Thursday 10 May 2012

तंत्र-मंत्र, जादू-टोना का हरियाणा में बना ठिकाना


हरियाणा में सबसे ज्यादा अंधविश्वासी,
तंत्र-मंत्र, जादू-टोना का हरियाणा में बना ठिकाना
 जादू- टोने के लिए हत्या में हरियाणा सबसे आगे 
देश में जादू टोने ने ली 528 लोगों की जान

इंद्र वशिष्ठ
इंसान भी कितना अजीब है एक ओर तो वह खुद कों आधुनिक दिखाने की होड में लगा रहता है । इसके लिए वह  नए-नए फैशन के कपडे पहनने से लेकर नए- नए  आई पैड, मोबाइल और अन्य इस तरह की चीजों का सहारा लेकर अपनी जीवन शैली और कार्य शैली से खुद को समाज में हाई टैक , आधुनिक और खुले विचारों वाला दिखाने में लगा रहता है।   दूसरी ओर  अपनी समस्याओं के हल के लिए बाबाओं और तांत्रिकों के दरबार में बडी तादाद में बढ रही उनकी हाजिरी उनके अंधविश्वासी होने की पोल खोल रही है। इंसान का यहीं दोहरा चऱि़त्र असल में उसकी सभी समस्याओं की जड है। 
 तंत्र-मंत्र- जंतर में डूबे ऐसे ही अंधविश्वासियों ने जादू- टोने के चक्कर में तीन साल में  देश में 528 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। चौंकाने  वाली बात यह है कि जादू- टोने या तंत्र-मंत्र  के कारण  हत्या  के मामले में दिल्ली से सटा सम्पन्न राज्य हरियाणा सबसे आगे है। हरियाणा में वर्ष 2008 में 25, वर्ष 2009 में 30 और वर्ष 2010 में 57 लोगों की अंधविश्वासियों ने हत्या कर दी। हरियाणा के बाद उडीसा ऐसा राज्य है जहां पर वर्ष 2010 में 31 लोगों की हत्या कर दी गई । सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी के क्षेत्र में नाम कमाने वाला आंध्र प्रदेश भी इस मामले में पीछे नहीं है वहां पर भी वर्ष 2010 में 26 लोगों की इसी वजह से हत्या कर दी गई।
गृह मंत्रालय के  आंकडों के अनुसार जादू टोने के कारण पूरे देश में वर्ष 2008 से 2010 के दौरान कुल 528 लोगों की हत्या कर दी गई। इन  तीन सालों में अंधविश्वासियों ने हरियाणा में 112, झारखंड में 104, उडीसा में 82, आंध्र प्रदेश में 76,, मध्य प्रदेश में 58, महाराष्ट  में 33, छतीस गढ में 29, गुजरात में 9, मेघालय में 6, बिहार   और  पश्चिम बंगाल   में 4-4  ,कर्नाटक और  , तमिलनाडु में 3-3, राजस्थान में 2, उत्तर प्रदेश ,त्रिपुरा  और दादरा नगर हवेली में 3 लोगों  को जादू टोने के कारण मौत के घाट उतार दिया गया।

