कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में धोखेबाज़ बिल्डरों के ठिकानों पर छापे
इंद्र वशिष्ठ,
कोलकाता,बेंगलुरु और मुंबई में हज़ारों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी करने वाले बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के बीच गठजोड़ की जांच के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 6 मामले दर्ज किए हैं।
सीबीआई ने कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में 12 स्थानों पर तलाशी ली है। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं।
सीबीआई ने मेसर्स इथाका एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु, मेसर्स एलजीसीएल अर्बन होम्स (इंडिया) एलएलपी बेंगलुरु, मेसर्स ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु , मेसर्स शाश्वती रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड मुंबई (बेंगलुरु में परियोजना), मेसर्स एमकेएचएस हाउसिंग एलएलपी कोलकाता और मेसर्स एसीएमई रियलिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है।
उल्लेखनीय है कि भारत भर में बिल्डरों/डेवलपर्स द्वारा ठगे जा रहे और वित्तीय संस्थानों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही दबावपूर्ण कार्रवाई से व्यथित हजारों घर खरीदारों ने राहत की मांग करते हुए विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करके सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच अपवित्र गठजोड़ को देखते हुए, जिसमें वे घर खरीदारों को धोखा दे रहे हैं, होम लोन 'सबवेंशन स्कीम' शुरू करके, अप्रैल 2025 में, सीबीआई को 7 प्रारंभिक जाँच दर्ज करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने 7 प्रारंभिक जाँच दर्ज की और एनसीआर के बिल्डरों से संबंधित 6 प्रारंभिक जाँच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने एनसीआर के विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ 22 मामले दर्ज किए थे, जिनकी जाँच चल रही है। अब, एनसीआर के बाहर विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ सातवीं प्रारंभिक जाँच पूरी होने पर, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
सीबीआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अवलोकन के बाद,सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई के विभिन्न बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 6 नियमित मामले दर्ज करने का निर्देश दिया।
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