितंबर को बताया कि नरेला पुलिस ने इस मामले में गोकुल पुर के दिनेश, हेमंत उर्फ अक्षय , मेरठ के सौरव उर्फ गौरव, राहुल उर्फ पिस्टल, पानीपत के आशीष त्यागी उर्फ काला , सचिन, संदीप और बागपत के वंश मलिक उर्फ कट्टा को गिरफ्तार किया है। 
डीसीपी ने सेल को श्रेय क्यों नहीं दिया ?-
डीसीपी हरेश्वर स्वामी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में अनुरोध त्यागी उर्फ मोनू और कुणाल की इस मामले में भूमिका का तो जिक्र किया गया है। लेकिन इन दोनों की गिरफ्तारी स्पेशल सेल द्वारा किए जाने की बात उन्होंने न तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई और न ही प्रेस रिलीज में। 
क्या ऐसा हो सकता है ?-
डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने इस पत्रकार से कहा  कि सेल द्वारा अनुरोध त्यागी, कुणाल की गिरफ्तारी की उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि पहले एक बार उनके मुंह से निकल गया, कि सेल ने गिरफ्तार किया है लेकिन फिर तुरंत कहा कि शायद सेल ने पकड़ा है। 
अगर डीसीपी की बात को ही सच मान लें, तो ये गंभीर मामला है। इससे तो फिर ये जाहिर होता है कि स्पेशल सेल के अफसरों और जिला डीसीपी में तालमेल ही नहीं है। 
हालांकि यह बिल्कुल भी संभव नहीं है और कोई भी आईपीएस अफसर डीसीपी की इस बात से सहमत नहीं होगा। 
डीसीपी की विश्वसनीयता पर सवाल ? -
इस तरह की बात कहने से डीसीपी की विश्वसनीयता/साख पर ही सवालिया निशान लग जाता है। 
क्योंकि सच्चाई यह है कि स्पेशल सेल/अपराध शाखा सनसनीखेज मामले में किसी को भी गिरफ्तार करती है तो पुलिस कमिश्नर, संबंधित वरिष्ठ पुलिस अफसरों, जिले के डीसीपी और थाने को तुरंत सूचित किया जाता है।
कमिश्नर ध्यान दें-
ये पुलिस अफसरों में भरोसे या तालमेल की कमी है या अकेले श्रेय लेने की मानसिकता ? पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा को इस पर ध्यान देना चाहिए।
धमकी के 5 मिनट बाद ही गोली चलाई-
बाहरी- उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि 14 सितंबर को नरेला में एक प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर में  गोली चलने की सूचना मिली‌। तभी पता चला कि प्रापर्टी डीलर के पूर्व पार्टनर को 5 मिनट पहले ही 5 करोड़ रुपये फिरौती के लिए विदेश से फोन आया था। फिरौती के लिए फोन करने वाले ने खुद को लारेंस विश्नोई का भाई जोरा बताया था।  प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर में बैठा एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया। 
सीसीटीवी ने पकड़वाया-
पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए गोली चलाने वाले दिनेश, हेमंत और सौरव तक पहुंच गई। उनसे पूछताछ के आधार पर बाकी 5 को भी पकड़ा गया। जोरा विदेश से सिग्नल एप के माध्यम से गिरोह के निरंतर संपर्क में था। जोरा के दोस्त अनुरोध त्यागी के माध्यम से वंश मलिक का जोरा से संपर्क हुआ। 
गोली चलाने के 5-5 लाख-
जोरा के निर्देश पर वंश मलिक और राहुल ने दिनेश आदि से गोली चलाने के लिए संपर्क किया। इनको 5-5 लाख रुपये देने का वादा किया गया। 
अनुरोध त्यागी की भूमिका-
प्रेस रिलीज के अनुसार जोरा के दोस्त अनुरोध त्यागी के माध्यम से वंश मलिक का जोरा से संपर्क हुआ। 
जोरा के निर्देश पर अनुरोध त्यागी ने हथियार, बाइक और इनके खर्च के लिए पैसे का इंतजाम किया। सचिन और संदीप के माध्यम से दिनेश आदि को ये पैसे मिले। इस पैसे से दिनेश आदि ने कपड़े, जूते आदि खरीदे। वारदात से पहले ये बहादुर गढ़ और पानीपत के होटलों में ठहरे।
पिस्तौल, बाइक-
वारदात से पहले अनुरोध त्यागी के निर्देश पर आशीष और कुणाल त्यागी ने 3 पिस्तौल और बाइक दिनेश आदि को सोनीपत में दी थी। गोली चलाने के बाद पिस्तौल सोनीपत में ही वापस कर दी गई। 
डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि  सीसीटीवी फुटेज खंगालने से पता चला कि गोली चलाने के बाद ये नरेला से सोनीपत, बागपत और लोनी होते हुए गोकुल पुर गए थे।
सिपाही मोहित, साहिल और सुमित ने 60-70 किलोमीटर के रास्ते पर लगे लगभग 500 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल कर गोली चलाने वाले बदमाशों का पता लगाया। 
वारदात से पहले जोरा ने प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर का फोटो दिनेश आदि को दिया। दिनेश आदि ने वहां पहुंच कर दफ़्तर का फोटो खींच कर जोरा को भेज दिया। जोरा ने उन्हें पांच मिनट इंतजार करने के लिए कहा। इसके बाद जोरा ने प्रापर्टी डीलर के साथी को फिरौती के लिए फोन किया। जोरा ने इसके बाद दिनेश आदि को गोली चलाने का निर्देश दिया। 
नरेला पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल बाइक और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं। 



Saturday, 27 September 2025

कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में धोखेबाज़ बिल्डरों के ठिकानों पर छापे: CBI



कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में धोखेबाज़ बिल्डरों के ठिकानों पर छापे



इंद्र वशिष्ठ, 
कोलकाता,बेंगलुरु और मुंबई में हज़ारों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी करने वाले बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के बीच गठजोड़ की जांच के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 6 मामले दर्ज किए हैं। 
सीबीआई ने कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में 12 स्थानों पर तलाशी ली है। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं।

सीबीआई ने मेसर्स इथाका एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु, मेसर्स एलजीसीएल अर्बन होम्स (इंडिया) एलएलपी बेंगलुरु, मेसर्स ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु , मेसर्स शाश्वती रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड मुंबई (बेंगलुरु में परियोजना), मेसर्स एमकेएचएस हाउसिंग एलएलपी कोलकाता और मेसर्स एसीएमई रियलिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। 

