Friday 27 January 2012

इंडियन मुजाहिदीन का आतंकनामा


कर्नल सिंह IPS

इंडियन मुजाहिदीन का आतंकनामा 
मोस्ट वांटेड आमिर रजा खान

इंद्र वशिष्ठ
पाकिस्तान का पाला हुआ इंडियन मुजाहिदीन का सरगना आमिर रजा खान समय-समय पर आतंकी गिरोह- जैश ए मुहम्मद. हरकत उल जेहादी यानी हूजी और लश्कर ए तोएबा आदि के साथ मिलकर  भारत में अपने गिरोह से आतंकी वारदात कराता रहा है। पाकिस्तान और दुबई में बैठ कर भारत में बम धमाके कराने वाले आमिर की दिल्ली पुलिस को भी काफी समय से तलाश है। आमिर कोलकाता में मुफीद उल इस्लाम लेन का निवासी था । आईएसआई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी से बचने के लिए भारतीयों का इस्तेमाल करना शुरु किया है। आईएम पढ़े लिखे युवकों को भी जेहाद के नाम गुमराह कर अपने गिरोह में शामिल करता है।

कहानी आमिर रजा खान और उसके भाई आसिफ की-  दिल्ली पुलिस के उत्तर पश्चिम जिला के तत्कालीन डीसीपी कर्नल सिंह के नेतृत्व में वर्तमान एडिशनल डीसीपी रवि शंकर (तत्कालीन इंस्पेक्टर) की टीम ने 1995 में कथित एनकाउंटर में अपहरणकर्ता  दिनेश ठाकुर को मार गिराया  और उसके साथी आफताब अंसारी को पकड़ा था। आफताब की जेल में बंद आमिर के भाई आसिफ से मुलाकात हुई । आसिफ उस समय आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन में था। उसी समय तिहाड़ जेल में बंद मौलाना मसूद अजहर.उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर से भी ये दोनों मिले थे। दिसंबर 1999 में अजहर.जरगर और उमर को सरकार ने हवाई जहाज हाई जैक  मामले में कंधार में छोड दिय़ा । वर्ष 1999 में आफताफ और आसिफ भी जेल से बाहर आ गए थे। इसके बाद आमिर.आसिफ और आफताब ने कोलकाता और गुजरात में अपहरण की वारदात कर करोड़ों रुपए कमाए। आफताब और आसिफ फरवरी 2001 में पाकिस्तान गए थे। वहां पर वे जैश ए मुहम्मद के मौलाना मसूद. जरगर.हूजी के उमर शेख. लश्कर के आजम चीमा और पिलखुआ के अब्दुल करीम टुंडा से मिले थे।

42 बम विस्फोट-लश्कर के इशारे पर अहले हदीस के अब्दुल करीम टूंडा ने अपने गिरोह के कामरान आदि से 1996-97 में दिल्ली और आसपास के राज्यों में  लगातार 42 बम विस्फोट करा कर आतंक मचा दिया था। फरवरी 1998 में अपराध शाखा के तत्कालीन डीसीपी कर्नल सिंह.एडिश्नल डीसीपी आलोक कुमार और रवि शंकर की टीम ने कामरान और उसके पूरे गिरोह को पकड़ कर उस समय उनका पूरा नेटवर्क खत्म कर दिया था। इस मामले में 26 आतंकवादी पकड़े गए थे जिनमें 8 पाकिस्तानी.दो बंगलादेशी और एक बर्मा का नागरिक भी था।

