Saturday 15 May 2021

ओलंपियन सुशील पहलवान पर इनाम का ऐलान करेगी पुलिस ? कमिश्नर बताएं किस IPS ने खाकी को खाक में मिलाया। दिल्ली सरकार करेगी निलंबित? सुशील का डेपुटेशन से डेपुटेशन का खेल।

ओलंपियन सुशील पहलवान पर एक लाख रुपए इनाम का ऐलान। 



कमिश्नर बताएं किस IPS ने खाकी को खाक में मिलाया।

ओलंपियन सुशील पहलवान पर इनाम का ऐलान करेगी पुलिस ?
दिल्ली सरकार करेगी निलंबित?
सुशील का डेपुटेशन से डेपुटेशन का खेल।

इंद्र वशिष्ठ
ओलंपियन सुशील पहलवान को पकड़ने में अब तक नाकाम रही दिल्ली पुलिस ने सुशील पर अभी तक इनाम की घोषणा नहीं की है। पुलिस ने सुशील के खिलाफ अदालत से आज सुबह तक गैर जमानती वारंट भी जारी नहीं कराया है।
इससे पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है।
हत्या जैसे संगीन अपराध में शामिल सुशील पहलवान पर वारदात के 11 दिन बाद भी पुलिस ने इनाम का ऐलान नहीं किया है।
पुलिस  सुशील के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए हवाई अड्डों को लुक आउट सर्कुलर भेज कर सतर्क कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को लालकिले पर सिर्फ़ निशान साहिब झंडा फहराने के आरोप में पुलिस ने दूसरे दिन ही वारंट और आठ दिनों की तलाश के बाद ही पंजाब के फिल्म कलाकार दीप सिद्धू पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया था।
दिल्ली सरकार निलंबित करे-
दिल्ली पुलिस के आईपीएस अफसर एक ओर तो यह चाहते है कि दिल्ली सरकार सुशील पहलवान को तुरंत निलंबित करें । लेकिन खुद सुशील पर इनाम तक घोषित नहीं किया है।  जबकि इनाम की घोषणा हो जाने से भाग रहे आरोपियों पर एक दबाव बन जाता है।
 इनाम के लालच में आरोपी के बारे में सूचना मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
सरकार को पत्र-
दिल्ली पुलिस ने ओलंपियन सुशील पहलवान  के हत्या में शामिल होने की जानकारी दिल्ली सरकार को दे दी। ताकि सरकार सुशील के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर सकेंं।
लेकिन दिल्ली सरकार ने सुशील को अभी तक निलंबित नहीं  किया है।
 पुलिस ने शिक्षा विभाग की उप निदेशक( खेल ) एवं छत्रसाल स्टेडियम की प्रशासक अधिकारी आशा अग्रवाल को कई दिन पहले ही इस संबंध में पत्र भेज दिया है। ताकि वह सुशील के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर सकेंं।
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि चार मई को स्टेडियम में सागर पहलवान की हत्या के मामले में सुशील पहलवान के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है पुलिस को सुशील की तलाश है। 
सुशील शिक्षा विभाग के अंतर्गत छत्रसाल स्टेडियम में ओएसडी (खेल) के पद पर तैनात है। सरकारी अफसर के रुप में उसने जो अपराध किया है वह विभागीय भाषा में खराब चाल चलन( मिसकंडक्ट) में आता है। ऐसा करने वाले अफसर के खिलाफ निलंबन आदि की कार्रवाई की जाती।
पुलिस द्वारा दी गई इस सूचना के आधार पर ही सुशील के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई न किए जाने से दिल्ली सरकार पर भी सवालिया निशान लग जाता। वैसे सरकार वारंट जारी होने या  सुशील की गिरफ्तारी के बाद ही उसे निलंबित कर सकता है।
डेपुटेशन से डेपुटेशन का खेल-
सुशील मूल रुप से रेल विभाग का अफसर है। रेलवे से वह पहले उत्तर दिल्ली नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर गया था। नगर निगम से वह दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति पर चला गया। करीब पांच वर्ष से वह दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति पर है। रेलवे से एमसीडी और वहां दिल्ली सरकार में यानी डेपुटेशन से डेपुटेशन पर इतनी लंबी अवधि के लिए जाने का अलग तरह का ही मामला है। जिससे सरकार पर भी सवालिया निशान लग जाता।
दिल्ली सरकार के अफसर जिम्मेदार-
छत्रसाल स्टेडियम जो अपराधियों का अड्डा बन गया था। इसके लिए सबसे ज्यादा तो  पुलिस जिम्मेदार है लेकिन स्टेडियम की जिम्मेदारी संभालने वाले अफसर भी जिम्मेदार है। स्टेडियम में होने वाली संदिग्ध गतिविधियां क्या उन्हें दिखाई नहीं देती थी?  स्टेडियम से गलत लोगों से मुक्त कराने के लिए अब  दिल्ली सरकार को भी वहां से गलत लोगों को हटाने की कार्रवाई करना चाहिए।
सरकारी पैसे पर मौज-
 अखाड़े समेत स्टेडियम के कोने कोने में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। संदिग्ध गतिविधियां पकड़ी न जाए इस लिए पहलवान यहां सीसीटीवी कैमरे लगने नहीं देते थे।
स्टेडियम में बड़ी संख्या में पहलवान अवैध रुप से रहते है। बताया जाता है कि  पहलवानों ने कमरों में एयरकंडीशनर भी लगाए हुए है। जिसका बिजली का बिल सरकार को भरना पड़ता है।
पहलवानों का शोषण-
स्टेडियम में रह चुके एक कोच ने बताया कि खिलाड़ियों की  टीमों को सरकार की ओर से नाश्ता/खुराक (रिफ्रेशमेंट)  के लिए दिए जाने वाले पैसे भी पूरे नहीं मिलते। मान लो प्रति खिलाड़ी खुराक के 250 रुपए सरकार ने दिए लेकिन उनको उसमें से आधे ही दिए जाते। लेकिन उनसे  हस्ताक्षर पूरी रकम के करा लिए जाते। इस तरह के घोटाले में सुशील के साथ स्टेडियम के कैंटीन वाले की मिलीभगत होती है। अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो अनेक गड़बड़ी और घोटाले उजागर हो सकते है। सतपाल, सुशील पहलवान की कैंटीन वाले के साथ सांठगांठ की पोल भी खुल सकती है।
मैराथन धाविका मूक दर्शक-
मैराथन धाविका और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित डिप्टी डायरेक्टर आशा अग्रवाल  छत्रसाल स्टेडियम की प्रशासक है। सुशील पहलवान उनके मातहत ही है। लेकिन बताया जाता है कि वह सिर्फ़ नाममात्र की अफसर है।
पहले सतपाल पहलवान का और उसके बाद  सतपाल के दामाद सुशील पहलवान का ही स्टेडियम पर एकछत्र राज है। इनके डर या मिलीभगत के कारण आशा अग्रवाल मूक दर्शक बनी रहती हैं।
कुछ साल पहले आशा अग्रवाल के दफ्तर के बाहर दीवार पर उनके बारे में अश्लील टिप्पणी लिख दी गई थी। तब भी उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराने की हिम्मत नहीं दिखाई।

