Tuesday 23 November 2021

सीबीआई ने ईपीएफओ के एक अफसर समेत दो लोगों को 1 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

 इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने ईपीएफओ के एक अफसर समेत दो लोगों को  एक लाख रुपए  रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), जगाधरी (हरियाणा) के प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार और निजी व्यक्ति अशोक गुप्ता को एक लाख रुपए के रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है।
एक शिकायत के आधार पर आरोपी के विरुद्ध एक मामला दर्ज हुआ। 
आरोप है कि शिकायतकर्ता ने नवम्बर, 2018 से जुलाई, 2019 के दौरान अपनी फर्म के कर्मचारियों से सम्बन्धित भविष्य निधि हेतु सभी बकाया जमा कर दिया था। 
लेकिन ईपीएफओ अफसर अनिल कुमार  ने शिकायतकर्ता की फर्म के विरुद्ध सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत जांच पड़ताल शुरू कर दी।
आरोप है कि उक्त जांच पड़ताल के दौरान, प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार ने शिकायतकर्ता को जारी जांच पड़ताल से बचने  के लिए निजी व्यक्ति  अशोक गुप्ता से सम्पर्क करने को कहा। 
 शिकायतकर्ता ने अशोक गुप्ता से सम्पर्क किया, जिसने कथित रुप से जांच पड़ताल को निपटाने के बदले में प्रवर्तन अधिकारी की ओर से एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।
सीबीआई ने जाल बिछाया और अशोक गुुप्ता को  प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुुुमार  की ओर से शिकायतकर्ता से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। इसके बाद प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। जगाधरी (हरियाणा) स्थित आरोपियों के परिसर में तलाशी की जा रही है।
दोनो गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम अदालत के समक्ष कल पेश किया जाएगा।





Friday 19 November 2021

CBI ने रत्नाकर बैंक के दो वरिष्ठ अधिकारियों को 30 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगी।


सीबीआई ने रत्नाकर बैंक  के दो वरिष्ठ अधिकारियों को 30 लाख रुपए  रिश्वत लेते   गिरफ्तार किया। 

 इंद्र वशिष्ठ 
सीबीआई  ने अहमदाबाद के रत्नाकर बैंक के कृषि प्रभाग के क्षेत्रीय प्रमुख और वसूली प्रमुख, रत्नाकर बैंक लिमिटेड पुणे को 30 लाख रुपए  रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। 
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने  बताया कि 
मूल्यांकन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया गया।
 आरोप है कि शिकायतकर्ता ने अपने 12 पारिवारिक सदस्यों के साथ, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की बागवानी योजना, जिसमें सरकार 56 लाख रुपए की कुल प्रोजेक्ट कीमत तक के प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए  50% की दर से आर्थिक सहायता(सब्सिडी) देती है, के तहत उत्पादन एवं उत्पादन के बाद के प्रबन्धन के माध्यम से व्यावसायिक बागवानी  के विकास के तहत एग्री टर्म लोन के लिए आवेदन किया।आर्थिक सहायता(सब्सिडी) की अनुपलब्धता के कारण, शिकायतकर्ता एवं उसके पारिवारिक सदस्यों का एग्री टर्म लोन गैर निष्पादित संपत्ति(एनपीए) घोषित हुआ और आर्थिक सहायता(सब्सिडी) प्राप्त करने के लिए गिरवी संपत्तियों हेतु  मूल्यांकन प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। परस्पर बातचीत पर रिश्वत धनराशि 30 लाख रुपए तय हुई।

सीबीआई ने जाल बिछाया और रत्नाकर बैंक, अहमदाबाद के क्षेत्रीय प्रमुख  निमेश मंगर को 30 लाख रुपए की रिश्वत की माँग करने और स्वीकार करने पर पकड़ा। बाद में, रत्नाकर बैंक लिमिटेड पुणे के रिकवरी हेड सौरभ भसीन को भी पकड़ा।
दोनों आरोपियों के अहमदाबाद, पुणे,दिल्ली स्थित कार्यालय एवं आवासीय परिसरों सहित पाँच स्थानों पर तलाशी ली गई।


Thursday 18 November 2021

ऑटो रिक्शा गैंग ने बुजुर्ग दम्पत्ति के जेवर,नकदी उड़ाई। गिरोह में महिलाएं भी शामिल।रेलवे स्टेशन, बस अड्डा/स्टैंड पर सक्रिय गिरोह। चोरों को पकड़ने में पुलिस हमेशा फिसड्डी।


ऑटो रिक्शा गैंग ने बुजुर्ग दम्पत्ति के जेवर,नकदी उड़ाई। 
गिरोह में महिलाएं भी शामिल।
रेलवे स्टेशन, बस अड्डा/ स्टैंड पर सक्रिय गिरोह।
चोरों को पकड़ने में पुलिस हमेशा फिसड्डी-


