Monday 31 January 2022

CBI ने पंजाब रोडवेज़ के निदेशक IAS अफसर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया, 30 लाख रुपए बरामद।

पंजाब रोडवेज़ का IAS अफसर रिश्वत लेते गिरफ्तार।

इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने पंजाब रोडवेज़ में निदेशक पद पर तैनात आईएएस अफसर को दो लाख रुपए की रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया है। इस अफसर के ठिकानों से तीस लाख रुपए बरामद हुए हैं।


सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि शिकायकर्ता की महाप्रबंधक के पद पर पदोन्नति होनी है। पदोन्नति के लिए इसी महीने  गठित विभागीय पदोन्नति सीमित (डीपीसी) में पंजाब रोडवेज, चंडीगढ़ में निदेशक परमजीत सिंह  सदस्य हैं। 
आरोप है कि शिकायकर्ता का नाम पदोन्नति के लिए परिवहन विभाग, पंजाब सरकार के प्रधान सचिव को भेजने की एवज में निदेशक परमजीत सिंह ने पांच लाख रुपए रिश्वत की मांग की। बातचीत के बाद निदेशक परमजीत ने रिश्वत की रकम घटा कर दो लाख रुपए कर दी। निदेशक ने शिकायतकर्ता को धमकी दी, कि रिश्वत ना देने पर परिणाम भुगतना पड़ेगा।
सीबीआई ने मामला दर्ज कर निदेशक को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया। शिकायतकर्ता से दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए निदेशक परमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। निदेशक के चंडीगढ और मोहली स्थित परिसरों की तलाशी ली गई।



Sunday 23 January 2022

CBI ने दिल्ली पुलिस के रिश्वतखोर SHO समेत तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। बिना रिश्वत दिए एक ईंट नहीं लगा सकते।

कमिश्नर राकेश अस्थाना, देखो ये क्या हो रहा है।
   
सीबीआई ने रिश्वतखोर एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया।


इंद्र वशिष्ठ 
सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता से प्लाट की चारदीवारी करने देने की एवज में पांच सौ रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से रिश्वत मांगी थी।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि कालिंदी कुंज थाने के एसएचओ भूषण कुमार आजाद, हवलदार राकेश प्रसाद यादव और सिपाही दिनेश को रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया गया है।
पांच सौ रुपए गज -
सीबीआई के अनुसार कालिंदी कुंज थाना इलाके के मदन पुर खादर निवासी शिकायतकर्ता ने एसएचओ भूषण कुमार आजाद और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई में शिकायत की थी। शिकायकर्ता को अपने 132 वर्ग गज के प्लाट की चारदीवारी बनवा रहा था। हवलदार राकेश ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। चारदीवारी बनाने देने के लिए एसएचओ भूषण कुमार आजाद ने हवलदार राकेश यादव के माध्यम से पांच सौ रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की। एस एच ओ  ने शिकायतकर्ता से बातचीत के बाद  रिश्वत की रकम घटा कर तीन सौ रुपए प्रति वर्ग गज कर दी। 
सीबीआई ने मामला दर्ज कर पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। 22जनवरी को हवलदार राकेश यादव की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 39 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए सिपाही दिनेश को गिरफ्तार किया गया। एसएचओ भूषण कुमार आजाद और हवलदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद सीबीआई ने इन पुलिसकर्मियों के थाने के कमरे और घरों में तलाशी ली।
बिना रिश्वत एक ईंट नहीं लगा सकते-
पुलिस को रिश्वत दिए बिना कोई एक ईंट भी नहीं लगा सकता। पुलिस की कमाई का यह  सबसे बड़ा जरिया है। 
वसूली के लिए मजदूरों पर जुल्म-
पिछले महीने ही नारायण थाना के एसएचओ समीर श्रीवास्तव और हवलदार नवनीत आदि के खिलाफ सतर्कता विभाग में भी शिकायत की गई। आरोप है कि पुलिस ने बिल्डर से पैसा वसूलने के लिए  उसके मजदूरों को आधी रात में सोते से उठा कर पीटा और थाने में अवैध रुप से बंधक बना कर रखा। पुलिस ने महिला मजदूर तक को पीटा और बदसलूकी की। 
झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर
बिल्डर सोती पुरुषोत्तम गेरा से पांच लाख रुपए की मांग की गई, दो लाख रुपए वसूलने के बाद ही मजदूरों को छोड़ा गया। बिल्डर के सुपरवाइजर सुनील गेरा ने इस मामले की शिकायत पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उर्विजा गोयल से की। एसएचओ समीर श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत की गई है।  इसके बावजूद एक एएसआई को इस मामले की जांच सौंप दी गई। इससे वरिष्ठ पहले अफसरों की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है। जिला पुलिस का ऐसा रवैया  देख कर बिल्डर ने सतर्कता विभाग में शिकायत की। सतर्कता विभाग के डीसीपी एस के सिंह से मिल कर उन्हें पुलिसिया जुल्म की सारी कहानी बताई। लेकिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एएसआई गिरफ्तार-
सीबीआई के 18 जनवरी को सुलतान पुरी थाने में तैनात असिस्टेंट सब -इंस्पेक्टर (एएसआई) कुलदीप सिंह और चाय विक्रेता भगत लाल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। भगत लाल की थाने के सामने चाय की दुकान है।
सुलतान पुरी निवासी धीरज कुमार ने 17 जनवरी को सीबीआई मे शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उसकी भांजी ने उसके छोटे भाई सुमित और भतीजे सुशील के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले का जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप सिंह है। कुलदीप सिंह ने उसके भाई और भतीजे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी।