Tuesday 8 May 2012

आशु भाई गुरुजी का असली चेहरा


आशु को पहचानों ये है कौन
इंद्र वशिष्ठ
विश्वविख्यात ज्योतिषचार्य और हस्तरेखा विशेषज्ञ होने का दावा करने वाला एक व्यकित अपनी असली पहचान छिपाकर  ज्योतिष का कारोबार/ धंधा चला रहा है। दूसरों का भविष्य बताने का दावा करने वाले यह  व्यकित  अपना भविष्य ही नहीं जानता वरना उसके नौकर उसका पचास लाख रुपया चोरी न कर पाते। 1990 के दशक तक वजीर पुर जे जे कालोनी में रहने वाला यह व्यक्ति अब करोड़ों का मालिक है। सराय रोहिल्ला थाना के पदम नगर इलाके में इसने अपना धंधा शुरू किया था एक दिन अचानक वहां से अपना धंधा बंद कर दिया। करोड़ों रुपए की तो अब इसके पास कारें हैं।
आशु है कौन-    साधना चैनल और जी जागरण पर रोजाना अनेक बार यह व्यकित आशु भाई गुरुजी बन कर लोगों की सभी प्रकार की  समस्याओं का समाधान करने का दावा करता है। कार्यक्रम में दिखाया जाता है कि एक  ट्रक चालक आशु भाई के दिए रतन के कारण ट्रक का मालिक बनकर मालामाल हो गया। इसी तरह कल तक साइकिल के पंचर लगाने वाले एक  व्यकित की  दरिद्रता  आशु भाई की शरण में आने से दूर हो गई । इस तरीके के कई दावे दिखाए जाते है।  फोन इन लाइव कार्यक्रम में आशु हास्यास्पद बातें करता है। वास्तुदोष सर्व बाधा नाशक धूप आदि भी वह बेचता  है। भूत-प्रेत की छाया से बचाने और काल सर्प दोष आदि का उपाय करने का दावा भी किया जाता है। लेकिन लोग यह नहीं जानते  आशु भाई गुरु जी के नाम से  चैनल पर  दिखाई देने वाले इस व्यकित का असली नाम आसिफ खान  है। अपने असली नाम और पहचान को जाहिर न करना  उसकी भूमिका पर सवालिया निशान लगाता है।
आशु भाई के नाम से कई सालों से ज्योतिष के कारोबार में सक्रिय आसिफ खान का प्रीतम पुरा के तरुण एंकलेव में मकान और रोहिणी सेकटर 7 बी 4/77-78 में दफतर है। इस दफतर में सुबह 4 से 8 बजे वह लोगों से मिलता है वैसे हौजखास में भी उसका एक अन्य दफतर है। आशु मुलाकात के लिए मोटी फीस लेता है।  उपाय आदि के नाम पर ली जानी रकम की तो कोई तय सीमा नहीं है।


50 लाख चोरी--पिछले साल 6 फरवरी की तडके आशु  रोहिणी के दफतर में पहुंचा तो वहां पर ताला लगा हुआ पाया। दफतर के केयरटेकर लक्ष्मण और हंसराज जोशी भी वहां नहीं थें। कुछ देर इंतजार के बाद आशु ताला तोड कर अंदर गया और लोगों की समस्याओं का कथित समाधान करने में जुट गया। उनसे निपटने के बाद आशु ने देखा कि उसकी अलमारी में रखे 50 लाख रुपए  चोरी हो गए है।  आशु उर्फ आसिफ खान की शिकायत पर रोहिणी उत्तरी थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया। पुलिस ने नेपाल निवासी उपरोक्त दोनों केयरटेकरों की तलाश शुरु कर दी । पुलिस ने एसएसबी की मदद से 7 मार्च को भारत-नेपाल सीमा पर गौरीफैंटा बार्डर पर लक्ष्मण और हंसराज को पकड लिया। उनके पास से 42 लाख रुपए बरामद हो गए। इन दोनों ने पुलिस को बताया कि आशु के दफतर में हमेशा मोटी रकम होने का की बात उन्होंने चांदनी चैक में रहने वाले अपने दो दोस्तों को बताई तो उन्होंने उनको रकम चोरी करने के लिए उकसाया। चोरी के बाद वह उन दोस्तों के पास रहें  और उनको 8 लाख रुपए दे दिए। बाहरी जिले की तत्तकालीन डीसीपी छाया शर्मा ने 8 मार्च को  इस मामले का  खुलासा किया।   पुलिस  केयरटेकर के मोबाइल फोन के सर्विलांस के आधार पर उनको पकड पाई थी। इस रकम के बारे में पुलिस ने बताया कि आशु ने कोई प्रापर्टी बेची थी। आशु के अनेक पुलिस अफसरों से भी संबंध बताए जाते है। शायद यहीं वजह है कि इस रकम  के बारे में इनकम टैक्स विभाग को सूचना देना पुलिस ने जरुरी नहीं समझा। आम आदमी के मामले में तो पुलिस इनकम टैक्स विभाग को सूचना देने की बात करती है ताकि वह एफआईआर में लुटी या चोरी की रकम कम लिख सके।
कालसर्प के नाम ठगते है--करीब तीस साल से भारतीय विद्या भवन में ज्योतिष की शिक्षा दे रहे  पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह एवं ज्योतिष शास्त्र के विद्वान के एन राव के अनुसार  शास़्त्रों में काल सर्प का कहीं भी उल्लेख नहीं है। ज्योतिषी कालसर्प को दूर करने के उपायों का नाम लेकर परेशान लोगों से मोटी रकम ऐंठ लेते है।