 इंद्र वशिष्ठ 
राजधानी में तिपहिया स्कूटर सवार लुटेरो के गिरोह रोजाना लोगों को शिकार बना रहे। इन गिरोहों में महिलाएं भी शामिल है।
लोग चोरों के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। लेकिन पुलिस अफसरों की नजर में शायद यह अपराध कोई मायने नहीं रखता है।
पुलिस अफसर उन लोगों की पीड़ा/तकलीफ़ का अंदाजा भी नहीं लगा सकते जिनकी जीवन भर की जमा पूँजी, गहने,सामान आदि चोरी हो जाते हैं। 
पुलिस अगर ईमानदारी से कोशिश करें, तो ऐसे गिरोहों को पकड़ा जा सकता है, लेकिन चोरी के मामलों को सुलझाने में पुलिस रुचि लेती ही नहीं है।
लुट गए बुजुर्ग दम्पत्ति -
ऐसे ही एक गिरोह ने 18 नवंबर की सुबह एक बुजुर्ग दम्पत्ति के लाखों रुपए के जेवर और नकदी पर हाथ साफ कर दिया । 
बिहार से पत्नी चंद्र कांता (70) के साथ दिल्ली आए बुजुर्ग छाजू राम शर्मा (76) ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से त्री नगर जाने के लिए तिपहिया स्कूटर लिया। स्टेशन से कुछ दूर जाते ही चालक ने स्कूटर रोक दिया, कहा कि खराब हो गया। इस दौरान एक अन्य  स्कूटर वाला आ गया। उसमें दो महिला सवारी पहले से ही  बैठी हुई थी। 
दम्पत्ति भी उस स्कूटर में बैठ गए। कुछ दूर जाने पर चालक ने एक अन्य को भी बिठा लिया। युवक के बैठने के बाद एक महिला दम्पत्ति की ओर पीठ करके यानी ओट करके ऐसे बैठ गई कि उन्हें अपना  सामान नजर नहीं आए। 
गलत रास्ते पर ले गया।-
चालक देशबंधु गुप्ता मार्ग की बजाए स्कूटर को राज घाट की ओर ले गया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय,शक्ति नगर की ओर से घुमाते हुए एक स्थान पर ले जा कर स्कूटर रोक दिया। चालक ने दम्पत्ति को उतार दिया और बोला कि तुम यहीं खड़े रहना मैं दूसरी सवारी को छोड़ कर वापस आता हूं। 
दम्पत्ति काफी देर वहां खड़े रहे, इसके बाद एक अन्य स्कूटर से त्री नगर अपनी बेटी बीना के घर पहुंचे।
जेवर नकदी चोरी-
 घर में जब उन्होंने अपनी दोनों अटैची खोली तो उनके होश उड़ गए। अटैची में रखे करीब पांच तोला सोने के जेवर, चालीस हजार रुपए नकद, दो एटीएम कार्ड, दो वोटर कार्ड, पेन कार्ड, साडियां आदि गायब मिले। दम्पत्ति हरियाणा में  भात में शामिल होने के लिए आए थे।
पुलिस कोशिश करें तो पकड़ा जाए गिरोह-
गिरोह ने उनके एटीएम कार्ड से उनके बैंक खाते से सत्तर हजार रुपए निकाल लिए। 
गिरोह ने  दिलशाद कालोनी स्थित एटीएम से भी नकदी निकाली,  उनके कार्ड से पांच हजार के प्यूमा के जूते और तीन-तीन हजार रुपए कीमत की कमीज खरीदी। यह सब सुबह दस बजे से एक बजे के बीच किया गया।
 केशव पुरम थाना पुलिस अगर चाहे और ईमानदारी से कोशिश करें तो स्टेशन और उपरोक्त रास्तों और स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से इस गिरोह का आसानी से पता लगा सकती है।
दम्पत्ति रेलवे स्टेशन से जिस स्कूटर मे सवार हुए थे वह स्कूटर चालक भी इस गिरोह का ही साथी हो सकता है। उसने जानबूझ स्टेशन से बाहर आने के बाद दूसरे स्कूटर में उन्हें बिठाया होगा।
पुलिस की भूमिका-
लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ना तो दूर चोरी का मामला तक भी दर्ज नहीं करती। परेशान छाजू राम के साथ भी ऐसा ही हुआ। वह नई दिल्ली स्टेशन रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो वहां पुलिसकर्मियों ने चोरी की बजाए बैग गुम होने की लॉस्ट रिपोर्ट दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ दिया।  

इसके बाद चंद्र कांता ने उत्तर पश्चिम जिले के केशव पुरम थाने में चोरी की ऑनलाइन ई-एफआईआर दर्ज की है।