उल्लेखनीय है कि भारत भर में बिल्डरों/डेवलपर्स द्वारा ठगे जा रहे और वित्तीय संस्थानों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही दबावपूर्ण कार्रवाई से व्यथित हजारों घर खरीदारों ने राहत की मांग करते हुए विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करके सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच अपवित्र गठजोड़ को देखते हुए, जिसमें वे घर खरीदारों को धोखा दे रहे हैं, होम लोन 'सबवेंशन स्कीम' शुरू करके, अप्रैल 2025 में, सीबीआई को 7 प्रारंभिक जाँच दर्ज करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने 7 प्रारंभिक जाँच दर्ज की और एनसीआर के बिल्डरों से संबंधित 6 प्रारंभिक जाँच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने एनसीआर के विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ 22 मामले दर्ज किए थे, जिनकी जाँच चल रही है। अब, एनसीआर के बाहर विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ सातवीं प्रारंभिक जाँच पूरी होने पर, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। 
सीबीआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अवलोकन के बाद,सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई के विभिन्न बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 6 नियमित मामले दर्ज करने का निर्देश दिया। 




पीईएसओ का रिश्वतखोर संयुक्त मुख्य नियंत्रक गिरफ्तार , 26 लाख बरामद

पीईएसओ का रिश्वतखोर संयुक्त मुख्य नियंत्रक गिरफ्तार , 26 लाख बरामद


इंद्र वशिष्ठ, 
सीबीआई ने रिश्वतखोरी के एक मामले में पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ), नवी मुंबई के संयुक्त मुख्य नियंत्रक (विस्फोटक) राजेन्द्र रावत और राहुल बचाते (निजी व्यक्ति) को गिरफ्तार किया है। राजेन्द्र रावत के घर और कार्यालय से कुल मिलाकर 26 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

सीबीआई ने संयुक्त मुख्य नियंत्रक (विस्फोटक) राजेन्द्र रावत द्वारा निजी सलाहकारों और एजेंटों के साथ मिलकर कथित तौर पर बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्ट आचरण के बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर मामला दर्ज किया।

इसके बाद सूचनाओं के आधार पर, एक जाल बिछाया गया। इस कार्रवाई के दौरान राहुल बचाते (निजी व्यक्ति) को आरोपी अफसर राजेन्द्र रावत के घर पर एक पैकेट पहुंचाते हुए पकड़ा गया। पूछताछ करने पर राहुल (निजी व्यक्ति) ने राजेन्द्र रावत की पत्नी को 9 लाख रुपये की रिश्वत देने की बात कबूल की। सीबीआई ने राजेन्द्र रावत के घर से ​​उक्त राशि के साथ-साथ 7.5 लाख रुपये की अतिरिक्त बेहिसाबी नकदी भी जब्त की। 
इसके अलावा, आरोपी अधिकारी राजेन्द्र रावत के कार्यालय की तलाशी के दौरान, एक अन्य एजेंट ने रिश्वत के रूप में 8 लाख रुपये लाने की बात स्वीकार की। यह नकदी उसके वाहन से बरामद की गई। 
इसी दौरान कार्यालय में मौजूद एक आर्किटेक्ट ने एक अन्य सरकारी अफसर के लिए 1.5 लाख रुपये की रिश्वत लाने की बात स्वीकार की। यह राशि भी जब्त कर ली गई।





Friday, 26 September 2025

कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी की संपत्तियां कुर्क : NIA


कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी की संपत्तियां कुर्क 


इंद्र वशिष्ठ, 
एनआईए ने शुक्रवार को हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के एक आतंकवादी की अचल संपत्तियां कुर्क की। यह आतंकवादी कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंधित संगठन के सक्रिय आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करता था।
एनआईए की विशेष अदालत, जम्मू के आदेश पर, एजेंसी ने तारिक अहमद मीर की अचल संपत्तियां कुर्क की है। तारिक अहमद मीर को अप्रैल 2025 में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। 
एनआईए ने शोपियां जिले के मालदेरा गांव में 780 वर्ग फुट भूमि पर बना एक मंजिला मकान और 8 मरला भूमि का टुकड़ा/बाग कुर्क किया है। 
हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी सैयद नवीद मुश्ताक के सहयोगी तारिक के खिलाफ  एनआईए की विशेष अदालत में आईपीसी, शस्त्र अधिनियम और यूए(पी)अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। 
भारत की शांति, स्थिरता और सद्भाव को बाधित करने के उद्देश्य से कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ एनआईए द्वारा संपत्तियां कुर्क करने की कार्रवाई चल रही है। 






पिटाई का बदला लेने के लिए हत्या करने वाले 2 बदमाश गिरफ्तार, पिस्तौल, कारतूस बरामद : स्पेशल सेल

एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा


पिटाई का बदला लेने के लिए हत्या करने वाले 2 बदमाश गिरफ्तार


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और सीआईए गुरुग्राम की संयुक्त टीम ने दोहरे हत्याकांड के चश्मदीद गवाह की हत्या करने वाले दो बदमाशों को गुरुग्राम में कथित एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया है। 
बदमाशों के पैरों में गोली-
पुलिस के अनुसार बदमाशों की एक गोली हवलदार नरपत की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी, जबकि दूसरी सब-इंस्पेक्टर विकास के हाथ में लगी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाशों के पैरों में गोली लगी। 
संयुक्त टीम-
स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह  कुशवाहा ने बताया कि डीसीपी कृष्ण कुमार, एसीपी राहुल कुमार सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर अनुज नौटियाल और इंस्पेक्टर चंदन की टीम ने और एसआई अरुण सीआईए, गुरुग्राम की संयुक्त टीम ने गोगी गिरोह के मोहित जाखड़ (गोयला खुर्द, छावला) और जतिन राजपूत (विपिन गार्डन, द्वारका मोड़) को गिरफ्तार किया है। 
इनसे दो पिस्तौल, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है। 
पिटाई का बदला-
स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि 4 जुलाई 2025 को संजू दहिया के निर्देश पर मोहित जाखड़, जतिन राजपूत और नीरज गुर्जर ने नजफगढ़ इलाके में नीरज तेहलान की हत्या की थी। नीरज पिछले साल नजफगढ़ के सैलून में हुई अपने दो साथियों की हत्या के मामले में शिकायतकर्ता और चश्मदीद गवाह था। जतिन और मोहित से पूछताछ में पता चला कि नीरज तेहलान ने जतिन और नीरज गुर्जर की पिटाई की थी, जिसका वे बदला लेना चाहते थे। 
दोस्त बने जानी दुश्मन-
संजीव उर्फ संजू और नीरज की दुश्मनी की शुरुआत छावला पुलिस द्वारा 2021 में फायनांसर नरेश की हत्या के मामले में नीरज तेहलान और आशीष सिंधु की गिरफ्तारी से हुई थी। नीरज तेहलान को शक था कि संजू दहिया की मुखबरी के कारण वह पकड़े गए। साल 2023 में जेल से रिहा होने के बाद भी नीरज तेहलान संजू दहिया को धमकियां देता रहा। इससे कभी करीबी दोस्त रहे, इन दोनों के बीच गहरी दुश्मनी पैदा हो गई।
सनसनीखेज हत्याकांड-
नीरज तेहलान को खत्म करने के लिए संजू दहिया ने गोगी गैंग के हर्ष उर्फ ​​चिंटू के साथ मिलकर नीरज तेहलान की हत्या की योजना बनाई। 09 फरवरी 24 को नजफगढ़ में एक सैलून में नीरज तेहलान, सोनू तेहलान और आशीष सिंधु के साथ मौजूद था। संजू और हर्ष ने वहां गोलीबारी की, जिसमें सोनू तेहलान और आशीष सिंधु मारे गए, लेकिन नीरज तेहलान सैलून के केबिन में छिपकर बच गया।
विदेश भाग गए-
 इस हत्याकांड के बाद हर्ष और संजू विदेश भाग गए। जाली दस्तावेजों पर यात्रा करने के कारण हर्ष दुबई में पकड़ा गया और उसे वापस भारत भेज दिया गया। हर्ष जेल में है। संजू दहिया विदेश में बताया जाता है।

