Wednesday 26 July 2023

सिद्दू मूसेवाला की हत्या में शामिल विक्रम बरार गिरफ्तार : एनआईए



सिद्दू मूसेवाला की हत्या में शामिल विक्रम बरार गिरफ्तार : एनआईए

इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुख्यात बदमाश लारेंस बिश्नोई के फरार खास साथी विक्रम बरार को गिरफ्तार किया है। 
एनआईए आतंकियों, बदमाशों और तस्करों के गठजोड़ में शामिल विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत लाई है। 
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि
गायक सिद्दू मूसेवाला की हत्या में शामिल विक्रम बरार की हत्या और जबरन वसूली आदि के 11 मामलों में तलाश थी। 
विक्रम बरार लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार आदि की मदद से भारत में हत्याओं के अलावा हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली के अपराध में शामिल था। 
विक्रम बरार यूएई से भारत की जेल में बंद लारेंस बिश्नोई, कनाडा में स्थित गोल्डी बरार और गिरोह के अन्य बदमाशों के बीच संपर्क के लिए कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम (सीसीआर) के रूप में काम कर रहा था। उनके निर्देश पर वह जबरन वसूली के लिए लोगों को फोन करता था। 
एनआईए को तफ्तीश में पता चला कि गायक मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने में विक्रम बरार ने गोल्डी बरार की सक्रिय रूप से मदद की थी। 
लारेंस बिश्नोई ने जबरन वसूली से जुटाए धन को हवाला के माध्यम से विक्रम बरार को भेजा था। विक्रम बरार ने कुरुक्षेत्र के एक डाक्टर को पैसा वसूलने के लिए धमकी दी थी। 
लारेंस बिश्नोई का खास साथी बनने से पहले विक्रम बरार पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संगठन से जुड़ा हुआ था। वह अपने साथियों के साथ हत्या, हत्या की कोशिश और जबरन वसूली जैसे अपराध में सक्रिय था। वह पंजाब राजस्थान, हरियाणा में हत्याओं और जबरन वसूली में लारेंस बिश्नोई गिरोह की सहायता/ सुविधा प्रदान कर रहा था। 
एनआईए ने आतंकियों, बदमाशों, तस्करों के गठजोड़ मामले में अब तक 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

Tuesday 25 July 2023

दिल्ली, हरियाणा के बदमाशों की संपत्तियों की कुर्की: एनआईए





इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकियों, बदमाशों और ड्रग्स तस्करों के गठजोड़ में शामिल दिल्ली, हरियाणा के तीन बदमाशों की संपत्तियां कुर्क की हैं। इन बदमाशों के आतंकी अर्श डल्ला और विदेश में स्थित अन्य आतंकवादियों से संबंध हैं। 
छेनू का घर कुर्क-
उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुख्यात बदमाश इरफ़ान उर्फ छेनू पहलवान के घर की कुर्की की गई है। हत्या, जबरन वसूली समेत अनेक आपराधिक मामलों में शामिल छेनू पहलवान पंजाब के बंबीहा गिरोह को आदमी, हथियार उपलब्ध कराने के अलावा उनके रहने ठहरने का इंतजाम भी करता था। 
छेनू पहलवान कौशल चौधरी और भूपी राणा आदि के कहने पर आतंकी/अपराधिक मामलों में शामिल भगोड़े बदमाशों के लिए सुरक्षित ठिकाने का इंतजाम करता था। 
घरों की कुर्की-
हरियाणा में गुरुग्राम में बदमाश कौशल चौधरी और अमित डागर के घरों की कुर्की की गई है। ये दोनों विदेश में बैठे आतंकी अर्श डल्ला और गौरब पटयाल उर्फ सौरव ठाकुर उर्फ लकी के खास सहयोगी हैं। कौशल और अमित व्यवसायियों/गायकों/ खिलाड़ियों आदि की  हत्या,जबरन वसूली और आतंकित करने के अपराध में शामिल हैं। इसके अलावा ये आतंक और हिंसा के लिए हथियारों भी उपलब्ध कराते हैं। जबरन वसूली से जुटाए धन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और बंबीहा समेत अन्य गिरोहों की मदद के लिए करते हैं।
आतंकवाद की आय-
एनआईए द्वारा संगठित अपराध सिंडिकेट में शामिल अपराधियों की कुर्क की गई संपत्तियां 'आतंकवाद की आय' पाई गईं, जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और अपराधों को अंजाम देने के लिए किया गया। 
माफिया नेटवर्क-
एनआईए ने अगस्त 2022 में यूएपीए के तहत 3 प्रमुख संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ मामले दर्ज किए थे, जिन्होंने उत्तरी भारत के राज्यों में अपने माफिया शैली के नेटवर्क को फैलाया था।यह माफिया गायक सिद्धू मूसेवाला, महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी और पंजाब में एक अंतरराष्ट्रीय कबड्डी आयोजक संदीप नंगल अंबिया की हत्या और व्यापारियों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे सनसनीखेज अपराधों में शामिल है। इनमें से कई साजिशों के मास्टरमाइंड पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों में या भारत की जेलों में बंद कुख्यात बदमाश है। 
जेल में गैंगवार-
कई जेलों के इस घातक गठजोड़ के लिए स्वर्ग बन जाने और  गैंगवार के केंद्र बनने की खबरें आई।हाल ही में गोइंदवाल जेल और तिहाड़ जेल के अंदर गैंगवार के कारण हत्याएं हुई है। 
विदेश से सक्रिय-
एनआईए को जांच में पता चला था कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, फिलीपींस, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे। भारत की विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से आतंकी गतिविधियों और अपराध की योजना बना रहे थे। ये जबरन वसूली और लक्षित हत्याएं (टार्गेट किलिंग) कर रहे थे। 
हवाला, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।
एनआईए का टारगेट-
एनआईए की जांच का उद्देश्य आतंकी ,अपराधी, तस्कर सिंडिकेट की मदद करने वाले बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान करना और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना है।
इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी है।
एनआईए द्वारा आतंकियों और माफिया के ऐसे नेटवर्क और उनके सहायक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और 'आतंकवाद और अपराध की आय' से बनाई गई उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का अभियान तेज किया जाएगा। 