Wednesday 19 January 2022

CBI ने दिल्ली पुलिस के रिश्वतखोर ASI को गिरफ्तार किया।

सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के रिश्वतखोर एएसआई को गिरफ्तार किया।


इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में दिल्ली पुलिस के एक एएसआई और एक चायवाले को गिरफ्तार किया है।

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि सुलतान पुरी थाने में तैनात असिस्टेंट सब -इंस्पेक्टर (एएसआई) कुलदीप सिंह और चाय विक्रेता भगत लाल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। भगत लाल की थाने के सामने चाय की दुकान है।
गिरफ्तार न करने के पचास हजार-
सुलतान पुरी निवासी धीरज कुमार ने 17 जनवरी को सीबीआई मे शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उसकी भांजी ने उसके छोटे भाई सुमित और भतीजे सुशील के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले का जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप सिंह है। कुलदीप सिंह ने उसके भाई और भतीजे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी है। उसके अनुरोध करने पर एएसआई कुलदीप चालीस हजार रुपए दो किश्तों में लेने को तैयार हो गया है। 
सीबीआई ने स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में शिकायत में लगाए आरोपों का सत्यापन किया।एएसआई और शिकायतकर्ता की बातचीत की रिकार्डिंग की गई। इसके बाद रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।
बीस हजार लेते गिरफ्तार-
एएसआई कुलदीप ने रिश्वत की रकम चाय विक्रेता भगत लाल को देने के लिए कहा। सीबीआई ने 18 जनवरी को शिकायतकर्ता से बीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए चायवाले भगत लाल को गिरफ्तार किया। एएसआई कुलदीप सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। 
सीबीआई ने इन दोनों के परिसरों की तलाशी ली। दोनों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया गया।
चालाकी काम न आई-
शिकायतकर्ता सीबीआई के स्वतंत्र गवाह को लेकर एएसआई कुलदीप से थाने के बाहर  मिला था। एएसआई ने शिकायकर्ता के साथी (स्वतंत्र गवाह) को अपने से दूर खड़ा कर दिया। एएसआई के कहने पर शिकायतकर्ता ने अपना मोबाइल फोन भी साथी को सौंप दिया। एएसआई ने यह सब सावधानी इसलिए बरती, ताकि उनकी बातचीत स्वतंत्र गवाह न सुन पाए और शिकायतकर्ता अपने मोबाइल से उसकी बातचीत रिकार्ड न कर सके। लेकिन एएसआई की यह सारी चालाकी धरी की धरी रह गई।


Wednesday 12 January 2022

बिल्डर से पैसा वसूलने के लिए मजदूरों पर पुलिस का कहर। नारायाणा थाने के SHO के खिलाफ जांच का जिम्मा ASI को दिया, IPS की काबिलियत पर सवालिया निशान। पुलिस ने महिला मजदूर से की बदसलूकी, CA बना पुलिस का दलाल।