Wednesday, 24 September 2025

देसी तमंचों/कट्टों के लिए देसी गोलियां बनाने वाला गिरफ्तार, 5 मिनट में गोली बनाने में माहिर, दिल्ली पुलिस ने पहली बार पकड़ी देसी कारतूस बनाने की फैक्ट्री, 210 कारतूस बरामद


देसी तमंचों / कट्टों के लिए देसी गोलियां बनाने वाला गिरफ्तार
210 कारतूस बरामद
5 मिनट में गोली बनाने में माहिर



इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में 315 बोर के अवैध कारतूस/गोलियां बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध यानी देसी कारतूस बनाने की फैक्ट्री शायद पहली बार पकड़ी गई है। 
210 कारतूस बरामद-
पुलिस ने 7 देसी पिस्तौल/तमंचे/कट्टे, .315 बोर के 210 देसी कारतूस, 607 कारतूस के खोखे/खोल, पीतल की 20 छड़ें , बुलेट लीड्स, गन पाउडर, लेथ मशीन,औजार आदि सामान बरामद किया हैं। 
3 गिरफ्तार-
इस मामले में अवैध कारतूस बनाने में माहिर इलियास (65) निवासी मुरादाबाद शहर, अवैध तमंचे/ कारतूस बेचने वाले फाजिल (50) निवासी मुरादाबाद और जमीर(57) निवासी रामपुर को गिरफ्तार किया गया। 

स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने बताया कि एक सूचना के आधार पर एसीपी कैलाश बिष्ट की देखरेख में इंस्पेक्टर सुनील तेवतिया की टीम ने  22 सितंबर को फाजिल को गाजीपुर, दिल्ली से पकड़ा। उसके पास से 4 देसी तमंचे और 166 कारतूस बरामद हुए। फाजिल से पूछताछ के आधार पर रामपुर यूपी से जमीर को 20 कारतूस के साथ पकड़ा गया। 
फैक्ट्री पर छापा-
जमीर से पूछताछ पर मुरादाबाद शहर निवासी इलियास को गिरफ्तार किया गया।
इलियास से 3 देसी पिस्तौल/ तमंचे बरामद हुए। स्पेशल सेल ने मुरादाबाद पुलिस की मदद से इलियास की फैक्ट्री पर छापा मारा। वहां से 315 बोर के देसी कारतूस, कारतूस बनाने का सामान, मशीन आदि मिली। 
5 मिनट में गोली तैयार
डीसीपी अमित कौशिक ने बताया कि इलियास 20-25 साल से अवैध कारतूस बनाने का धंधा कर रहा है। वह अवैध कारतूस 5 मिनट में बना लेता है। पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, एनसीआर में वह अब तक हजारों अवैध कारतूस बना कर बेच चुका हैं। 
मुरादाबाद के मुगलपुरा थाना की पुलिस उसे चार बार (आर्म्स एक्ट के दो, हत्या की कोशिश और गैंगस्टर एक्ट के मामलों में) गिरफ्तार भी कर चुकी है। लेकिन जेल से बाहर आते ही वह फिर से अवैध कारतूस बनाने का धंधा शुरू कर देता है।
मोटा मुनाफा-
इलियास से कारतूस/तमंचे जमीर खरीद कर फाजिल को बेचता था फाजिल दिल्ली एनसीआर में बेचता था। इलियास को एक कारतूस बनाने की लागत करीब 40-45 रुपये आती थी जिसे वह 80-100 रुपये में जमीर आदि को बेचता था। 





Tuesday, 23 September 2025

IFSO / स्पेशल सेल का सब- इंस्पेक्टर 2 लाख लेते गिरफ्तार , विजिलेंस टीम ने फिल्मी स्टाइल में पीछा करके पकड़ा, कमिश्नर सतीश गोलछा की कथनी और करनी में अंतर



विजिलेंस टीम ने फिल्मी स्टाइल में पीछा करके पकड़ा

एसआई ने टक्कर मार कर भागने की कोशिश की


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पकड़वाने के लिए लोग अब हिम्मत करने लगे हैं। पुलिस ने भी लोगों से रिश्वत मांगने वाले पुलिसकर्मियों की सूचना देने के लिए आगे आने की अपील की है। 
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने स्पेशल सेल की आईएफएसओ/साइबर क्राइम यूनिट के सब- इंस्पेक्टर कर्मवीर सिंह को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
विजिलेंस टीम ने फिल्मी स्टाइल में आज दोपहर द्वारका इलाके की सड़कों पर दो किलोमीटर तक पीछा करके कार में भाग रहे सब- इंस्पेक्टर कर्मवीर को घेर कर पकड़ा। 
5 लाख मांगे-
सब- इंस्पेक्टर कर्मवीर सिंह ने साइबर क्राइम के मामले के आरोपी और इस मामले में शिकायतकर्ता विष्णु विश्नोई से उसके बैंक अकाउंट डी-फ्रीज कराने के लिए 5 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।
आज एसआई करमवीर सिंह ने शिकायतकर्ता को 2 लाख रुपये की पहली किस्त लेने के लिए सेक्टर 14, द्वारका मेट्रो स्टेशन पर बुलाया।
टक्कर मार कर भागने की कोशिश-
एसआई करमवीर सिंह अपनी निजी कार से मेट्रो स्टेशन आया। शिकायतकर्ता को कार में बिठा लिया। सब- इंस्पेक्टर कर्मवीर को जैसे ही रेड की भनक लगी, उसने अपनी कार भगा ली। विजिलेंस टीम ने लगभग दो किलोमीटर तक पीछा करके आखिरकार उसे घेर लिया। 
घिर जाने पर सब- इंस्पेक्टर कर्मवीर ने अपनी कार रिवर्स करके विजिलेंस टीम की गाड़ी को टक्कर मार कर भागने की कोशिश की। विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया। 
एसआई करमवीर की कार के डैशबोर्ड से 2 लाख रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई। 