Sunday 23 July 2023

दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर, सब- इंस्पेक्टर और एएसआई सस्पेंड। बंद करने की धमकी देकर लाखों वसूले।



दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर, सब- इंस्पेक्टर और एएसआई सस्पेंड, 

बंद करने की धमकी देकर 12 लाख वसूले। 



इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के मध्य जिले में तैनात इंस्पेक्टर गिरिश जैन, सब- इंस्पेक्टर अखिल कुमार और एएसआई राकेश को निलंबित किया गया है।
अरुणाचल प्रदेश में वाहन चोरी के मामले में फंसाने की धमकी देकर 12 लाख रुपए वसूलने के आरोप में इन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। 
कमिश्नर से शिकायत-
अरुणाचल प्रदेश पुलिस के आईजी चूकू आपा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को एक शिकायत भेजी थी। जिसमें बताया गया कि मध्य जिला पुलिस की एएटीएस की टीम वाहन चोरी के मामले में तफ्तीश के सिलसिले में आई थी। पुलिस टीम ने वाहन चोरी के मामले में फंसाने की धमकी देकर स्थानीय निवासियों से पैसे वसूले। 
अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने यह भी बताया कि उनके अफसरों ने भी इस मामले की जांच की और अरुणाचल प्रदेश के दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है। 
वीडियो-
अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथी से पुलिसकर्मियों द्वारा पैसे लेने के वीडियोवीडियो/ फोटो भी साझा किए हैं। 
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने  पुलिसकर्मियों का तबादला तीसरी बटालियन में कर जांच का आदेश दिया। 
आरंभिक जांच के बाद इंस्पेक्टर गिरिश जैन, सब- इंस्पेक्टर अखिल कुमार चौधरी और एएसआई राकेश को निलंबित कर दिया गया। सतर्कता विभाग द्वारा मामले की जांच की जा रही है। 
मध्य जिले के डीसीपी संजय कुमार सैन द्वारा 21 जुलाई को इन पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश जारी किया गया। 
अंतरराज्यीय गिरोह-
19 जुलाई को मध्य जिले की एएटीएस टीम  ने दिल्ली में नन्द नगरी निवासी सफररुद्दीन उर्फ कालिया, मेरठ के सिकंदर और अरुणाचल प्रदेश के दारे कगुंग को गिरफ्तार कर वाहन चोरों के अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ने का दावा किया था। पुलिस ने 15 महंगी कारें बरामद की। 
यह गिरोह दिल्ली से एसयूवी चोरी करके अरुणाचल, आसाम और मणिपुर जैसे राज्यों में बेचते थे। इंजन और चेसिस नंबर बदल कर उन राज्यों के परिवहन कार्यालय में पंजीकृत किया जाता था। 
चोरी के वाहन बरामद करने के लिए एएटीएस की टीम अरुणाचल गई थी। 
एक कहानी ये भी-
दूसरी ओर‌ दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में एक कहानी यह बताई जा रही है कि अरुणाचल प्रदेश में सत्ता से जुड़े लोगों के परिचितों/ करीबियों से भी चोरी की गाड़ियां बरामद हुई हैं। पुलिस ने अरुणाचल से दस गाड़ियां बरामद की हैं। 
मध्य जिला पुलिस के सूत्रों ने बताया कि वाहन चोरी की तफ्तीश के दौरान अरुणाचल प्रदेश के बामोंग मोसेस और दारे  मादा का नाम भी सामने आया। इन दोनों को दिल्ली पुलिस की टीम ने  जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया। इन दोनों समेत कई लोगों ने दिल्ली पुलिस की टीम पर वसूली का आरोप लगाया है। 
बामोंग मोसेस खुद को राज्य के गृह मंत्री का रिश्ते में भाई (कजन)बताता है। दारे मादा  जिला परिषद का चेयरमैन बताया जाता है। 
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने वाहन चोर शरद पांडे के ख़िलाफ़ मकोका के तहत मामला दर्ज किया है। अपराध शाखा को तफ्तीश में शरद पांडे और दारे मादा की पत्नी के बैंक खातों में लेन देन का पता चला है। अपराध शाखा की टीम भी इस मामले में अरुणाचल गई थी। 
मदद करने वाला निलंबित-
पुलिस सत्रों के अनुसार अरुणाचल प्रदेश  पुलिस के अफसरों ने बिहार निवासी उस सब- इंस्पेक्टर को ही निलंबित कर दिया, जिसने एएटीएस की टीम की मदद की थी। 