महिला प्रेस फोटोग्राफर का सात लाख रुपए का कैमरा उड़ाया।
वारदात 8 नवंबर शाम को पूर्वी दिल्ली के शकर पुर थाना इलाके में हुई।
नोएडा निवासी वरिष्ठ पत्रकार (फोटोग्राफर) शिप्रा दास (65) स्कूल ब्लॉक के सामने मदर डेयरी रोड पर  बस का इंतजार कर रही थी। तभी एक तिपहिया स्कूटर उनके पास आकर रुका। तिपहिया में चालक के साथ एक युवक और पीछे सीट पर भी दो लोग बैठे हुए थे।
तिपहिया चालक ने शिप्रा से पूछा कि कहां जाना है। चालक ने पहले पचास रुपए मांगे, फिर तीस रुपए में नोएडा छोड़ देने को तैयार हो गया।
शिप्रा स्कूटर में बैठ गई। तिपहिया चालक ने उसे कहा कि अपना बैग पीछे रख दो, ताकि बैठने की जगह बन जाए। शिप्रा ने बैग रखने से मना कर दिया, लेकिन चालक उसे  बैग पीछे रखने के लिए बार-बार कहने लगा, तो उसने बैग पीछे रख दिया। इसी दौरान चालक के साथ बैठा युवक भी पीछे सीट पर बैठे व्यक्ति की गोद में आकर बैठ गया। शिप्रा ने बताया कि कुछ देर बाद ही सुनसान रास्ते से ले जाकर चालक ने मयूर विहार रोड पर एक जगह पर दूसरे  तिपहिया स्कूटर के पास अपना तिपहिया रोक दिया। शिप्रा से कहा कि दूसरा तिपहिया स्कूटर वाला उसे नोएडा छोड़ देगा।
सात लाख का कैमरा-शिप्रा ने घर पहुंच कर अपना बैग खोला तो उसमें कैमरे और लेंस के स्थान पर पत्थर भरे हुए थे। 
कैमरा, 2 लेंस, फ्लैश आदि की कीमत करीब सात लाख रुपए है। शिप्रा की शिकायत पर शकर पुर थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया है।
जान बच गई-
शिप्रा का कहना है कि उसकी जान बच गई, यह ही बहुत बड़ी बात हैं। क्योंकि अगर उसने बैग पीछे नहीं रखा होता, तो अपराधी सुनसान रास्ते पर उस पर हमला करके भी कैमरा लूट लेते। 
चौकन्ना रहेंं-
तिपहिया स्कूटर में यात्रा करते समय सावधानी बरतें और चौकन्ने रहे, वरना जान और माल दोनों से हाथ धोना पड़ सकता है। उस तिपहिया स्कूटर में तो बिल्कुल भी न बैठे, जिसमें पहले से ही सवारी बैठी हुई हो और बेशक चालक कम किराए में गतंव्य तक पहुंचाने का लालच क्यों न दे।  तिपहिया स्कूटर का नंबर भी जरूर नोट करें।
चोरी के 169474 मामले-
पुलिस कमिश्नर द्वारा सालाना प्रेसवार्ता (2021) में पेश किए अपराध के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में चोरों,लुटेरों/स्नैचरों का बोलबाला/आतंक है। पुलिस ने चोरी के कुल 169474 मामले दर्ज किए है इनमें वाहन चोरी के 35019 मामले भी शामिल है। इनमें से चोरी के 164308 मामले तो ई-एफआईआर के माध्यम से  मोबाइल फोन और वेबसाइट के माध्यम से दर्ज किए गए हैं। 
पुलिस ने घर,दुकान, कारखाने, गोदाम आदि में हुई चोरी और वाहन चोरी के कितने मामलों को सुलझाया यानी कितने चोर पकडे़ गए है। चोरी का कितना माल /संपत्ति और वाहन बरामद किए यह जानकारी पुलिस कमिश्नर ने अपनी सालाना रिपोर्ट में भी नहीं दी है। इससे साफ पता चलता है कि पुलिस चोरों को पकड़ने और गाडियां बरामद करने में बुरी तरह फेल हो गई है। इसी लिए चोरी के मामले सुलझाने के आंकड़े पुलिस ने उजागर ने नहीं किए। इसके अलावा यह भी नहीं बताया कि साल 2020 में आईपीसी के तहत दर्ज अपराध के कुल कितने मामलों को पुलिस ने सुलझा लिया है।
45 फीसदी ही अपराधी पकडे़ गए-
हालांकि एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर ने बताया कि साल 2020 में आईपीसी के तहत दर्ज अपराध के कुल 250324 मामलों में से 45.71 फीसदी मामले ही सुलझाए गए है। वाहन चोरी और चोरी के अन्य मामलों को सुलझाने की दर बहुत ही कम रहती हैं।

चोरों को पकड़ने में पुलिस हमेशा फिसड्डी-
साढ़े 4 लाख से ज्यादा चोरियां हुई।
सिर्फ 57 हजार मामले सुलझाए।
साल 2016, 2017और 2018 में चोरी के कुल 461989 मामले दर्ज किए गए ।  सिर्फ 57100 मामले पुलिस ने सुलझाए है। सिर्फ 27216 मामलों में ही चोरी का माल बरामद किया गया है। पुलिस ने सिर्फ 18581 मामलों में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। इससे पता चलता है कि चोरी के मामलों को सुलझाने में पुलिस की बिल्कुल रुचि नहीं है।





Wednesday 17 November 2021

5 हजार से ज्यादा अपराधी ऑनलाइन बाल यौन सामग्री साझा कर रहे हैंं। CBI ने बाल यौन शोषण मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया।


5 हजार से ज्यादा अपराधी ऑनलाइन बाल यौन सामग्री साझा कर रहे हैंं। 

सीबीआई ने बाल यौन शोषण मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया। 


इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि
कथित ऑनलाइन बाल यौन शोषण से संबंधित मामले की जांच के दौरान सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

