Monday 31 August 2020

गुजरात में मुंद्रा डॉकयार्ड का सुपरवाइजर आईएसआई एजेंट निकला। एनआईए ने गिरफ्तार किया।

गुजरात में मुंद्रा डॉकयार्ड का सुपरवाइजर आईएसआई एजेंट निकला। एनआईए ने गिरफ्तार किया।

इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुजरात में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले एक भारतीय गद्दार/ एजेंट को गिरफ्तार किया है।

डॉकयार्ड सुपरवाइजर-
रज्जाक भाई कुम्भार नामक यह गद्दार गुजरात में मुंद्रा डॉकयार्ड पर सुपरवाइजर के रुप में कार्यरत हैं। रज्जाक कुम्भार पश्चिम कच्छ जिले में कुम्भार गांव का निवासी हैं।

इस साल जनवरी में उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले चंदौली जिला निवासी मोहम्मद राशिद को गिरफ्तार किया था।
आईएसआई को गोपनीय सूचनाएं दी -
इस मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई। एनआईए को तफ्तीश के दौरान पता चला कि राशिद के पाकिस्तान की सेना/आईएसआई से जुड़े लोगों से संपर्क हैं राशिद दो बार पाकिस्तान गया था। राशिद ने भारत के संवेदनशील/ रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के फोटो और सेना की गतिविधियों आदि के बारे में सूचनाएं आईएसआई को दी थी।

रकम मुहैया कराई-
एनआईए को तफ्तीश के दौरान पता चला चला आईएसआई एजेंट रज्जाक भाई कुम्भार ने पेटीएम से पांच हजार रुपए रिजवान को भेजे थे। रिजवान ने वह पैसा राशिद को दिया था। रज्जाक ने आईएसआई के कहने पर यह रकम भेजी थी। आईएसआई ने सूचनाएंं देने के एवज में राशिद को यह पैसे भेजे थे।
एनआईए ने रज्जाक के घर से  दस्तावेज भी जब्त किए है।





Tuesday 25 August 2020

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकवादी एक और आत्मघाती हमले की तैयारी में थे। सर्जिकल स्ट्राइक ने जैश ए मोहम्मद के मंसूबों पर पानी फेर दिया।


          इंशा जांं और मोहम्मद उमर फारूक

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकवादी एक और आत्मघाती हमले की तैयारी में थे। सर्जिकल स्ट्राइक ने जैश ए मोहम्मद के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

इंद्र वशिष्ठ
पुलवामा मेंं सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद भी पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी एक और आत्मघाती हमला करना चाहते थे। लेकिन भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के अड्डे पर हमला करने और पुलवामा हमले के मुख्य अभियुक्त के मारे जाने के कारण वह टल गया।

13800 पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल -
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की प्रवक्ता डीआईजी सोनिया नारंग ने बताया कि जम्मू की एनआईए अदालत मेंं पुलवामा मेंं हुए आतंकवादी हमले में शामिल एक युवती समेत 19 आरोपियों के खिलाफ 13800 पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इनमें पाकिस्तानी आतंकी गिरोह जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर, रऊफ असगर, अम्मार अल्वी और मोहम्मद इस्माईल भी शामिल है।  ये सभी पाकिस्तानी आतंकवादी इस मामले में फरार  हैं।

सात गिरफ्तार-
इस मामले में  पुलवामा के शाकिर बशीर , इंशा जांं, पीर तारिक अहमद शाह, मोहम्मद अब्बास राठर, बिलाल अहमद कुची,  श्रीनगर निवासी  वाइज उल इस्लाम निवासी , बडगाम निवासी  मोहम्मद इकबाल राठर को गिरफ्तार किया जा चुका है।
6 मारे गए--
हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादी कारी यासिर, मोहम्मद कामरान, मोहम्मद उमर फारूक और भारतीय आतंकवादी पुलवामा का आदिल अहमद डार, मुदासिर अहमद खान, अनंन्त नाग का सज्जाद अहमद बट सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा चुके हैं।

