Wednesday 31 January 2024

ईपीएफओ के सहायक आयुक्त, प्रवर्तन अधिकारी और बिचौलिया गिरफ्तार : CBI


ईपीएफओ के सहायक आयुक्त, प्रवर्तन अधिकारी और बिचौलिया गिरफ्तार

 
इंद्र वशिष्ठ, 
सीबीआई ने 8 लाख रुपए की घूसख़ोरी के मामले में ईपीएफओ, लखनऊ  के  सहायक भविष्य निधि आयुक्त (एपीएफसी) एवं  प्रवर्तन अधिकारी और बिचौलिए को गिरफ्तार किया है।

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर ईपीएफओ, लखनऊ के  प्रवर्तन अधिकारी/इंस्पेक्टर पुनीत सिंह एवं  बिचौलिए मनीष सिंह  के विरुद्ध मामला दर्ज किया, जिसमें लोगों/मैनपावर की व्यवस्था संबंधी कार्य  से जुड़ी एक निजी कंपनी पर अनुचित तरीके से कर/टैक्स न लगाने के लिए, बिचौलिए/ सलाहकार  के माध्यम से आरोपी ने 12 लाख  रुपए की  रिश्वत की माँग का आरोप है। 
सीबीआई ने जाल बिछाया एवं  आरोपी प्रवर्तन अधिकारी पुनीत सिंह व बिचौलिए मनीष सिंह को शिकायतकर्ता से 8 लाख रुपए की रिश्वत स्वीकार करने के दौरान पकड़ा। रिश्वत धनराशि कथित तौर पर  सहायक भविष्य निधि आयुक्त, ईपीएफओ, ज्ञानेंद्र कुमार लखनऊ के लिए थी,  अतः सहायक भविष्य निधि आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
लखनऊ के चार स्थानों पर स्थित आरोपियों के कार्यालयी  एवं  आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई ।
गिरफ्तार आरोपियों  को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, लखनऊ के  समक्ष पेश किया गया।

Thursday 25 January 2024

बीएसएफ ने बांग्लादेश से आया 7 किलो सोना पकड़ा



बीएसएफ ने बांग्लादेश से आया 7 किलो सोना पकड़ा



इंद्र वशिष्ठ, 
बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर 4.51 करोड़ रुपए मूल्य के 7 किलोग्राम सोने के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ के जवानों ने बांग्लादेश सीमा पर अपने लगातार प्रयासों से सोना तस्कर गिरोहों की कमर तोड़ दी है।  लगातार सोने की एक और बड़ी बरामदगी ने तस्करों के इरादों पर पानी फेर दिया। 

पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा चौकी राऊतबाडी , 84 बटालियन, बीएसएफ के जवानों ने 24 जनवरी को सोने की 6 ईंटों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। तस्कर बांग्लादेश से भारत में सोने की तस्करी करने की कोशिश कर रहा था। जब्त की गई सोने की ईंटों का वजन लगभग 7 किलोग्राम है और अनुमानित कीमत 4,51,18,500 रुपए है।
बीएसएफ प्रवक्ता के अनुसार 24 जनवरी को सीमा चौकी राऊतबाड़ी के जवानों को बीएसएफ के खुफिया विभाग से सोना तस्करी की सूचना मिली। इसके बाद जवानों ने  हतिशाला जंक्शन के पास घात लगा ली। मोटरसाइकिल पर आए एक संदिग्ध व्यक्ति को जवानों ने पकड़ लिया। तलाशी के दौरान जवानों ने तस्कर के पास से सोने की 6 ईंटें और एक धारदार हथियार बरामद किया। गिरफ्तार तस्कर की पहचान सदरुल मंडल (उम्र 26 वर्ष) ग्राम हतिशाला (घोषपारा), जिला- नादिया, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान सदरूल मंडल ने बताया कि जल्दी से मोटी रकम कमाने के लिए उसने तस्करी का रास्ता चुना। उसने खुलासा किया कि उसने कथलिया घाट पर कचेर अली मंडल से सोना लिया, फिर भैरव नदी पार कर तीन गच्छा घाट से मोटरसाइकिल से हतिशाला की ओर चला। उसे सोने की यह खेप रामकृष्णपुर, महेशबथान, जिला-नदिया (पश्चिम बंगाल) में किसी अज्ञात व्यक्ति को सौंपनी थी।  इस खेप को पहुंचाने के लिए उन्हें 1000 रुपए मिलते। 

बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी डीआइजी ए के आर्य ने बताया कि  26 जनवरी के कारण सीमा पर चौकसी और बढ़ा दी गई है, जिसके परिणाम स्वरूप पिछले चार दिन में 9.8 करोड़ रुपए मूल्य का कुल 15.4 किलोग्राम सोना जब्त किया गया है। तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। 
 23 जनवरी को दो करोड़ उन्नीस लाख रुपए मूल्य के सोने के 19 बिस्कुट और सोने की एक ईंट बरामद की। इस मामले में पश्चिम बंगाल, नादिया जिला, विजय पुर गांव के मिथुन विश्वास को गिरफ्तार किया गया।
बीएसएफ ने 21 जनवरी को तीन करोड़ दस लाख रुपए मूल्य के सोने के तीस बिस्कुट और सोने की दो ईंट पकड़ी थी। इस मामले में पश्चिम बंगाल के 24 परगना में हलदरपारा गांव के प्रसेनजित मंडल को गिरफ्तार किया गया है।

कुख्यात तस्कर गरीब और भोले-भाले लोगों को थोड़े से पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। कुख्यात तस्कर गिरोह सीधे तौर पर तस्करी जैसे अपराधों में शामिल नहीं होते हैं, इसलिए वे गरीब लोगों को निशाना बनाते हैं। 






