Friday 28 May 2021

काला जठेड़ी की हड्डियों में पानी भरा है। सुशील पहलवान बदमाश काला के भाई की शादी में भी गया था.

 सुुुशील  पहलवान के साथ के साथ काला का भाई
सुशील पिटाई करते हुए।
           काला जठेड़ी

           काला के यहां हुक्का पीता सिपाही

काला जठेड़ी की हड्डियों में पानी भरा।
कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे काला। 



इंद्र वशिष्ठ 
"डरा कर लोगों को वो जीता है जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है। मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया।"
फिल्म घातक में सन्नी देओल के  इस डायलॉग का ओलंपियन सुशील पहलवान और गुंडे संदीप उर्फ काला जठेड़ी से भी रिश्ता  है।
 काला जठेड़ी के नाम से यूट्यूब पर एक वीडियो है जिसकी शुरुआत इस डायलॉग से होती हैं। इस वीडियो में ओलंपियन सुशील और काला जठेड़ी के रिश्तों की गहराई का पता चलता है।
ओलंपियन पहलवान गुंडों के घर-
 इस वीडियो में पुलिस की हिरासत में काला जठेड़ी और बंदूकधारी गुंडों की भरमार दिखाई गई  है। सबसे चौंकाने वाला सीन ओलंपिक पदक विजेता सुशील की उसमें मौजूदगी का है। यह वीडियो सुशील और बदमाशों की गहरी सांठगांठ को साबित करता है। सुशील कुमार इसमें काला जठेड़ी के भाई के साथ मौजूद है। यह वीडियो काला जठेड़ी के भाई प्रदीप की शायद शादी के अवसर का है।
 पुलिस ने बनाया वीआईपी-
इस वीडियो में पुलिस वाले काला जठेड़ी के साथ इस तरह से चल रहे हैं जैसे कि वह कोई वीआईपी है। एक सिपाही तो वहां हुक्का भी पी रहा है। वीडियो से लगता है कि काला सोनीपत में राई के कंगारू गार्डन में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए जेल से आया था।  काला के साथ वीआईपी जैसा व्यवहार करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ आईपीएस अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे पुलिस वालों के कारण ही पुलिस की बदनामी होती है और बदमाशों के हौसले बुलंद होते हैंं। 
इस वीडियो के अलावा एक पुरानी फोटो भी सामने आई है जिसमें सुशील पहलवान कुर्सी पर और काला जठेड़ी का भाई प्रदीप जमीन पर बैठा हुआ है। इससे पता चलता की सुशील और काला जठेड़ी में वर्षों से सिर्फ़ सांठगांठ ही नहीं बल्कि पारिवारिक संबंध भी थे।
कुख्यात काला जठेड़ी की सुशील की इतनी गहरी यारी थी कि वह उसके भाई प्रदीप की शादी में भी शामिल हुआ था। 
पुलिस सूत्रों के अनुसार यहीं नहीं एक बार तो प्रदीप की मदद  के लिए तो सुशील खुद सोनीपत पुलिस के पास भी चला गया था।
ओलंपियन पहलवान सुशील सरकारी अफसर भी है इस नाते भी उसका यह आचरण सही नहीं है।
काला जठेड़ी की हड्डियों में पानी भरा है।-
 यह वीडियो काला जठेड़ी का महिमा मंडन करने और लोगों को डराने के इरादे से बनाया गया है। लेकिन इसमें जोडा गया फिल्मी डायलॉग तो उल्टा काला जठेड़ी को ही आईना रहा है। क्योंकि काला जठेड़ी तो खुद लोगों को डरा कर पैसा वसूलता है।  इस डायलॉग के अनुसार तो काला जठेड़ी की हड्डियों में ही पानी भरा हुआ है और वह ही कुत्तों का सहारा लेकर, लोगो को डरा कर जीता है।
छाज बोले सो बोले, छलनी भी बोले जिसमें सत्तर छेद।
नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है।  काला जठेड़ी की ही पोल खोलता यह वीडियो इसे बनाने वालों की अक्ल पर सवालिया निशान लगाता है।
बदमाश की कुत्ते जैसी मौत- 
वैसे पैसे के लिए अपराध कर रहे बदमाशों को भी एक बात समझ लेनी चाहिए कि आज जो साथी तुम्हारे लिए जान देने और जान लेने की बात करते हैं। तुम्हारी मौत के बाद बदला लेने की बात तो दूर शायद अर्थी को कंधा देने तक भी नहीं आएंगे। इस पत्रकार  देखा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिन बड़े बड़े कुख्यात गुंडों का अपराध जगत में वर्चस्व था जिनकी कई राज्यों में तूती बोलती थी। जिनके आगे नेता भी नतमस्तक रहते थे। जब वह पुलिस के हाथों कुत्ते की मौत मारे गए तो उनमें से कई के तो परिजन तक भी उनके शव लेने को तैयार नहीं होते थे।
 पुलिस की सांठगांठ -
ताकत के अहंकार में बंदूक के दम पर जीने वाले बदमाशों को एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि  वह इस भ्रम में न रहे कि वह अपने दम पर अपराध जगत में हैं। सच्चाई यह है कि कुछ बेईमान पुलिस वालों की सांठगांठ पर ही वह अपराध जगत मेंं है।
 वरना पुलिस जिस दिन ठान लेती है तो बड़े से बड़ा गुंंडा भी कुत्ते की मौत मारा जाता है। 
 भिखारी से भी गए बीते गुंडे-
वैसे भी पैसे के लिए अपराध करने वाला बदमाश बहादुर नहीं कायर ही होता है। किसी से जबरन वसूली करना बहादुरी नहीं भिखारी से भी निचले स्तर का काम  होता है। भिखारी तो मजबूरी में भीख मांगता है।
 कायरों की तरह छिप कर फोन पर धमका कर भीख सी मांगने वाले गुंडे बहादुर हो भी नहीं सकते। इसलिए लोगों को लूटने के बावजूद वह भिखारी ही बने रहते है। बहादुर हमेशा देने वाला यानी दाता ही होता है। 
गैंगवार की आशंका ? -
पुलिस सूत्रों के अनुसार वारदात के बाद हरियाणा के बदमाश  काला जठेड़ी ने सुशील से कहा कि, तूने सोनू को पीट कर ठीक नहीं किया। अब तेरी हमारी आमने सामने की दुश्मनी होगी। 
सुशील चाहता था कि काला जठेड़ी सोनू महाल को उसके खिलाफ बयान देने से मना कर दे। लेकिन सोनू महाल ने सुशील के खिलाफ बयान दे दिया है। हत्या के अनेक मामलों में आरोपी सोनू काला जठेड़ी का खास साथी और रिश्तेदार  है।
अब यह आशंका है कि सुशील पहलवान और काला जठेड़ी के बीच गैंगवार भी हो सकती है। 
 बदमाश बदला लेगा या पैसा ?- 
इसलिए वारदात के बाद से ही सुशील काला जठेड़ी को पैसा देकर या सामाजिक दबाव डलवा कर समझौता करने की कोशिश में लगा हुआ है। 
वैसे तो सुशील की काला जठेड़ी से सांठगांठ, यारी थी लेकिन सोनू महाल की भी पिटाई करके सुशील ने उसको अपनी जान का दुश्मन बना लिया। 
वैसे पैसे के लिए अपराध करने वाले काला जठेड़ी और सोनू महाल भी सुशील से मोटी रकम लेकर चुप बैठ सकते हैं। लेकिन पैसे से ज्यादा अपने अपमान और पिटाई को अहमियत दी तो सुशील से बदला लेगा। सुशील के साथ नीरज बवानिया गिरोह के बदमाश भी वारदात में शामिल थे। ऐसे में काला जठेड़ी और सोनू अगर बदला नहीं लेंगे तो अपराध जगत में उनका दबदबा कम हो जाएगा। 
नीरज बवाना से भी सांठगांठ साबित हो गई-
सागर पहलवान हत्याकांड मे शामिल सुशील के चार साथियों को रोहिणी जिला पुलिस ने गिरफ्तार करने का दावा किया है। ये सभी कुख्यात नीरज बवाना और काला आसोदा गिरोह के बदमाश है।
रोहिणी जिला के डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि 25 मई की रात घेवरा रेलवे फाटक के पास भूपेन्द्र उर्फ भूपी (जसोर खेडी),मोहित उर्फ भोली (आसोदा) ,गुलाब पहलवान( आसोदा) ,मंजीत उर्फ चुन्नीलाल (खारवार ) को गिरफ्तार किया गया। इस से साबित हो गया कि सुशील का नीरज बवाना से भी जबरदस्त गठजोड़ है।
बदमाशों का आत्म समर्पण ?-
इन बदमाशों से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है। और ना ही कोई कार आदि जब्त की गई है।  वरना  डीसीपी प्रणव तायल  मीडिया को यह जानकारी भी जरूर देते।
पुलिस के अनुसार यह कुख्यात गिरोहों के बदमाश है। इनकी दूसरे  गिरोहों के बदमाशों के साथ दुश्मनी भी है। इसके बावजूद क्या ये चारों बदमाश बिना हथियार के अपनी जान को खतरे में डाल कर बाहर घूमेंगे ?
इन्हें 25-26 मई को आधी रात में गिरफ्तार किया गया है। 
क्या ये सभी रात में बदमाश पैदल ही यात्रा करके हरियाणा से ही घेवरा पहुंचें थे ?
इन सवालों से तो साफ पता चलता है कि चारों बदमाशों ने आत्म समर्पण किया है। 
एसीपी और सुशील की सास का गांव कनेक्शन-
 एसीपी ब्रहमजीत सिंह की टीम द्वारा इन बदमाशों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। एसीपी ब्रहमजीत शौकीन  मंगोल पुर खुर्द गांव का निवासी है। सुशील की सास यानी  सतपाल पहलवान की पत्नी भी मंगोल पुर गांव की ही है।
एसीपी और बदमाश भी जाट जाति के है। क्या यह सभी महज इतेफाक हो सकता है?
इन सवालों से तो साफ पता चलता है कि चारों बदमाशों ने आत्म समर्पण किया है। 
स्पेशल सेल ने  सुशील पहलवान को स्कूटी पर जाते हुए पकड़ने का दावा किया। स्पेशल सेल की कहानी ऐसी थी जो किसी को हज्म नहीं हुई। सुशील और उसके साथी अजय ने पुलिस के सामने आत्म समर्थन किया था।
स्पेशल सेल की पोल तो एक वीडियो ने भी खोल दी।

सुशील ने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली
चार मई की रात स्टेडियम में सागर ,सोनू महाल और.अमित आदि की पिटाई करने का वीडियो भी वायरल हो गया है। यह वीडियो खुद सुशील ने अपने साथियों से बनवाया था। यह वीडियो घटना स्थल पर गिरफ्तार किए गए प्रिंस दलाल (आसोदा) के मोबाइल फोन से बरामद हुआ था। यह वीडियो सुशील के खिलाफ अहम सबूत है। सुशील ने यह वीडियो पहलवानों और बदमाशों में अपना दबदबा दिखाने की नीयत से बनवाया था। लेकिन सागर पहलवान की मौत हो जाने से यह वीडियो ही सुशील को सजा दिलवाले में अहम सबूत साबित हो सकता है। सुशील ने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली।
गुंडों से यारी-
दिल्ली और कई राज्यों में सक्रिय काला जठेड़ी और नीरज बवाना जैसे गुंडों के साथ सुशील की सांठगांठ तो साबित हो गई। 
सुशील की इसके अलावा सुंदर भाटी समेत अनेक दूसरे कुख्यात बदमाशों से भी सांठगांठ है। ये सब टोल टैक्स, अवैध कब्जा और विवादित संपत्ति आदि का धंधा करते है। सुशील भी इन गुंडों द्वारा किए जाने वाले अपराधों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से शामिल रहा।
 यह सारे गुंडे स्टेडियम में आते रहते है। लेकिन दिल्ली पुलिस के अलावा सब को ये दिखाई दे रहा था। 
संपत्ति का असली मालिक कौन ?-
पुलिस सूत्रों के अनुसार माडल टाउन  स्थित  करोड़ों की संपत्ति पर सुशील ने  पहलवान सागर आदि को वहां रखा हुआ था। सुशील अब उनसे संपत्ति खाली कराना चाहता था। सागर ने संपत्ति खाली करने से इंकार कर दिया। इस बात को लेकर सुशील का उनसे कुछ दिन पहले भी  झगड़ा हुआ था। काला जठेड़ी ने उस समय समझौता करा दिया और सुशील से कह दिया कि संपत्ति बेच कर हिस्सा आपस में हिस्सा कर लेंगे।
चोर पर मोर-
 इससे तो यह पता चलता है कि यह विवादित संपत्ति थी जिसे सुशील ने किसी तरह हथिया लिया।  सागर ने भी उस पर कब्जा करने के इरादे से संपत्ति खाली करने से मना कर दिया होगा। 
शुरु में यह बात भी आई थी कि सागर ने सुशील को फ्लैट का किराया नहीं दिया था। लेकिन यह बात हज्म नहीं हो रही हैं क्योंकि दिल्ली पुलिस में हवलदार का बेटा सागर तो बेरोजगार था माडल  टाउन इलाके में किराए पर रहने की हैसियत तो उसकी थी नहीं। सागर पहले स्टेडियम में ही रहता था।
चार मई की रात को सुशील अपने चेलों और गु़ंडो के साथ उस संपत्ति पर गया वहां से सोनू ,सागर और अमित आदि को उठा कर स्टेडियम में ले गए। 
सुशील ने जिस संपत्ति को लेकर यह अपराध तक कर दिया उसका असली मालिक कौन है और सुशील को वह संपत्ति किस तरीके से मिली इसका खुलासा पुलिस को करना चाहिए ।

DCP के बेटे से रंगदारी मामले में सुशील पहलवान का हाथ?
माडल टाउन में रिटायर्ड डीसीपी सतवीर दहिया के बेटे दीपक को कुख्यात बदमाश काला जठेड़ी ने धमकी देकर रंगदारी की मांग की थी। इस मामले में ओलंपियन सुशील पहलवान का नाम आया था। पुलिस को अब रंगदारी के मामले में भी सुशील से पूछताछ करनी चाहिए।पुलिस अगर इस मामले में गंभीरता से तफ्तीश करती तो सुशील को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार भी किया जा सकता था। 
पुलिस सूत्रों के अनुसार काला जठेड़ी द्वारा धमकी मिलने की सूचना दीपक ने अपने जानकर पुलिस अफसरों को भी दी थी।
दीपक ने उनको बताया कि उसके सुशील पहलवान से भी संबंध है। पुलिस को यह मालूम था कि सुशील पहलवान की काला जठेड़ी से सांठगांठ हैंं। 
काला जठेड़ी का नए नंबर पर फोन-
पुलिस के कहने पर दीपक ने नया फोन नंबर इस्तेमाल करना शुरु किया। लेकिन इस नंबर पर भी उसे काला जठेड़ी ने फोन कर दिया। 
दीपक ने पुलिस के कहे अनुसार यह नया नंबर भी सुशील पहलवान दिया था। सुशील को नंबर दिए जाने के बाद ही उसके पास का काला जठेड़ी का फोन आ गया। काला जठेड़ी ने उसे कहा भी कि तू क्या समझता हैं हमें तेरा नया नंबर नहीं मिलेगा। काला जठेड़ी के बदमाश 
डीसीपी के बेटे की FIR, 6 दिन बाद दर्ज -
दीपक के पिता सतवीर दहिया दिल्ली पुलिस में डीसीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। डीसीपी के बेटे को काला जठेड़ी ने धमका कर पैसा मांगा। पुलिस ने डीसीपी के बेटे की शिकायत पर भी 6 दिन बाद 31 दिसंबर 2020 को एफआईआर दर्ज की। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी को एफआईआर दर्ज कराने में कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
पुलिस की लापरवाही, सोनू महाल गायब -
ओलंपियन सुशील ने चार मई की रात को सागर पहलवान, सोनू महाल और अमित को बुरी तरह पीटा। पुलिस ने सोनू महाल को भी अस्पताल में भर्ती कराया था। सोनू महाल वहां से गायब हो गया। सोनू शातिर अपराधी है उसे मालूम है कि पुलिस उसे किसी अन्य मामले में गिरफ्तार कर सकती है। शायद इस लिए वह भाग गया।
माडल टाउन पुलिस ने जबरन वसूली के आरोप में संदीप उर्फ काला जठेड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखी है। इतेफाक से पुलिस की बिना किसी मेहनत के काला जठेड़ी का खास साथी सोनू महाल घायल होने पर पुलिस को मिल गया था। पुलिस को सोनू महाल पर निगरानी रखनी चाहिए थी और उसके बाद उससे दीपक दहिया मामले में पूछताछ करनी चाहिए थी। 
काला जठेड़ी की ओर से सब कुछ सोनू महाल और उसके साथी ही करते है। पुलिस अगर सोनू से गहन पूछताछ करती तो दीपक मामले में उसकी भूमिका पता चल जाती। जिसके आधार पर पुलिस उसे गिरफ्तार भी कर सकती थी।
काला जठेड़ी का खास साथी सोनू महाल माडल टाउन में रह रहा था। इससे पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है।


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