Tuesday, 9 September 2025

हौज़ काजी थाने के एएसआई ने रिश्वत के नोट हवा में उड़ा दिए , कमिश्नर सतीश गोलछा DCP के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएं, कमिश्नर की कथनी और करनी में अंतर क्यों

           पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा

कमिश्नर सतीश गोलछा ने कहा था DCP और SHO जिम्मेदार होंगे, 
लेकिन हटाया सिर्फ SHO को जाता है
DCP के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएं





इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के लगातार पकड़े जाने के बावजूद निरंकुश बेखौफ पुलिसकर्मी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे। पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। इससे वरिष्ठ पुलिस अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। 
कमिश्नर की कथनी और करनी में अंतर-
कमिश्नर सतीश गोलछा ने कहा था कि अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, तो उसके लिए जिला डीसीपी और एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। लेकिन हटाया सिर्फ SHO को जाता है। कमिश्नर DCP के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएं। 

दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने
थाना हौज काजी में तैनात एएसआई राकेश कुमार को शिकायतकर्ता से 15,000 रुपये  रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। 
एएसआई राकेश कुमार ने बचने के लिए रिश्वत की रकम हवा में उछाल दी थी। 

झूठे मामले में नहीं फंसाने के लिए रिश्वत-
डिवीजन अफसर एएसआई राकेश ने बाजार सीता राम, हौज काजी निवासी शिकायतकर्ता को झूठे मामले में न फंसाने के लिए रिश्वत मांगी। 
शिकायतकर्ता ने 9 सितंबर को दोपहर में थाने में एएसआई राकेश कुमार को रिश्वत के 15 हजार रुपये दिए। रिश्वत लेने के बाद एएसआई राकेश कुमार शिकायतकर्ता के साथ थाने से बाहर आ गया। 
नोट हवा में उछाल दिए-
शिकायतकर्ता का इशारा मिलने पर विजिलेंस टीम एएसआई राकेश को गिरफ्तार करने के लिए लिए आगे बढ़ी, एएसआई राकेश ने भनक लगते ही रिश्वत की रकम लोगों के बीच में हवा में उछाल दी। 
 लोग उठा ले गए नोट -
भीड़ भाड़ में वहां से गुजरने वाले कुछ लोग 5 हजार रुपये उठा कर ले गए। विजिलेंस की टीम सिर्फ 10 हजार रुपये ही मौके से बरामद कर पाई। एएसआई राकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।

कमिश्नर ठेंगे पे-

डीसीपी, एसएचओ जिम्मेदार-
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा ने पद संभालने के बाद 23 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कहा था कि अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, तो उसके लिए जिला डीसीपी और एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। लेकिन कमिश्नर की इस बात का भी निरंकुश, बेखौफ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कोई असर नहीं हो रहा।
वैसे आज के इन हालात के लिए वे आईपीएस अफसर जिम्मेदार है जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ/ फायदों/सेवा के लिए बरसों से भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पाला पोसा या फलने फूलने का मौका दिया। ऐसे आईपीएस अफसरों ने अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया होता, तो भ्रष्टाचार आज नासूर नहीं बन पाता। 
डीसीपी की नाक के नीचे रिश्वतखोरी-
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह की नाक के नीचे ही  25 अगस्त को वसूली करके बेखौफ पुलिसकर्मियों ने साबित कर दिया कि कमिश्नर और डीसीपी उनके ठेंगे पर हैं। 
एसएचओ लाइन हाज़िर-
कमिश्नर सतीश गोलछा ने अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर कर दिया। डीसीपी की नाक के नीचे रिश्वतखोरी के मामले में  एसएचओ कुलदीप शेखावत को थाने से हटाया गया।इस मामले में पहले लाइन हाज़िर किए गए, इंस्पेक्टर राजीव को वापस थाने में तैनात कर दिया गया है। इस मामले में सस्पेंड किया गया सब-इंस्पेक्टर विशाल मीणा अब तक फरार है। सीबीआई को उसकी तलाश है। 
 चिट्ठा मुंशी गिरफ्तार-
सीबीआई ने  25 अगस्त को उत्तर पश्चिम जिले के अशोक विहार थाने में तैनात चिट्ठा मुंशी हवलदार राजकुमार मीणा को एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। एसएचओ अपने खास पुलिसकर्मी को ही चिट्ठा मुंशी लगाते हैं। हवलदार राजकुमार मीणा ने सब- इंस्पेक्टर विशाल मीणा की ओर से रिश्वत ली थी। उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी का दफ़्तर और अशोक विहार थाना एक ही इमारत में है।
डीसीपी भीष्म सिंह द्वारा इस मामले में हवलदार राजकुमार मीणा और सब- इंस्पेक्टर विशाल को सस्पेंड किया गया। एसएचओ की गैरहाजिरी में थाने का काम देख रहे एटीओ इंस्पेक्टर राजीव को लाइन हाज़िर किया गया था। एसएचओ कुलदीप शेखावत पिता के निधन के कारण 19 अगस्त से छुट्टी पर है। 

पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाएंगे या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा। लेकिन पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती तो है।

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