वजीराबाद थाने का एसआई गिरफ्तार, 
एसएचओ लाइन हाज़िर

लुटेरों की मदद के लिए रिश्वत-
विजिलेंस यूनिट ने 21 सितंबर को उत्तरी जिले के वजीराबाद थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर ललित को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
सब-इंस्पेक्टर ललित ने 2 लुटेरों की जमानत कराने में मदद करने और अदालत में कमज़ोर चार्जशीट दाखिल करने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी। सब- इंस्पेक्टर ललित को एक लुटेरे की पत्नी से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। 
पैसे फेंक दिए-
रिश्वत लेते ही एसआई को रेड की भनक लग गई। वह तुरंत बाथरूम में गया और रिश्वत की रकम थाने में तीसरी मंजिल के अपने कमरे से नीचे फेंक दी। नीचे कबाड़ पड़ा हुआ है इसलिए रकम बरामद नहीं हुई। 
पुलिसवाला उठा ले गया-
दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि रिश्वतखोर एसआई ललित को बचाने के लिए कोई दूसरा एसआई रकम उठा कर ले गया। रकम बरामद करने के लिए एसआई ललित को रिमांड पर लिया गया है। 
सब-इंस्पेक्टर ललित को सस्पेंड कर दिया गया। 
एसएचओ लाइन हाज़िर-
वजीराबाद थाने के एसएचओ मनोज वर्मा को लाइन हाज़िर कर दिया गया।
स्नैचिंग की अनेक वारदात में शामिल हरजीत सिंह सचदेवा और  वसीम शेख को सब- इंस्पेक्टर ललित ने गिरफ्तार किया था। दोनों जेल में हैं। 
हरजीत सिंह की पत्नी ने विजिलेंस यूनिट को बताया कि सब- इंस्पेक्टर ललित ने जमानत कराने में मदद करने और अदालत में कमज़ोर चार्जशीट दाखिल करने के लिए उससे 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी है। बातचीत के बाद वह 15 हजार रुपये लेने को तैयार हो गया। 

कमिश्नर की कथनी और करनी में अंतर-
सतीश गोलछा को कमिश्नर का पद संभाले हुए एक महीना ही हुआ है, रिश्वतखोरों की गिरफ्तारी का यह पांचवां मामला सामने आया है।
पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। इससे वरिष्ठ पुलिस अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। 
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा द्वारा एसएचओ के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में भेदभाव किया जा रहा है।
महरौली एसएचओ पर कृपा
विजिलेंस ने 18 सितंबर को महरौली थाने के एएसआई पप्पू राम मीणा और बिचौलिए को 5 हजार रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। लेकिन कमिश्नर सतीश गोलछा ने महरौली थाने के एसएचओ संजय सिंह को लाइन हाज़िर नहीं किया। 
जबकि इसके पहले ऐसे ही मामलों में हौज़ काजी थाने के एसएचओ मनोज और अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर किया जा चुका है। 
डीसीपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई, बड़बोलापन-
कमिश्नर सतीश गोलछा ने पद संभालने के बाद 23 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कहा था कि अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, तो उसके लिए जिला डीसीपी और एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। डीसीपी के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की बात करना तो कमिश्नर का बड़बोलापन दिखलाता है। डीसीपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की तो खैर उनमें हिम्मत नहीं होगी। 
रिश्वतखोरों की गिरफ्तारी के हरेक मामले में कम से कम हरेक एसएचओ को ही हटा कर अपनी बात की कुछ तो लाज रख लें। 
एसएचओ लाइन हाज़िर-
विजिलेंस ने 9 सितंबर को थाना हौज काजी में एएसआई राकेश कुमार को 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। एएसआई ने रिश्वत की रकम भीड़ में उछाल दी थी। 
 हौज़ काजी थाने के एसएचओ मनोज को लाइन हाज़िर कर दिया गया।
एसएचओ लाइन हाज़िर-
सीबीआई ने 25 अगस्त को उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह की नाक के नीचे एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए चिट्ठा मुंशी हवलदार राजकुमार मीणा को गिरफ्तार किया। इस मामले में भी अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर किया गया। 
आईपीएस जिम्मेदार-
वैसे आज के इन हालात के लिए वे आईपीएस अफसर जिम्मेदार है जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ/ फायदों/सेवा के लिए बरसों से भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पाला पोसा या फलने फूलने का मौका दिया। ऐसे आईपीएस अफसरों ने अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया होता, तो भ्रष्टाचार आज नासूर नहीं बन पाता। 






Monday, 22 September 2025

वजीराबाद थाने का SHO लाइन हाज़िर, लुटेरों की मदद करने वाला रिश्वतखोर SI गिरफ्तार, कमिश्नर सतीश गोलछा का महरौली SHO पर करम, 3 SHO पर सितम