6 की तलाश 
इस मामले में चार पाकिस्तानी आतंकवादियों के अलावा पुलवामा के अशहाक अहमद  और समीर अहमद डार की तलाशी की जा रही हैं।

अफगानिस्तान में प्रशिक्षण-
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तफ्तीश के दौरान पाया कि पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान के आतंकी गिरोह जैश ए मोहम्मद ने सुनियोजित आपराधिक साजिश रची थी। जैश ए मोहम्मद के सरगनाओं ने अपने आतंकवादियों को बम बनाने और अन्य आतंकी तरीक़ों के प्रशिक्षण के लिए अफगानिस्तान में मौजूद अल कायदा, तालिबान, जैश ए मोहम्मद और हक्कानी के आतंकवादी प्रशिक्षण अड्डों पर भेजा था।

पुलवामा हमले का मुख्य अभियुक्त मोहम्मद उमर फारूक भी विस्फोटकों के प्रशिक्षण के लिए साल 2016-17 में आफगानिस्तान गया था। मोहम्मद उमर फारूक अप्रैल 2018 में अतंर्राष्ट्रीय सीमा पर जम्मू सांबा सेक्टर से भारत में घुसा था। वह जैश ए मोहम्मद का पुलवामा का कमांडर था। मोहम्मद उमर फारुक ने अपने पाकिस्तानी साथियों मोहम्मद कामरान,मोहम्मद इस्माईल उर्फ सैफुल्लाह, कारी यासीर और स्थानीय निवासियों समीर डार और आदिल अहमद डार के साथ मिल कर सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाई और तैयारियां की।
आतंकवादियों के पनाहगार/ मददगार गद्दार -
आरोपी शाकिर बशीर, इंशा जांं,पीर तारिक अहमद शाह और बिलाल अहमद कुची ने जैश ए मोहम्मद के आतंकियों को अपने घरों में पनाह दी और उनको सभी तरह की मदद/ सुविधा उपलब्ध कराई।
शाकिर बशीर दिसंबर 2018 से जम्मू कश्मीर नेशनल हाईवे पर सुरक्षा बलों की आवाजाही, गतिविधियों और तैनाती की जानकारी जुटा रहा था।
आरडीएक्स पाकिस्तान से आया-
मुदासिर अहमद खान ने बम बनाने के लिए जिलेटिन की छडों का इंतज़ाम किया और शाकिर बशीर को दी थी। बम के लिए आरडीएक्स पाकिस्तानी आतंकवादी अपने साथ ही भारत ले कर आए थे शाकिर बशीर  ने आईईडी/ बम बनाने का सामान आरडीएक्स, जिलेटिन, कैल्शियम आमोनियम नाइट्रेट और अल्युमिनियम पाउडर आदि एकत्र कर मुदासिर के घर में जमा किया।
कार खरीदी-
सज्जाद अहमद बट्ट ने  आत्मघाती हमले के लिए  जनवरी 2019 में मारुति ईको कार खरीदी । कार को शाकिर बशीर के घर खडी किया गया। 
अमेजन से बम का सामान मंगाया-
मोहम्मद इस्माईल उर्फ सैफुल्लाह के कहने पर वाइज उल इस्लाम ने अपने अमेजन एकांउट से चार किलो अल्युमीनियम पाउडर मंगवा कर उसे दिया।

वीडियो बनाया-
आत्मघाती हमले के तुरंत बाद आतंकी गिरोह द्वारा जारी करने के लिए वीडियो मोहम्मद उमर फारूक, समीर डार और आदिल डार ने जनवरी 2019 मेंं पुलवामा के काकापोरा निवासी इंशा जांं के घर में बनाया था।