Wednesday 19 July 2023

जामिया में हेरोइन तस्कर की संपत्तियां कुर्क , मुलेठी में छिपा कर हेरोइन की तस्करी : एनआईए


जामिया में हेरोइन तस्कर की संपत्ति कुर्क : एनआईए

इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हेरोइन तस्कर की दो संपत्तियां कुर्क की है। 
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली में ओखला विहार, जामिया नगर निवासी कुख्यात हेरोइन तस्कर राजी हैदर जैदी की दो संपत्तियों को कुर्क किया है। 
यह हेरोइन तस्कर अगानिस्तान से वाया अटारी बार्डर, अमृतसर पंजाब पहुंची 102 किलो हेरोइन की बरामदगी के मामले में मुख्य आरोपी है। 
मकान, प्लाट कुर्क-
एनआईए ने इस तस्कर के ओखला विहार, जामिया नगर स्थित दो मंजिला मकान को कुर्क किया। यह मकान राजी हैदर ने अपनी पत्नी के नाम से साढ़े चौबीस लाख रुपए में खरीदा था। उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर  में एक प्लाट को भी कुर्क किया गया है। यह प्लाट राजी हैदर जैदी ने अपने नाम से चार लाख रुपए में खरीदा था। यह संपत्तियां हेरोइन की बिक्री से प्राप्त धन से खरीदी गई। 
102 किलो हेरोइन बरामदगी के मामले में मुख्य आरोपी राजी हैदर जैदी को 24 अगस्त 2022 को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। 
मुलैठी में छिपा कर हेरोइन की तस्करी-
कस्टम विभाग ने पिछले साल अप्रैल में अटारी बार्डर से मुलेठी की खेप में छिपा कर लाई गई 102 किलो हेरोइन पकड़ी थी। तफ्तीश में पता चला कि यह हेरोइन राजी हैदर जैदी को दी जानी थी। 
तफ्तीश में पता चला कि दुबई स्थित भगोड़े आरोपी शाहिद अहमद के निर्देश पर अफगानिस्तान निवासी हेरोइन तस्कर नजीर अहमद कानी ने मुलेठी में छिपा कर  हेरोइन भारत भेजी। राजी हैदर जैदी ने हेरोइन की इस खेप के लिए 11 लाख रुपए इस मामले में अन्य आरोपी को एडवांस दिए थे। 
तफ्तीश में यह भी पता चला कि  शाहिद अहमद उर्फ काजी अब्दुल वादूद  के निर्देश पर राजी हैदर जैदी देश के अनेक स्थानों से हेरोइन की खेप लाता और वितरित करता था। 
हेरोइन से ढाई करोड़ कमाए-
भारत के विभिन्न राज्यों में हेरोइन बेच कर राजी हैदर जैदी ने करीब ढाई करोड़ रुपए एकत्र किए। इसमें से अपने हिस्से की रकम रखने के बाद उसने कुछ रकम शाहिद अहमद के बैंक खातों में भेजी। बाकी नकद रकम राजी हैदर जैदी ने शाहिद अहमद के भाई अजीम अहमद और शाहिद अहमद के अन्य साथियों को सौंप  दी। 
इसके पहले फरवरी 2022 में भी राजी हैदर जैदी, शाहिद अहमद और नजीर अहमद कानी ने मुलेठी की खेप में छिपा कर  हेरोइन अफगानिस्तान से मंगाई थी। 
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली ने राजी हैदर जैदी से पचास किलो हेरोइन जब्त की थी। 
एनआईए के अनुसार राजी हैदर जैदी ने मुजफ्फरनगर में किराए के गोदाम में हेरोइन बनाने के लिए अफगानिस्तान स्थित आरोपी शाहिद अहमद के सहयोग से वाया ईरान केमिकल के 640 डिब्बे आयात किए थे। यह नशीले पदार्थ बाद में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और गुजरात एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई में जब्त किए। 
जांच में यह भी पता चला कि शाहिद अहमद के निर्देश पर नवंबर 2021 में राजी हैदर जैदी अपने साथियों अवतार सिंह और मोहम्मद इमरान के साथ दो बार अहमदाबाद से नशीले पदार्थ दिल्ली लाया और शाहिद अहमद के अन्य साथियों को सप्लाई किए।

विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार राजी हैदर जैदी ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात के विभिन्न स्थानों पर हेरोइन की तस्करी की और हेरोइन की बिक्री से धन एकत्र किया।





दिल्ली पुलिस का सब-इंस्पेक्टर और दो सिपाही गिरफ्तार।



दिल्ली पुलिस का सब-इंस्पेक्टर और दो सिपाही गिरफ्तार। 



इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली पुलिस के एक सब- इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों समेत 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के सिपाही भर्ती में धोखाधड़ी  के आरोप में इनको गिरफ्तार किया गया। 

अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि साइबर सेल, अपराध शाखा की टीम ने दिल्ली पुलिस के तीन कर्मचारियों व परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है जिनके नाम  हैं: प्रोबेशनर सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार सिद्दू (निवासी ग्राम नानोंद, सांपला, रोहतक, हरियाणा), सिपाही शिखा, 29 वर्ष( निवासी ग्राम देहरा, समालखा, पानीपत, हरियाणा), सिपाही विशाल कुमार, 29 वर्ष (निवासी ग्राम मुकंदपुर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) , राधे श्याम, 47 वर्ष (निवासी ग्राम जदोदा जट्ट, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) , विकास कुमार, 22 वर्ष,( निवासी  सरदटेड़ी, शाहजहांपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड) और  मोहित कुमार बालियान, 43 वर्ष, (निवासी मुतफरिरका, खतौली, मुजफ्फर नगर, उत्तर प्रदेश) हैं।

फर्जी वाडे से सिपाही बना-
साइबर सेल, अपराध शाखा को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस पुरुष और महिला सिपाही (कार्यकारी) 2020 की भर्ती जो कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित की गई थी, के दौरान एक उम्मीदवार अर्जुन सिंह, निवासी ग्राम दुहरकी, थाना रामपुर मनिहारान, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, ने  जाली तरीकों से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की है। 