             कमिश्नर सतीश गोलछा 



कमिश्न का महरौली एसएचओ पर करम , 3 एसएचओ पर सितम




इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। 
सतीश गोलछा को कमिश्नर का पद संभाले हुए  एक महीना हुआ है रिश्वतखोरी का  चौथा मामला सामने आया है।
पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। इससे वरिष्ठ पुलिस अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। 
लुटेरों की मदद के लिए रिश्वत-
विजिलेंस यूनिट ने उत्तरी जिले के वजीराबाद थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर ललित को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
सब-इंस्पेक्टर ललित ने 2 लुटेरों की जमानत कराने में मदद करने और अदालत में कमज़ोर चार्जशीट दाखिल करने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी। सब- इंस्पेक्टर ललित को एक लुटेरे की पत्नी से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। 
पैसे फेंक दिए-
रिश्वत लेते ही एसआई को रेड की भनक लग गई। वह तुरंत बाथरूम में गया और रिश्वत की रकम थाने में तीसरी मंजिल के अपने कमरे से नीचे फेंक दी। नीचे कबाड़ पड़ा हुआ है इसलिए रकम बरामद नहीं हुई। 
पुलिसवाला उठा ले गया-
दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि रिश्वतखोर एसआई ललित को बचाने के लिए कोई दूसरा एसआई रकम उठा कर ले गया। रकम बरामद करने के लिए एसआई ललित को रिमांड पर लिया गया है। 
सब-इंस्पेक्टर ललित को सस्पेंड कर दिया गया। 
एसएचओ लाइन हाज़िर-
वजीराबाद थाने के एसएचओ मनोज वर्मा को लाइन हाज़िर कर दिया गया।
स्नैचिंग की अनेक वारदात में शामिल हरजीत सिंह सचदेवा और  वसीम शेख को सब- इंस्पेक्टर ललित ने गिरफ्तार किया था। दोनों जेल में हैं। 
हरजीत सिंह की पत्नी ने विजिलेंस यूनिट को बताया कि सब- इंस्पेक्टर ललित ने जमानत कराने में मदद करने और अदालत में कमज़ोर चार्जशीट दाखिल करने के लिए उससे 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी है। बातचीत के बाद वह 15 हजार रुपये लेने को तैयार हो गया। 
कमिश्नर की कथनी और करनी में अंतर-
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा द्वारा एसएचओ के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में भेदभाव किया जा रहा है।
महरौली एसएचओ पर कृपा
विजिलेंस ने 18 सितंबर को महरौली थाने के एएसआई पप्पू राम मीणा और बिचौलिए को 5 हजार रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। लेकिन कमिश्नर सतीश गोलछा ने महरौली थाने के एसएचओ संजय सिंह को लाइन हाज़िर नहीं किया। 
जबकि इसके पहले ऐसे ही मामलों में हौज़ काजी थाने के एसएचओ मनोज और अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर किया जा चुका है। 
डीसीपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई, बड़बोलापन-
कमिश्नर सतीश गोलछा ने पद संभालने के बाद 23 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कहा था कि अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, तो उसके लिए जिला डीसीपी और एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। डीसीपी के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की बात करना तो कमिश्नर का बड़बोलापन दिखलाता है। डीसीपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की तो खैर उनमें हिम्मत नहीं होगी। 
रिश्वतखोरों की गिरफ्तारी के हरेक मामले में कम से कम हरेक एसएचओ को ही हटा कर अपनी बात की कुछ तो लाज रख लें। 
एसएचओ लाइन हाज़िर-
विजिलेंस ने 9 सितंबर को थाना हौज काजी में एएसआई राकेश कुमार को 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। एएसआई ने रिश्वत की रकम भीड़ में उछाल दी थी। 
 हौज़ काजी थाने के एसएचओ मनोज को लाइन हाज़िर कर दिया गया।
एसएचओ लाइन हाज़िर-
सीबीआई ने 25 अगस्त को उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह की नाक के नीचे एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए चिट्ठा मुंशी हवलदार राजकुमार मीणा को गिरफ्तार किया। इस मामले में भी अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर किया गया। 
आईपीएस जिम्मेदार-
वैसे आज के इन हालात के लिए वे आईपीएस अफसर जिम्मेदार है जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ/ फायदों/सेवा के लिए बरसों से भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पाला पोसा या फलने फूलने का मौका दिया। ऐसे आईपीएस अफसरों ने अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया होता, तो भ्रष्टाचार आज नासूर नहीं बन पाता। 



Saturday, 20 September 2025

बुध विहार में एनकाउंटर, 2 बदमाशों को गोली लगी, 3 पिस्तौल बरामद

            


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के बुध विहार थाने की पुलिस ने कथित एनकाउंटर के बाद तीन बदमाशों को गिरफ्तार है। दो बदमाशों लालू और इरफ़ान के पैरों में गोली लगी है। 
इनके पास से तीन पिस्तौल/तमंचे और एक कार बरामद हुई हैं।
आपराधिक चिट्ठा-गोगी गैंग से जुड़े लालू उर्फ अशरु (निवासी मांगे राम पार्क) के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास, लूट समेत 5 मामले दर्ज है.लालू हत्या समेत 14 आपराधिक मामलों में शामिल जेल में बंद अपने भाई नसीरुद्दीन के नाम से नसरु गैंग चलाता है। मांगे राम पार्क का ही इरफान हत्या की कोशिश के दो मामलों में शामिल है। ठगी के एक मामले में शामिल नितेश बलदेव नगर, मथुरा का निवासी है। 
मुकाबला-
रोहिणी जिले के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि शुक्रवार रात बुध विहार में पुलिस का बदमाशों के साथ मुकाबला हुआ। जिसमें तीन बदमाश पकड़े गए और उनके दो साथी भाग गए। पुलिस टीम ने रात लगभग 2:40 बजे एक संदिग्ध सफेद स्विफ्ट कार को रुकने का इशारा किया। पुलिस को देख कर बदमाशों ने भागने की कोशिश में पुलिस गश्ती गाड़ी/बलेरो को टक्कर मार दी। 
इसके बाद, वे कार से उतर गए और पुलिस पर गोलियां चलाते हुए भागने की कोशिश की, पुलिस की जवाबी फायरिंग में लालू और इरफ़ान के पैरों में गोली लगी। नितेश को काबू कर लिया गया।
दो बदमाश बुध विहार गंदा नाला के पास दीवार फांद कर भाग गए। उनकी तलाश की जा रही है।
गोलीबारी करने का इरादा-
डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि बुध विहार थाना पुलिस, गौ रक्षक दल से जुड़े एक व्यक्ति के आवास पर संभावित गोलीबारी की सूचना के आधार पर गश्त पर थी। उक्त व्यक्ति ने लालू और उसके साथियों द्वारा तीन लोगों की पिटाई की घटना के संबंध में एक सभा बुलाने का आह्वान किया था। 
पुलिस को सूचना मिली थी कि लालू अपने साथियों के साथ उसी व्यक्ति के कार्यालय/आवास पर गोलीबारी करने आएगा। 
दहशत के लिए इंस्टाग्राम-
लालू ने गोगी गैंग से अपना जुड़ाव दिखाने और दहशत फैलाने के लिए 7 सितंबर को तीन लोगों की पिटाई करने का वीडियो इंस्टाग्राम पर भी वायरल किया था।
लोगों को डराने, दहशत फैलाने के लिए लालू लोगों के साथ मारपीट के वीडियो वायरल करता रहता है। 

