Saturday 6 January 2024

लॉरेंस बिश्नोई के साथियों की संपत्तियों की कुर्की : एनआईए


लॉरेंस बिश्नोई के साथियों की संपत्तियों की कुर्की : एनआईए


इंद्र वशिष्ठ, 
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने
आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ को ध्वस्त करने की दिशा में एक और बड़े कदम के तहत कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संगठित आतंकी-अपराध सिंडिकेट के सदस्यों की चार संपत्तियों को कुर्क/जब्त कर लिया।

एनआईए के अनुसार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में संपत्तियों को कुर्क किया गया, जिनमें से तीन अचल और एक चल संपत्ति है।
आतंक से आय-
 एनआईए ने पाया कि ये सभी संपत्तियां 'आतंकवाद-अपराध की आय ' से बनाई गई थी। जिसका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
एनआईए ने उत्तर प्रदेश में आतंकवादी गिरोह के आश्रयदाता विकास सिंह के लखनऊ स्थित एक फ्लैट और गांव बिशनपुरा, फाजिल्का, पंजाब में स्थित आरोपी दलीप कुमार उर्फ ​​भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के स्वामित्व वाली दो संपत्तियों ( खेतों) की कुर्की की है। इसके अलावा यमुना नगर, हरियाणा के जोगेंद्र सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड फॉर्च्यूनर कार जब्त की है। 
आतंकियों को पनाह-
एनआईए की जांच के अनुसार, विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में शामिल आरोपियों सहित आतंकवादियों को शरण दी है। जबकि जोगिंदर सिंह गैंगस्टर
लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी काला राणा का पिता है। जोगिंदर सिंह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद के परिवहन के उद्देश्य से अपनी फॉर्च्यूनर कार का उपयोग करने की अनुमति देकर गिरोह के सदस्यों को सुविधा प्रदान कर रहा था। आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का उपयोग हथियारों के भंडारण और छुपाने के लिए आश्रय/गोदाम के रूप में और आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिए भी किया जा रहा था।
माफिया शैली नेटवर्क-
एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूए(पी)ए के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में अपना माफिया शैली का आपराधिक नेटवर्क फैलाया है। ये नेटवर्क लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे सनसनीखेज अपराधों में शामिल था। 
विदेश से साज़िश-
एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि
 इनमें से कई आतंकी वारदातों की साजिश पाकिस्तान और कनाडा, या भारत की जेलों में बंद संगठित आतंकी सिंडिकेट के सरगनाओं द्वारा रची गई थी। 
अभियान-
एनआईए द्वारा  आतंकियों और माफिया के ऐसे नेटवर्क और उनके सहायक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और 'आतंकवाद और अपराध की आय' से बनाई गई उनकी संपत्तियों को कुर्क करने और जब्त करने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है। 

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