सीबीआई ने दिल्ली से पुरुषोत्तम झा, रमन गौतम और सत्येंद्र मित्तल को, ओड़ीसा से सुरेंद्र कुमार नायक, नोएडा से निशांत जैन, झांसी से जितेंद्र कुमार और तिरुपति से  टी. मोहन कृष्णा को गिरफ्तार किया। 
गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया गया। 
जांच के दौरान, यह पता चला हुआ कि आरोपी कथित रुप से कुछ वेबसाइटों जैसे, https://koflink.comhttps://pdisklink.com आदि पर बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसईएम) के लिंक साझा करते थे। यह भी पता चला है कि कुछ व्यक्ति सीएसईएम सामग्री के व्यापार में संलिप्त पाए गए है।
83 लोगों के खिलाफ 23 मामले दर्ज- 
ऑनलाइन बाल यौन शोषण से संबंधित अपराध पर देशभर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने कुल 83 आरोपियों के विरुद्ध 14 नवंबर को 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। 
 भारत एवं विदेशों के अलग-अलग हिस्सों में स्थित व्यक्तियों के विभिन्न समूह अलग-अलग तरह के सोशल मीडिया प्लेटफार्मो/समूहों के माध्यम से बाल यौन शोषण सामग्री  को प्रसारित करने, संग्रहित करने एवं देखने में संलिप्त है। संलिप्त व्यक्ति, लिंक, विडियों, चित्रों, लेखों, पोस्ट को साझा कर और सोशल मीडिया समूहों/प्लेटफार्मो पर इस तरह की सामग्री की होस्टिंंग कर तथा थर्ड पार्टी संग्रहण/होस्टिंग प्लेटफार्मो द्वारा सीएसईएम का प्रसार करते थे।
14 राज्यों में 77 स्थानों पर छापेमारी-
तिरुपति, कनेकल (आन्ध्र प्रदेश), दिल्ली, 
कोन्च-जालौन, मऊ, चन्दौली, वाराणसी, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, नोएडा, झॉसी, गाज़ियाबाद, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश),जूनागढ़, भावनगर, जामनगर (गुजरात); संगरुर, मलेरकोटला, होशियारपुर; पटियाला (पंजाब); पटना, सिवान (बिहार), यमुना नगर, पानीपत, सिरसा, हिसार (हरियाणा); भद्रक, जाजपुर, धेनकनाल (ओडिशा); त्रिरूवलूर, कोयम्बटूर, नमक्काल, सलेम, तिरुवन्नामलाई (तमिलनाडु); अजमेर, जयपुर, झुंनझुनु, नागौर (राजस्थान); ग्वालियर (मध्य प्रदेश); जलगॉव, सलवाड़, घुले (महाराष्ट्र); कोरबा (छत्तीसगढ़) तथा सोलन (हिमाचल प्रदेश) सहित देश भर के 14 राज्यों में स्थित आरोपियों के लगभग 77 स्थानों पर  तलाशी की गई। जिसमें इलेक्ट्रानिक गैजेट्स/मोबाइल/लैपटाप आदि बरामद हुए है।
5 हजार अपराधी -
सीबीआई ने अब तक एकत्र आरम्भिक सूचना के आधार पर पाया कि 50 से ज्यादा समूह है जिसमें 5 हजार से ज्यादा अपराधी बाल यौन सामग्री साझा कर रहे है। इन समूहों में से बहुत से समूहों में विदेशी नागरिक जुड़े है। 
100 देशों के लोग शामिल-
सीबीआई के अनुसार आरम्भिक तौर पर पता चला है कि विभिन्न महाद्वीपों में फैले लगभग 100 देशों के नागरिकों की इसमें संलिप्तता पाई गई है। सीबीआई औपचारिक एवं अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से सहयोगी एजेन्सियों के साथ सहयोग मे है। इस मामले में तलाशी एवं आगे की सूचना को प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है।

                                                       
                                                                                                                                               

Tuesday 16 November 2021

भाजपा नेता(टैंट वाला)के बिल्डर साले ललित गोयल को ED ने गिरफ्तार किया, 575 करोड़ रुपए विदेश ले गया। निवेशकों से पैसा ले लिया पर आशियाना नहीं दिया।

 भाजपा नेता(टैंट वाला) के बिल्डर साले ललित गोयल को ईडी ने गिरफ्तार किया।

सुधांशु मित्तल ( टैंट वाला) ने साल 2018 मेें  टिवट कर अपने साले पर लगे सारे आरोपों को झूठा बताया था।


इंद्र वशिष्ठ
प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने मैसर्स आईआरईओ ग्रुप के प्रबंध निदेशक बिल्डर ललित गोयल को गिरफ्तार किया है। दिल्ली में सुधांशु टैंट वाला के नाम से मशहूर भाजपा नेता सुधांशु मित्तल ललित गोयल के जीजा है।
ललित गोयल की गिरफ्तारी से सुधांशु की भी पोल खुल गई, क्योंकि सुधांशु मित्तल ( टैंट वाला) ने साल 2018 मेें  टिवट कर अपने साले पर लगे सारे आरोपों को झूठा बताया था।

ललित गोयल पर निवेशकों, खरीददारों और अन्य लोगों के पैसे में गड़बड़ी/हेराफेरी/धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का आरोप है।

यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (मनी लॉंड्रिंग) और घर खरीदारों/निवेशकों और अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी और धन की  हेराफेरी से संबंधित है।
 ईडी ने आईआरईओ ग्रुप ,ललित गोयल और अन्य के खिलाफ पंचकूला, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और  हौज खास थाने में दर्ज  प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच शुरु की थी। 
ललित गोयल और अन्य द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों में विभिन्न संस्थाओं से धन की रूटिंग शामिल है टैक्स हेवन देशों जैसे ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई), मॉरीशस आदि में फंड का डायवर्जन, इक्विटी शेयरों को वापस खरीदने का तरीका, खातों की किताबों में काल्पनिक खर्च लिखना आदि शामिल है। यह मामला 2600 करोड़ रुपए का है। 
 575 करोड़ रुपए विदेश ले गया-
हाल ही में पैंडोरा पेपर्स लीक में ललित गोयल का नाम सामने आया था।  जिसके मुताबिक ललित की विदेश में  77.73 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक मूल्य(लगभग 575 करोड़ रुपए) की संपत्तियां हैं । ललित ने अपना पता सिंगापुर दिखाया है। 
पैंडोरा पेपर्स की जांच में खुलासे के अनुसार  गोयल ने 77 मिलियन डॉलर की संपत्ति, निवेश और शेयरहोल्डिंग को एक ऑफशोर ट्रस्ट स्ट्रक्चर में स्थानांतरित कर दिया था, जिसमें ब्रिटिश वर्जिन में पंजीकृत चार संस्थाएं शामिल थी।
ग्वेर्नसे(Guernsey)स्थित विदेशी ट्रस्ट, जो भारत के बाहर संपत्ति रखने वाली संस्थाओं का मालिक है और उन्हें नियंत्रित करता है। 
ईडी को जांच में पता चलता है कि ललित गोयल सेटलर और एक लाभार्थी हैं।
 विदेश भाग रहा था।-
ललित गोयल को 11 नवंबर को तड़के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उस समय हिरासत में लिया गया, जब वह देश छोड़ कर विदेश भागने की कोशिश कर रहा था। ईडी ने ललित के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया हुआ था।
ललित गोयल ने पूछताछ के दौरान ईडी से सहयोग नहीं किया और कुछ भी खुलासा नहीं किया। जिसके बाद 16 नवंबर को ललित को गिरफ्तार कर लिया गया। 
विशेष अदालत ने ललित को 7 दिन की ईडी हिरासत में रिमांड पर भेज दिया है
जालसाजी धोखाधड़ी का मामला-
 आईरियो ग्रुप के दो निवेशकों ने कंपनी के वाइस प्रेसिंडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर ललित गोयल के खिलाफ जालसाजी और ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। ललित गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली पहली कंपनी है अमेरिका की एक्सॉन कैपिटल। इसके बाद अमेरिका की चिल्ड्रेन इनवेस्टमेंट फंड फाउंडेशन  ने भी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इन दोनों के अलावा दुनिया के कुछ बड़े निवेशकों जैसे, स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी, टाइगर पार्टनर्स और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉट्रेडम ने भी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सभी ने कंपनी के वाइस प्रेसिंडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर ललित गोयल के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज कराया है।
फरवरी, 2018 में एक्शॉन कैपिटल और चिल्ड्रेन इनवेस्टमेंट फंड फाउंडेशन  ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होने आईरियो ग्रुप में करीब 2000 करोड़ (दो हजार करोड़) रुपये का निवेश किया। जिसमें से कंपनी ने करीब 650 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। इसके बाद इन्हींं दो कंपनियों ने मई 2018 में दोबारा शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में कंपनी पर 10 हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया। 
घोटाला-
भारत के कानून के अनुसार कोई भी विदेशी कंपनी कृषि भूमि को खरीद नहीं सकती। आईरियो ग्रुप के ज्यादातर शेयर विदेशी कंपनियों के पास हैं। ऐसे में ललित गोयल ने निवेशकों से कहा कि वे स्थानीय रियल इस्टेट कंपनियों से जमीन खरीदेंगे। इसके बाद ललित गोयल ने कमांडर रियल्टर्स  नाम की कंपनी बनाई। इस कंपनी के सौ फीसदी शेयर ललित गोयल के पास हैं। कमांडर रियल्टर्स ने स्थानीय रियल इस्टेट कंपनियों से जमीन खरीदी तो जरुर, लेकिन जमीन आईरियो  ग्रुप को कभी ट्रांसफर नहीं की गईं। पूरे दस हजार करोड़ रुपए का इकलौता मालिक ललित गोयल बन बैठा।
ललित गोयल का बयान-
ललित गोयल ने मामला उजागर होने पर तब मीडिया में कहा था कि आईरियो में उसकी हिस्सेदारी महज 10 फीसदी के आसपास है। बाकी 90 फीसदी शेयरों के मालिक दूसरे लोग हैं। अगर कंपनी ने अपने निवेशकों के साथ कोई धोखा किया है तो इसकी जानकारी कंपनी के मेजर शेयर होल्डर्स को होगी।
इनकम टैक्स की रेड-
इससे पहले 2010 में ललित गोयल पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ईडी ने छापेमारी की थी। छापेमारी आईरियो ग्रुप में गलत तरीके से निवेश करने के संबंध में थी।अब तक उस केस में क्या हुआ, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
 
सिंगापुर में आशियाना बनाया-
आईरियो ग्रुप में घर खरीदने के लिए सैकड़ों निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगा दी लेकिन सालों बाद भी उन्हें घर नसीब नहीं हुआ। आईरियो ग्रुप के मालिक ललित गोयल ने निवेशकों से अरबों रुपए वसूल करने के बाद भी न तो उन्‍हें घर दिया  और न ही उनके पैसे वापस कर रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी ललित गोयल को आदेश दे चुका है।  ललित गोयल ने भारत में निवेशकों का पैसा हड़पने के बाद निवेशकों को तो आशियाना दिया नहीं, बल्कि अपना ठिकाना बदल लिया और सिंगापुर पहुंच गया।
  77 मिलियन डॉलर-
ललित गोयल ने भारत में अपनी कम्‍पनी में 500 करोड़ का घाटा दिखाया था, जबकि पैंडोरा पेपर्स बता रहे हैं कि ललित गोयल ने 77 मिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है।
 सुप्रीम कोर्ट की फटकार-
आईरियो के खिलाफ निवेशकों द्वारा घर या पैसा वापस न देने को लेकर दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश का अनुपालन न करने के लिए आईरियो को फटकार भी ल्रगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने 19 अगस्त 21 को आईरियो समूह की कंपनी के खिलाफ अपना अवमानना आदेश दिया था। पीठ ने टिप्पणी की थी कि बिल्डर केवल पैसे का रंग या जेल की सजा को ही समझते हैं।  





Monday 15 November 2021

पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर समेत 3 को 5 वर्ष कैद की सजा। साढ़े 21 लाख रुपए जुर्माना।

पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर समेत 3 को 5 वर्ष  कैद की सजा। साढ़े 21 लाख रुपए जुर्माना।  

इंद्र वशिष्ठ 
विशेष न्यायाधीश, सीबीआई, अहमदाबाद  ने पंजाब नेशनल बैंक, अम्बावाड़ी शाखा, अहमदाबाद (गुजरात) को 40 लाख रुपए की हानि पहुँचाने पर पंजाब नेशनल बैंक, अम्बावाड़ी शाखा, अहमदाबाद  के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबन्धक  संजीव कमलकर ईनामदार को पांच वर्ष की साधारण कारावास के साथ 7,50,000 रुपए तथा मैसर्स जैनल इंटरप्राइज के मालिक  मयंक बाचूभाई शाह और  रिकिन बाचूभाई शाह को पांंच वर्ष की साधारण कारावास के साथ प्रत्येक पर 7 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी बताया कि पंजाब नेशनल बैंक, अम्बावाड़ी शाखा, अहमदाबाद (गुजरात) के तत्कालीन मुख्य प्रबन्धक तथा अन्यों के विरुद्ध  02.12.2004 को मामला दर्ज किया गया था। पीएनबी के तत्कालीन मुख्य प्रबन्धक ने अहमदाबाद स्थित निजी फर्म के मालिक  मयंक बाचूभाई शाह को अचल सम्पत्ति के निरीक्षण/सत्यापन किए बिना, जाली दस्तावेजों के आधार पर अन्य आरोपियों के साथ षड़यंत्र कर 40 लाख रुपए  की नकद साख (Hypothecation) सुविधा मंजूर कर दी। जिससे बैंक को 40 लाख रुपए  की कथित हानि हुई।
जांंच के पश्चात, आरोपियों के विरुद्ध  06.10.2006 को आरोप पत्र दायर किया गया। अदालत में सुुुनवाई  के दौरान पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन मुख्य प्रबन्धक सहित 02 आरोपियों की मृत्यु हो गई।
 अदालत ने उक्त आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हे दोषी ठहराया। अदालत ने दो आरोपियों को बरी किया।


FIVE YEARS IMPRISONMENT TO SENIOR MANAGER PUNJAB NATIONAL BANK AND TWO OTHERS WITH Rs.21,50,000 FINE FOR CAUSUNG RS.40 LAKH LOSS TO BANK.



The Special Judge, CBI, Ahmedabad (Gujarat) has sentenced  Sanjiv Kamalkar Inamdar, then Senior Manager, Punjab National Bank,   Ambawadi  Branch, Ahmedabad (Gujarat) to undergo five years Simple Imprisonment with fine of Rs.7,50,000/- and  Mayank Bachubhai Shah &  Rikin Bachubhai Shah,  Proprietors  of M/s. Jainal Enterprise, both to undergo five years Simple Imprisonment with fine of Rs.7 Lakh each for causing  loss of Rs.40 Lakh(Approx) to Punjab National Bank, Ambawadi Branch, Ahmedabad(Gujarat).

CBI spokesperson R C Joshi said cbi had registered a case on 02.12.2004 against the then Chief Manager, Punjab National Bank, Ambawadi Branch, Ahmedabad(Gujarat) and others.   It was alleged that the then Chief Manager of PNB had sanctioned cash credit(Hypothecation) facility of Rs.40 Lakh(Approx) to Shri Mayank Bachubhai Shah, Proprietor of Ahmedabad based private firm in conspiracy with other accused on the basis of forged documents, without carrying out physical inspection/verification of the immovable property. An alleged   loss of  Rs.40 Lakh(approx) was caused to said Bank.

After investigation, charge-sheet was filed on 06.10.2006 against the accused. During trial, 02 accused, including then Chief Manager, Punjab National Bank, expired.

The Trial Court found the said accused guilty and convicted them. Two accused were acquitted by the Court.


 

Friday 12 November 2021

ED Introduces a Mechanism for Verification of the Authenticity of Summons issued by it.

ED introduces a mechanism for verification of the authenticity of summons issued by it.


 Inder Vashisth

During the course of investigation, summons are issued by the Directorate of Enforcement (ED) under the provisions of section 50(2) of the Prevention of Money Laundering Act, 2002 (PMLA) and section 37 of Foreign Exchange Management Act, 1999 (FEMA). However, multiple instances have come to the notice of the Directorate of Enforcement where certain "unscrupulous" persons (conman) have sent summons to individuals with the motive of cheating or extortion.Investigations were conducted in these cases of fraud by ED and recently 4 persons have been arrested by Delhi Police (on the basis of complaint filed by ED) who were involved in issuing fake notice for appearance, impersonating as ED officers. These fake summons are often similar to the genuine summons issued by ED and hence it is difficult for the individuals to distinguish between the fake and genuine summons.
 In order to allow the individuals to verify the authenticity of the summons received by them, the Directorate of Enforcement has implemented a mechanism of generating summons through the system. Accordingly, officials of ED have been instructed to issue summons only through the system except in certain exceptional circumstances. It may also be noted that the summons generated from the system shall be duly signed and stamped by the official issuing the summons and shall also contain his/her official email id and the phone number for correspondence purpose.
The system generated summons shall bear a QR code and a unique Passcode at the bottom of the summons. The receiver of the summons can verify the authenticity of the summons by scanning the QR code printed on the summons and entering the unique Passcode on the website page of ED (which will open after scanning the QR code) after 24 hours of receipt of the same (excluding public holidays, saturdays and sundays).
 The summons which could not been generated through system can be 
verified by contacting the designated point of contact over telephone or email. The detailed procedure required to be followed for verification of summons including the 
details of designated point of contact are available on the official website of ED (https://enforcementdirectorate.gov.in )