जांच के दौरान, कथित उम्मीदवार अर्जुन सिंह से पूछताछ की गई, उसने खुलासा किया कि उसने आईओएन डिजिटल जोन, रूड़की-देहरादून हाईवे, उत्तराखंड में आयोजित परीक्षा, किसी दूसरे व्यक्ति की मदद से उत्तीर्ण की थी।
कर्मचारी चयन आयोग से सीसीटीवी फुटेज सहित अपेक्षित जानकारी प्राप्त की गई व सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने पर पता चला कि उम्मीदवार अर्जुन सिंह परीक्षा लैब में प्रवेश कर अपनी सीट पर बैठा था व कुछ समय बाद उसने अपनी सीट छोड़ दी और लगभग 10 मिनट बाद एक फर्जी उम्मीदवार अर्जुन सिंह की सीट पर आकर बैठ गया और उसकी ऑनलाइन परीक्षा पूरी की। 
अर्जुन सिंह ने अपने कपड़े पहना कर परीक्षा हॉल में एक फर्जी उम्मीदवार भेजा था। जिसके लिए उसने 9 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया था। 
सब- इंस्पेक्टर गिरफ्तार-
जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली पुलिस में प्रोबेशशर सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति को फर्जी उम्मीदवार बनाकर भेजा गया था।
जांच के दौरान सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया, जो पैसे के बदले सह-आरोपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह की ओर से उपरोक्त परीक्षा में शामिल हुआ था। 
पूछताछ के दौरान आरोपी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया कि लैब स्टाफ की मदद से वह  अर्जुन सिंह की जगह परीक्षा में शामिल हुआ था।
पूछताछ के बाद साजिश में शामिल सिपाही विशाल और  सिपाही शिखा  को भी  गिरफ्तार किया गया।  दोनों आरोपियों ने वर्तमान मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि सब- इंस्पेक्टर प्रवीण ने अर्जुन सिंह की परीक्षा दी थी।
महिला सिपाही की भूमिका-
पूछताछ के दौरान सिपाही विशाल ने खुलासा किया कि वह 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था और 2020 में दिल्ली के मंगोलपुरी में  महिला सिपाही से मिला था। महिला सिपाही ने कहा कि वह पैसे लेकर किसी को भी परीक्षा में पास करा सकती हैं।
सिपाही विशाल ने आगे खुलासा किया कि वर्ष 2020 में, उसके  दोस्त अर्जुन निवासी गांव- दुहरकी ने उसे बताया कि उसने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के लिए आवेदन किया है। 
 पैसे नहीं दिए-
विशाल से अर्जुन को दिल्ली पुलिस में भर्ती कराने  के लिए  सिपाही शिखा ने 9 लाख रुपए में बात तय की थी। बाद में  सिपाही शिखा और उसके सहयोगियों द्वारा सब- इंस्पेक्टर प्रवीण (फर्जी उम्मीदवार) को भेजा गया, जो अर्जुन के स्थान पर परीक्षा में उपस्थित हुआ और परीक्षा पास कर ली। परन्तु अर्जुन ने तय राशि का भुगतान नहीं किया। उसके पश्चात् इन सभी ने अर्जुन के घर जाकर उसके परिवार से पैसों के लिए झगड़ा किया।
अर्जुन फरार-
किसी दूसरे से परीक्षा दिलवा कर सिपाही बना
अर्जुन सिंह फरार है। अपराध शाखा उसकी तलाश कर रही हैं। अर्जुन सिंह को नौकरी से बरखास्त कर दिया गया है। 

परीक्षा केंद्र 
जांच के दौरान, लैब  स्टाफ राधे श्याम, विकास कुमार, मोहित कुमार बालियान को भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने खुलासा किया कि वे सभी आईओएन डिजिटल जोन, रुड़की-देहरादून राजमार्ग, उत्तराखंड लैब में रुड़की कॉलेज ऑफ फार्मेसी (आरसीपी) द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए थे।
आरोपी राधे श्याम और विकास कुमार ने खुलासा किया कि उन्होंने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा स्थल में  जाली उम्मीदवार को प्रवेश करने में उसकी मदद की। इसके अलावा आरोपी मोहित कुमार बालियान ने खुलासा किया कि उसे भी आरसीपी कॉलेज द्वारा लैब में प्रतिनियुक्त किया गया था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास कुमार को परीक्षा में अन्य जाली उम्मीदवार को शामिल करने का निर्देश  था व परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की।

आरोपियों का प्रोफाइल : 
1- सब- इंस्पेक्टर प्रवीण, 25 वर्ष, निवासी वीपीओ नानोंद, सांपला, रोहतक, हरियाणा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई एमडीयू रोहतक, हरियाणा से की है। स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद वह हरियाणा सरकार में सिंचाई विभाग में शामिल हो गया और 03 वर्ष तक वहां काम किया। इसके बाद 2022 में उसका चयन दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर हो गया।
2- सिपाही शिखा, 29 वर्ष, निवासी वीपीओ देहरा, समालखा, पानीपत, हरियाणा। उसके पिता एक किसान हैं | उसने अपनी स्नातक की पढ़ाई हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से की है और वह वर्ष 2019 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हो गईं।
3- सिपाही विशाल कुमार, 29 वर्ष, निवासी ग्राम मुकंदपुर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश ने अपनी स्नातक की पढ़ाई हिमाचल विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश से की है और उसके बाद वर्ष 2019 में उसका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हो गया ।
4- राधे श्याम, उम्र 47 वर्ष, ग्राम जादौडा जट्ट, देवबंद रोड, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में एक इलेक्ट्रीशियन था। परीक्षा के दौरान उसने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर फर्जी उम्मीदवार को परीक्षा स्थल में प्रवेश करने में मदद की।
5- विकास कुमार, उम्र 22 वर्ष, वीपीओ सरदटेड़ी, शाहजहांपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में चपरासी था और आरसीपी कॉलेज के लैब में नियुक्त किया गया था। उसने ऊपरी सीढ़ी का ताला खोलने के बाद मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने में फर्जी उम्मीदवारों की मदद की।
6- मोहित कुमार बालियान, उम्र 43 वर्ष, मुतफरिरका, खतौली, जिला मुजफ्फर नगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में आईटी हेड/नेटवर्क एडमिन था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास को परीक्षा में फर्जी उम्मीदवारों को प्रवेश देने का निर्देश दिया था। उसने परिक्षास्थल के सीसीटीवी फुटेज में भी छेड़छाड़ की थी।

Saturday 15 July 2023

सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एएसआई को गिरफ्तार किया। निरंकुश, बेखौफ पुलिसकर्मी वसूली/ लूट में शामिल। भ्रष्टाचार का बोलबाला।






सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एएसआई को गिरफ्तार किया


इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन पुलिसकर्मी रिश्वत/उगाही करते पकड़े जा रहे हैं। इसके बावजूद निरंकुश पुलिसकर्मी  बेखौफ होकर वसूली और लूट तक में जुटे हुए हैं। पिछले दस दिनों में ही रिश्वतखोरी और लूटपाट करने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के चार मामले सामने आए हैं। 
इससे  एसएचओ और वरिष्ठ अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। 

एएसआई गिरफ्तार-
सीबीआई ने 14 जुलाई को दिल्ली पुलिस के एक एएसआई को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। 
सीबीआई के अनुसार शाहपुर जट निवासी विकास डागर से पांच हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए एएसआई रामनिवास मीणा को गिरफ्तार किया गया है। एएसआई रामनिवास मीणा दक्षिण जिले के हौज खास थाने में तैनात है। 
विकास डागर ने सीबीआई को दी शिकायत में कहा है कि सुमित जाट उसकी स्कूटी मांग कर ले गया, लेकिन अब वह स्कूटी वापस नहीं कर रहा। विकास ने हौजखास थाने में इस मामले की शिकायत कर दी। 
विकास डागर का आरोप है कि स्कूटी वापस दिलाने के एवज़ में इस मामले का जांच अधिकारी एएसआई रामनिवास मीणा बीस हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है। 
सीबीआई ने आरोप के सत्यापन के बाद एएसआई रामनिवास मीणा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया। 
सीबीआई ने जाल बिछाया और पांच हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए एएसआई रामनिवास मीणा को 14 जुलाई को पकड़ लिया।
हवलदार गिरफ्तार-
सीबीआई ने 11 जुलाई को मंगोलपुरी थाने में तैनात हवलदार अक्षय को ई- रिक्शा की बैटरी चार्ज करने वाले दुकानदार अरुण गुप्ता से पचास हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। जबकि एक अन्य हवलदार भीम भाग गया।
मकान बनाना है तो पैसा दो-
सीबीआई ने 4 जुलाई को दो लाख रुपए रुपए रिश्वत लेते हुए पहाड़ गंज थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर रवि और हवलदार राजेन्द्र मील को गिरफ्तार किया। मकान बनाने देने की एवज़ में रिश्वत ली। 