Friday, 19 September 2025

छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाले में 5 गिरफ्तार : CBI


छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाले में 5 गिरफ्तार 




इंद्र वशिष्ठ, 

सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 
परीक्षा में उम्मीदवारों के चयन में बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। 
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव पूर्व आईएएस जीवन किशोर ध्रुव, सीजीपीएससी की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, डिप्टी कलेक्टर सुमित ध्रुव (तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव का पुत्र), डिप्टी कलेक्टर मिशा कोसले (तत्कालीन अध्यक्ष सीजीपीएससी टॉमन सिंह सोनवानी के भाई की बहू) और जिला आबकारी अधिकारी दीपा आदिल (तत्कालीन अध्यक्ष सीजीपीएससी के भाई की बहू) को 18 सितंबर को गिरफ्तार किया।
बेटे, बेटी, रिश्तेदारों का चयन-
सीबीआई ने 09.07.2024 को  मामला दर्ज किया था। आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष, सीजीपीएससी, तत्कालीन सचिव, सीजीपीएससी और लोक सेवा आयोग छत्तीसगढ़ के अन्य व्यक्तियों ने सीजीपीएससी में विभिन्न पदों पर रहते हुए वर्ष 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित किए जिसमें अपने बेटे, बेटी और रिश्तेदारों का चयन किया।
7 गिरफ्तार-
उक्त मामले में, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टॉमन सिंह सोनवानी, उसके भतीजे नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी, सीजीपीएससी के तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा ललित गणवीर, बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उसके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। श्रवण कुमार गोयल पर अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका का डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन के लिए रिश्वत देने का आरोप है।

वर्ष 2021 के लिए सीजीपीएससी में विभिन्न पदों के लिए कुल 1,29,206 उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 2548 उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। कुल 509 ने मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की और साक्षात्कार के लिए चयनित हुए। सीजीपीएससी, 2021 में विभिन्न पदों के लिए कुल 170 उम्मीदवारों का चयन किया गया था।
सीजीपीएससी परीक्षा में चयनित अन्य संदिग्ध उम्मीदवारों की भूमिका की जांच के लिए आगे की जांच जारी है।



महरौली थाने का एएसआई गिरफ्तार, कमिश्नर सतीश गोलछा का बड़बोलापन, कथनी और करनी में अंतर , दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर, कमिश्नर ठेंगे पे

  कमिश्नर सतीश गोलछा का बड़बोलापन, 
    कथनी और करनी में अंतर


महरौली थाने का एएसआई गिरफ्तार, 





इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के लगातार पकड़े जाने के बावजूद निरंकुश बेखौफ पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली जारी है। 
सतीश गोलछा को कमिश्नर का पद संभाले हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहें हैं।  पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। इससे वरिष्ठ पुलिस अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। 

डीसीपी, एसएचओ जिम्मेदार-
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा ने पद संभालने के बाद 23 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कहा था कि अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, तो उसके लिए जिला डीसीपी और एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। लेकिन कमिश्नर की इस बात का भी निरंकुश, बेखौफ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कोई असर नहीं हो रहा।
बड़बोले कमिश्नर-
कमिश्नर सतीश गोलछा की कथनी और करनी में अंतर साफ़ नज़र आ रहा है। डीसीपी के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की बात करना कमिश्नर का बड़बोलापन दिखलाता है। 
डीसीपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की तो खैर उनमें हिम्मत नहीं होगी। 
रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के हरेक मामले में कम से कम हरेक एसएचओ को ही हटा कर अपनी बात की कुछ तो लाज रख लें। कमिश्नर द्वारा डीसीपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की बात कहना हास्यास्पद है। 
आईपीएस जिम्मेदार-
वैसे आज के इन हालात के लिए वे आईपीएस अफसर जिम्मेदार है जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ/ फायदों/सेवा के लिए बरसों से भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पाला पोसा या फलने फूलने का मौका दिया। ऐसे आईपीएस अफसरों ने अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया होता, तो भ्रष्टाचार आज नासूर नहीं बन पाता। 

महरौली थाने का एएसआई गिरफ्तार-

दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 18 सितंबर को महरौली थाने में तैनात एएसआई पप्पू राम मीणा और उसके दलाल/बिचौलिए को 5 हजार रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। 
घर से मोटर साइकिल उठा ले गया-
शिकायतकर्ता हितेश निवासी नेब सराय का आरोप है कि 10 सितंबर को एक प्रापर्टी डीलर से उसका मामूली विवाद हो गया था। 
झगड़े की पीसीआर कॉल पर एएसआई पप्पू राम मीणा मौके पर गया और उसने जांच बंद/ कॉल फाइल कर दी। 
लेकिन इसके बाद एएसआई पप्पू राम मीणा हितेश के घर गया और ताला तोड़ कर मोटर साइकिल थाने ले गया। 
बाइक छोड़ने के लिए एएसआई पप्पू राम मीणा ने दस हज़ार रुपये रिश्वत मांगी। 
वीरवार शाम को थाने में शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते ही के बिचौलिए मोहम्मद शाकिर और एएसआई पप्पू राम मीणा को विजिलेंस यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया। बिचौलिया सैलून में काम करता है। 

हौज़ काजी  थाने के एएसआई ने रिश्वत के नोट हवा में उछाल दिए
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 9 सितंबर को थाना हौज काजी में तैनात एएसआई राकेश कुमार को शिकायतकर्ता से 15,000 रुपये  रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एएसआई राकेश कुमार ने बचने के लिए रिश्वत की रकम हवा में उछाल दी थी। 
डिवीजन अफसर एएसआई राकेश ने बाजार सीता राम, हौज काजी निवासी शिकायतकर्ता को झूठे मामले में न फंसाने के लिए रिश्वत मांगी। रिश्वत लेने के बाद एएसआई राकेश कुमार शिकायतकर्ता के साथ थाने से बाहर आ गया। शिकायतकर्ता का इशारा मिलने पर विजिलेंस टीम एएसआई राकेश को गिरफ्तार करने के लिए लिए आगे बढ़ी, एएसआई राकेश ने भनक लगते ही रिश्वत की रकम लोगों के बीच में हवा में उछाल दी। भीड़ भाड़ में वहां से गुजरने वाले कुछ लोग 5 हजार रुपये उठा कर ले गए। विजिलेंस की टीम सिर्फ 10 हजार रुपये ही मौके से बरामद कर पाई। 

दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर, 

डीसीपी की नाक के नीचे रिश्वतखोरी-
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह की नाक के नीचे ही 25 अगस्त को वसूली करके बेखौफ पुलिसकर्मियों ने साबित कर दिया कि कमिश्नर और डीसीपी उनके ठेंगे पर हैं। 
कमिश्नर सतीश गोलछा ने अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर कर दिया। 
इस मामले में सस्पेंड किया गया सब-इंस्पेक्टर विशाल मीणा अब तक फरार है। सीबीआई को उसकी तलाश है। 
चिट्ठा मुंशी गिरफ्तार-
सीबीआई ने 25 अगस्त को उत्तर पश्चिम जिले के अशोक विहार थाने में तैनात चिट्ठा मुंशी हवलदार राजकुमार मीणा को एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। एसएचओ अपने खास पुलिसकर्मी को ही चिट्ठा मुंशी लगाते हैं। हवलदार राजकुमार मीणा ने सब- इंस्पेक्टर विशाल मीणा की ओर से रिश्वत ली थी। उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी का दफ़्तर और अशोक विहार थाना एक ही इमारत में है।

एएसआई और सिपाही गिरफ्तार-
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 17 अगस्त, रविवार को वजीरपुर फायर स्टेशन के पास टायर पंचर की दुकान चलाने वाले व्यक्ति दो हजार की रिश्वत लेते हुए पीसीआर वैन में तैनात इंचार्ज एएसआई वी ठाकुर और सिपाही राकेश को गिरफ्तार किया।
पुलिसकर्मी शिकायतकर्ता से एक हजार रुपये मंथली मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने रुपये देने की बजाए विजिलें में शिकायत कर दी। 
केस दर्ज करने की धमकी-
विजिलेंस यूनिट ने 8 अगस्त को द्वारका जिले के बिंदापुर थाने में तैनात हवलदार विजय सिंह को 15 हज़ार रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
शिकायतकर्ता से उसके कर्मचारी की वैरीफिकेशन न कराने पर केस दर्ज करने की धमकी दे कर रिश्वत मांगी। 
हवलदार विजय ने शिकायतकर्ता के ऑफिस में काम करने वाले स्टाफ की वेरीफिकेशन के नाम पर 25 हजार रुपये की मांग की। बाद में वह 15 हजार रुपये लेने पर तैयार हो गया।  
आरोपी ने 15 हजार ले भी लिए। इसके बाद 15 हजार रुपये मंथली की मांग कर दी। 
हवलदार अब दो महीनों के 30 हजार रुपये और मांगने लगा। परेशान होकर शिकायतकर्ता ने विजिलेंस यूनिट शिकायत कर दी। 
 
सुभाष प्लेस थाने का एसएचओ महेश कसाना लाइन हाज़िर,
शकूर पुर में खुलेआम शराब और सट्टा
पुलिस की मिलीभगत/सांठगांठ के बिना शराब/ड्रग्स/सट्टे का धंधा हो ही नहीं सकता। इस बात की पुष्टि इस मामले से भी होती है। 
उत्तर पश्चिम जिले के सुभाष प्लेस थाने के एसएचओ महेश कसाना को लाइन हाज़िर किया गया है। शकूर पुर इलाके में खुलेआम अवैध शराब बिकने और सट्टा चलने के कारण एसएचओ महेश कसाना को थाने से हटा कर जिला पुलिस लाइन में भेज दिया गया।
एसएचओ महेश कसाना को इसके पहले अप्रैल में सिर्फ फटकार लगा कर बख्श दिया गया था। जिला पुलिस के वरिष्ठ अफसर के अनुसार इस साल अप्रैल में दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने शकूर पुर इलाके में खुलेआम शराब बिकने और सट्टा चलते हुए पाया था। 
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने विजिलेंस की रिपोर्ट मिलने के बाद शकूर पुर इलाके में अवैध शराब बेचने और सट्टा चलाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी। 
फटकार लगा कर बख्श दिया-
एसएचओ महेश कसाना को तब सैंश्योर दिया गया था। सैंश्योर का मतलब आधिकारिक तौर पर किसी को गलत कार्य करने पर डांटना/फटकारना या निंदा/ आलोचना करना भी कहा जाता है। तत्कालीन एसीपी शैलेंद्र चौहान से भी स्पष्टीकरण/ जवाब तलब (एक्सप्लेनेशन) किया गया था। बीट में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को बीट से हटा दिया गया था। 
धंधा चालू है- लेकिन कुछ दिन ही बाद शकूर पुर इलाके में दोबारा से शराब बिकने लगी और सट्टा भी शुरू हो गया। विजिलेंस यूनिट ने अब पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी। जिसके आधार पर वीरवार को एसएचओ महेश कसाना को लाइन हाज़िर कर दिया गया।
पहले भी बख्शा गया- सीबीआई ने 2 जनवरी 2025 को उत्तर पश्चिम जिले के सुभाष प्लेस थाने में तैनात हवलदार शिव हरि को खाने की रेहड़ी लगाने वाले सतीश यादव से दस हज़ार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। उस समय भी एसएचओ महेश कसाना के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