कमिश्नर राकेश अस्थाना, देखो ये क्या हो रहा हैं।

बिल्डर से वसूली के लिए मजदूरों पर पुलिस का कहर।

SHO के खिलाफ ASI जांच कर सकता है?
IPS की काबिलियत पर सवालिया निशान।



इंद्र वशिष्ठ
एक बिल्डर ने नारायणा थाने की पुलिस पर  झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर दो लाख रुपए वसूलने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पैसा वसूलने के लिए पुलिस ने आधी रात में महिला मजदूर को भी पीटा, घसीटा और बदसलूकी की। पुलिस ने मजदूरों को थाने में अवैध रूप से बंधक बना कर रखा और उनकी पिटाई की गई।
2 लाख वसूल कर छोड़ा-
बिल्डर से दो लाख रुपए वसूलने के बाद उन्हें छोड़ा गया। बिल्डर ने नारायणा थाने के एसएचओ समीर श्रीवास्तव और हवलदार नवनीत और अन्य पुलिस वालों के खिलाफ पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उर्विजा गोयल को शिकायत की। एसएचओ के खिलाफ आरोप लगाए गए है इसके बावजूद मामले की जांच का जिम्मा जिले की सतर्कता शाखा के एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर(एएसआई) को दिया गया है। क्या एएसआई स्तर का पुलिसकर्मी अपने से वरिष्ठ अफसर के खिलाफ जांच कर सकता है? इससे जिला पुलिस के वरिष्ठ अफसरों की काबिलियत और भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है। 
मजदूरों पर अत्याचार-
बिल्डर सोती पुरुषोत्तम गेरा नारायणा औद्योगिक क्षेत्र में एक बिल्डिंग बना रहे हैं। नगर निगम से नक्शा पास करा कर नियमों के अनुसार बिल्डिंग बनाई जा रही है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण बढ़ने पर दिसंबर के शुरु में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी। मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और दिल्ली के 9-10 मजदूर निर्माण स्थल पर ही रह रहे थे ताकि रोक हटने पर काम कर सकें।। 
महिला मजदूर से की बदसलूकी-
बिल्डर के सुपरवाइजर सुनील गेरा द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार 5/6 दिसंबर 2021 को आधी रात में हवलदार नवनीत और अन्य पुलिस वाले उस परिसर में ताला तोड़कर कर घुस गए। सो रहे मजदूरों को पीटा, एक महिला मजदूर को भी पीटा, घसीटा और बदसलूकी भी की। मजदूरों को थाने ले गए और अवैध रुप से रोक कर रखा गया। जबरन पैसा वसूलने के लिए बिल्डर और मजदूरों को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई। 
10 हजार डॉलर न देने से SHO नाराज -
शिकायत के अनुसार हवलदार नवनीत ने सुनील से कहा कि एसएचओ समीर श्रीवास्तव बिल्डर  सोती पुरुषोत्तम गेरा से नाराज हैं, क्योंकि उसने दस हजार डॉलर नहीं दिए। जोकि बिचौलिए सीए मुकेश मित्तल के माध्यम से मांगे गए थे। शिकायतकर्ता के अनुसार बिल्डर पुलिस के मांगने पर कई बार स्कॉच( Chivas regal,Glenfidth)
की पेटियां दे चुका है।
5 लाख मांगे-
हवलदार नवनीत ने एसएचओ समीर की ओर से पांच लाख रुपए की मांग की। रुपए न देने पर बिल्डर, ठेकेदार और मजदूरों को गिरफ्तार करने की धमकी दी। बिल्डर से दो लाख रुपए वसूलने के बाद ही मजदूरों को 6 दिसंबर की शाम को  छोड़ा गया।
सीए बना पुलिस का दलाल-
शिकायत के अनुसार एसएचओ की ओर से हवलदार नवनीत ही वसूली करता है। चार्टेड एकाउंटेंट मुकेश मित्तल के माध्यम से बिल्डरों आदि से पैसे आदि की बातचीत की जाती है। बिल्डर ने शिकायत में कहा है कि उसके पास सीए के साथ फोन पर बातचीत की अनेक रिकार्डिंग भी है जिसे वह जांच के दौरान दे सकता है। आधी रात को एक मजदूर ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन करके सारी सात बताई थी। पीसीआर मौके पर भी आई थी। बिल्डिंग परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी सारी घटना रिकॉर्ड हुई है।
एएसआई जांच करेगा-
सुनील गेरा ने इस मामले की शिकायत 14 दिसंबर 2021 को नारायाणा के एसीपी और पश्चिम जिले की डीसीपी उर्विजा गोयल से की। सुनील को एसएमएस द्वारा पुलिस  ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एएसआई  मनोहर लाल शर्मा को जांच अफसर नियुक्त किया गया है।
 जिला पुलिस का यह रवैया देख कर सुनील गेरा ने 24 दिसंबर 2021 को सतर्कता विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त को भी शिकायत दी और सतर्कता विभाग के डीसीपी से मुलाकात कर उन्हें सारी बात बताई। 
लेकिन अभी तक पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
 हथकंडे-
इस मामले से पता चलता है कि पुलिस अवैध निर्माण से ही नहीं नक्शा पास करा कर वैध निर्माण करने वालों से भी पैसा वसूलने के लिए कैसे कैसे हथकंडे अपनाती है।