Monday 22 January 2024

बीएसएफ ने बांग्लादेश से आया तीन करोड़ का सोना पकड़ा


बीएसएफ ने बांग्लादेश से आया तीन करोड़ का सोना पकड़ा


इंद्र वशिष्ठ, 
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत बांग्लादेश सीमा पर तीन करोड़ दस लाख रुपए मूल्य का सोना पकड़ा है। यह सोना बांग्लादेश से लाया गया। इस मामले में एक भारतीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
जिला उत्तर 24 परगना, में अंगरेल सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, पांचवी बटालियन के जवानों ने एक तस्कर को पकड़ कर सोने की तस्करी की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया। 
सोने की ईंटें, बिस्कुट-
तस्कर के पास से सोने की दो ईंट और सोने के 30 बिस्कुट बरामद हुए। चार किलो आठ सौ उनतीस ग्राम वजन के इस सोने का मूल्य करीब तीन करोड़ दस लाख रुपए है। 
गिरफ्तार तस्कर की पहचान प्रोसेनजीत मंडल ग्राम-हलदर पारा, जिला-उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई।
500 रुपए मजदूरी-
पूछताछ के दौरान, उसने बताया कि सोना सफलतापूर्वक पहुंचाने के बाद, उसे मजदूरी के रूप में 500 रुपये मिलते। उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि कौन सी पार्टी उससे सोना लेगी। 
बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि 21 जनवरी 2024 को ग्राम अंगरेल (घोषपारा) का एक व्यक्ति उसके घर आया और उससे बांग्लादेश से सोना लाने को कहा, जिसे एक बांग्लादेशी नागरिक वहां लाएगा। इसके बाद वे दोनों इच्छामती नदी के तट पर पहुंचे जहां उन्हें दो अन्य व्यक्ति मिले, उनके साथ वह सोने की खेप के लिए निकल पड़े। 
एक बांग्लादेशी व्यक्ति ने इच्छामती नदी के तट पर सोना उसे सौंप दिया। इसके बाद बांग्लादेशी नागरिक बांग्लादेश लौट गया। जब वे वापस भारतीय सीमा में आए तो बीएसएफ संतरियों पर नजर रखने वाले व्यक्ति ने उन्हें फोन पर सूचित किया कि उन्हें बीएसएफ जवानों ने देख लिया है और उन्हें तुरंत भागने के लिए कहा। यह सुनते ही बाकी दोनों लोग वहां से भाग गए लेकिन बीएसएफ जवानों ने उसे सोने के साथ पकड़ लिया। 
इच्छामती नदी-
बीएसएफ के प्रवक्ता के अनुसार, 21 जनवरी को दोपहर लगभग 3 बजे, सीमा चौकी पर तैनात 05 बटालियन, बीएसएफ के जवानों ने 03 संदिग्धों की गतिविधि देखी, जो जंगली घास और बांस की झाड़ियों के घने जंगल के माध्यम से इच्छामती नदी (अंतर्राष्ट्रीय सीमा) से भारत में प्रवेश कर रहे थे। वे चोरी छुपे भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहे थे। इस इलाके में हलदर पारा गांव है जिसमें घर इच्छामति नदी के किनारे तक फैले हुए हैं, जिससे बदमाशों को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने का मौका मिलता है। 







Saturday 20 January 2024

3 नए कानूनों से अपराधियों को 3 साल में मिलेगी सज़ा : गृहमंत्री अमित शाह

नए कानूनों से अपराधियों को 3 साल में सज़ा : अमित शाह



इंद्र वशिष्ठ, 
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के संपूर्ण लागू हो जाने के बाद किसी भी एफआईआर पर ज्यादा से ज्यादा तीन साल के अंदर सज़ा कराने का काम समाप्त हो जाएगा। इससे न्याय में जो देरी है, हम उसकी समाप्ति की दिशा में जाएंगे। 
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 60 वें स्थापना दिवस पर तेजपुर,‌ असम में एसएसबी परिसर में आयोजित वर्षगांठ समारोह को 20 जनवरी 2024 को गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
जनता को न्याय दिलाना-
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आमूल चूल परिवर्तित करने के लिए तीनों आपराधिक कानूनों को नए स्वरूप में लाकर देश की जनता के सामने रखा है। इन कानूनों का मूल उद्देश्य जनता को न्याय दिलाना है, जबकि पहले के कानूनों का उद्देश्य दंड देना होता था।
सज़ा दर में वृद्धि-
इन नए कानूनों के लागू होने के साथ ही हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया में सबसे आधुनिक होगा और हम सज़ा कराने की दर में भी बहुत बड़ी वृद्धि करेंगे, क्योंकि
नए कानूनों में क्राइम सीन फोरेंसिक को बहुत महत्व दिया गया है। सात साल और उससे ऊपर की सज़ा वाले सभी अपराध के मामलों में  घटना स्थल पर फोरेंसिक अफसर के विजिट को कानूनन अनिवार्य किया गया है। 
नक्सल समस्या से मुक्ति-
गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले तीन साल के अंदर ही नक्सल समस्या से देश शत प्रतिशत मुक्त हो जाएगा। सीआरपीएफ, बीएसएफ के साथ मिलकर एसएसबी ने नक्सल आंदोलन को बहुत किनारे पर ला कर रख दिया है।
जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बीएसएफ, सीआरपीएफ,जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के साथ एसएसबी के जवानों ने कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया है, बलिदान भी दिए हैं। 
 कर्तव्यपरायणता-
एसएसबी 2450 किलोमीटर लंबी और खुली सीमाओं (भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा) की रखवाली/ सुरक्षा कर्तव्यपरायणता और पूरी तत्परता से कर रहा है। 
एसएसबी ने 500 मासूमों को मानव तस्करों से बचाने का काम भी किया है। 
गृहमंत्री ने इस अवसर पर 226 करोड़ रुपए की लागत से एसएसबी से जुड़ी हुई कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। एसएसबी के स्थापना दिवस पर भारत सरकार ने एक डाक टिकट भी जारी किया है। 
गृह मंत्री ने कहा कि यह डाक टिकट एसएसबी की कर्तव्यपरायणता को हमेशा के लिए देश के लोगों के सामने जीवित रखेगा। 
गृह मंत्री ने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले एसएसबी के 51 वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। 
एसएसबी अनूठा संगठन-
 अमित शाह ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सभी अर्धसैनिक बलों में एसएसबी एक ऐसा अनूठा संगठन है, जिसने सीमाओं की सुरक्षा तो की ही है, दुर्गम क्षेत्रों में आतंकवादियों और नक्सलियों का सामना भी किया है। साथ ही भारत-चीन, भारत-नेपाल और भारत-भूटान के सीमावर्ती इलाकों के सभी गांवों के सांस्कृतिक, भाषाई, भौगोलिक और इतिहास की सारी जानकारियों को बारीकी से संजोने का काम भी किया है। उन्होंने कहा कि इस अनूठे काम से ऐसे सभी गांवों को उनके सांस्कृतिक और भाषाई इतिहास से देश के साथ जोड़ने में मदद तो मिलती है साथ ही जहां-जहां सीमा विवाद हैं वहां भारत के दावे को पुष्ट और मजबूत करने में भी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं की सांस्कृतिक एकता बनाए रखने और विवादित क्षेत्रों में भारत के दावों को मजबूती देने के लिए एसएसबी के बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले इन कार्यों का बहुत उपयोग है और इससे देश को बहुत फायदा भी हुआ है।
बरामदगी-
गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एसएसबी ने बीते एक वर्ष के भीतर पांच हजार से ज्यादा तस्करों, 24 हजार किलोग्राम मादक द्रव्यों, 144 हथियारों और भारी मात्रा में गोला-बारूद की जब्ती की है और लगभग 500 मासूमों को मानव तस्करी से भी बचाया है। 
खेलों के क्षेत्र में भी एसएसबी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में एसएसबी ने पिछले वर्ष 234 पदक जीते हैं। 
 महिला कर्मी-
 उन्होंने कहा कि एसएसबी ने 2026 तक बल में महिला कर्मियों की संख्या को छह प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। अभी बल में 4 प्रतिशत महिला कर्मी हैं। इसके अलावा, यून मिशन और अमरनाथ यात्रा जैसी चुनौतीपूर्ण ड्यूटी में भी एसएसबी की महिला जवानों ने हिस्सा लिया है।
भर्तियां-
गृह मंत्री ने कहा कि  रिक्त पदों को भरने और सीमा की सुरक्षा करने वाले कर्मियों के कार्य बोझ को बांटने के लिए बड़ा अभियान चलाया गया है। एक लाख 75 हजार रिक्तियों की भर्ती 2014 से अब तक पूरी कर ली गई है। किसी भी नौ साल में होने वाली भर्तियों से यह दोगुना से भी अधिक है। 
आयुष्मान कार्ड-
अमित शाह ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ के तहत 40 लाख से ज्यादा अर्धसैनिक बलों कर्मचारियों को कार्ड दिया गया है, आवास योजना में 11,000 नए मकान बीते 5 साल में बनाए गए हैं, ई-आवास पोर्टल के माध्यम से लगभग 52,000 खाली पड़े मकान आवंटित किए गए हैं, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना को साइंटिफिक बनाया गया है ताकि यह हर बच्चे तक पहुंचे। इसके साथ-साथ केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार के नियमों को भी सरल किया गया है।


