Sunday 30 May 2021

ओलंपियन सुशील पहलवान के घर काम करने वाले युवक की रहस्यमयी मौत।कमिश्नर पर्दा तो उठाओ,पर्दा जो उठ गया,तो भेद खुल जाएगा।




कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव पर्दा तो उठाओ,पर्दा जो उठ गया,तो राज खुल जाएगा। 
ओलंपियन सुशील के घर काम करने वाले युवक की रहस्यमय हालत में मौत?
सुशील का क्या है कनेक्शन?
आईपीएस की भूमिका पर सवालिया निशान?


इंद्र वशिष्ठ 
 छत्रसाल स्टेडियम में एक युवक को सागर पहलवान की तरह ही पीट पीट कर मार दिया गया था?
ओंपियन सुशील पहलवान का उसमें हाथ था?
माडल टाउन थाना पुलिस ने मामला रफा दफा कर  युवक के शव का लावारिस के रुप में अंतिम संस्कार कर दिया था?
यह चौंकाने वाली जानकारी छत्रसाल स्टेडियम से जुड़े लोगों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर इस पत्रकार को बताई है। जो बताया गया है उससे इतना तो तय है कि स्टेडियम में कुछ तो संदिग्ध घटित हुआ ही था। 
 कमिश्नर सच्चाई पता लगाएं।- 
पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव काबिल आईपीएस अफसरों से तफ्तीश करा कर सच्चाई पता लगा सकते हैंं। सच्चाई सामने लाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर मृतक गरीब युवक को न्याय दिलवा सकते हैं।
युवक मरा मिला- 
स्टेडियम से जुड़े सूत्रों के अनुसार मामला जनवरी 2018 का है। युवक काफी समय से स्टेडियम की कैंटीन मे नौकर था। एक दिन अचानक वह संदिग्ध हालात में मरा मिला। पुलिस मौके पर आई थी। पुलिस को कह दिया गया कि यह यहां मरा पड़ा मिला है। युवक कैंटीन में ही नहीं, सुशील पहलवान के स्टेडियम स्थित घर पर भी काम करता था। सुशील के घर के बाहर बने कमरे में ही वह रहता था। उस कमरे में ही वह फर्श पर मरा मिला था।
इसके बावजूद पुलिस से यह कहा गया कि वह मृतक को नहीं जानते? 
इस बात से ही यह भी पता चलता है कि युवक की मौत नेचुरल या बीमारी से नहीं हुई होगी। 
सूत्रों के अनुसार इस युवक को मारा पीटा गया था। लेकिन मामला गरीब युवक का था इसलिए मामला रफा दफा कर दिया गया। 
 इस मामले मेंं कौन कौन लोग शामिल है। यह तो तफ्तीश से पता लगाया ही जा सकता है।
  राज खुल जाएगा- 
सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद सुशील की पत्नी मायके चली गई थी। सुशील कई महीने अकेला ही स्टेडियम वाले घर में रहा।
युवक की मौत की पुष्टि पुलिस बहुत आसानी से सुशील की पत्नी से पूछताछ से भी कर सकती है।
 आईपीएस का एक फोन- 
आईपीएस अफसर के एक फोन पर माडल टाउन थाने का एसएचओ पंचनामा रजिस्टर समेत सारा रिकॉर्ड लेकर उनके सामने हाजिर हो जाएगा।जिससे सारी कहानी खुल जाएगी।
 लाला तोते की तरह बोलेगा- 
कैंटीन का मालिक जिसे सभी लाला के नाम से पुकारते है। लाला से तोते की तरह सच्चाई उगलवाना पुलिस के लिए तो बाएं हाथ का खेल है।
 अफसरों से पूछताछ-
सागर पहलवान की हत्या के आरोप में गिरफ्तार सुशील का इस युवक की मौत के मामले में भी हाथ है या नहीं यह पुलिस उससे पूछताछ करके पता लगा ही सकती है।  सुशील का इस स्टेडियम में सरकारी अफसर (ओएसडी) के नाते भी एकछत्र राज था।
छत्रसाल स्टेडियम की डिप्टी डायरेक्टर (खेल) आशा अग्रवाल है। स्टेडियम में उस समय डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) के पद पर धर्मेंद्र कुमार थे। इसलिए इन अफसरों से भी पूछताछ तो की ही जानी चाहिए।
सुशील पहलवान के परिवार, स्टेडियम में रहने वाले पहलवानों, कैंटीन के कर्मचारियों के अलावा स्टेडियम में तैनात सुरक्षाकर्मियों आदि से पूछताछ की जानी चाहिए।
इस बारे में पुलिस का पक्ष लेने के लिए पुलिस के स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह, संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव, उत्तर पश्चिम जिला की डीसीपी उषा रंगनानी और माडल टाउन के एस एच ओ दिनेश कुमार से मोबाइल फोन पर संपर्क करने के लिए कई बार  कोशिश की गई। लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया। पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव,स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह समेत इन सभी अफसरों को व्हाट्सएप और ट्विटर पर भी यह खबर भेज दी गई है। इसके बावजूद भी अफसरों की चुप्पी से पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है।
छत्रसाल स्टेडियम की डिप्टी डायरेक्टर आशा अग्रवाल ने भी फोन रिसीव नहीं किया।

 सुशील ने दुकानदार को पीटा। 
 पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की।
माडल टाउन के दुकानदार सतीश गोयल की बकाया रकम मांगने पर ओलंपियन सुशील पहलवान और उसके साथियों द्वारा पिटाई करने का मामला सामने आया है।
सतीश ने पिछले साल 8 सितंबर को इस मामले की शिकायत माडल टाउन थाने में की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सतीश की परचून की दुकान और आटा चक्की है। वह वर्षों से स्टेडियम में राशन सप्लाई करते हैं। पिछले साल वह राशन के बकाया चार लाख रुपए मांगने स्टेडियम गए थे। तभी उनकी पिटाई की गई।

 डीसीपी के बेटे की एफआईआर 6 दिन बाद दर्ज।-
 माडल टाउन में दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त डीसीपी सतवीर दहिया के बेटे दीपक को बदमाश काला जठेड़ी ने रंगदारी के लिए धमकी दी।
दीपक ने माडल टाउन थाने में 25 दिसंबर 2020 को शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने उसकी भी एफआईआर 6 दिन बाद दर्ज की।
इस मामले में भी सुशील पहलवान का नाम आया है।
 सोनू महाल पुलिस की नाक के नीचे -
काला जठेड़ी का साथी सोनू महाल माडल टाउन में रह रहा था। सुशील पहलवान वहीं से सागर और सोनू को  उठा कर ले गया था।
 आईपीएस की भूमिका पर सवाल-
इन सभी मामलों से आईपीएस अफसरों और माडल टाउन थाने की पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है। 

 लावारिस बना अंतिम संस्कार करने में माहिर एसएचओ  -
हत्या का मामला  दर्ज न करना पड़े इसलिए भी पुलिस शव का लावारिस के रूप अंतिम संस्कार करने में माहिर है।
केशव पुरम थाना के इलाके में टीवी के डिब्बे में एक युवक का शव मिला था। तत्कालीन एस एच ओ प्रदीप कुमार ने हत्या का मामला दर्ज करने की बजाए मृतक का लावारिस के रुप में अंतिम संस्कार कर दिया था। इस पत्रकार द्वारा यह मामला उजागर किया गया। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अजय राज शर्मा ने एसएचओ प्रदीप कुमार और चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर राज सिंह को निलंबित किया। युवक के अपहरण का मामला पटेल नगर थाना में दर्ज था। एसएचओ ने अगर निक्कमापन नहीं किया होता तो मृतक के परिवार वाले कम से कम अपने इकलौते बेटे के शव  का अंतिम संस्कार तो कर लेते। 
 बच्ची के शव का अंतिम संस्कार- 
पश्चिम जिला के तत्कालीन डीसीपी दीपक मिश्रा के समय पंजाबी बाग इलाके से राशि कुकरेजा नामक बच्ची का अपहरण हो गया था। पूर्वी दिल्ली में कल्याण पुरी थाना इलाके में राशि का शव अपहरणकर्ताओं ने फेंक दिया था। पश्चिम जिला पुलिस को पता चला कि  तत्कालीन एसएचओ सीता राम वोहरा ने राशि कुकरेजा का लावारिस के रुप में अंतिम संस्कार करवा दिया। 


Friday 28 May 2021

काला जठेड़ी की हड्डियों में पानी भरा है। सुशील पहलवान बदमाश काला के भाई की शादी में भी गया था.

 सुुुशील  पहलवान के साथ के साथ काला का भाई
सुशील पिटाई करते हुए।
           काला जठेड़ी

           काला के यहां हुक्का पीता सिपाही

काला जठेड़ी की हड्डियों में पानी भरा।
कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे काला। 



इंद्र वशिष्ठ 
"डरा कर लोगों को वो जीता है जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है। मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया।"
फिल्म घातक में सन्नी देओल के  इस डायलॉग का ओलंपियन सुशील पहलवान और गुंडे संदीप उर्फ काला जठेड़ी से भी रिश्ता  है।
 काला जठेड़ी के नाम से यूट्यूब पर एक वीडियो है जिसकी शुरुआत इस डायलॉग से होती हैं। इस वीडियो में ओलंपियन सुशील और काला जठेड़ी के रिश्तों की गहराई का पता चलता है।
ओलंपियन पहलवान गुंडों के घर-
 इस वीडियो में पुलिस की हिरासत में काला जठेड़ी और बंदूकधारी गुंडों की भरमार दिखाई गई  है। सबसे चौंकाने वाला सीन ओलंपिक पदक विजेता सुशील की उसमें मौजूदगी का है। यह वीडियो सुशील और बदमाशों की गहरी सांठगांठ को साबित करता है। सुशील कुमार इसमें काला जठेड़ी के भाई के साथ मौजूद है। यह वीडियो काला जठेड़ी के भाई प्रदीप की शायद शादी के अवसर का है।
 पुलिस ने बनाया वीआईपी-
इस वीडियो में पुलिस वाले काला जठेड़ी के साथ इस तरह से चल रहे हैं जैसे कि वह कोई वीआईपी है। एक सिपाही तो वहां हुक्का भी पी रहा है। वीडियो से लगता है कि काला सोनीपत में राई के कंगारू गार्डन में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए जेल से आया था।  काला के साथ वीआईपी जैसा व्यवहार करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ आईपीएस अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे पुलिस वालों के कारण ही पुलिस की बदनामी होती है और बदमाशों के हौसले बुलंद होते हैंं। 
इस वीडियो के अलावा एक पुरानी फोटो भी सामने आई है जिसमें सुशील पहलवान कुर्सी पर और काला जठेड़ी का भाई प्रदीप जमीन पर बैठा हुआ है। इससे पता चलता की सुशील और काला जठेड़ी में वर्षों से सिर्फ़ सांठगांठ ही नहीं बल्कि पारिवारिक संबंध भी थे।
कुख्यात काला जठेड़ी की सुशील की इतनी गहरी यारी थी कि वह उसके भाई प्रदीप की शादी में भी शामिल हुआ था। 
पुलिस सूत्रों के अनुसार यहीं नहीं एक बार तो प्रदीप की मदद  के लिए तो सुशील खुद सोनीपत पुलिस के पास भी चला गया था।
ओलंपियन पहलवान सुशील सरकारी अफसर भी है इस नाते भी उसका यह आचरण सही नहीं है।
काला जठेड़ी की हड्डियों में पानी भरा है।-
 यह वीडियो काला जठेड़ी का महिमा मंडन करने और लोगों को डराने के इरादे से बनाया गया है। लेकिन इसमें जोडा गया फिल्मी डायलॉग तो उल्टा काला जठेड़ी को ही आईना रहा है। क्योंकि काला जठेड़ी तो खुद लोगों को डरा कर पैसा वसूलता है।  इस डायलॉग के अनुसार तो काला जठेड़ी की हड्डियों में ही पानी भरा हुआ है और वह ही कुत्तों का सहारा लेकर, लोगो को डरा कर जीता है।
छाज बोले सो बोले, छलनी भी बोले जिसमें सत्तर छेद।
नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है।  काला जठेड़ी की ही पोल खोलता यह वीडियो इसे बनाने वालों की अक्ल पर सवालिया निशान लगाता है।
बदमाश की कुत्ते जैसी मौत- 
वैसे पैसे के लिए अपराध कर रहे बदमाशों को भी एक बात समझ लेनी चाहिए कि आज जो साथी तुम्हारे लिए जान देने और जान लेने की बात करते हैं। तुम्हारी मौत के बाद बदला लेने की बात तो दूर शायद अर्थी को कंधा देने तक भी नहीं आएंगे। इस पत्रकार  देखा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिन बड़े बड़े कुख्यात गुंडों का अपराध जगत में वर्चस्व था जिनकी कई राज्यों में तूती बोलती थी। जिनके आगे नेता भी नतमस्तक रहते थे। जब वह पुलिस के हाथों कुत्ते की मौत मारे गए तो उनमें से कई के तो परिजन तक भी उनके शव लेने को तैयार नहीं होते थे।
 पुलिस की सांठगांठ -
ताकत के अहंकार में बंदूक के दम पर जीने वाले बदमाशों को एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि  वह इस भ्रम में न रहे कि वह अपने दम पर अपराध जगत में हैं। सच्चाई यह है कि कुछ बेईमान पुलिस वालों की सांठगांठ पर ही वह अपराध जगत मेंं है।
 वरना पुलिस जिस दिन ठान लेती है तो बड़े से बड़ा गुंंडा भी कुत्ते की मौत मारा जाता है। 
 भिखारी से भी गए बीते गुंडे-
वैसे भी पैसे के लिए अपराध करने वाला बदमाश बहादुर नहीं कायर ही होता है। किसी से जबरन वसूली करना बहादुरी नहीं भिखारी से भी निचले स्तर का काम  होता है। भिखारी तो मजबूरी में भीख मांगता है।
 कायरों की तरह छिप कर फोन पर धमका कर भीख सी मांगने वाले गुंडे बहादुर हो भी नहीं सकते। इसलिए लोगों को लूटने के बावजूद वह भिखारी ही बने रहते है। बहादुर हमेशा देने वाला यानी दाता ही होता है। 
गैंगवार की आशंका ? -
पुलिस सूत्रों के अनुसार वारदात के बाद हरियाणा के बदमाश  काला जठेड़ी ने सुशील से कहा कि, तूने सोनू को पीट कर ठीक नहीं किया। अब तेरी हमारी आमने सामने की दुश्मनी होगी। 
सुशील चाहता था कि काला जठेड़ी सोनू महाल को उसके खिलाफ बयान देने से मना कर दे। लेकिन सोनू महाल ने सुशील के खिलाफ बयान दे दिया है। हत्या के अनेक मामलों में आरोपी सोनू काला जठेड़ी का खास साथी और रिश्तेदार  है।
अब यह आशंका है कि सुशील पहलवान और काला जठेड़ी के बीच गैंगवार भी हो सकती है। 
 बदमाश बदला लेगा या पैसा ?- 
इसलिए वारदात के बाद से ही सुशील काला जठेड़ी को पैसा देकर या सामाजिक दबाव डलवा कर समझौता करने की कोशिश में लगा हुआ है। 
वैसे तो सुशील की काला जठेड़ी से सांठगांठ, यारी थी लेकिन सोनू महाल की भी पिटाई करके सुशील ने उसको अपनी जान का दुश्मन बना लिया। 
वैसे पैसे के लिए अपराध करने वाले काला जठेड़ी और सोनू महाल भी सुशील से मोटी रकम लेकर चुप बैठ सकते हैं। लेकिन पैसे से ज्यादा अपने अपमान और पिटाई को अहमियत दी तो सुशील से बदला लेगा। सुशील के साथ नीरज बवानिया गिरोह के बदमाश भी वारदात में शामिल थे। ऐसे में काला जठेड़ी और सोनू अगर बदला नहीं लेंगे तो अपराध जगत में उनका दबदबा कम हो जाएगा। 
नीरज बवाना से भी सांठगांठ साबित हो गई-
सागर पहलवान हत्याकांड मे शामिल सुशील के चार साथियों को रोहिणी जिला पुलिस ने गिरफ्तार करने का दावा किया है। ये सभी कुख्यात नीरज बवाना और काला आसोदा गिरोह के बदमाश है।
रोहिणी जिला के डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि 25 मई की रात घेवरा रेलवे फाटक के पास भूपेन्द्र उर्फ भूपी (जसोर खेडी),मोहित उर्फ भोली (आसोदा) ,गुलाब पहलवान( आसोदा) ,मंजीत उर्फ चुन्नीलाल (खारवार ) को गिरफ्तार किया गया। इस से साबित हो गया कि सुशील का नीरज बवाना से भी जबरदस्त गठजोड़ है।
बदमाशों का आत्म समर्पण ?-
इन बदमाशों से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है। और ना ही कोई कार आदि जब्त की गई है।  वरना  डीसीपी प्रणव तायल  मीडिया को यह जानकारी भी जरूर देते।
पुलिस के अनुसार यह कुख्यात गिरोहों के बदमाश है। इनकी दूसरे  गिरोहों के बदमाशों के साथ दुश्मनी भी है। इसके बावजूद क्या ये चारों बदमाश बिना हथियार के अपनी जान को खतरे में डाल कर बाहर घूमेंगे ?
इन्हें 25-26 मई को आधी रात में गिरफ्तार किया गया है। 
क्या ये सभी रात में बदमाश पैदल ही यात्रा करके हरियाणा से ही घेवरा पहुंचें थे ?
इन सवालों से तो साफ पता चलता है कि चारों बदमाशों ने आत्म समर्पण किया है। 
एसीपी और सुशील की सास का गांव कनेक्शन-
 एसीपी ब्रहमजीत सिंह की टीम द्वारा इन बदमाशों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। एसीपी ब्रहमजीत शौकीन  मंगोल पुर खुर्द गांव का निवासी है। सुशील की सास यानी  सतपाल पहलवान की पत्नी भी मंगोल पुर गांव की ही है।
एसीपी और बदमाश भी जाट जाति के है। क्या यह सभी महज इतेफाक हो सकता है?
इन सवालों से तो साफ पता चलता है कि चारों बदमाशों ने आत्म समर्पण किया है। 
स्पेशल सेल ने  सुशील पहलवान को स्कूटी पर जाते हुए पकड़ने का दावा किया। स्पेशल सेल की कहानी ऐसी थी जो किसी को हज्म नहीं हुई। सुशील और उसके साथी अजय ने पुलिस के सामने आत्म समर्थन किया था।
स्पेशल सेल की पोल तो एक वीडियो ने भी खोल दी।

सुशील ने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली
चार मई की रात स्टेडियम में सागर ,सोनू महाल और.अमित आदि की पिटाई करने का वीडियो भी वायरल हो गया है। यह वीडियो खुद सुशील ने अपने साथियों से बनवाया था। यह वीडियो घटना स्थल पर गिरफ्तार किए गए प्रिंस दलाल (आसोदा) के मोबाइल फोन से बरामद हुआ था। यह वीडियो सुशील के खिलाफ अहम सबूत है। सुशील ने यह वीडियो पहलवानों और बदमाशों में अपना दबदबा दिखाने की नीयत से बनवाया था। लेकिन सागर पहलवान की मौत हो जाने से यह वीडियो ही सुशील को सजा दिलवाले में अहम सबूत साबित हो सकता है। सुशील ने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली।
गुंडों से यारी-
दिल्ली और कई राज्यों में सक्रिय काला जठेड़ी और नीरज बवाना जैसे गुंडों के साथ सुशील की सांठगांठ तो साबित हो गई। 
सुशील की इसके अलावा सुंदर भाटी समेत अनेक दूसरे कुख्यात बदमाशों से भी सांठगांठ है। ये सब टोल टैक्स, अवैध कब्जा और विवादित संपत्ति आदि का धंधा करते है। सुशील भी इन गुंडों द्वारा किए जाने वाले अपराधों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से शामिल रहा।
 यह सारे गुंडे स्टेडियम में आते रहते है। लेकिन दिल्ली पुलिस के अलावा सब को ये दिखाई दे रहा था। 
संपत्ति का असली मालिक कौन ?-
पुलिस सूत्रों के अनुसार माडल टाउन  स्थित  करोड़ों की संपत्ति पर सुशील ने  पहलवान सागर आदि को वहां रखा हुआ था। सुशील अब उनसे संपत्ति खाली कराना चाहता था। सागर ने संपत्ति खाली करने से इंकार कर दिया। इस बात को लेकर सुशील का उनसे कुछ दिन पहले भी  झगड़ा हुआ था। काला जठेड़ी ने उस समय समझौता करा दिया और सुशील से कह दिया कि संपत्ति बेच कर हिस्सा आपस में हिस्सा कर लेंगे।
चोर पर मोर-
 इससे तो यह पता चलता है कि यह विवादित संपत्ति थी जिसे सुशील ने किसी तरह हथिया लिया।  सागर ने भी उस पर कब्जा करने के इरादे से संपत्ति खाली करने से मना कर दिया होगा। 
शुरु में यह बात भी आई थी कि सागर ने सुशील को फ्लैट का किराया नहीं दिया था। लेकिन यह बात हज्म नहीं हो रही हैं क्योंकि दिल्ली पुलिस में हवलदार का बेटा सागर तो बेरोजगार था माडल  टाउन इलाके में किराए पर रहने की हैसियत तो उसकी थी नहीं। सागर पहले स्टेडियम में ही रहता था।
चार मई की रात को सुशील अपने चेलों और गु़ंडो के साथ उस संपत्ति पर गया वहां से सोनू ,सागर और अमित आदि को उठा कर स्टेडियम में ले गए। 
सुशील ने जिस संपत्ति को लेकर यह अपराध तक कर दिया उसका असली मालिक कौन है और सुशील को वह संपत्ति किस तरीके से मिली इसका खुलासा पुलिस को करना चाहिए ।

DCP के बेटे से रंगदारी मामले में सुशील पहलवान का हाथ?
माडल टाउन में रिटायर्ड डीसीपी सतवीर दहिया के बेटे दीपक को कुख्यात बदमाश काला जठेड़ी ने धमकी देकर रंगदारी की मांग की थी। इस मामले में ओलंपियन सुशील पहलवान का नाम आया था। पुलिस को अब रंगदारी के मामले में भी सुशील से पूछताछ करनी चाहिए।पुलिस अगर इस मामले में गंभीरता से तफ्तीश करती तो सुशील को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार भी किया जा सकता था। 
पुलिस सूत्रों के अनुसार काला जठेड़ी द्वारा धमकी मिलने की सूचना दीपक ने अपने जानकर पुलिस अफसरों को भी दी थी।
दीपक ने उनको बताया कि उसके सुशील पहलवान से भी संबंध है। पुलिस को यह मालूम था कि सुशील पहलवान की काला जठेड़ी से सांठगांठ हैंं। 
काला जठेड़ी का नए नंबर पर फोन-
पुलिस के कहने पर दीपक ने नया फोन नंबर इस्तेमाल करना शुरु किया। लेकिन इस नंबर पर भी उसे काला जठेड़ी ने फोन कर दिया। 
दीपक ने पुलिस के कहे अनुसार यह नया नंबर भी सुशील पहलवान दिया था। सुशील को नंबर दिए जाने के बाद ही उसके पास का काला जठेड़ी का फोन आ गया। काला जठेड़ी ने उसे कहा भी कि तू क्या समझता हैं हमें तेरा नया नंबर नहीं मिलेगा। काला जठेड़ी के बदमाश 
डीसीपी के बेटे की FIR, 6 दिन बाद दर्ज -
दीपक के पिता सतवीर दहिया दिल्ली पुलिस में डीसीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। डीसीपी के बेटे को काला जठेड़ी ने धमका कर पैसा मांगा। पुलिस ने डीसीपी के बेटे की शिकायत पर भी 6 दिन बाद 31 दिसंबर 2020 को एफआईआर दर्ज की। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी को एफआईआर दर्ज कराने में कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
पुलिस की लापरवाही, सोनू महाल गायब -
ओलंपियन सुशील ने चार मई की रात को सागर पहलवान, सोनू महाल और अमित को बुरी तरह पीटा। पुलिस ने सोनू महाल को भी अस्पताल में भर्ती कराया था। सोनू महाल वहां से गायब हो गया। सोनू शातिर अपराधी है उसे मालूम है कि पुलिस उसे किसी अन्य मामले में गिरफ्तार कर सकती है। शायद इस लिए वह भाग गया।
माडल टाउन पुलिस ने जबरन वसूली के आरोप में संदीप उर्फ काला जठेड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखी है। इतेफाक से पुलिस की बिना किसी मेहनत के काला जठेड़ी का खास साथी सोनू महाल घायल होने पर पुलिस को मिल गया था। पुलिस को सोनू महाल पर निगरानी रखनी चाहिए थी और उसके बाद उससे दीपक दहिया मामले में पूछताछ करनी चाहिए थी। 
काला जठेड़ी की ओर से सब कुछ सोनू महाल और उसके साथी ही करते है। पुलिस अगर सोनू से गहन पूछताछ करती तो दीपक मामले में उसकी भूमिका पता चल जाती। जिसके आधार पर पुलिस उसे गिरफ्तार भी कर सकती थी।
काला जठेड़ी का खास साथी सोनू महाल माडल टाउन में रह रहा था। इससे पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है।


Wednesday 26 May 2021

ACP और सुशील पहलवान का कनेक्शन ? 4 गुंडे बिना हथियार आधी रात को क्या पैदल घूम रहे थे? सागर पहलवान हत्याकांड में शामिल ।


सुशील पिटाई करते हुए।
             ACP ब्रह्म जीत सिंह
ओलंपियन सुशील पहलवान की गुंडों से सांठगांठ साबित हो गई।


 इंद्र वशिष्ठ
ओलंपियन सुशील पहलवान और उसके साथियों की कथित "गिरफ्तारी" की कहानियां पुलिस की पोल खोल रही है। जिससे साफ पता चलता है कि सुशील और उसके साथियों ने आत्म समर्पण किया है।
सुशील की कुख्यात गुंडों से सांठगांठ साबित हो गई है। सागर पहलवान हत्याकांड मे शामिल सुशील के चार साथियों को रोहिणी जिला पुलिस ने  भी गिरफ्तार करने का दावा किया है। ये सभी कुख्यात नीरज बवाना और काला आसोदा गिरोह के बदमाश है। लेकिन पुलिस की कहानी में छेद ही छेद नजर आ रहे हैं।
रोहिणी जिला के डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि  एक सूचना के आधार पर स्पेशल स्टाफ ने 25/26 मई की रात घेवरा रेलवे फाटक के पास भूपेन्द्र उर्फ भूपी (जसोर खेडी),मोहित उर्फ भोली (आसोदा) ,गुलाब पहलवान( आसोदा) ,मंजीत उर्फ चुन्नीलाल (खारवार ) को गिरफ्तार किया गया।
एसीपी ब्रह्मजीत सिंहऔर इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम द्वारा इन आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है।
पुलिस का कहना है कि सूचना मिली थी कि ये  अपने साथी काला से मिलने घेवरा गांव आएंगे।
बदमाशों का आत्म समर्पण नूरा कुश्ती -
इन बदमाशों से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है। और ना ही कोई कार आदि जब्त की गई है। वरना  डीसीपी प्रणव तायल यह जानकारी भी जरूर देते।
पुलिस के अनुसार यह  कुख्यात बदमाशों के गिरोहों के सदस्य हैंं।
तो स्वाभाविक है कि इन बदमाशों की दूसरे गिरोहों के बदमाशों के साथ दुश्मनी भी होगी। इसके बावजूद क्या ये चारों बदमाश बिना हथियार के अपनी जान को खतरे में डाल कर बाहर घूमेंगे ?
इन्हें 25-26 मई को आधी रात में गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। 
क्या ये सभी बदमाश लॉकडाउन में रात में पैदल यात्रा करके हरियाणा से ही घेवरा पहुंचें थे?
पुलिस के दावे के अनुसार बदमाशों के आने की पुख्ता सूचना मिली थी। ऐसे में पुलिस ने वहां पहले ही जाल बिछाया होगा।
 अब पुलिस यह भी नही कह सकती कि बदमाशों को उनका कोई साथी कार में छोड़ कर चला गया था। क्योंकि अगर कोई छोडने आया भी होता तो पुलिस उसे भी तो गिरफ्तार करती ही।
इन सब बातों से साफ है कि बदमाशों और पुलिसवालों  की नूरा कुश्ती है।
एसीपी और सतपाल पहलवान का कनेक्शन-
 एसीपी ब्रहमजीत सिंह की टीम द्वारा इन बदमाशों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। एसीपी ब्रहमजीत शौकीन मंगोल पुर खुर्द गांव के निवासी है। सुशील के ससुर सतपाल पहलवान इस गांव के बटेऊ/दामाद है। सतपाल पहलवान की पत्नी  मंगोल पुर गांव की ही है। इस नाते सुशील पहलवान भी इस गांव का बटेऊ ही है।
एसीपी, गिरफ्तार किए गए चारों हत्या आरोपी समेत उपरोक्त सभी जाट जाति के ही है। 
क्या यह सभी कुछ महज एक इतेफाक हो सकता है ?
स्कूटी पर सूशील ?-
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा,एसीपी अत्तर सिंह और इंस्पेक्टर शिवकुमार की टीम ने 23 मई को मुंडका इलाके में सुशील पहलवान और अजय को बिना हेलमेट स्कूटी पर जाते हुए पकड़ने का दावा किया था। स्पेशल सेल की कहानी ऐसी थी जो किसी को भी हज्म नहीं हुई। पुलिस की कहानी से ही साफ पता चल गया कि सुशील और उसके साथी अजय ने आत्म समर्पण किया था। स्पेशल सेल की पोल एक वायरल वीडियो ने भी खोल दी। वीडियो में स्कूटी नहीं कारें दिखाई दे रही हैं। एक व्यक्ति दो पुलिसवालों के साथ आराम से जाता हुआ दिखाई दे रहा है।
बक्करवाला से मुंडका -
 सुशील के साथ गिरफ्तार अजय मुंडका के बिलकुल पास ही बक्करवाला गांव का निवासी है।
पुलिस द्वारा मुंडका से ही गिरफ्तारी दिखाने से  इस बात की संभावना है कि सुशील और अजय बक्करवाला में ही छिपे हुए थे। आत्म समर्पण के लिए वही से आए होंगे।
अजय के पिता कांग्रेस पार्षद सुरेश सजायाफ्ता अपराधी है।
 
 नाम और इनाम के लिए कहानी-
सुशील और उसके साथियों द्वारा आत्म समर्पण करने से आईपीएस अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। एक तो पुलिस इन सभी आरोपियों को पहले खुद गिरफ्तार करने में नाकाम रही। इसके बाद इनाम, श्रेय और प्रचार पाने के लिए कथित गिरफ्तारी की ऐसी हास्यास्पद कहानी बनाई। जिससे आत्म समर्पण की पोल खुल गई और पुलिस अफसरों की भी खिल्ली उड़ी।
सुशील पर एक लाख रुपए और अजय पर पचास हजार रुपए का इनाम था।
सुशील ने बुलाया-
रोहिणी पुलिस द्वारा गिरफ्तार  चारों बदमाश सुशील पहलवान के साथ सागर पहलवान हत्याकांड में शामिल थे। चार मई की रात करीब बारह बजे ये सभी स्कार्पियो और ब्रेजा कार में छत्रसाल स्टेडियम गए थे।
कार ,बंदूक छोड़ भागे-
 पुलिस के सायरन की आवाज सुनकर अपनी कारें और एक बंदूक वहीं छोड़ कर भाग गए थे। 
पुलिस को स्कार्पियो कार से भी एक बंदूक और कारतूस मिले थे।
इन सभी के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किए हुए थे।
  सुशील और उसके साथियों ने सागर पहलवान, सोनू महाल और अमित को स्टेडियम में लाकर डंडों से बुरी तरह पीटा था। बाद में अस्पताल में सागर पहलवान की मौत हो गई।
9 गिरफ्तार-
 इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सुशील और अजय को मुंडका से चार अन्य को घेवरा से गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। 
ताज अपडेट-अपराध शाखा ने 28 मई को इस मामले में पहलवान रोहित करोर और विजेंद्र उर्फ विंदर पहलवान को गिरफ्तार करने का दावा किया है।विजेंद्र को टीकरी गांव से पकडने का दावा किया गया है। 
घटनास्थल पर प्रिंस दलाल को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से एक बंदूक भी मिली थी। प्रिंस के मोबाइल फोन में वह वीडियो मिला जिसमें सुशील सागर पहलवान, सोनू महाल,अमित, रवींद्र विकास और भक्तु की पिटाई करता दिखाई दे रहा है। यह वीडियो सुशील ने खुद बनवाया बताते है। यह वीडियो ही सुशील के खिलाफ अहम सबूत है।

👉 *FOUR ASSOCIATES OF SUSHIL PAHALWAN ARRESTED*
👉 *ALL FOUND MEMBERS OF KALA ASAUDA GANG* 
👉 *INVOLVED IN SAGAR MURDER CASE AT CHHATRASAL CHHATRASAL STADIUM*
👉 *NBW'S WERE PENDING AGAINST THEM*

             Acting upon a secret information, team of Special Staff Rohini comprising of SI Sudeep, ASI Narender, ASI Ravinder, ASI Dalbir, HC Vinod Kumar, HC Shri Krishan, Ct. Ashwani, Ct Naveen, Ct Parveen & Ct Tarun under the leadership of Inspector Ishwar Singh and overall supervision of Sh. Brahmjeet Singh, ACP/Operation Cell, Rohini District Delhi, have apprehended four active and desperate members of Kala Asauda – Neeraj Bawana Gang from Kanjhawala area in the night of dt 25/26.05.21. All were found to be the associates of Sushil Pahalwan in Sagar murder case at Chhatrasal stadium. They revealed the entire conspiracy and sequence of events of the murder of Sagar. NBW's were pending against them .

 *Details of Accused arrested* 

1. Bhupender @ Bhupi S/O Raj Kumar R/O Village- Kheri Jasor, District- Jhajjar, Haryana, Age-38 Yrs

2. Mohit @ Bholi S/O Subhash R/O Village-Aasoda, District Jhajjar, Haryana, Age- 22 Yrs

3. Gulab @ Pahlwan S/O Ram Diya R/O Village- Aasoda, District -Jhajjar, Haryana, Age- 24 Yrs 

4. Manjeet @ Chunnil Lal S/O Rihtash R/O Village- Kharawar, District -Rohtak, Haryana, Age- 29 Yrs


 *BRIEF FACTS OF THE CASE* 

         In the intervening night of 04-05/05/21 an information was received at PS Model Town regarding firing inside Chhatrasal Stadium. Therafter the IO reached at Chhatrasal Stadium and found five cars including Alto, Honda city, Fortuner, Scorpio and Brezza. One loaded double barrel gun and 3 rounds were found inside Scorpio Car and two Dandas in parking area. Injured persons were sent to Hospital and MLCs were collected by IO and all cars including double barrel gun were seized at the spot. During spot enquiry it was found that Sushil wrestler and his associates had beaten the injured persons. *A case was registered vide FIR No. 218/21 u/s 308/325/323341/506/188/268/34 IPC @ 25/54/59 Arms Act was registered in PS  Model Town, Delhi.* The investigation of the case was later transferred to Crime Branch. Accused Sushil Pahalwan along with Ajay have been arrested and they are on police remand with Crime Branch. 


 *TEAM, OPERATION & ARREST* 

On dated 25.05.2021, an information was received in the office of Special Staff Rohini District Delhi that four persons of Kala Asauda Gang – Neeraj Bawana Gang involved in Murder of Sagar Pahalwan at Chhatrasal Stadium in the intervening night of 04/05.05.21 are coming to Village Ghewra to meet their associate Kala S/o Satte R/o Village Asauda, Distt. Jhajjar Haryana. Acting upon the information, team of Special Staff Rohini comprising of SI Sudeep, ASI Narender, ASI Ravinder, ASI Dalbir, HC Vinod, HC Shri Krishan, Ct. Ashwani, Ct Naveen, Ct Parveen & Ct Tarun under the leadership of Inspector Ishwar Singh and overall supervision of Sh. Brahmjeet Singh, ACP/Operation Cell, Rohini District Delhi, laid a trap near Ghewra railway crossing. The alert team apprehended all the four persons after their identification through secret informer. 

 *INVESTIGATION* 

All the four accused persons have disclosed that in the intervening night of 04/05-05-21, they had gone to Chhatrasal stadium. They reached the stadium at around 12 night in two vehicles, a scorpio car and a breeza car. Thereafter actively involved themselves in the crime. They have narrated the sequence of events and details of other persons involved in the crime. On hearing police siren, they could not escape with their vehicles but left both above mentioned cars and their weapons at the spot. Further investigation is in progress.


 *ACCUSED PROFILE* 

1. *Bhupender @ Bhupi S/O Raj Kumar R/O Village- Kheri Jasor, District- Jhajjar, Haryana, Age-38 Yrs.* 

He is under matric and earlier worked as truck driver. In year 2000, he came in contact with a gangster Rajeev @ Kala of his Village Asauda. The gangsters committed a robbery in year 2000 and, he was also arrested in the said case with charge of harbouring the gangsters. Thereafter, he became close associate of Rajeev @ Kala and committed a number of robberies and murders with the gangsters till 2011. In 2011, he went to jail in a double murder case and remained in jail till Feb 2021. In year 2020, his gang leader Rajeev @ Kala was murdered by members of rival gang in court premises in Rohtak Haryana. Now, after his release he was reviving his gang to take revenge of his gang leader. He is previously involved in 9 cases. 