बम बनाया-
फरवरी 2019 के पहले हफ्ते मेंं मोहम्मद उमर फारूक, समीर अहमद डार, आदिल अहमद डार और शाकिर बशीर ने आरडीएक्स, कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, जिलेटिन और अल्युमीनियम पाउडर से आईईडी/ बम  बनाया।
200 किलो के बम -
यह बम दो डिब्बों में रखे गए। इनमें से एक बम का वजन 160 किलो और दूसरे का वजन  40 किलो था।  इन बमों को मारुति ईको में फिट कर दिया गया। आतंकवादियों ने 6 फरवरी की सुबह हमला करने के लिए यह तैयारी की थी। लेकिन उस दिन भारी बर्फ बारी के कारण नेशनल हाईवे को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था।
14 फरवरी 2019 को जैसे ही नेशनल हाईवे खुला शाकिर बशीर कार चला कर नेशनल हाईवे तक गया । वहां पहुंच कर शाकिर बशीर ने कार आदिल अहमद डार को सौंप दी। दौ सौ किलो विस्फोटक से भरी कार को आदिल नेशनल हाईवे पर ले गया और सीआरपीएफ के काफिले की बस मेंं टक्कर मार कर आत्मघाती हमले को अंजाम दिया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए और आठ घायल हुए। 32 लाख रुपए से ज्यादा मूल्य की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ।

पाकिस्तान से निरंतर संपर्क-
एनआईए  को जांच के दौरान पता चला कि पाकिस्तान में मौजूद जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, रऊफ असगर और अम्मार अल्वी उर्फ चाचा उर्फ छोटा मसूद हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवदियों से हमले से पहले और हमले के बाद भी  निरंतर संपर्क मेंं थे और उनको निर्देश दे रहे थे।

आत्मघाती हमला टल गया-
एनआईए को तफ्तीश मेंं यह भी पता चला कि पुलवामा हमले के बाद जैश ए मोहम्मद का इरादा एक और आत्मघाती हमला करने का था। लेकिन भारतीय वायुसेना द्वारा 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के अड्डों पर हमला करने और सुरक्षा बलों द्वारा पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक को मार दिए जाने के कारण वह टल गया ।
तफ्तीश में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान  ने आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने
 के लिए पाकिस्तान के शकरगढ में अड्डे (लांच पैड) बनाए हुए हैं। यह अड्डे जम्मू के सांबा कठुआ सेक्टर के सामने पाकिस्तान में है। 
पुख्ता सबूत-
एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ दायर 13800 पृष्ठ के आरोप पत्र मेंं केंद्र, राज्य के अलावा अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों से मिली महत्वपूर्ण जानकारियों को भी शामिल किया है। डिजिटल, फोरेंसिक, दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्यों के साथ एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने का दावा किया है।
                हमले में इस्तेमाल कार
  

Saturday 15 August 2020

CBI ने डीडीए के असिस्टेंट डायरेक्टर समेत तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा।

 एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार ।

इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने डीडीए के एक अफसर और क्लर्क समेत तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

सीबीआई के अनुसार मदन पुर खादर निवासी शिकायतकर्ता मोहित मंसूरी से एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण के असिस्टेंट डायरेक्टर सुधांशु रंजन, अपर डिवीजन क्लर्क अजीत भारद्वाज और सुरक्षा गार्ड दरवान सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

मोहित के जानकार कैनेडी को झुग्गी के बदले में डीडीए से प्लाट आवंटित हुआ था। मोहित ने पावर आफ अटर्नी पर कैनेडी से वह प्लाट खरीद लिया।  मोहित अब उस प्लाट को  किसी दूसरे व्यक्ति को बेचना चाहता है। इसके लिए डीडीए के रिकॉर्ड में प्लाट आवंटी के नाम कराना आवश्यक था।
चार लाख रिश्वत मांगी-
 डीडीए के अफसरों ने मोहित से इस काम के लिए  चार लाख रुपए रिश्वत मांगी। मोहित ने इस मामले की शिकायत सीबीआई में कर दी। सीबीआई ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए डीडीए कर्मी को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
दिल्ली और नोएडा में इन अभियुक्तों के घरों और दफ्तर में भी तलाशी ली गईं। कागजात जब्त किए गए ।

Friday 14 August 2020

दीप चंद बंधु अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के साथ उप-राज्यपाल ने किया अन्याय। फायर विभाग के एनओसी और निगम के कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बिना चल रहा अस्पताल।

  •              
                   डाक्टर विकास रामपाल


फायर विभाग के एनओसी और नगर निगम के कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बिना चल रहा अस्पताल।

क्या हादसे के बाद जागेगी सरकार ?

