Saturday 20 January 2024

3 नए कानूनों से अपराधियों को 3 साल में मिलेगी सज़ा : गृहमंत्री अमित शाह

नए कानूनों से अपराधियों को 3 साल में सज़ा : अमित शाह



इंद्र वशिष्ठ, 
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के संपूर्ण लागू हो जाने के बाद किसी भी एफआईआर पर ज्यादा से ज्यादा तीन साल के अंदर सज़ा कराने का काम समाप्त हो जाएगा। इससे न्याय में जो देरी है, हम उसकी समाप्ति की दिशा में जाएंगे। 
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 60 वें स्थापना दिवस पर तेजपुर,‌ असम में एसएसबी परिसर में आयोजित वर्षगांठ समारोह को 20 जनवरी 2024 को गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
जनता को न्याय दिलाना-
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आमूल चूल परिवर्तित करने के लिए तीनों आपराधिक कानूनों को नए स्वरूप में लाकर देश की जनता के सामने रखा है। इन कानूनों का मूल उद्देश्य जनता को न्याय दिलाना है, जबकि पहले के कानूनों का उद्देश्य दंड देना होता था।
सज़ा दर में वृद्धि-
इन नए कानूनों के लागू होने के साथ ही हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया में सबसे आधुनिक होगा और हम सज़ा कराने की दर में भी बहुत बड़ी वृद्धि करेंगे, क्योंकि
नए कानूनों में क्राइम सीन फोरेंसिक को बहुत महत्व दिया गया है। सात साल और उससे ऊपर की सज़ा वाले सभी अपराध के मामलों में  घटना स्थल पर फोरेंसिक अफसर के विजिट को कानूनन अनिवार्य किया गया है। 
नक्सल समस्या से मुक्ति-
गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले तीन साल के अंदर ही नक्सल समस्या से देश शत प्रतिशत मुक्त हो जाएगा। सीआरपीएफ, बीएसएफ के साथ मिलकर एसएसबी ने नक्सल आंदोलन को बहुत किनारे पर ला कर रख दिया है।
जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बीएसएफ, सीआरपीएफ,जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के साथ एसएसबी के जवानों ने कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया है, बलिदान भी दिए हैं। 
 कर्तव्यपरायणता-
एसएसबी 2450 किलोमीटर लंबी और खुली सीमाओं (भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा) की रखवाली/ सुरक्षा कर्तव्यपरायणता और पूरी तत्परता से कर रहा है। 
एसएसबी ने 500 मासूमों को मानव तस्करों से बचाने का काम भी किया है। 
गृहमंत्री ने इस अवसर पर 226 करोड़ रुपए की लागत से एसएसबी से जुड़ी हुई कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। एसएसबी के स्थापना दिवस पर भारत सरकार ने एक डाक टिकट भी जारी किया है। 
गृह मंत्री ने कहा कि यह डाक टिकट एसएसबी की कर्तव्यपरायणता को हमेशा के लिए देश के लोगों के सामने जीवित रखेगा। 
गृह मंत्री ने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले एसएसबी के 51 वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। 
एसएसबी अनूठा संगठन-
 अमित शाह ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सभी अर्धसैनिक बलों में एसएसबी एक ऐसा अनूठा संगठन है, जिसने सीमाओं की सुरक्षा तो की ही है, दुर्गम क्षेत्रों में आतंकवादियों और नक्सलियों का सामना भी किया है। साथ ही भारत-चीन, भारत-नेपाल और भारत-भूटान के सीमावर्ती इलाकों के सभी गांवों के सांस्कृतिक, भाषाई, भौगोलिक और इतिहास की सारी जानकारियों को बारीकी से संजोने का काम भी किया है। उन्होंने कहा कि इस अनूठे काम से ऐसे सभी गांवों को उनके सांस्कृतिक और भाषाई इतिहास से देश के साथ जोड़ने में मदद तो मिलती है साथ ही जहां-जहां सीमा विवाद हैं वहां भारत के दावे को पुष्ट और मजबूत करने में भी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं की सांस्कृतिक एकता बनाए रखने और विवादित क्षेत्रों में भारत के दावों को मजबूती देने के लिए एसएसबी के बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले इन कार्यों का बहुत उपयोग है और इससे देश को बहुत फायदा भी हुआ है।
बरामदगी-
गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एसएसबी ने बीते एक वर्ष के भीतर पांच हजार से ज्यादा तस्करों, 24 हजार किलोग्राम मादक द्रव्यों, 144 हथियारों और भारी मात्रा में गोला-बारूद की जब्ती की है और लगभग 500 मासूमों को मानव तस्करी से भी बचाया है। 
खेलों के क्षेत्र में भी एसएसबी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में एसएसबी ने पिछले वर्ष 234 पदक जीते हैं। 
 महिला कर्मी-
 उन्होंने कहा कि एसएसबी ने 2026 तक बल में महिला कर्मियों की संख्या को छह प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। अभी बल में 4 प्रतिशत महिला कर्मी हैं। इसके अलावा, यून मिशन और अमरनाथ यात्रा जैसी चुनौतीपूर्ण ड्यूटी में भी एसएसबी की महिला जवानों ने हिस्सा लिया है।
भर्तियां-
गृह मंत्री ने कहा कि  रिक्त पदों को भरने और सीमा की सुरक्षा करने वाले कर्मियों के कार्य बोझ को बांटने के लिए बड़ा अभियान चलाया गया है। एक लाख 75 हजार रिक्तियों की भर्ती 2014 से अब तक पूरी कर ली गई है। किसी भी नौ साल में होने वाली भर्तियों से यह दोगुना से भी अधिक है। 
आयुष्मान कार्ड-
अमित शाह ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ के तहत 40 लाख से ज्यादा अर्धसैनिक बलों कर्मचारियों को कार्ड दिया गया है, आवास योजना में 11,000 नए मकान बीते 5 साल में बनाए गए हैं, ई-आवास पोर्टल के माध्यम से लगभग 52,000 खाली पड़े मकान आवंटित किए गए हैं, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना को साइंटिफिक बनाया गया है ताकि यह हर बच्चे तक पहुंचे। इसके साथ-साथ केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार के नियमों को भी सरल किया गया है।


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