पुलिस वालों ने 28 लाख लूटे-
कंझावला थाना क्षेत्र के सावदा जे जे कालोनी निवासी इमरान से साढ़े 28 लाख रुपए लूटने के मामले में हवलदार मंगतू और सिपाही आकाश को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों  पूर्वी जिले के न्यू अशोक नगर थाने में तैनात हैं। इन दोनों को पता चला  कि इमरान ने क्रिकेट मैच के सट्टे में यह पैसा जीता है। दोनों पुलिस वाले अपने दो अन्य साथियों के साथ इमरान के घर गए और रकम लूट कर ले गए। 


Wednesday 12 July 2023

मंगोल पुरी थाने का एक हवलदार गिरफ्तार। एक अन्य हवलदार फरार





इंद्र वशिष्ठ

सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के मंगोलपुरी थाने में तैनात एक हवलदार को  पचास हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। जबकि एक अन्य हवलदार भाग गया। 
सीबीआई ने अरुण गुप्ता की शिकायत के आधार पर  मंगोलपुरी थाने में तैनात  हवलदार भीम और हवलदार अक्षय के विरुद्ध मामला दर्ज किया.अरुण गुप्ता की मंगोलपुरी में ई-रिक्शा की बैटरी चार्ज करने की दुकान है। वह दुकान के बाहर ई रिक्शा खड़े करके उनकी बैटरी चार्ज करता है।
बीट में तैनात हवलदार भीम और हवलदार  अक्षय ने उससे कहा कि वह ई रिक्शा या तो अपनी दुकान के अंदर खड़े करके चार्ज करे वरना वह एमसीडी के सुमित को बुला कर ई रिक्शा उठवा देंगे। हवलदार भीम ने अरुण गुप्ता से कहा कि हमें खर्चा पानी दो और आराम से काम करो। 
हवलदार भीम और हवलदार अक्षय ने उससे पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी।
सीबीआई ने हवलदार अक्षय और हवलदार भीम  को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। दोनों हवलदारों ने भागने की कोशिश की। हवलदार अक्षय को तो सीबीआई ने पकड़ लिया। लेकिन हवलदार भीम भाग गया। 




Sunday 9 July 2023

डीसीपी के दफ्तर में बागेश्वर धाम के कथावाचक का दरबार, चरणों में आईपीएस, आईपीएस ने खाकी को खाक में मिलाया। आईपीएस करे तो सही, एसएचओ करे तो गलत।



     एडिशनल डीसीपी शशांक जायसवाल



डीसीपी के दफ्तर में बागेश्वर धाम का दरबार, चरणों में आईपीएस, 
आईपीएस ने खाकी को खाक में मिलाया

आईपीएस करें तो सही, एसएचओ करें तो गलत


इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के आईपीएस अफसरों द्वारा खाकी को कैसे खाक में मिलाया जाता है। इसका ताजा उदाहरण  सामने आया है। 
पूर्वी दिल्ली में हनुमान  कथा का आयोजन किया गया था। कथा वाचक  बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री थे। 
कथा की समाप्ति पर धीरेंद्र शास्त्री को पूर्वी जिले की डीसीपी अमृता गुगुलोथ के दफ़्तर में ले जाया। 

आईपीएस नतमस्तक-
डीसीपी के दफ़्तर में धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगा। दरबार में सोफे पर पालथी मारे धीरेंद्र शास्त्री बैठे।
धीरेंद्र शास्त्री के दाएं- बाएं पुलिस अफसर और कुछ अन्य लोग बैठे। 
शास्त्री के सामने दाएं ओर सबसे आगे तीन महिला आईपीएस  संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा, पूर्वी जिले की  डीसीपी अमृता गुगुलोथ और उत्तर पूर्वी जिले की एडिशनल डीसीपी संध्या स्वामी बैठी। 
इसके अलावा पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी शशांक जायसवाल, उत्तर पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी सुबोध गोस्वामी, द्वारका के एडिशनल डीसीपी सुखराज कटेवा आदि, कुछ अन्य महिला, पुरुष भी इस दरबार में मौजूद थे। 
सभी पुलिस अफसरों ने अपने जूते उतारे हुए थे। 
दरबार के बाद धीरेंद्र शास्त्री को विदा करने बाहर तक वरिष्ठ पुलिस अफसर गए। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मी हाथ जोड़ कर खड़े थे। 