Wednesday 17 January 2024

मणिपुर पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने के मामले में चार्जशीट दाखिल : CBI

मणिपुर पुलिस शस्त्रागार से हथियार
लूटने के मामले में चार्जशीट दाखिल


इंद्र वशिष्ठ, 
 सीबीआई ने मणिपुर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (एमपीटीसी), पांगेई, इंफाल से हथियारों एवं  गोला-बारूद की लूट से संबंधित एक मामले में अदालत में 5 आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया है।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कामरूप (मेट्रो), गुवाहाटी, असम की अदालत में आरोपी मोइरांगथेम आनंद सिंह, अथोकपम काजीत उर्फ किशोरजीत, लौक्राकपम माइकल मंगंगचा उर्फ माइकल, कोनथौजम रोमोजित मेतेई उर्फ रोमोजित और कीशम जॉनसन उर्फ जॉनसन के विरुद्ध  आरोप पत्र दायर किया गया है।
मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष के दौरान 04.05.2023 को भीड़ ने एमपीटीसी पांगेई परिसर में धावा बोला एवं एमपीटीसी शस्त्रागार से भारी संख्या में हथियार व गोला-बारूद लूट लिया।
सीबीआई ने मणिपुर सरकार एवं भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुपालन में हिंगांग पुलिस स्टेशन, इंफाल पूर्व, मणिपुर में दर्ज प्राथमिकी संख्या 54(5)2023, दिनांक 04.05.2023 की जांच को अपने हाथों में लेकर दिनाँक  09.06.2023 को उक्त मामला दर्ज किया था।
इस मामले में आगे की जांच जारी है।


Monday 15 January 2024

सीबीआई वाला बन कर वसूली करने वाला आरपीएफ का सिपाही गिरफ्तार



सीबीआई वाला बन कर वसूली करने वाला आरपीएफ का सिपाही गिरफ्तार 


इंद्र वशिष्ठ,
सीबीआई का सिपाही बन कर वसूली करने वाले रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के सिपाही सुनील यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से सीबीआई का नकली पहचान पत्र, जाली नोटिस सहित फ़र्जी दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। 

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि  सीबीआई कर्मचारी के तौर पर स्वयं को  पेश करने  एवं  जबरन वसूली व जालसाजी आदि के आरोपों पर जिला मेरठ (उत्तर प्रदेश) निवासी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के  सिपाही सुनील यादव  के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।
सिपाही सुनील यादव जुलाई 2022 के दौरान सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर आया था एवं  उसे मार्च, 2023 में समय से पूर्व उसके मूल संगठन आरपीएफ में वापस भेज दिया गया था। 
आरोप है कि सीबीआई से वापस जाने के पश्चात, उसने स्वयं को सीबीआई (मुख्यालय), दिल्ली में कार्यरत सीबीआई के सिपाही के रूप में पेश करने के लिए नकली सीबीआई पहचान पत्र का प्रयोग किया। आरोपी ने मुजफ्फरनगर के व्यापारी प्रवीण जैन को एक मामले में कथित तौर पर सीबीआई द्वारा जारी फ़र्जी नोटिस देने हेतु  नया मंडी पुलिस स्टेशन, मुजफ्फरनगर, (उत्तर प्रदेश) की सहायता ली। उक्त सीबीआई मामले में राहत दिलाने के लिए आरोपी ने व्यवसायी से धनराशि वसूली। रेलवे पुलिस के सिपाही सुनील यादव ने व्यवसायी प्रवीण जैन को भूमि विवाद मामले में दूसरे पक्ष के फारुख के साथ समझौता करने के लिए भी धमकी दी। 
सीबीआई द्वारा दिल्ली एवं  मेरठ में आरोपी के परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें सीबीआई का नकली पहचान पत्र, एक आपराधिक मामले में कथित तौर पर सीबीआई द्वारा जारी सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जाली नोटिस व अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज सहित फ़र्जी दस्तावेज़ बरामद हुए। इसके अलावा जिला मेरठ में एक अन्य व्यक्ति के आवासीय परिसर में तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए।


Saturday 13 January 2024

साइबर क्राइम के 31 लाख मामले, एफआईआर सिर्फ़ 66 हज़ार दर्ज

साइबर क्राइम के 31 लाख मामले, एफआईआर  सिर्फ़ 66 हज़ार दर्ज


इंद्र वशिष्ठ
सरकार साइबर-सुरक्षित देश बनाने के लिए  प्रतिबद्ध और प्रयासरत है क्योंकि साइबर सुरक्षा विश्व स्तर पर सभी सुरक्षा संबंधी मामलों का एक अनिवार्य पहलू बन गई है।
एफआईआर ही दर्ज नहीं करते-
लेकिन लगता है कि गृह मंत्रालय के प्रयासों पर पुलिस ही पानी फेर रही है।
पुलिस साइबर अपराध के सभी मामलों को  दर्ज तक नहीं कर रही है। अन्य अपराधों की ही तरह साइबर अपराध के शिकार हुए लोगों को भी एफआईआर दर्ज कराने के ही लिए ही नाकों चने चबाने पड़ते हैं या सिफारिश करानी पड़ती है। आंकड़ों की बाजीगरी से अपराध कम दिखाने की प्रवृत्ति के कारण ही पुलिस द्वारा अपराध को सही दर्ज नहीं किए जाने की परंपरा है। इस परंपरा में अपराध को दर्ज न करना या हल्की धारा में दर्ज करना शामिल है। 
जबकि सच्चाई यह है कि अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण करने का सिर्फ और सिर्फ एकमात्र रास्ता यह है कि अपराध के सभी मामलों को सही सही दर्ज किया जाए। वरना सरकार की साइबर सुरक्षा की भी कोई भी योजना सफल नहीं होगी। 
पुलिस की पोल खुली-
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े चौंकाने वाले और पुलिस की पोल खोलने वाले हैं। 
अगस्त 2019 में लॉन्च होने के बाद से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर अब तक 31 लाख से अधिक साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस/कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सिर्फ 66,000 से अधिक एफआईआर ही दर्ज की गई हैं।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4 सी) के सीईओ राजेश कुमार द्वारा वार्षिक सम्मेलन (3 जनवरी 2024)में यह जानकारी दी गई। 
इन आंकड़ों से ही यह साफ पता चलता है कि साइबर अपराध के करीब 97 फीसदी मामलों में तो एफआईआर ही दर्ज नहीं की गई है। 
एफआईआर दर्ज हो-
गृह मंत्रालय/भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4 सी) को ऐसा
सिस्टम बनाना चाहिए, जो यह सुनिश्चित करें कि साइबर अपराध की शिकायत करते ही तुरंत एफआईआर भी दर्ज हो जाए। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने उस मामले में अपराधियों को पकड़ने के लिए क्या क्या प्रयास किए, इसकी जानकारी खुद पुलिस द्वारा आई4 सी और पीड़ित को देना अनिवार्य हो। 
पैसा आसानी से वापस मिल जाए-
साइबर अपराध के कारण पैसा गंवा/फंसा चुके लोगों को अपना पैसा वापस मिलने में बैंक/अदालत/कानूनी प्रक्रियाओं के कारण काफ़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को ऐसा सरल सिस्टम बनाना चाहिए जिससे पीड़ित को पैसा आसानी से और जल्द वापस मिल जाए।
आई4 सी के अनुसार तो अभी हालात यह है कि साइबर अपराध पीड़ित व्यक्ति को पैसा वापस मिलने की दर नौ-दस प्रतिशत ही है। यानी दस फीसदी से भी कम लोगों को अपनी रकम वापस मिली है। 
हेल्पलाइन नंबर 1930-
राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 की मदद से, संबंधित एजेंसियों ने 4.3 लाख पीड़ितों को लाभान्वित करके तीन वर्षों में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई धनराशि को बचाने में मदद की।
लेकिन दस फीसदी से भी कम लोगों को अपनी रकम वापस मिली है। 
हेल्पलाइन नंबर 1930, आम नागरिकों को ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी दर्ज करने में मदद कर रहा है, सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को इसमें शामिल किया गया है और 263 से अधिक बैंकों, ई-कॉमर्स कंपनियों और अन्य को एकीकृत किया गया है।
इस हेल्पलाइन नंबर पर रिपोर्ट करने के बाद आपके अकाउंट से ट्रांसफर किए जा रही रकम को फौरन अगले अकाउंट में फ्रीज कर दिया जाता है, जिससे जांच के बाद इसे वापस आपके पास भेजा जा सके।
गृह मंत्रालय द्वारा जनवरी 2020 में स्थापित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ( आई4 सी )का उद्देश्य देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के लिए एक रूपरेखा और इको-सिस्टम प्रदान करना है 
आई4‌ सी की उपलब्धियां-
नागरिक-केंद्रित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) आई4‌ सी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है, इस पोर्टल का अब तक 14 करोड़ से अधिक बार उपयोग किया जा चुका है। 
अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) के माध्यम से, 99.9 फीसदी पुलिस स्टेशन (16,597) सीधे 100 फीसदी एफआईआर दर्ज कर रहे हैं और 28.98 करोड़ पुलिस रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं। राष्ट्रीय स्वचालित फ़िंगर-प्रिंट पहचान प्रणाली  ने अपराध नियंत्रण में फ़िंगरप्रिंट पहचान प्रणाली में क्रांति ला दी है, 1,05,80,266 रिकॉर्ड  एनएएफआईएस पर एकीकृत किए जा रहे हैं।
आई4 सी अपने मॉडल जेसीसीटी
प्रबंधन सूचना प्रणाली (बीटा संस्करण) के माध्यम से 2,95,000 से अधिक नकली सिम कार्ड, 46,000 से अधिक आईएमईआई, 2800 से अधिक वेबसाइट/यूआरएल, 595 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक करवा चुका  है। शीर्ष 50 साइबर हमलों के तौर-तरीकों पर एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की गई है।
जामताड़ा पर शिकंजा-
आई4 सी और जेसीसीटी जामताड़ा, झारखंड ने 'प्रतिबिंब' प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है जो न केवल डेटा एकत्र करता है बल्कि साइबर अपराधों से जुड़े मोबाइल नंबरों के भौतिक स्थानों को इंगित करने के लिए भू-स्थानिक मैपिंग का भी उपयोग करता है।
इसके कारण झारखंड पुलिस द्वारा दिसंबर 2023 में 400 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं, जो इस क्षेत्र से होने वाले अपराधों में गिरावट के ठोस सबूत हैं, और हॉटस्पॉट को खत्म करने के लिए इस मॉडल का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जाएगा।

(इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)









Friday 12 January 2024

56 हज़ार करोड़ की बैंक धोखाधड़ी मामले में पति-पत्नी समेत 5 गिरफ्तार : ईडी


56 हज़ार करोड़ की बैंक धोखाधड़ी में पति- पत्नी समेत 5 गिरफ्तार : ईडी




इंद्र वशिष्ठ, 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 56,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित भूषण स्टील लिमिटेड के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार 
पीएमएलए कानून के तहत 11-01-2024 को 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। 
गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं अजय मित्तल (प्रमोटर नीरज सिंगल का बहनोई) अर्चना मित्तल (अजय मित्तल की पत्नी और नीरज सिंगल की बहन), नितिन जौहरी (भूषण स्टील के तत्कालीन सीएफओ), पंकज कुमार तिवारी (तत्कालीन उपाध्यक्ष , बैंकिंग) और पंकज कुमार उर्फ ​​पंकज अग्रवाल (तत्कालीन उपाध्यक्ष, लेखा)।
ईडी ने भूषण स्टील लिमिटेड के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। उक्त शिकायत में पीएमएलए अधिनियम के तहत अनुसूचित अपराध शामिल थे।