कमिश्नर करें खुलासा ?
हरियाणा के मूल निवासी रामदेव यादव के अपनी जाति के दिल्ली पुलिस में मौजूद अनेक आईपीएस अफसरों  से अच्छे संबंध हैंं। सुशील की मदद के लिए अगर उसने किसी संयुक्त आयुक्त को फोन किया है तो वह उत्तरी रेंज के सुरेन्द्र सिंह यादव हो सकते हैं। क्योंकि उनके नेतृत्व में ही हत्या के इस मामले की जांच भी  की जा रही है। राम देव ने सुरेंद्र यादव या किसी अन्य आईपीएस अफसर को फोन  किया था। इसके बारे में यादव हो या कोई अन्य आईपीएस, वह तो  खुलकर यह बात कबूलेगा नहीं। हां, अगर उस अफसर ने रामदेव से बात करने के बाद तुरंत ईमानदारी से कर्तव्य पालन करते हुए हरिद्वार पुलिस को सुशील को पकड़ने के लिए भेजा होता तो वह जरूर यह बात खुल कर कबूल/उजागर करता। रामदेव ने किस संयुक्त पुलिस आयुक्त या आइपीएस को फोन किया। इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव
रामदेव से जुड़े आईपीएस अफसरों के मोबाइल फोन का पांच मई से लेकर अब तक का कॉल रिकॉर्ड निकलवा ले। ताकि पता चल सके कि किस आईपीएस अफसर ने खाकी से गद्दारी कर रामदेव से दोस्ती निभाई और हत्या आरोपी सुशील को बचाया।
कमिश्नर,रामदेव की चुप्पी खोल रही पोल?
सुशील शरण लेने या मदद के लिए क्या रामदेव के पास गया या संपर्क साधा था?
पुलिस ने क्या रामदेव से तहकीकात की है?
इन सवालों पर  कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव और रामदेव ने आज तक कोई जवाब नहीं दिया है। इन दोनों की चुप्पी से यहीं लगता है कि सुशील पतंजलि गया। अगर नहीं गया होता तो रामदेव और पुलिस चीख चीख कर इस बात का खंडन करते। 

ओलंपियन सुशील पहलवान पर एक लाख रुपए इनाम का ऐलान। 

दिल्ली पुलिस ने ओलंपियन सुशील पहलवान की गिरफ्तारी पर  एक लाख रुपए के इनाम का ऐलान किया है। सुशील के साथी अजय बक्करवाला पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। सुशील और उसके साथियों की पहलवान सागर की चार मई को छत्रसाल स्टेडियम में हत्या के मामले में तलाश है। सरकारी स्कूल में पीटीआई अजय कांग्रेस के निगम पार्षद सजायाफ्ता सुरेश बक्करवाला का बेटा है।( अपडेट-17-5-2021)





1 comment: