Monday 10 May 2021

कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव बताएं क्या रामदेव से तहकीकात की ? रामदेव बताएं क्या ओलंपियन सुशील मदद/शरण लेने पतंजलि आया ? सुशील पहलवान कारों के काफिले में हरिद्वार गया। रामदेव से डर रही है क्या पुलिस?

सुशील के साथ आरोपी  भूरा पहलवान प्रधान (सोनीपत)  और अजय पहलवान (बक्करवाला)।

भूरा पकड़ा गया-सागर पहलवान की हत्या के मामले मेंं भूरा पहलवान को पुलिस ने पकड़ लिया है।  भूरा सुशील आदि को हरिद्वार में छोड़ कर वापस आ गया था।
सूत्रों के अनुसार पुलिस ने उसे पकड़ा है या उसने आत्म समर्पण किया यह खुलासा जल्द हो जाएगा। उत्तर पश्चिम जिला  पुलिस भूरा से पूछताछ कर सुशील का पता लगाने की कोशिश कर रही है। हालांकि आधिकारिक रुप से पुलिस ने इसकी जानकारी अभी नहीं दी है। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार करने के बाद ही पुलिस आधिकारिक रुप से इस बारे में बताएगी।

 भूूूरा पहलवान,सतपाल पहलवान ,राम देेव और सुुुशील पहलवान।

      

पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव बताएं क्या रामदेव से तहकीकात की गई है?
रामदेव के यहां जाने से डर रही है पुलिस ?
रामदेव बताएंं क्या हत्या के बाद सुशील पतंजलि आया था या संपर्क किया था?
रामदेव की इस बारे चुप्पी बता रही है कि सुशील ने उससे मदद मांगी।
 

इंद्र वशिष्ठ
ओलंपियन सुशील पहलवान और पुलिस के बीच चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। पुलिस से बचने के लिए सुशील भागता फिर रहा है। लेकिन वह कब तक भागेगा आखिर में उसकी मंजिल तो हवालात और जेल ही है। इसके अलावा उसके सामने कोई अन्य विकल्प नहीं है। जल्द ही आने वाला समय बताएगा कि वह भाग भाग कर थक जाने पर खुद पुलिस के सामने आत्म समर्पण करता है या उसके पहले पुलिस ही उस बिल से सुशील को दबोच लेगी,जहां वह छिपा होगा। 
वैसे इसके अलावा सुशील के सामने सिर्फ़ एक  विकल्प अदालत का भी है। अदालत से जमानत  पाने की आस में ही वह भाग रहा है। हालांकि अदालत से उसे हत्या के मामले में  राहत मिलने की उम्मीद बहुत ही कम है।
तीन कारें-
पुलिस सूत्रों के अनुसार पता चला है सुशील और उसके साथी वारदात के बाद तीन कारों में भागे थे। यह कारें स्कार्पियो, इनोवा और ब्रेजा  बताई गई है। इनमें से दो कारें सोनीपत की है। माना जा रहा है कि तीन कारों में सुशील के साथ दस बारह लोग तो होंगे ही। पता तो यह भी चला है कि इनमें से एक आरोपी तो किसी दूसरी कार से हरिद्वार से वापस भी आया है।
सुशील संग 40 गु़ंडों की बरात -
सूत्रों के अनुसार छत्रसाल स्टेडियम में वारदात के दौरान लगभग पैंतीस- चालीस पहलवान और गुंडे मौजूद थे। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि पुलिस ने घटनास्थल से पांच कारें जब्त की है और तीन कारों मे आरोपी भागे है। वहां कम से कम आठ कारेंं तो आई ही थी।
सूत्रों के अनुसार पांच मई की दोपहर तक सुशील दिल्ली में ही था। सागर पहलवान की मौत की सूचना मिलने पर वह दिल्ली से बाहर चला। उसके फोन की आखिरी लोकेशन पश्चिम उत्तर प्रदेश में मिली।
हरिद्वार गया-
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुखबिरों से भी पता चला है कि सुशील हरिद्वार गया था। यह तीनों कारें पांच मई की शाम से 6 मई तक उत्तराखंड, हरिद्वार के इलाके में देखी गई बताते है। सुशील के मोबाइल की लोकेशन भी उस ओर ही इशारा कर रही है फिर भी मुखबिरों की सूचना को तकनीकी  मदद से पुष्टि करने के लिए पुलिस दिल्ली से हरिद्वार , पतंजलि तक के मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।
उत्तराखंड में सुशील अपने घनिष्ठ मित्रों रामदेव और डीएसपी पहलवान अनुज चौधरी के पास भी मदद की गुहार लगाने के लिए जा सकता है।
पुलिस  द्वारा रामदेव के यहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच की जा सकती है।
वैसे पुलिस ने इस मामले में पहले ही बहुत देर कर दी है। पुलिस को पहले ही यह कदम उठाना चाहिए था। 
क्योंकि अगर मान लो कि सुशील रामदेव के पास गया भी होगा तो वह इतने मूर्ख तो होंगे नहीं  कि सीसीटीवी फुटेज में अपने खिलाफ सबूत पुलिस को सौंपने के लिए संभाल कर रखेंगे। 
रामदेव से डर रही पुलिस ?-
असल में सच्चाई यह है कि पुलिस रामदेव के राजनैतिक संबंधों/ प्रभाव के कारण अभी वहां जाने से कतरा /डर रही है। अगर सच्चिदानंद श्रीवास्तव की जगह कोई दमदार काबिल आईपीएस दिल्ली पुलिस का कमिश्नर होता तो जैसे पुलिस सुशील के सभी करीबियों से पूछताछ कर रही है ठीक उसी तरह रामदेव के यहां भी तुरंत जाती। पुलिस की तफ्तीश का तो सबसे असरदार, पारंपरिक,बुनियादी, मूल तरीका ही यह होता है कि आरोपी के परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों आदि के यहां तुरंत जाकर सुराग हासिल करना। जैसे पुलिस सुशील के ससुर सतपाल पहलवान और साले लव सहरावत समेत अन्य परिजनों,दोस्तों से पूछताछ कर रही है। उसी तरह पुलिस को शुरु में ही रामदेव और डीएसपी अनुज चौधरी के पास भी जाकर तहकीकात कर लेनी चाहिए थी। ताकि तफ्तीश में कोई चूक न हो।
वैसे और कोई चारा न होने और पुख्ता जानकारी या सबूत मिलते ही उसे तफ्तीश के लिए रामदेव यहां जाना तो पड़ेगा ही। 
रामदेव की चुप्पी बोल रही है -
वैसे रामदेव तो खुद का बड़ा देशभक्त दिखाते हैं उन्हें खुद ही यह स्पष्ट करना चाहिए कि हत्या का आरोपी उनका दोस्त पहलवान सुशील उनके पास मदद मांगने, शरण लेने आया था या नहीं। सुशील ने उनसे किसी प्रकार संपर्क साधा था या नहीं।  ऐसा करके वह अच्छा नागरिक होने का फर्ज निभाए और पुलिस बेचारी जो डर के मारे उनसे पूछताछ नहीं कर रही। उसकी तफ्तीश में मदद करें।
रामदेव की इस बारे में चुप्पी बता रही है कि सुशील ने उससे मदद मांगी। वरना रामदेव चीख चीख कर कहते कि सुशील ने उससे संपर्क नहीं किया।
 
इस तरह डीएसपी अनुज चौधरी तो कानून के रखवाले हैं उनका तो यह कर्तव्य बनता है कि सुशील के बारे उन्हें अगर कोई जानकारी है तो पुलिस को बता कर अपने कर्तव्य का पालन करें।

 टारगेट सुशील -
पुलिस ने वारदात में शामिल ज्यादातर अभियुक्तों की पहचान कर ली है इनमें से कई तो पुलिस की नजरों के सामने ही है उन्हें पुलिस अभी जानबूझ गिरफ्तार नहीं करना चाहती उन्हें तो वह जब चाहेगी गिरफ्तार कर लेगी। पुलिस की प्राथमिकता सुशील पहलवान को गिरफ्तार करना है। जिला पुलिस के अलावा स्पेशल सेल और अपराध शाखा भी सुशील को पकड़ने में जुटी हुई है। 
पुलिस की कोशिश है कि सुशील किसी नेता या अफसर की मदद से आत्म समर्पण करे, उससे पहले ही उसे पकड़ लिया जाए।
विदेश क्यों भागेगा?-
सुशील विदेश न भाग सके इसके लिए पुलिस ने. हवाई अड्डों को सतर्क कर दिया है। पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) कर दिया। जिसमें पुलिस ने बताया है कि हत्या के मामले में उसकी तलाश है। ऐसे में अगर वह हवाई अड्डों पर जाएगा तो पकडा़ जाएगा।
वैसे पुलिस की यह एक एहतियाती  कार्रवाई भर लगती है क्योंकि सुशील के विदेश भागने की कोशिश करने की संभावना नहीं लगती। 
इसकी एक मुख्य वजह यह है कि वारदात के बाद जब सुशील भागा तब तक उसे सिर्फ़ यहीं मालूम था कि उसके खिलाफ सिर्फ़ पिटाई करने का ही मामूली मामला बनेगा, जिसमें वह आसानी से बच जाएगा। ऐसे में वह अपना पासपोर्ट तो साथ लेकर नहीं जाएगा। घायल सागर की मौत की जानकारी तो उसे बाद में ही मिली तब ही वह दिल्ली से भागा है। 
सुशील को अपने नाम,रुतबे और नेताओं, नौकरशाहों से संबंधों के कारण इतना अहंकार /अति आत्मविश्वास है कि उसे यकीन है कि वह हर हालत में बच जाएगा। तो भला वह विदेश क्यों भागेगा? उसे अगर विदेश भागना ही होता तो वह पुलिस के हवाई अड्डों को सतर्क करने से पहले ही विदेश निकल गया होता।
ओलंपियन पहलवान को अब तक नहीं पकड़ पाने के कारण तेजतर्रार मानी जाने वाली  पुलिस की काबिलियत पर भी सवालिया निशान लग रहा है।
दमदार काबिल आईपीएस का अकाल-
वैसे अब दिल्ली पुलिस में दमदार काबिल आईपीएस अफसरों का अकाल पड़ गया है। अब तो हत्या जैसे जघन्य अपराध के मामले में भी आईपीएस अफसर तक खुल कर सुशील का नाम लेने से घबरा रहे थे। अफसर दमदार हो तो ही मातहतों की टीम अपराधियों के खिलाफ डटकर कार्रवाई कर पाती है। 
अब तो हालात ऐसे हैं कि पुलिस अफसर ही नाम न उजागर करने की शर्त पर बता रहे हैं कि सुशील रामदेव के यहां भी जा सकता है लेकिन रामदेव के यहां तहकीकात करने जाने की भी वह हिम्मत नहीं दिखाते।
एक समय ऐसा था कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के तत्कालीन डीसीपी कर्नल सिंह की टीम ने भाजपा सरकार के कार्यकाल में भाजपा के ही सांसद गंगा राम के घर में घुसकर बदमाश राजन तिवारी को गिरफ्तार किया। इसके बाद बकायदा मीडिया को यह बताया भी कि भाजपा सांसद के घर से गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुख्यात डीपी यादव ने यूपी पुलिस के दबंग इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह की हत्या राजन तिवारी से करवाई थी।
सतपाल की गु़ंडो से यारी उजागर की-
तत्कालीन डीसीपी कर्नल सिंह ने ही एक अन्य मामले में खुल कर मीडिया को यह भी बताया था कि दिचाऊं के गुंडे कृष्ण पहलवान को जिस दौरान पुलिस तलाश रही थी उस दौरान कृष्ण पहलवान सतपाल पहलवान के साथ छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण कर रहा था। सतपाल पहलवान उस समय डिप्टी डायरेक्टर के पद पर था। 

सजायाफ्ता  पार्षद का बेटा-
इस मामले में आरोपी अजय कांग्रेस के निगम पार्षद सुरेश पहलवान( बक्करवाला) का बेटा है। सुरेश बक्करवाला दिल्ली पुलिस का बरखास्त सिपाही है। सुरेश बक्करवाला को 1993 में 49 लाख रुपए लूटने के मामले में  करोल बाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में सरेश के अलावा दिल्ली पुलिस के ही बरखास्त सिपाही जगवीर उर्फ जग्गा को भी गिरफ्तार किया गया था।
एक अन्य मामले में सुरेश सजायाफ्ता अपराधी  है। सुरेश के पास से 1993 में चोरी का माल बरामद हुआ था। 
आईपीसी की धारा 411(एफआईआर76/93) के तहत दर्ज इस मामले में उसे 2003 में  एडिशनल सेशन जज राकेश कपूर ने कैद और जुर्माने की सजा दी थी।
               
 




Press Club of India की पत्रिका 
The Scribes World में क्राइम रिपोर्टिंग पर लेख।
🙏🌹🌹

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