अनिल अंबानी, राणा कपूर के ख़िलाफ़ हजारों करोड़ हड़पने के मामले में चार्जशीट
इंद्र वशिष्ठ,
सीबीआई ने वीरवार को अनिल अंबानी की कंपनियों, आरसीएफएल,आरएचएफएल और यस बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं सीईओ राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर, बेटियों राधा कपूर और रोशनी कपूर के स्वामित्व वाली कंपनियों और यस बैंक के बीच धोखाधड़ी वाले लेन-देन से जुड़े दो मामलों में आरोप पत्र दायर किया।
अनिल अंबानी एडीए समूह का अध्यक्ष और रिलायंस कैपिटल लिमिटेड का निदेशक भी था, जो आरसीएफएल और आरएचएफएल की होल्डिंग कंपनी है।
साज़िश-
सीबीआई को जांच से पता चला कि राणा कपूर और अनिल अंबानी ने मिलकर साजिश की थी, जिसमें राणा कपूर ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके यस बैंक लिमिटेड के सार्वजनिक धन (5010 करोड़ रुपये)को वित्तीय रूप से संकटग्रस्त एडीए ग्रुप कंपनियों में निवेश किया,
जिसके बदले में एडीए समूह के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल अंबानी ने राणा कपूर की घाटे में चल रही पारिवारिक कंपनियों यानी बिंदु कपूर (पत्नी), राधा कपूर और रोशनी कपूर (बेटियों) के स्वामित्व वाली संस्थाओं/कंपनियों में निवेश किया और रियायती ऋण की सुविधा प्रदान की।
यस बैंक को चूना लगाया-
इस धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप यस बैंक को भारी नुकसान हुआ (लगभग 2796.77 करोड़ रुपये) और मेसर्स आरसीएफएल, मेसर्स आरएचएफएल, एडीए समूह की अन्य कंपनियों के साथ-साथ राणा कपूर के पारिवारिक सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनियों को भी अवैध लाभ हुआ।
जांच से पता चला है कि यस बैंक ने वर्ष 2017 में राणा कपूर की स्वीकृति पर मेसर्स आरसीएफएल के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर और वाणिज्यिक ऋणों में लगभग 2045 करोड़ रुपये और आरएचएफएल के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर और वाणिज्यिक पत्रों में 2965 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि केयर रेटिंग्स ने एडीए समूह की वित्तीय कंपनियों को बिगड़ती वित्तीय स्थिति और प्रतिकूल बाजार मूल्यांकन के मद्देनजर "निगरानी में" रखा था। यस बैंक द्वारा मेसर्स आरसीएफएल और मेसर्स आरएचएफएल में निवेश किए गए धन का बाद में कई तरीकों से गबन कर लिया गया।
गबन में शामिल कंपनियां-
सीबीआई को तफ्तीश से पता चला कि अनिल अंबानी, राणा कपूर, बिंदु कपूर, राधा कपूर, रोशनी कपूर, मेसर्स आरसीएफएल, मेसर्स आरएचएफएल (अब मेसर्स ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड), मेसर्स आरएबी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स इमेजिन एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ब्लिस हाउस प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स इमेजिन हैबिटेट प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स इमेजिन रेजिडेंस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच पीसी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत एक साजिश रची गई थी।
जांच में पता चला कि रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने अनिल अंबानी के निर्देश पर, राणा कपूर के परिवार के स्वामित्व वाली एक अन्य संस्था, मेसर्स मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर में 2017-18 के दौरान 1160 करोड़ रुपये का निवेश किया।
रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने यस बैंक से 249.80 करोड़ रुपये मूल्य के एडीए ग्रुप डिबेंचर भी खरीदे।
इसके अलावा, रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने यस बैंक के असुरक्षित ऋण उपकरणों (एटी1 बॉन्ड्स) में भी 1750 करोड़ रुपये का निवेश किया। इन उच्च जोखिम/उच्च प्रतिफल वाले बॉन्ड्स की कोई निश्चित परिपक्वता तिथि नहीं थी और संकट की स्थिति में इन्हें या तो इक्विटी में परिवर्तित किया जा सकता था या पूरी तरह से बट्टे खाते में डाला जा सकता था। गौरतलब है कि परिसमापन की स्थिति में एटी1 बॉन्ड्स अन्य ऋणों से सबसे नीचे आते हैं।
वर्ष 2022 में यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर यस बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक और सीईओ राणा कपूर और मेसर्स रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल), मेसर्स रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) व अन्य के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।
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