Tuesday 9 November 2021

ऑटो रिक्शा गिरोह ने महिला प्रेस फोटोग्राफर का 7 लाख का कैमरा उड़ाया।




ऑटो रिक्शा गिरोह ने महिला प्रेस फोटोग्राफर का 7 लाख का कैमरा उड़ाया।

इंद्र वशिष्ठ
सावधान: राजधानी में तिपहिया स्कूटर सवार लुटेरो के गिरोह सक्रिय हैं।
तिपहिया स्कूटर में यात्रा करते समय सावधानी बरतें और चौकन्ने रहे, वरना जान और माल दोनों से हाथ धोना पड़ सकता है। उस तिपहिया स्कूटर में तो बिल्कुल भी न बैठे, जिसमें पहले से ही सवारी बैठी हुई हो और बेशक चालक कम किराए में गंतव्य तक पहुंचाने का लालच क्यों न दे।  तिपहिया स्कूटर का नंबर भी जरूर नोट करें ।

ऐसे ही एक गिरोह ने महिला पत्रकार का सात लाख रुपए का कैमरा लूट लिया। वारदात 8 नवंबर शाम को पूर्वी दिल्ली के शकर पुर थाना इलाके में हुई।
पूर्वी जिला की डीसीपी प्रियंका कश्यप ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
 नोएडा निवासी वरिष्ठ पत्रकार (फोटोग्राफर) शिप्रा दास (65) स्कूल ब्लॉक के सामने मदर डेयरी रोड पर  बस का इंतजार कर रही थी। तभी एक तिपहिया स्कूटर उनके पास आकर रुका। तिपहिया में चालक के साथ एक युवक और पीछे सीट पर भी दो लोग बैठे हुए थे।
तिपहिया चालक ने शिप्रा से पूछा कि कहां जाना है। चालक ने पहले पचास रुपए मांगे, फिर तीस रुपए में नोएडा छोड़ देने को तैयार हो गया।
 शिप्रा स्कूटर में बैठ गई। तिपहिया चालक ने उसे कहा कि अपना बैग पीछे रख दो, ताकि बैठने की जगह बन जाए। शिप्रा ने बैग रखने से मना कर दिया, लेकिन चालक उसे  बैग पीछे रखने के लिए बार-बार कहने लगा, तो उसने बैग पीछे रख दिया। इसी दौरान चालक के साथ बैठा युवक भी पीछे सीट पर बैठे व्यक्ति की गोद में आकर बैठ गया। शिप्रा ने बताया कि कुछ देर बाद ही सुनसान रास्ते से ले जाकर चालक ने मयूर विहार रोड पर एक जगह पर दूसरे  तिपहिया स्कूटर के पास अपना तिपहिया रोक दिया। शिप्रा से कहा कि दूसरा तिपहिया स्कूटर वाला उसे नोएडा छोड़ देगा।
सात लाख का कैमरा-शिप्रा ने घर पहुंच कर अपना बैग खोला तो उसमें कैमरे और लेंस के स्थान पर पत्थर भरे हुए थे। 
कैमरा (canon eox 5.0 mark 4), 2 लेंस, फ्लैश आदि की कीमत करीब सात लाख रुपए है। शिप्रा की शिकायत पर शकर पुर थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया है।
 जान बच गई-शिप्रा का कहना है कि उसकी जान बच गई, यह ही बहुत बड़ी बात हैं। क्योंकि अगर उसने बैग पीछे नहीं रखा होता, तो अपराधी सुनसान रास्ते पर उस पर हमला करके भी कैमरा लूट लेते। 





🔴 *TWO ROBBERS/THIEVES OF DHOLBAAJ GANG ARRESTED BY THE CRACK TEAM OF PS MS PARK AND STOLEN ARTICLES I.E. ONE CANON CAMERA, TWO CANON ZOOM LENS, ONE FLASH SPEEDLIGHT OF ESTIMATED VALUE OF 7 LACS RUPEES  RECOVERED.* 

🔴 *ACCUSED PERSONS HAVE STOLEN ABOVE SAID ARTICLES FROM THE BAG OF A SENIOR LADY JOURNALIST, WHILE SHE BOARDED AN AUTO ON 08.11.2021 IN PS-SHAKARPUR AREA. INFORMATION REGARDING* . 

🔴 *USUALLY HIRE AN AUTO, DRIVE, POSES AS DRIVER AND PASSENGERS, PUT THE VICTIM PASSENGER IN DISCOMFORT AND DIVERT THE ATTENTION BEFORE STEALING THE THINGS.* 

🔴 *THEY TARGET THE VICTIMS WHO ARE IN URGENCY TO BOARD AN AUTO NEAR BUS STANDS, RAILWAY/METRO STATIONS AND COMMIT THE CRIME.* 


 *TEAM  AND INCIDENT* :-
On 26.12.2021, During patrolling in the area, the crack team of PS MS Park comprising ASI Jeetpal, HC Deepak Kumar, HC Deepender, HC Jasbir Singh, & Ct Karan Singh received a secret information through reliable source regarding one robber/thief. Accordingly, under the supervision of Insp. Ramesh Prashad, Insp./L&O PS MS Park, the above mentioned team members, nabbed one thief namely Imran Hasan s/o Ali Hasan, r/o H No- N-46, Chhabra Colony, Near Krishna Juice, 80 Futa Road, Shalimar Garden, Sahibabad, Ghaziabad, UP, Age 41 Yrs. On searching and frisking of the said suspect, one Canon Camera with one canon zoom lens were recovered from his possession. On interrogation, he disclosed that he was in search of a buyer for the recovered articles near Natthu Colony Chowk, Mandoli Road. The Canon camera found stolen vide FIR No-555/21, Dt 08.11.21 from PS Shakarpur, East District Delhi. 