ईडी की जांच से पता चला है कि पूर्ववर्ती भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) और इसके प्रबंध निदेशक नीरज सिंगल और उनके सहयोगियों ने कई फर्जी कंपनियां बनाई। उन्होंने कई कंपनियों की श्रृंखला के माध्यम से धन को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरित किया। कारोबार के लिए बैंक से लिए कर्ज की रकम का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने और अन्य निजी उद्देश्यों के लिए किया था। 
 जांच से पता चला कि बीएसएल के प्रवर्तकों/निदेशकों और अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और एलसी पर छूट देने के लिए बैंकों के समक्ष फर्जी  दस्तावेज दिए और गलत इरादों से धन को अपनी कंपनियों में वापस भेज दिया। जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के पक्ष में बनाए गए फर्जी एलसी के खिलाफ धन का दुरुपयोग किया गया। गलत तरीके से प्राप्त धन को अन्य समूह/संबद्ध कंपनियों में भेज दिया गया, जिससे भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक को नुकसान हुआ।

09-06-2023 को नीरज सिंगल के यहां तलाशी अभियान चलाया गया और उसी दिन उसे ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। नीरज सिंगल अभी तक न्यायिक हिरासत में है। 
अजय मित्तल और अर्चना मित्तल, दोनों ने जानबूझकर अपराध की आय से 70 करोड़ रुपए प्राप्त किए। 
उन्होंने बीएसएल की संपत्ति भी गिरवी रख दी और धन को नीरज सिंगल और
बीएसएल के पूर्व कर्मचारी एवं खातों और बैंकिंग लेनदेन के मुख्य प्रभारी नितिन जौहरी, पंकज कुमार तिवारी और पंकज कुमार उर्फ पंकज अग्रवाल के परिवार को भेज दिया। 
उक्त तीनों व्यक्ति धन के रोटेशन के लिए नीरज सिंगल द्वारा प्रबंधित विभिन्न कागजी कंपनियों में निदेशक है। उन्होंने बीएसएल के खातों में हेराफेरी की और ऋण राशि जुटाने के लिए बैंक को फर्जी दस्तावेज/विवरण उपलब्ध कराने में भी शामिल थे। इसके बाद वे सक्रिय रूप से बैंक फंडों के हेरफेर में शामिल हो गए।

गिरफ्तार व्यक्तियों को 11-01-2024 और 12-01-2024 को  विशेष न्यायालय, पीएमएलए के समक्ष पेश किया गया।  न्यायालय ने 3 दिनों के लिए ईडी की हिरासत दी थी।






Thursday 11 January 2024

आतंकी संगठन बब्बर खालसा और लॉरेंस बिश्नोई के ख़िलाफ़ एनआईए का अभियान

आतंकी संगठन बब्बर खालसा और लॉरेंस बिश्नोई के ख़िलाफ़ एनआईए का अभियान


इंद्र वशिष्ठ,
 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल(बीकेआई), लॉरेंस बिश्नोई अपराध सिंडिकेट और अन्य की साजिशों और गतिविधियों से संबंधित तीन मामलों में कई राज्यों में छापेमारी की। छापेमारी में 2 पिस्तौल, 2 मैगजीन, कारतूस, 4.60 लाख रुपए नकद, दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए।
32 स्थानों पर छापेमारी-
गुरुवार सुबह शुरू हुए जबरदस्त ऑपरेशन के तहत एनआईए की टीमों ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में कुल 32 स्थानों पर छापेमारी की। 
आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क-
जिन तीन मामलों में एनआईए ने आज छापेमारी की, वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बीकेआई और देश में सक्रिय आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क द्वारा की जा रही आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित हैं।
ऐसी गतिविधियों में सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी, टेरर हार्डवेयर की तस्करी करना शामिल है। 
एनआईए के अनुसार आतंकी संगठनों और 
संगठित आपराधिक सिंडिकेट के संचालकों/सदस्यों द्वारा टेरर हार्डवेयर का उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोटों, लक्षित हत्याओं, जबरन वसूली, आतंकी संगठनों को आतंकी फंडिंग आदि को अंजाम देने के लिए  जा रहा है।
गुरुवार की कार्रवाई में बीकेआई के प्रमुखों/सदस्यों की गतिविधियों से संबंधित मामले में 16 स्थानों पर छापे मारे गए। एनआईए ने 10 जुलाई 2023 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था, जिसमें हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंदा और लखबीर सिंह संधू उर्फ ​​लांडा की पहचान पंजाब में आतंकी साजिश रचने के साथ-साथ हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में की है। एनआईए की जांच के अनुसार, वे आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न एमटीएसएस चैनलों के माध्यम से अपने सहयोगियों को धन भी भेज रहे हैं।
माफिया शैली -
एनआईए ने यूएपीए कानून के तहत लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार और उनके सहयोगियों के निर्देश पर चलाए जा रहे संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ दर्ज मामले में कुल सात स्थानों पर छापेमारी की गई। इस सिंडिकेट ने  'नामित व्यक्तिगत आतंकवादी' हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंदा के साथ सक्रिय साजिश में अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क को देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी फैलाया है। ये नेटवर्क पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला , प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे अनेक सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहा है, 
तीसरा मामला जिसमें नौ छापे मारे गए, भारत और विदेशों में स्थित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों / आपराधिक गिरोहों से संबंधित है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में आतंक और आपराधिक साजिश रचने में शामिल रहे हैं। 
एनआईए की यह कार्रवाई भारत में आपराधिक/आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में लगे आतंकवादी संगठनों और व्यक्तिगत आतंकवादियों के साथ-साथ उनके समर्थक नेटवर्क पर एनआईए की निरंतर कार्रवाई का हिस्सा है।

Wednesday 10 January 2024

पैगंबर मोहम्मद की हंसी उड़ाने वाले प्रोफेसर की हथेली काटने वाला पीएफआई का 10 लाख का इनामी आतंकी गिरफ्तार