कोरोना मरीजों का दिल जीतने वाले डाक्टर के तबादले के पीछे कौन ? नेता,अफसर या ठेकेदार ?

इंद्र वशिष्ठ
कोरोना काल में इलाज और अच्छे व्यवहार से मरीजों का दिल जीतने वाले दीप चंद बंधु अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट का सम्मान करने की बजाए अचानक तबादला करना आश्चर्यजनक और संदेहजनक है। इस मामले ने उप राज्यपाल अनिल बैजल की भूमिका पर सवालिया निशान लगा दिया है।

तबादले पर सवालिया निशान-
मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पद से डाक्टर विकास रामपाल का तबादला भगवान महावीर अस्पताल में महज़ एक डाक्टर/ सीएमओ के पद पर करने का आदेश उप राज्यपाल अनिल बैजल ने 6 अगस्त को दिया ।
किसी अफसर या डाक्टर का तबादला वैसे तो सामान्य सी बात होती है लेकिन डाक्टर विकास रामपाल के तबादले का समय,  परिस्थिति और तरीका सब असामान्य है और नियमों को ताक पर रख कर किया गया है। नियमों के अनुसार मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पद के लिए निर्धारित कार्यकाल (आयु 62 साल तक) पूरे होने में डाक्टर विकास रामपाल के करीब आठ महीने शेष थे। इसके बावजूद उनका तबादला कर दिया गया।

अच्छे कार्यों के बदले सज़ा-
इस तबादले को डाक्टर रामपाल की भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ंग से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। 
डाक्टर विकास रामपाल ने इस मामले में उप राज्यपाल को ज्ञापन देकर अपने तबादले पर सवाल उठाए हैं। डाक्टर विकास रामपाल के मुताबिक मनमाने तरीके से किया गया यह तबादला ईमानदारी से कार्य करने वाले डाक्टरों का मनोबल तोड़ने वाला है। कोरोना योद्धा के रूप में उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों के बदले उन्हें यह सज़ा  दी गई है।
डाक्टर विकास रामपाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन को भी यह पत्र भेजा है।

दीप चंद बंधु अस्पताल दिल्ली सरकार का है लेकिन डाक्टर की तैनाती/ तबादला आदि सर्विस विभाग के द्वारा की जाती है जिसके मुखिया उप राज्यपाल अनिल बैजल हैं।‌‌‌

 मरीजों ने डाक्टर का सम्मान किया, सरकार ने अपमान किया -
कोरोना महामारी संकट के बीच में मेडिकल सुपरिटेंडेंट पद से डाक्टर विकास रामपाल के तबादले से कई सवाल उठ रहे हैं।
एक ओर दिल्ली सरकार के बड़े बड़े अस्पतालों द्वारा मरीजों को भर्ती करने से इंकार करने और इलाज में लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों का अमानवीय संवेदनहीन चेहरा कोरोना पीड़ितों द्वारा लगातार उजागर किया जा रहा है।

ऐसे में दीप चंद बंधु अस्पताल में भर्ती
कोरोना पीड़ितों द्वारा मेडिकल सुपरिटेंडेंट डाक्टर विकास रामपाल और उनकी टीम के संवेदनशील व्यवहार की तारीफ किया जाना बहुत ही सुखद अहसास कराता है। जिससे यह पता चलता है संवेदनशील और सेवा भाव वाले डाक्टरों और नर्स आदि की कमी नहीं है।
ऐसे डाक्टर को सम्मानित करने की बजाए तबादला कर दिया जाना अपमानजनक तो है ही ईमानदारी और सेवा भाव से अपने कर्तव्य का पालन करने वाले डाक्टरों का मनोबल भी तोड़ना  है। 
प्रधानमंत्री मोदी तो जनता से थाली ताली बजवा कर कोरोना योद्धा डाक्टरों का  सम्मान कराते हैं दूसरी ओर उप राज्यपाल इस तरीके से मेडिकल सुपरिटेंडेंट का तबादला कर अपमानित कर रहे हैं। 