 *EFFORTS* :-
On sustained interrogation, the accused disclosed that he along with his associates Zakir Miyan r/o Trilokpuri and Auto driver Santosh r/o Ganesh Nagar have stolen above said Camera and other articles from the bag of a lady who boarded the auto rickshaw of Santosh as a passenger near Pandav Nagar enroute to Noida. Santosh was driving the auto however he (Imran Hasan) along with Zakir Miyan posed as passengers of the auto. The Auto Richsahw used in the crime is owned by Santosh whose whereabouts is unknown. However, on his instance his associate Zakir Miyan s/o Pyare Miyan, r/o 20/412, Block-20, Trilokpuri, Delhi, Age 40 Yrs has been apprehended from densely populated Trilokpri area after a hot chase and on his instance all the stolen were recovered from his residence.


 *INVESTIGATION AND ARREST* :-
In this regard, a Kalandra vide DD No 62 A, u/s 41.1D/102 CrPC was prepared at PS MS Park and above said accused persons 1. Imran Hasan s/o Ali Hasan r/o H No- N-46, Chhabra Colony, Near Krishna Juice, 80 Futa Road, Shalimar garden, Sahibabad, Ghaziabad, UP, Age 41 Yrs  &  2. Zakir Miyan s/o Pyare Miyan r/o 20/412, Block -20, Trilok Puri, East Delhi age 40 Yrs were arrested as per law. Recovered articles have been taken into police possession. Efforts are being made to trace the remaining third accused, the auto driver. 

 *MODUS OPERANDI* :-
They work as a gang, and these type of gangs popularly known as “ *Dholbaaj*” in world of crime. They usually took auto-TSRs on rent and one of the gang member drove the auto and other members posed as the passengers of the auto. They used to identify their targets near bus stands, railway stations and their targets are the passengers of auto who prefers auto journey on sharing basis. When the victim took a ride in their auto the accused persons which were already in the autos as the passengers asked the victim to put his luggage/bag etc in the back side passage of the auto and one of them started talking to the victim passenger on various topics and other one stole all articles from the luggage of the victim passenger and put bricks and stones in his bag to avoid any immediate suspicion from the passenger & further queries of the victim passenger regarding his luggage while dropping . After dropping the victim passenger, All Accused flee away with stolen articles in their auto.

 *PROFILE OF ACCUSED PERSONS* :-
1-  Imran Hasan s/o Ali Hasan r/o H No- N-46, Chhabra Colony, Near Krishna Juice, 80 Futa Road, Shalimar garden, Sahibabad, Ghaziabad UP age 41 Yrs. He had already been involved in 06 cases and was last arrested in the year of 2015. 
2-  Zakir Miyan s/o Pyare Miyan r/o 20/412, Block -20, Trilok Puri, East Delhi age 40. He had already been involved in 05 cases and was last arrested in the year of 2019. 

 *RECOVERY* : -
1- One Canon Camera
2- Two Canon Zoom Lens, 
3- One Flash Speed Light 

     *(Estimated value Rs. 7 Lacs)*

*In continuation of the arrests made by crack team PS MS Park in kalandara DD no 62 A dt 26.12.21 u/s 41.1D/102 CrPC regarding recovery of Canon Camera of a lady journalist in case FIR no 555/21 Dt 8.11.21 u/s 379 IPC  PS Shakarpur East Delhi One more accused person namely Laxman yadav @ Santosh,Auto driver s/o Budhsen yadav  r/o H no A43,  gali no 4, Som Bajaar road, Vikas Nagar Uttam Nagar Delhi age 35 yrs, residing in Trilokpuri on rent nowadays has been apprehended from near Moti Ram road GT road picket area and the auto TSR no DL1RAA-2380 used in commission of crime and one stolen canon camera battery recovered from his possession.* He is Previously involved in Two cases of Theft in PS shahdara
 शाहदरा जिले के मान सरोवर पार्क थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया।

Wednesday 3 November 2021

CBI ने सेना के 1 कर्नल और 3 लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ मामला दर्ज कर छापे मारे। कर्मियों की भर्ती में गडबडी का आरोप ।


CBI ने सेना के 1 कर्नल और 3 लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ मामला दर्ज कर छापे मारे। कर्मियों की भर्ती में गडबडी का आरोप ।


इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने कर्मियों की भर्ती में अनियमितताओं के आरोप में सेना अभियन्ता सेवा (एमईएस) के तत्कालीन कमांडर वर्किंग इंजीनियर (सीडब्ल्यूई) तथा अन्यों के विरुद्ध मामला दर्ज किया और उनके परिसरों की तलाशी ली।
कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल आरोपी-
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि  वर्ष 2012 के दौरान एमईएस झाँसी में लगभग 54 सहायकों(MATES) की भर्ती में अनियमितताओं के आरोप में सैन्य अभियन्ता सेवा(एमईएस) झांसी  के तत्कालीन कमांडर वर्किंग इंजीनियर(सीडब्ल्यूई) कर्नल अरविंद पाराशर, एमईएस झाँसी के दो तत्कालीन डीसीडब्ल्यूई लेफ्टिनेंट कर्नल आर आर नेगी और ए के सिंह, एमईएस ग्वालियर के तत्कालीन सैन्य दुर्ग अभियन्ता लेफ्टिनेंट कर्नल डी एस रावत तथा अन्य अज्ञात लोक सेवकों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया।
 सीबीआई द्वारा आरोपियों के पुणे (महाराष्ट्र), पोरबंदर(गुजरात) एवं नई दिल्ली स्थित परिसरों में तलाशी ली गई जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज और चल एवं अचल संपत्तियों में किए गए निवेश से सम्बंधित अन्य दस्तावेज बरामद हुए।