रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गैंग के 10 बदमाश गिरफ्तार
IPS अफसरों में आपस में भरोसे/ तालमेल की कमी ?
अकेले श्रेय लेने की होड़?
इंद्र वशिष्ठ,
नरेला में प्रापर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने के लिए गोली चलाने वाले गिरोह के 10 बदमाशों को स्पेशल सेल और नरेला पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इस मामले ने पुलिस अफसरों में तालमेल की कमी को उजागर कर दिया है।
स्पेशल सेल ने हथियारों के साथ 2 पकड़े -
स्पेशल सेल ने इस मामले में पानीपत के अनुरोध त्यागी और कुणाल त्यागी को 23 सितंबर को बरवाला- बेगम पुर रोड पर पकड़ा। इनके पास से दो पिस्तौल और दस कारतूस बरामद हुए है। अनुरोध त्यागी फिरौती के लिए फोन करने वाले जोरा का दोस्त है।
स्पेशल सेल के वरिष्ठ अफसर ने बताया कि अनुरोध ने पिस्तौल, बाइक, हेलमेट और पैसा आदि गोली चलाने वालों को दिया था।
सनोली खुर्द थाना इलाके के निवासी अनुरोध त्यागी के ख़िलाफ़ 6 मामले दर्ज हैं।
नरेला पुलिस ने मोबाइल फ़ोन और बाइक के साथ 8 पकड़े -
बाहरी-उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि नरेला पुलिस ने इस मामले में गोकुल पुर के दिनेश, हेमंत उर्फ अक्षय , मेरठ के सौरव उर्फ गौरव, राहुल उर्फ पिस्टल, पानीपत के आशीष त्यागी उर्फ काला , सचिन, संदीप और बागपत के वंश मलिक उर्फ कट्टा को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी ने सेल को श्रेय क्यों नहीं दिया ?-
डीसीपी हरेश्वर स्वामी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में अनुरोध त्यागी उर्फ मोनू और कुणाल की इस मामले में भूमिका का तो जिक्र किया गया है। लेकिन इन दोनों की गिरफ्तारी स्पेशल सेल द्वारा कर लिए जाने की बात उन्होंने न तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई और न ही प्रेस रिलीज में।
क्या ऐसा हो सकता है ?-
डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने इस पत्रकार से कहा कि सेल द्वारा अनुरोध त्यागी, कुणाल की गिरफ्तारी की उन्हें जानकारी नहीं है।
अगर डीसीपी की बात को ही सच मान लें, तो ये गंभीर मामला है। इससे तो फिर ये जाहिर होता है कि स्पेशल सेल के अफसरों और जिला डीसीपी में तालमेल ही नहीं है।
हालांकि यह बिल्कुल भी संभव नहीं है और कोई भी आईपीएस अफसर डीसीपी की इस बात से सहमत नहीं होगा।
डीसीपी की विश्वसनीयता पर सवाल ? -
इस तरह की बात कहने से डीसीपी की विश्वसनीयता पर ही सवालिया निशान लग जाता है।
क्योंकि सच्चाई यह है कि स्पेशल सेल/अपराध शाखा सनसनीखेज मामले में किसी को भी गिरफ्तार करती है तो पुलिस कमिश्नर, संबंधित वरिष्ठ पुलिस अफसरों, जिले के डीसीपी और थाने को तुरंत सूचित किया जाता है।
कमिश्नर ध्यान दें-
ये पुलिस अफसरों में भरोसे या तालमेल की कमी है या अकेले श्रेय लेने की मानसिकता ? पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा को इस पर ध्यान देना चाहिए।
धमकी के 5 मिनट बाद ही गोली चलाई-
बाहरी- उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि 14 सितंबर को नरेला में एक प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर में गोली चलने की सूचना मिली। तभी पता चला कि प्रापर्टी डीलर के पूर्व पार्टनर को 5 मिनट पहले ही 5 करोड़ रुपये फिरौती के लिए विदेश से फोन आया था। फिरौती के लिए फोन करने वाले ने खुद को लारेंस विश्नोई का भाई जोरा बताया था। प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर में बैठा एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया।
सीसीटीवी ने पकड़वाया-
पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए गोली चलाने वाले दिनेश, हेमंत और सौरव तक पहुंच गई। उनसे पूछताछ के आधार पर बाकी 5 को भी पकड़ा गया। जोरा विदेश से सिग्नल एप के माध्यम से गिरोह के निरंतर संपर्क में था। जोरा के दोस्त अनुरोध त्यागी के माध्यम से वंश मलिक का जोरा से संपर्क हुआ।
गोली चलाने के 5-5 लाख-
जोरा के निर्देश पर वंश मलिक और राहुल ने दिनेश आदि से गोली चलाने के लिए संपर्क किया। इनको 5-5 लाख रुपये देने का वादा किया गया।
अनुरोध त्यागी की भूमिका-
प्रेस रिलीज के अनुसार जोरा के दोस्त अनुरोध त्यागी के माध्यम से वंश मलिक का जोरा से संपर्क हुआ।
जोरा के निर्देश पर अनुरोध त्यागी ने हथियार, बाइक और इनके खर्च के लिए पैसे का इंतजाम किया। सचिन और संदीप के माध्यम से दिनेश आदि को ये पैसे मिले। इस पैसे से दिनेश आदि ने कपड़े, जूते आदि खरीदे। वारदात से पहले ये बहादुर गढ़ और पानीपत के होटलों में ठहरे।
पिस्तौल, बाइक-
वारदात से पहले अनुरोध त्यागी के निर्देश पर आशीष और कुणाल त्यागी ने 3 पिस्तौल और बाइक दिनेश आदि को सोनीपत में दी थी। गोली चलाने के बाद पिस्तौल सोनीपत में ही वापस कर दी गई।
डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने से पता चला कि गोली चलाने के बाद ये नरेला से सोनीपत, बागपत और लोनी होते हुए गोकुल पुर गए थे।
सिपाही मोहित, साहिल और सुमित ने 60-70 किलोमीटर के रास्ते पर लगे लगभग 500 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल कर गोली चलाने वाले बदमाशों का पता लगाया।
वारदात से पहले जोरा ने प्रापर्टी डीलर के दफ़्तर का फोटो दिनेश आदि को दिया। दिनेश आदि ने वहां पहुंच कर दफ़्तर का फोटो खींच कर जोरा को भेज दिया। जोरा ने उन्हें पांच मिनट इंतजार करने के लिए कहा। इसके बाद जोरा ने प्रापर्टी डीलर के साथी को फिरौती के लिए फोन किया। जोरा ने इसके बाद दिनेश आदि को गोली चलाने का निर्देश दिया।
नरेला पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल बाइक और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
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