सचिन. सौरव का अपहरण और कलाम की हत्या करना चाहता है आईएम-अक्तूबर 2001 में आसिफ को एक पाकिस्तानी आतंकवादी के साथ दिल्ली पुलिस के तत्कालीन एसीपी  रवि शंकर की टीम ने पकड़ा था। इनसे पूछताछ में पता चला कि आमिर ने सचिन तेंदुलकर .सौरव गांगुली के अपहरण और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की हत्या की साजिश भी रची थी। आमिर और आफताब का मानना था कि सौरव के अपहरण के बाद भावुक बंगाली दंगा कर देंगे। अपहरण से सरकार पर दबाव बना कर वह दिल्ली में 1996-97 में सिलसिलेवार बम धमाको के मामले में जेल में बंद कामरान आदि आतंकवादियों को रिहा करा लेंगे। एपीजे अब्दुल कलाम ने मिसाइल और परमाणु बम बनाया था।  इसलिए ये कलाम की हत्या करना चाहते थे। कलाम के पटना दौरे के समय इनका हत्या का इरादा था। इनका इरादा भाभा एटामिक सेंटर में बम विस्फोट करने का भी था। इस साजिश का खुलासा होने के बाद उपरोक्त सभी की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

आमिर दुबई भाग गया- उस समय मंुबई में रहने वाला आमिर नवंबर 2001 में दुबई भाग गया था।  दिसंबर 2001 में गुजरात पुलिस अपहरण के एक मामले में उसके भाई आसिफ को गुजरात ले गई वहां कथित एनकाउंटर में आसिफ मारा गया। इसके बाद आमिर और आफताब ने 22 जनवरी 2002 में कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर हमला करा दिया । इस हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों लश्कर के जाहिद और सलीम को  तत्कालीन एसीपी  रवि शंकर की  टीम ने 29 जरवरी 2002 में हजारी बाग में मार गिराया। इसके बाद 6 पाकिस्तानी समेत 13 आतंकवादी पकड़े गए। ये आतंकवादी सूरत.कोलकाता.सहारनपुर और मुजफफर नगर से पकड़े गए। इससे पता चलता है कि आईएम का नेटवर्क उस समय से पूरे देश में है।  अमेरिका के दबाव के कारण सीबीआई आफताब को दुबई से डिपोट करा कर भारत ले आई। अमेरिकन सेंटर हमला मामले में आफताब को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। आफताब कोलकाता जेल में है।

 आमिर के निशाने पर दिल्ली पुलिस के दो अफसर रवि शंकर और राजबीर  भी रहे है। आमिर और उसके भाई आसिफ के साथी आफताब अंसारी ने कोलकाता जेल से आमिर को एक एसएमएस भेजा था। जिसमें इन दोनों अफसरों को ठिकाने लगाने को कहा था। एसीपी राजबीर की तो मार्च 2008 में उसके दोस्त प्रापर्टी डीलर विजय भारद्वाज ने पैसों के चक्कर में गोली मार कर हत्या कर दी।