तबादले का औचित्य-
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि सीमित संसाधनों के बावजूद डाक्टर विकास रामपाल   डाक्टरों की टीम के साथ कोरोना के खिलाफ ज़ंग में बहुत अच्छा काम कर रहे थे तो उनका तबादला किए जाने का क्या औचित्य है। 

 70 करोड़ का  टेंडर-
डाक्टर विकास रामपाल का तबादला सामान्य तबादला नहीं है।
बताया जाता है कि दीप चंद बंधु अस्पताल में   निर्माण कार्य करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 70 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। अस्पताल में कुछ कार्य शुरू किया जा चुका है।
डाक्टर विकास रामपाल के विचार में इस निर्माण कार्य की जरूरत नहीं है। 

क्योंकि अस्पताल कुछ साल पहले ही बना है। उसमें कुछ ओर बनाने की न तो ज़रुरत है और न ही वहां इसकी गुंजाइश है। ऐसे में उसमें खामखां तोड़ फोड़ करना सरकारी धन की बरबादी है। 

दूसरी ओर यह कहा जा रहा है कि अस्पताल में बिस्तरों की संख्या दो सौ से बढ़ा कर चार सौ किए जाने के लिए यह निर्माण कार्य करने की जरूरत है।

नगर निगम और फायर विभाग का एनओसी नहीं -
दीप चंद बंधु अस्पताल को शुरू हुए कई साल हो चुके हैं लेकिन हैरानी की बात है कि इस अस्पताल के पास न तो दिल्ली नगर निगम का कंप्लीशन सर्टिफिकेट है और आग से बचाव के लिए किए जाने वाले इंतजामों के लिए  फायर विभाग का एनओसी भी नहीं है। बिना जरुरी सर्टिफिकेट और एन ओ सी के अस्पताल शुरू हो जाने के इस मामले से दिल्ली नगर निगम और फायर विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग गया है।
डाक्टर विकास रामपाल इन ज़रुरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही काम शुरू करवाने को तैयार थे।
डाक्टर विकास रामपाल के स्थान पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट नियुक्त डाक्टर सुमन कुमारी पहले भी दीप चंद बंधु अस्पताल में कार्यवाहक मेडिकल सुपरिटेंडेंट रह चुकी है बताया जाता है कि उन्होंने ही अस्पताल के री माडलिंग का नक्शा पास किया था।
ठेकेदारों के आंखों की किरकरी-
डाक्टर विकास रामपाल ने ठेकेदारों के जरिए काम लेने की बजाए सफ़ाई कर्मचारी, चौकीदार, नर्सिंग स्टाफ और डाटा एंट्री ऑपरेटर को सीधे दिल्ली सरकार से वेतन दिलवा दिया। जिससे ठेकेदार परेशान हो गए थे।
उप राज्यपाल कार्रवाई करके दिखाओ-
कोरोना के दौर में एक ओर पीड़ितों द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और गुरु तेग बहादुर अस्पताल में डाक्टरों द्वारा भर्ती करने से इंकार या इलाज में लापरवाही बरतने के अनेक मामले सामने आए हैं। यहां तक की अस्पतालों के नर्सिंग स्टाफ तक को खाना मुहैया कराने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगानी पड़ी।
उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री बता सकते हैं  कि इलाज में लापरवाही बरतने और भर्ती  करने से इंकार कर आपराधिक लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट या डाक्टरों के खिलाफ क्या  कार्रवाई की गई है।