एक करोड़ मांगने वाला इंस्पेक्टर सुनील जैन गिरफ्तार-
इसके पहले पुलिस कमिश्नर पद का अतिरिक्त प्रभार संभालते ही होमगार्ड के तत्कालीन डीजी शशि भूषण कुमार सिंह के सामने भ्रष्टाचार का ऐसा मामला सामने आया है। जिससे पता चलता है कि पुलिस में भ्रष्टाचार कितने चरम पर है। 
उत्तर पश्चिम जिले के डीआईयू में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन को तीस लाख रुपए लेने के मामले में रोहतक, हरियाणा की एंटी करप्शन ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। 
इंस्पेक्टर सुनील जैन ने अलीपुर थाने में दर्ज दो मामलों को हल्का करने / आरोपी का नाम निकाल देने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगी थी। 
तीस लाख लेते गिरफ्तार-
इंस्पेक्टर सुनील जैन की ओर से रिश्वत के तीस लाख रुपए लेते हुए सोनीपत में संदीप को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम इंस्पेक्टर सुनील जैन को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली आई। 
उत्तर पश्चिम जिले के मौर्या एंक्लेव थाना भवन में स्थित डीआईयू के दफ़्तर में जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में हरियाणा की एंटी करप्शन ब्रांच के डीएसपी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुनील जैन से पूछताछ की गई। इसके बाद शुक्रवार रात को इंस्पेक्टर सुनील जैन को गिरफ्तार करके ले गई। संदीप इंस्पेक्टर सुनील जैन के भाई के सोनीपत जिले में स्थित 3 जी स्कूल में क्लर्क है। 
इंस्पेक्टर सस्पेंड-
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर सुनील जैन को सस्पेंड कर दिया गया है और उसके ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। 
वकील ने पकड़वाया-
इस मामले में शिकायतकर्ता वकील विपिन ( गांव बडवासनी, सोनीपत) ने रोहतक, एंटी करप्शन ब्रांच में एक अगस्त को इंस्पेक्टर सुनील जैन के ख़िलाफ़ एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज कराया। इंस्पेक्टर सुनील जैन और विपिन की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी एंटी करप्शन ब्रांच को दिए जाने का शिकायत में दावा किया गया है। 
विपिन के नरेला निवासी रिश्तेदार प्रवीण लाकड़ा के खिलाफ प्रवीण गुप्ता ने अलीपुर थाने में दो मामले दर्ज कराए है। इंस्पेक्टर सुनील जैन उन मामलों का जांच अफसर है। आरोप है कि प्रवीण लाकड़ा के मामलों को हल्का करने और नाम निकालने के लिए इंस्पेक्टर सुनील जैन ने एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगी। सौदेबाजी के बाद में वह सत्तर लाख लेने पर राजी हो गया। 
कहानी के अंदर कहानी-
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रवीण लाकड़ा और प्रवीण गुप्ता का गोदाम बनाने का धंधा है। प्रवीण गुप्ता ने प्रवीण लाकड़ा के ख़िलाफ़ दो मामले अलीपुर थाने में दर्ज कराएं। प्रवीण गुप्ता को इस साल दो गाडियों में आए बदमाशों ने इतना पीटा कि वह अभी तक ठीक नहीं हुआ है।
प्रवीण गुप्ता की शिकायत पर बाहरी उत्तरी जिले के अलीपुर थाने में मारपीट, हत्या की कोशिश, लूट आदि धाराओं में प्रवीण लाकड़ा आदि के ख़िलाफ़ दो मामले दर्ज हैं। प्रवीण लाकड़ा ने भी प्रवीण गुप्ता के ख़िलाफ़ एक मामला दर्ज कराया है। 
प्रवीण लाकड़ा की तलाश-
पुलिस मुख्यालय ने इन मामलों की जांच के लिए उत्तर पश्चिम जिले के एडिशनल डीसीपी सिकंदर के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की थी। इंस्पेक्टर सुनील जैन हत्या के प्रयास, लूट आदि धाराओं के तहत दर्ज मामले में जांच अधिकारी है।
जिले के आला अफसर ने बताया पुलिस की जांच में आया कि प्रवीण लाकड़ा ने साज़िश रच कर प्रवीण गुप्ता पर हमला कराया। इन मामलों में प्रवीण लाकड़ा की तलाश है। पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी कराया है ताकि प्रवीण लाकड़ा विदेश न जा सके। प्रवीण लाकड़ा की जमानत की अर्जी हाईकोर्ट तक से खारिज हो चुकी है। 
चार्जशीट दाखिल-
जिला पुलिस के आला अफसर ने बताया कि जिस मामले में धारा हटाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। उसमें तो पुलिस इंस्पेक्टर सुनील जैन की गिरफ्तारी से पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एक आरोपी विदेश भाग गया। प्रवीण लाकड़ा समेत दो आरोपियों की तलाश की जा रही है। 
थानेदारनी ने 50 लाख मांगे-
पश्चिम विहार ईस्ट थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट द्वारा 50 लाख रुपए रिश्वत मांगने का मामला 27 जुलाई को सामने आया। बीस लाख से ज्यादा सब- इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट ले चुकी है। 
विजिलेंस यूनिट मामले की जांच कर रही है। पता चला है कि पश्चिम विहार में रहने वाले शिकायतकर्ता डॉक्टर नीरज कुमार और उसके स्टाफ की पिटाई पीरागढ़ी के एक पुलिस बूथ में ले जाकर की गई। उनसे 50 लाख रुपए की मांग की गई थी, पीड़ित ने 20.50 लाख रुपए का इंतजाम बेंगलुरु के एक रिश्तेदार से करवाया। बाकी के 19.50 लाख बाद में देने की हामी पीड़ित से भरवाई गई।
सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय में पीड़ित के एक दूर के रिश्तेदार के हस्तक्षेप के बाद पश्चिम जिले के आला अधिकारी को मामले की जानकारी दी गई। यह भी पता चला कि जब पीड़ित जिले के एक अधिकारी के पास था, तब भी पीड़ित को फोन पर धमकाया गया। इस मामले में कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के भी शामिल होने का पता चला है।
थानेदार ने 7 लाख मांगे-
साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के कापसहेड़ा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सुरेश द्वारा चोरी के मामले में गिरफ्तार न करने की एवज में सात लाख रुपए मांगने का मामला सामने आया है। 24 जुलाई को विजिलेंस की टीम ने 50 हजार रुपए लेते हुए सब इंस्पेक्टर सुरेश को पकड़ लिया। सब- इंस्पेक्टर ने बचने के लिए कहानी बना दी कि ये रकम तो केस प्रॉपर्टी के रूप में उसने जब्त की है। विजिलेंस ने जांच की तो पता चला कि थाने में इस बारे में सब- इंस्पेक्टर सुरेश ने रिकॉर्ड में कुछ भी दर्ज (डीडी एंट्री) नहीं किया था। जिसके बाद विजिलेंस यूनिट ने सब- इंस्पेक्टर के खिलाफ के खिलाफ़ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया।
विजिलेंस के अनुसार शिकायतकर्ता किसान और टैक्सी ऑपरेटर विक्रम ने बताया था कि उसके भाई ने दो महीने पहले 30 लाख रुपये की चोरी की थी। इस अपराध के लिए उसके खिलाफ कापसहेड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विक्रम ने चोरी की रकम बरामद करने में पुलिस की मदद करने का दावा किया था। इस सिलसिले में कापसहेड़ा थाने का सब- इंस्पेक्टर सुरेश हरियाणा गया और शिकायतकर्ता विक्रम को कथित तौर पर हिरासत में ले लिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दबाव में आकर उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए 7 लाख का इंतजाम किया और सब- इंस्पेक्टर सुरेश को 50 हजार रुपए बतौर एडवांस देना तय हुआ। विक्रम ने विजिलेंस में शिकायत कर दी। 24 जुलाई को विजिलेंस टीम ने ट्रैप लगाया। 50 हजार की रकम के साथ लिया पकड़ लिया।