आईपीएस चरणों में-
एडिशनल डीसीपी शशांक जायसवाल ने तो बकायदा पैर छू कर धीरेंद्र शास्त्री को विदा किया।‌ नंगे पैर एडिशनल डीसीपी शशांक जायसवाल धीरेंद्र शास्त्री को बाहर तक छोड़ने गए। ऐसा करके इस आईपीएस अफसर ने पद और वर्दी का अपमान किया है। 
आईपीएस अफसरों का यह कारनामा  वीडियो और फोटो से उजागर हुआ है
आईपीएस अफसरों का यह आचरण/ हरकत किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता। अफसरों को ऐसे आचरण की इजाज़त तो सर्विस नियमावली भी नहीं देती हैं। 
सबसे बड़ा सवाल है कि क्या आईपीएस अफसर सरकारी दफ्तर में किसी कथावाचक का इस तरह से दरबार लगा सकते हैं? 
बावर्दी आईपीएस अफसर ऐसे किसी कथा वाचक के पैर छू सकता हैं? 
धर्म, आस्था निजी-
किसी भी धर्म और किसी भी व्यक्ति/ कथावाचक के प्रति सम्मान या आस्था होना बिलकुल निजी मामला होता है। सरकारी अफसर भी किसी के प्रति आस्था/सम्मान रखने के लिए स्वतंत्र है। 
लेकिन अपने पद और सरकारी दफ्तर का इस्तेमाल अपनी निजी आस्था या निजी पसंद के व्यक्ति के लिए नहीं किया जा सकता। 
आईपीएस अफसरों को क्या इतनी भी समझ नहीं है कि उन्हें ऐसा कोई आचरण नहीं करना चाहिए जो नियमों के भी विरुद्ध है। 
इन आईपीएस अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। 
एसएचओ को सज़ा-
आईपीएस अफसर खुद ऐसा आचरण करते हैं लेकिन अगर एसएचओ ऐसा आचरण करें तो वह उसे सज़ा देते हैं। 
आईपीएस अफसरों का दोहरा चरित्र और दोहरे मापदंड को उजागर करने वाले दो उदाहरण पेश हैं। 
साल 2017-2018 में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने दो एस एच ओ को पद से हटा दिया था। 
हीलिंग टच-
जनक पुरी के एसएचओ इंद्र पाल  को एक महिला गुरु से तनाव दूर करने वाली हीलिंग टच/आशीर्वाद लेने के कारण हटाया गया।
राधे मां-
विवेक विहार के एसएचओ संजय शर्मा को राधे मां को अपनी कुर्सी पर बिठाने के कारण हटा दिया गया।

पूर्वी क्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त छाया शर्मा का कहना है कि उत्सव स्थल के बाहर सड़कों पर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी, ट्रैफिक को चलाना मुश्किल हो गया था। इसलिए सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाबा को निकटतम सुरक्षित स्थान, डीसीपी दफ़्तर ले जाना पड़ा। 
दरबार नहीं था, तो नंगे पैर क्यों? 
संयुक्त पुलिस आयुक्त छाया शर्मा का जवाब हास्यास्पद है। क्या वह बता सकती हैं कि
डीसीपी दफ़्तर में बाबा का दरबार नहीं लगा था तो आईपीएस अफसर समेत सभी लोग जूते उतार कर क्यों बैठे थे? जूते भी क्या सुरक्षा के लिए उतारे थे? 
अगर वाकई कोई अनहोनी हो जाती, तो ये अफसर क्या बिना जूते पहने भागते। 
दूसरा आईपीएस शशांक जायसवाल ने भी क्या सुरक्षा के लिए ही बाबा के पैर छुए थे?
क्या सुरक्षा के लिए ही नंगे पैर एडिशनल डीसीपी शशांक जायसवाल धीरेंद्र शास्त्री को बाहर तक छोड़ने गए। 
दिल्ली पुलिस ने क्या अब सुरक्षा व्यवस्था के तहत आईपीएस अफसर द्वारा बाबा/वीआईपी के पैर छूना भी शामिल कर दिया है? 
बाबा की सुरक्षा को क्या इतना खतरा था कि कमरे में भी संयुक्त पुलिस आयुक्त समेत अनेक आईपीएस को बैठना पड़ा? अगर वाकई इतना खतरा तो उस कमरे में अफसरों के अलावा  बाहरी लोग क्यों बैठे थे? कौन थे ये बाहरी लोग? इन सब बातों से साफ पता चलता है कि दरबार लगा हुआ था।


(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)