2. *Mohit @ Bholi S/O Subhash R/O Village-Aasoda, District Jhajjar, Haryana, Age- 22 Yrs.* 

Mohit @ Bholi is educated upto class 10th. His brother Rohit was close associate of gangster Rajeev @ Kala R/o Village Asauda and presently lodged in jail. In year 2016, the rival gangsters involved him in conspiracy of attempt to murder of one Suresh of Village Asauda. Further in year 2019, he was again involved in conspiracy to murder of rival gang. He was release on bail in May 2020 and join Bhupender @ Bhupi to revive the gang. He is previously involved in 5 cases.

3. *Gulab @ Pahalwan S/O Ram Diya R/O Village- Aasoda, District Jhajjar, Haryana, Age- 24 Yrs.* 

Gulab is educated upto class 12th. His father expired in 2006 and mother expired in 2016. After death of his father, he fell in the bad company of criminals and joined Rajeev @ Kala Asauda Gang. In year 2018, he involved himself in an attempt to murder case and lator in year 2019, he was arrested with an illegal fire arm. In year 2020, the rival gang members targeted him, wherein his friend Ravinder @ Dhola was killed and he sustained bullet injury. Since then, he left his home and spent his time with members of Kala Asauda gang to take revenge. He is previously involved in 2 cases.

4. *Manjeet @ Chunnil Lal S/O Rihtash R/O Village- Kharawar, District -Rohtak, Haryana, Age- 29 Yrs.* 

He is educated under matric. He is the only son and his father expired in 1994. Thereafter, he came in contact with criminals of his neighboring village and involved himself in supplying illegal fire arms. In year 2011, he was arrested after a brief encounter and 32 illegal fire arms (7 pistols & 25 country made pistols). In jail he came in contact with Rajeev @ Kala Asauda and thereafter, supplied weapons to his gang members. He was arrested many a times with associates of Rajeev @ Kala in various cases. Now he joined Bhupender @ Bhuppi, to strengthen Kala Asauda Gang. He is previously involved in 4 cases.

 *PREVIOUS INVOLVEMENTS OF ACCUSED* 

 *Bhupender @ Bhupi S/O Raj Kumar R/O Village- Kheri Jasor, District- Jhajjar, Haryana, Age-38 Yrs* 

1. Case Fir 700/06, dt.17.11.2006, u/s148/149/186/332/353 IPC, PS. Civil Line Rohtak (HR)
2. Case Fir 226/08, dt. 19.01.2008, u/s 279/304A/109 IPC, PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)
3. Case Fir 359/08, dt. 09.09.2008, u/s 387/34 IPC, 25/54/59 A. Act, PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)
4. Case Fir 267/08, dt 31.10.2008, u/s 365/302/201/120B IPC, PS Sampla (HR)
5. Case Fir 314/09 dt. 03.09.2009, u/s 302/120B/34 IPC, 25/54/59 A.Act PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)
6. Case Fir 15/10 dt. 12.01.2010, u/s 398/401 IPC, 25/54/59 A.Act, PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)
7. Case Fir 258/12, dt. 03.08.2012, u/s 42 P. Act. 201/120B IPC, PS. Shivaji Colony Rohtak (HR)
8. Case Fir 60/13, dt. 10.02.2013, u/s 42 P. Act. 420/201/120B IPC, PS. Shivaji Colony Rohtak (HR)
9. Case Fir 268/02, dt. 05.11.2002, u/s 392/34 IPC, PS. Khanjhwala Delhi

 *Mohit @ Bholi S/O Subhash R/O Village-Aasoda, District Jhajjar, Haryana, Age- 22 Yrs* 

1. Case Fir 353/16, dt. 19.07.2016, u/s 307/323/34 IPC, 25/27/54/59A. Act PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)
2. Case Fir 391/16, dt. 07.08.2016, u/s 25/54/59 A.Act, PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)
3. Case Fir 212/19, dt. 07.07.2019, u/s 307/120B/34 IPC, 25/54/59 A. Act, PS. Aasoda (HR)
4. Case Fir 223/19, dt. 13.07.2019, u/s 307/120B IPC, 25/54/59 A. Act, PS Aasoda (HR)
5. Casr Fir 279/19, dt. 08.09.2019, u/s 302/120B/34 IPC, 25/27/54/59 A.Act, PS. Aasoda (HR)

 *Gulab @ Pahlwan S/O Ram Diya R/O Village- Aasoda, District -Jhajjar, Haryana, Age- 24 Yrs* 

1. Case Fir 248/19, dt. 12.08.2019, u/s 25/54/59 A. Act, PS. Aasoda (HR)
2. Case Fir 224/18, u/s 307 IPC, PS. Sadar Bahadur Gagh (HR)

 *Manjeet @ Chunnil Lal S/O Rihtash R/O Village- Kharawar, District Rohtak, Haryana, Age- 29 Yrs* 

1. Case Fir 233/12, dt. 03.06.2012, u/s 307/148/149 IPC, 25/54/59 A. Act, PS. Urban Estate Rohtak (HR)
2. Case Fir 185/12, dt. 12.05.2012, u/s 341/323/506/34 IPC, PS. Sampla (HR)
3. Case Fir 535/18, dt. 10.08.2018, u/s 174A IPC, PS. Sampla (HR)
4. Case Fir 567/18, dt. 12.10.2018, u/s 302/34 IPC, 25/54/59 A.Act, PS. Sampla (HR)