आमिर रजा ने पहले रजा कमांड़ो फोर्स बनाई थी फिर इंडियन मुजाहिदीन बनाया। आईएम ने 2005 के बाद  कई श्हरों में बम विस्फोट किए। 2006 में मुबई में.  हैदराबाद में गोकुल चाट भंडार. यूपी में कोर्ट में 2007 में और .बनारस में 2006 में संकटमोचन मंदिर में बम धमाके कराए।  आईएम ने 25-7-2008 को बंगलूरु में. 26-7-2008 को अहमदाबाद में .13-5-2008 को जयपुर और दिल्ली में 13-9- 2008 में सिलसिलेवार धमाके किए।
इंडियन मुजाहिदीन का उत्तरी भारत का सरगना आतिफ 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस में स्पेशल सेल के संयुक्त पुलिस आयुक्त कर्नल सिंह, डीसीपी आलोक कुमार की टीम के साथ हुए एनकाउंटर में मारा गया। एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए। दिल्ली में सिलसिलेवार 5 बम धमाके आतिफ और उसके साथियों ने किए थे।  इस मामले में 14 आतंकवादी पकड़े गए और 11 की तलाश है। इनमें ज्यादातर आजमगढ़ के है।
आईएम का दक्षिण भारत का सरगना सादिक शेख मुंबई में 24 सितंबर 2008 को पकड़ा गया।
आईएम के फिदायीन कर्नाटक गिरोह का सरगना रियाज भटकल उर्फ रोशन और उसका भाई इकबाल पाकिस्तान में बताए जाते है। अब शाहरुख को इसका सरगना बताया जाता है।
जामा मस्जिद हमला-इंडियन मुजाहिदीन के 7 आतंकवादियों को नवंबर 2011 में दिल्ली पुलिस ने गिरफतार किया है। इनमें एक कराची के मुहम्मद आदिल अजमल ने ही 19 सितंबर 2010 को जामा मस्जिद के बाहर ताइवान के दो नागरिकों पर गोलियां चलाई थी कतील मोटर साइकिल चला रहा था और वही एक कार में शाहरुख ने प्रेशर कुकर में बम रख था। बम फटा नहीं था। इन आतंकवादियों ने ही 13 फरवरी 2010 को पुणे में जर्मन बेकरी और 17-4- 2010 को चिन्नास्वामी स्टेडियम में बम विस्फोट किया था। कतील और गौहर अजीज खुमानी को दिल्ली में .गयूर अहमद जमाली और पाकिस्तानी अजमल को बिहार के मधुबनी से इरशाद खान और अब्दुल रहमान को चेन्नै से और फारुख को र्पूिर्णया से गिरफतार किया गया। आतंकवादियों से ए के 47 राइफलें.पिस्तौल. विस्फोटक सामग्री और जाली नोट आदि बरामद हुए। बाहरी दिल्ली के मदन पुर डबास के मीर विहार इलाके  में इनके एक अन्य ठिकानेे से हथियार बनाने का सामान भी बरामद हुआ।

आईएम का साउथ सरगना शाहरुख- कतील ने पुलिस को बताया कि वह आईएम के साउथ गिरोह के साथ जुड़ा है। जिसका  सरगना अहमद सिददी बापा उर्फ शाहरुख उर्फ इमरान निवासी जेल रोड भटकल कर्नाटक है। इस मामले में फरार शाहरुख  2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में भी वांटेड है। कर्नाटक के उडीपी में शाहरुख ने ही आईएम के उत्तरी भारत के चीफ आतिफ और सैफ को बारुद दिया था। जिसे 13-9-2008 में दिल्ली में इस्तेमाल किया गया था। आईएम के दक्षिण गिरोह के तत्कालीन सरगना रियाज भटकल और उसके भाई इकबाल के पाकिस्तान भाग जाने के बाद शाहरुख को इसका सरगना बनाया गया। शाहरुख की मदद पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी गिरोह जैश ए मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई अतहर कर रहा था। वर्ष 1999 में हवाई जहाज हाई जैक करने में भी अतहर शामिल था। शाहरुख युवकों को जेहाद के नाम पर गुमराह कर पाकिस्तान ले जाता है पाकिस्तान में अतहर उन युवकों को हथियार चलाने और बम बनाना सिखवाता है। -दिल्ली पुलिस ने शाहरुख पर 15 लाख का इनाम घोषित किया है।

बटला हाउस आतंक का अडडा-जामा मस्जिद मामले में पकड़ा गया आतंकवादी कतील बटला हाउस इलाके में और अजीज खुमानी जामिया नगर में रह रहे थे। वर्ष 2008 में एनकाउंटर में मारा गया आतिफ और उसका गिरोह भी बटला हाउस और आसपास के इलाके में रहता था। लालकिला में हमला करने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी भी इसी इलाके के एक मकान में एनकाउंटर में मारा गया था।
कतील की हत्या-- पुणे की यरवदा जेल में 8-6-2012 को कतील सिद्दीकी की शरद मोहोल और आलोक भालेराव ने हत्या कर दी। जामा मस्जिद के सामने विदेशियों पर हमला मामले में कतील को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने नवंबर 2011 में गिरफतार किया था। फरवरी 2010 में पुणे की जर्मनी बेकरी बम धमाके के समय वहां के गणपति मंदिर में बम रखने की कोशिश के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस कतील को दिल्ली से पुणे ले गई थी।
आलोक कुमार IPS

रवि शंकर कौशिक DCP