प्रोफेसर की हथेली काटने वाला पीएफआई का 10 लाख का इनामी आतंकी गिरफ्तार


इंद्र वशिष्ठ, 
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल के प्रोफेसर की हथेली काटने के मामले में मुख्य और आखिरी फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। तेरह साल से फरार पीएफआई के इस आतंकी पर दस लाख रुपए का इनाम घोषित था। 
एनआईए के अनुसार लगातार प्रयासों के बाद मट्टनूर, कन्नूर (केरल) से सावेद को गिरफ्तार कर लिया गया।
पहली घटना-
सावेद की पहचान 2010 में प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हथेली काटकर हत्या के प्रयास के मामले में मुख्य आरोपी के रूप में की गई थी।
यह भारत में ऐसी सबसे पहली घटनाओं में से एक थी, जो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा अपनाई जा रही हिंसक उग्रवाद की विचारधारा को दर्शाती है।
पैगंबर मोहम्मद की हंसी उड़ाई-
इडुक्की जिले के थोडुपुझा स्थित न्यूमैन कॉलेज में बी.कॉम छात्रों की आंतरिक परीक्षा के लिए तैयार किए गए मलयालम प्रश्न पत्र में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का उपहास करने पर हमलावरों ने प्रोफेसर की हथेली काट दी थी। आरोपियों ने सवाल को उत्तेजक/ भड़काऊ माना था। 
परिवार के सामने हथेली काटी-
4 जुलाई 2010 को परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में प्रोफेसर पर बर्बर हमला किया था। आरोपियों ने प्रोफेसर पर उस समय हमला किया था, जब वह परिवार सहित रविवार की सुबह प्रार्थना सभा के बाद चर्च से लौट रहे थे। घटनास्थल से भागने से पहले हमलावरों ने लोगों में दहशत फैलाने के लिए बम भी फेंका था। 
 तालिबानी-
इस हमले ने इस्लाम के आलोचकों और अन्य धर्मों के प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाकर लोगों और समाज को आतंकित करने और उनके छद्म तालिबान शैली वाले न्यायालय 'दार-उल-खदा' के फैसलों को लागू करने के पीएफआई के नापाक और हिंसक इरादे और डिजाइन को उजागर किया था।
19 को सज़ा-
इस मामले में 10 जनवरी 2011 को सावेद के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। 
इस मामले में आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अब तक कुल 19 आरोपियों को सज़ा सुनाई जा चुकी है। उनमें से तीन को आजीवन कारावास की सजा और 10 अन्य को आठ साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
इस मामले के सभी आरोपी अब प्रतिबंधित पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता या कार्यकर्ता/कैडर थे, और मुवत्तुपुझा में प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ पर घातक हमले से संबंधित आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे।
मामला मूल रूप से 4 जुलाई 2010 को एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।
 शिकंजा-
एनआईए लगातार पूरे भारत में पीएफआई पर शिकंजा कसती जा रही है। पीएफआई के खिलाफ एजेंसी द्वारा दर्ज किए गए कई मामलों में भारत की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने और 2047 तक देश में इस्लामिक स्टेट स्थापित करने की साजिश का खुलासा हुआ है। 

Tuesday 9 January 2024

मंथली मांगने वाला दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का हवलदार गिरफ्तार, इंस्पेक्टर समेत 3 पुलिसकर्मी लाइन हाज़िर। एमसीडी के दो कर्मचारी गिरफ्तार।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का हवलदार गिरफ्तार, इंस्पेक्टर लाइन हाज़िर


इंद्र वशिष्ठ, 
सीबीआई ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के कोतवाली सर्किल के एक हवलदार को शिकायतकर्ता से 4 हजार रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए पकड़ा है।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि एक शिकायत पर ट्रैफिक पुलिस, सेंट्रल रेंज, दिल्ली के हवलदार अमन मलिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
मंथली दो-
आरोप है कि शिकायतकर्ता ने मलबा उठाने के लिए 5 वाहन किराए पर लिए थे। शिकायतकर्ता के वाहनों को हवलदार अमन मलिक ने रोका और वाहनों को चलाने की अनुमति देने के लिए उससे 5 हजार रुपये मासिक की अवैध रिश्वत की मांग की। बातचीत करने पर, हवलदार अमन मलिक  शिकायतकर्ता से प्रति माह 4 हजार रुपये की प्रारंभिक रिश्वत लेने के लिए सहमत हो गया। 
सीबीआई ने जाल बिछाया और हवलदार अमन मलिक को शिकायतकर्ता से 4 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए पकड़ लिया गया।
 लाइन हाज़िर-
पुलिस सूत्रों के अनुसार सीबीआई की रेड के दौरान वहां मौजूद दो अन्य पुलिस कर्मी मौके से भाग गए। 
वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में इस सर्किल के ट्रैफिक इंस्पेक्टर विकास पिलानिया समेत 3 पुलिस कर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया है। 
एमसीडी के दो गिरफ्तार-
एक अन्य मामले में, सीबीआई ने शिकायतकर्ता से 4 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए एमसीडी के शाहदरा जोन में
उप मुख्य लेखाकार (पेंशन सेल), डीसी कार्यालय में कार्यरत एलडीसी (रिकॉर्ड कीपर) नीरज और सफाई कर्मचारी देशपाल को पकड़ा। आरोप है कि शिकायतकर्ता ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की एक फाइल को मंजूरी देने के लिए आरोपी नीरज से संपर्क किया था। आरोपी ने उक्त फाइल को मंजूरी देने के लिए 4 हज़ार रुपये की रिश्वत की मांग की।
सीबीआई ने जाल बिछाया और दोनों आरोपियों को शिकायतकर्ता से 4 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया। आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है.


Monday 8 January 2024

पुलिस डंडे के बजाए डेटा का इस्तेमाल करे : प्रधानमंत्री


पुलिस डंडे के बजाए डेटा का इस्तेमाल करे : प्रधानमंत्री


इंद्र वशिष्ठ, 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए आपराधिक कानून 'नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले' के सिद्धांत पर बनाए गए हैं और पुलिस को अब 'डंडे' के साथ काम करने के बजाए 'डेटा' के साथ काम करने की जरूरत है। 
प्रधानमंत्री  ने जयपुर में आयोजित पुलिस महानिदेशकों/पुलिस महानिरीक्षकों के 58वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नए आपराधिक कानूनों की शुरूआत पर चर्चा करते हुए कहा कि ये कानून आपराधिक न्याय प्रणाली में एक आदर्श बदलाव लाएंगे। नए आपराधिक कानून 'नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले' के सिद्धांत पर बनाए गए हैं और पुलिस को अब 'डंडे' के साथ काम करने के बजाय 'डेटा' के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस प्रमुखों से नए लागू कानूनों के पीछे की भावना को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने के लिए रचनात्मक ढंग से सोचने की अपील की।
महिला सुरक्षा-
 प्रधानमंत्री ने नए आपराधिक कानून के तहत महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकार और सुरक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया। पुलिस से महिला सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं निडर होकर 'कभी भी और कहीं भी' काम कर सकें।
विश्व स्तरीय पुलिस -
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारतीय पुलिस को खुद को आधुनिक बनाकर विश्व स्तरीय पुलिस बल बनाना होगा।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल-
 प्रधानमंत्री ने नागरिकों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने नागरिकों के लाभ के लिए 
 नागरिकों के लाभ के लिए सकारात्मक जानकारी और संदेश प्रसारित करने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर पर सोशल मीडिया का उपयोग करने का सुझाव दिया। प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत पर अग्रिम जानकारी प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का भी सुझाव दिया।
अफसर गांव में रहें-
नागरिक-पुलिस संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न खेल आयोजनों का भी सुझाव दिया। चूंकि सीमावर्ती गांव भारत के 'पहले गांव' हैं, इसलिए उन्होंने सरकारी अधिकारियों से स्थानीय लोगों के साथ बेहतर 'संपर्क' स्थापित करने के लिए इन गांवों में रहने का आग्रह किया।
6-7 जनवरी 2024 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में आयोजित
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण कारकों पर चर्चा की गई। इनमें नए प्रमुख आपराधिक कानून, आतंकवाद विरोधी नीतियां, वामपंथी कट्टरपंथ, उभरते साइबर खतरे, दुनिया भर में कट्टरवाद विरोधी उपाय आदि शामिल हैं। 

Saturday 6 January 2024

लॉरेंस बिश्नोई के साथियों की संपत्तियों की कुर्की : एनआईए


लॉरेंस बिश्नोई के साथियों की संपत्तियों की कुर्की : एनआईए


इंद्र वशिष्ठ, 
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने
आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ को ध्वस्त करने की दिशा में एक और बड़े कदम के तहत कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संगठित आतंकी-अपराध सिंडिकेट के सदस्यों की चार संपत्तियों को कुर्क/जब्त कर लिया।

एनआईए के अनुसार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में संपत्तियों को कुर्क किया गया, जिनमें से तीन अचल और एक चल संपत्ति है।
आतंक से आय-
 एनआईए ने पाया कि ये सभी संपत्तियां 'आतंकवाद-अपराध की आय ' से बनाई गई थी। जिसका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
एनआईए ने उत्तर प्रदेश में आतंकवादी गिरोह के आश्रयदाता विकास सिंह के लखनऊ स्थित एक फ्लैट और गांव बिशनपुरा, फाजिल्का, पंजाब में स्थित आरोपी दलीप कुमार उर्फ ​​भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के स्वामित्व वाली दो संपत्तियों ( खेतों) की कुर्की की है। इसके अलावा यमुना नगर, हरियाणा के जोगेंद्र सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड फॉर्च्यूनर कार जब्त की है। 
आतंकियों को पनाह-
एनआईए की जांच के अनुसार, विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में शामिल आरोपियों सहित आतंकवादियों को शरण दी है। जबकि जोगिंदर सिंह गैंगस्टर
लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी काला राणा का पिता है। जोगिंदर सिंह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद के परिवहन के उद्देश्य से अपनी फॉर्च्यूनर कार का उपयोग करने की अनुमति देकर गिरोह के सदस्यों को सुविधा प्रदान कर रहा था। आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का उपयोग हथियारों के भंडारण और छुपाने के लिए आश्रय/गोदाम के रूप में और आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिए भी किया जा रहा था।
माफिया शैली नेटवर्क-
एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूए(पी)ए के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में अपना माफिया शैली का आपराधिक नेटवर्क फैलाया है। ये नेटवर्क लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे सनसनीखेज अपराधों में शामिल था। 
विदेश से साज़िश-
एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि
 इनमें से कई आतंकी वारदातों की साजिश पाकिस्तान और कनाडा, या भारत की जेलों में बंद संगठित आतंकी सिंडिकेट के सरगनाओं द्वारा रची गई थी। 
अभियान-
एनआईए द्वारा  आतंकियों और माफिया के ऐसे नेटवर्क और उनके सहायक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और 'आतंकवाद और अपराध की आय' से बनाई गई उनकी संपत्तियों को कुर्क करने और जब्त करने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है। 

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर के घर भ्रष्ट इंस्पेक्टरों ने हंगामा किया ? , गृहमंत्री जागो भ्रष्ट अफसरों को सबक सिखाओ, पुलिस कमिश्नर की भूमिका पर सवालिया निशान।

पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा, स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां 

स्पेशल कमिश्नर के घर भ्रष्ट इंस्पेक्टरों ने हंगामा किया ? 



इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस में पैसे के दम पर भी एसएचओ लगने/लगाने की बात तो जग जाहिर है लेकिन पैसे देने के बावजूद एसएचओ नहीं लगाए जाने पर इंस्पेक्टरों द्वारा एक स्पेशल कमिश्नर के घर पर हंगामा करने के मामले ने इतिहास रच दिया है। ऐसा मामला पहली बार सामने आया है। हालांकि स्पेशल कमिश्नर का कहना है कि यह सब फ्राड है। 
शर्मनाक-
इस मामले ने वैसे तो पुलिस महकमे और खासतौर पर आईपीएस बिरादरी को शर्मसार किया है हालांकि आज के दौर में भी ईमानदार अफसर भी हैं, लेकिन अपवाद छोड़ दें, तो ऐसे अफसर भी हैं जिनसे नैतिकता, आदर्श आचरण, शर्म की उम्मीद करना बेमानी है। लेकिन इस मामले ने यह तो साबित कर ही दिया, कि पैसा देकर एसएचओ लगने/लगाने की बात में दम है। 
रणवीर सिंह कृष्णियां-
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां (1989 बैच के आईपीएस)
31 दिसंबर 2023 को सेवानिवृत्त हो गए। 29 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय में रणवीर सिंह का विदाई समारोह था। उसके बाद कुछ इंस्पेक्टरों ने उनके घर(पंडारा रोड) जाकर हंगामा कर दिया। एक इंस्पेक्टर ने पीसीआर पर कॉल भी कर दी। 
पैसे लिए, एसएचओ नहीं लगाया-
 आरोप है कि इंस्पेक्टरों ने एसएचओ लगने के लिए स्पेशल कमिश्नर के एक बेहद खास इंस्पेक्टर को लाखों रुपए दिए थे। एसएचओ नहीं लगाए जाने पर इंस्पेक्टर अपना पैसा वापस मांग रहे थे। स्पेशल कमिश्नर ने अपने खास इंस्पेक्टर को बुलाया। पैसे लेने वाले इंस्पेक्टर और पैसे देने वाले इंस्पेक्टरों के बीच कहासुनी/ झगड़ा हुआ। पीसीआर कॉल से पुलिस महकमे में हडकंप मच गया।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट में पीसीआर के डीसीपी आनंद मिश्रा ने ऐसी कोई भी कॉल होने से इंकार किया है। 
मीडिया रिपोर्ट/चर्चा है कि पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने अपने ओएसडी मनीषी चंद्रा और एक अन्य डीसीपी को स्पेशल कमिश्नर के घर भेजा। कुछ इंस्पेक्टरों के पैसे वापस कर दिए गए और कुछ को पैसे जल्द वापस करने का आश्वासन दिया और सब को समझा बुझा कर भेज दिया गया। 
सब झूठ है-
इस पत्रकार ने इस बारे में सेवानिवृत्त स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां से बात की। 
सेवानिवृत्त स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह
कृष्णियां का कहना है कि पूरा का पूरा मामला फ्राड है, गलत इरादे से कही गई मनगढ़ंत कहानी है इसमें एक प्रतिशत भी सच्चाई नहीं है। उनके घर कोई इंस्पेक्टर नहीं आया। 
कैमरे पोल खोल सकते हैं-
वैसे रणवीर कृष्णियां की अब तक की छवि ठीक-ठाक और विवाद रहित रही है। ऐसे में वह अगर सच्चे हैं तो उन्हें खुद आगे आकर गृहमंत्री और पुलिस कमिश्नर से इस मामले की जांच की मांग करनी चाहिए, ताकि उनके दामन पर लगा दाग जल्दी से जल्दी साफ़ हो सके। 
साज़िश ? 
इसके अलावा यह भी तो पता लगना ही चाहिए कि कहीं यह उनके खिलाफ किसी प्रतिद्वंद्वी/दुश्मन आईपीएस अधिकारी की साज़िश तो नहीं है। यह सब निष्पक्ष जांच से ही सामने आ सकता है। 
 रणवीर कृष्णियां के घर और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से भी यह आसानी से पता लग सकता है कि पैसे देने का आरोप लगाने वाले इंस्पेक्टर उनके घर गए थे या नहीं। 
गृहमंत्री सबक सिखाओ-
यह मामला इतना संगीन, गंभीर और खतरनाक है कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को ही इस मामले की जांच करानी चाहिए। क्योंकि मामला आईपीएस अधिकारी का है और आईपीएस द्वारा तो आईपीएस को बचाने की ही परंपरा रही है।
ईमानदारी से जांच की जाए तो बहुत आसानी से सच्चाई सामने आ जाएगी। 
किस इंस्पेक्टर ने पीसीआर कॉल की थी यह बात पीसीआर कॉल के रिकॉर्ड और उस इंस्पेक्टर के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड से साबित हो सकती है। 
कमिश्नर की भूमिका?-
इस मामले में पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है।
पुलिस कमिश्नर को एसएचओ लगने के लिए लाखों रुपए देने वाले वाले उन सभी इंस्पेक्टरों और स्पेशल कमिश्नर के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करके मिसाल कायम करनी चाहिए थी।
पुलिस कमिश्नर अगर ईमानदार, काबिल और निष्पक्ष हैं तो उनकी ईमानदारी नज़र भी आनी चाहिए। 
रिकॉर्ड सार्वजनिक हो-
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा पीसीआर कॉल का रिकॉर्ड सार्वजनिक करके साबित करें कि किसी इंस्पेक्टर ने पीसीआर कॉल की थी या नहीं। पुलिस कमिश्नर बताएं कि उनका ओएसडी मनीषी चंद्रा सेवानिवृत्त स्पेशल कमिश्नर के घर गया था या नहीं।
 मनीषी चंद्रा के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड से भी उनकी उस दिन/समय की लोकेशन स्पेशल कमिश्नर के घर पर थी या नहीं, यह आसानी से पता चल सकता है। 
पीसीआर कॉल का रिकॉर्ड और ओएसडी मनीषी चंद्रा के मोबाइल फ़ोन का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने से ही इस मामले की सच्चाई सामने आ सकती है। 
मौजूदगी-
मीडिया रिपोर्ट/चर्चा है कि दस से ज्यादा इंस्पेक्टरों ने स्पेशल कमिश्नर के घर पर हंगामा किया था। इन सभी इंस्पेक्टरों के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड से भी उनकी स्पेशल कमिश्नर के घर पर मौजूदगी साबित हो सकती है। 
खास इंस्पेक्टर-
स्पेशल कमिश्नर के साथ लंबे समय से जुड़े राजस्थान के ही निवासी इंस्पेक्टर विकास कुमार सिंह के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड की जांच से भी यह पता चल सकता है कि क्या कुछ इंस्पेक्टर एसएचओ लगने के लिए उसके साथ निरंतर संपर्क में थे? क्या इंस्पेक्टर विकास भी हंगामा वाले समय स्पेशल कमिश्नर के घर गया था या नहीं? इंस्पेक्टर विकास कुछ महीने पहले तक स्पेशल कमिश्नर का स्टाफ़ अफसर (एस ओ) था। स्पेशल कमिश्नर की मेहरबानी से वह आजकल दक्षिण पश्चिम जिले में साइबर थाने का एसएचओ है। 
भ्रष्ट इंस्पेक्टर-
वैसे स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां के घर हंगामा करने और आरोप लगाने वाले इंस्पेक्टर भी भ्रष्ट तो ही, है यह तो उन्होंने हंगामा करके खुद ही ढिंढोरा पीट कर साबित कर ही दिया। ऐसे इंस्पेक्टर ही एसएचओ लगने के बाद पैसा वसूलने के लिए डाकुओं की तरह आम लोगों का तो खून चूसते ही है, बल्कि पैसा लेकर अपराध और अपराधियों को संरक्षण तक देते हैं। लेकिन ऐसे हालात के लिए नाकाबिल और बेईमान आईपीएस अधिकारी जिम्मेदार होते हैं। 
कमिश्नर को मुहूर्त का इंतजार-
स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां पर आरोप लगाने वाले  इंस्पेक्टरों ने एसएचओ लगने के लिए पैसा देने की बात हंगामा और ढिंढोरा पीट कर (पीसीआर कॉल) कबूली। अब ऐसे में पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को स्पेशल कमिश्नर और इंस्पेक्टरों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने के लिए क्या किसी मुहूर्त या किसी के आदेश का इंतजार है। 
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा का तो यह कर्तव्य बनता था कि जैसे  ही उनकी जानकारी में भ्रष्टाचार का यह संगीन मामला आया, तुरंत मामला दर्ज करना चाहिए था। 
आईपीएस खाकी को खाक में मत मिलाओ-
यह मामला खतरे की घंटी है। वैसे लगता है कि अब तो बात हंगामे तक ही रह गई, लेकिन आईपीएस अफसर अगर नही चेते/सुधरे/संभले तो वह दिन भी आ सकता है जब उनके पाले हुए भ्रष्ट इंस्पेक्टर/एसएचओ ही उनकी पिटाई तक करने से नहीं चूकेगें। 
पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का एक मात्र रास्ता है कि आईपीएस अपने आचरण से ईमानदारी की मिसाल पेश करे। 
इस मामले में पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से बात करने के लिए उनके घर पर और मोबाइल फोन पर संपर्क की कोशिश की गई। पुलिस कमिश्नर के घर से बताया गया कि वह दिल्ली से बाहर हैं। पुलिस कमिश्नर जयपुर में आयोजित पुलिस महानिदेशक सम्मेलन में भाग लेने गए हुए हैं। 
पुलिस का बयान
 दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस तरह की किसी भी घटना से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि पीसीआर कॉल के साथ ही संबंधित इलाके के नजदीक वाले सभी थानों के रोजनामचा की भी जांच की गई है। जिसमें इस तरह की किसी भी घटना की कोई जानकारी नहीं है।