Tuesday 28 February 2023

BSF के जवानों के पेंशन खातों से 70 लाख रुपए चोरी , BSF का ही बर्खास्त सिपाही गिरफ्तार.



बीएसएफ के जवानों के पेंशन खातों से 70 लाख रुपए चोरी , बीएसएफ का ही बर्खास्त सिपाही गिरफ्तार. 



इंद्र वशिष्ठ
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के पेंशन खाते से हेराफेरी करके 70 लाख रुपए निकाल लेने का मामला सामने आया है.
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट/  आईएफएसओ ने इस मामले में बीएसएफ के ही एक बर्खास्त सिपाही को गिरफ्तार किया है.

आईएफएसओ के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि कि न्यू पेंशन स्कीम विभाग से शिकायत मिली थी कि बीएसएफ के 65 जवानों के न्यू पेंशन स्कीम के परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नबंर/ खातों से 70 लाख रुपए जालसाज़ी से निकाल लिए गए. 
इस शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.
पुलिस ने इस मामले में प्रयागराज में रह रहे घनश्याम यादव (मूल निवासी गाजीपुर) को गिरफ्तार किया है.
आरोपी घनश्याम ने रकम निकालने की ऑनलाइन सुविधा के सिस्टम को भेद कर पहुंच बना ली. उसने 89 बार (ट्रांजेक्शन) में बीएसएफ के 65 कर्मियों के खातों से 70 लाख रुपए निकाल लिए.

एसीपी जयप्रकाश की देखरेख में इंस्पेक्टर राजीव मलिक, सब इंस्पेक्टर अजीत सिंह यादव, सब इंस्पेक्टर संदीप सिंह, सुरेन्द्र कुमार, एएसआई केपी शिबू, हवलदार सुनील, अभय सिंह, सिपाही राज पाल सिंह और दिनेश कुमार की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया.
यूपी पुलिस का फर्जी सिपाही-
आरोपी घनश्याम प्रयागराज में  श्याम सिंह के नाम से अपनी महिला मित्र के साथ रह रहा था.घनश्याम ने वहां पर खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही बताया हुआ था. उसने कार पर उत्तर प्रदेश पुलिस का स्टीकर लगाया हुआ था. उसके पास से उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी भी बरामद हुई है. 
उसके पास से कॉलेज प्रिंसिपल और प्रयागराज के सीएमओ के नाम की नकली मुहर भी मिली है. इसका इस्तेमाल उसने आधार कार्ड में अपना नाम बदलने के लिए किया था. 

पुलिस के अनुसार कोरोना काल के दौरान आफलाइन आने वाली कठिनाई के कारण जवानों की सुविधा के लिए पेंशन खाते से ऑनलाइन लाइन 25 फीसदी अंशदान यानी आंशिक निकासी के लिए ओटीपी आधारित सुविधा शुरू की गई थी. 
रकम असली खाताधारक ही निकाले, यह सुनिश्चित करने और सत्यापन के लिए उसके ईमल और मोबाइल पर ओटीपी भेज कर दोहरा प्रमाणीकरण किया जाता था.
सिस्टम में सेंध-
आरोपी घनश्याम साल 2019 में मालदा , पश्चिम बंगाल में बीएसएफ की 122 वीं बटालियन में तैनात था, तब बिना अनुमति गैरहाजिर रहने के कारण उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. 
इस दौरान ही आरोपी ने लेखा शाखा के डीडीओ का लॉगिन क्रेडेंशियल हासिल कर लिया. इसके माध्यम से उसकी एनपीसी पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच हो गई. 
आरोपी घनश्याम ने संबंधित बटालियन के कर्मियों के डेटा बेस तक अनधिकृत पहुंच बनाई. 
घनश्याम ने उन जवानों को निशाना बनाया जिनके पेंशन खाते में ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर नही जुड़े हुए थे अन्यथा उन्हें अलर्ट मिल जाता.
 घनश्याम ने उन खातों में अपना ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर लिख दिया. 
इससे उन खातों से रकम निकालने से पहले सत्यापन के लिए ओटीपी घनश्याम के पास आए. 
इस तरह उसने जवानों के खाते से रकम निकाल ली. उसने यह रकम उसने  जिन खातों में भेजी उसमें एक उसके ससुर का था. इस पैसे से उसने अपनी प्रेमिका के नाम से बलेनो कार भी खरीदी. प्रयागराज में फ्लैट खरीदने के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल किया.
आरोपी घनश्याम साल 2010 में बीएसएफ में सिपाही भर्ती हुआ. घनश्याम ने अपने पत्नी और तीन बच्चों से संबंध तोड़ रखे हैं.

आरोपी घनश्याम की दिल्ली के छावला थाने को भी एक अन्य मामले में तलाश थी. घनश्याम ने बीएसएफ में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से रकम ठगी थी, उसने जाली नियुक्ति पत्र भी लोगों को दे दिया था. इस मामले में उसके दो साथी पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं.


Sunday 26 February 2023

दारु मंत्री मनीष सिसोदिया दारु घोटाले के आरोप में गिरफ्तार , दारु मंत्री का गुनाह का साथी ही बन गया सरकारी गवाह. जेल मंत्री के बाद दारु मंत्री की जेल यात्रा.

उप मुख्यमंत्री एवं दारु मंत्री मनीष सिसोदिया गिरफ्तार.




इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली सरकार के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं अब दारु मंत्री मनीष सिसोदिया की भी जेल यात्रा की शुरुआत हो गई है.
सीबीआई ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री एवं शराब मंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति बनाने और लागू करने में गड़बड़ी/ घोटाले/अनियमितताओं से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया है। 
करोड़ों का भ्रष्टाचार-
नई शराब नीति लागू करने में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप है. दिल्ली में शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी शराब कारोबारियों के हाथों में सौंप दिया  था.
प्रॉफ़िट डबल-
 नई शराब नीति में शराब कारोबारियों को मोटा मुनाफा कमाने का मौका दिया गया. शराब  कारोबारियों का लाभ अंतर (प्राफिट मार्जिन)  पुरानी नीति में  6 फीसदी था उसे बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया गया था. दक्षिण भारत की शराब बनाने वाली कंपनियों  को फायदा पहुंचाने के लिए शराब लॉबी के कहने पर यह किया गया.
 एलजी ने केस दर्ज कराया-
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में गड़बड़ी के बारे में 8 जुलाई 2022 को उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट दी थी. उप राज्यपाल ने इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की .
इसके बाद विवाद बढ़ने पर दिल्ली सरकार ने 30 जुलाई को नई शराब नीति को रद्द कर दिया. दिल्ली सरकार ने पहले की तरह से दोबारा शराब की बिक्री अपने हाथों में ले ली.
सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को शराब नीति में घोटाला/ अनियमितताओं के संबंध में एक मामला दर्ज किया.
14 आरोपी-
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि वर्ष 2021-22 हेतु आबकारी नीति को तैयार करने एवं लागू करने में  कथित अनियमितताओं और निजी व्यक्तियों को निविदा (टेंडर) के बाद के लाभ में विस्तार (Extending benefits) देने के मामले की जारी जांच के लिए दिल्ली सरकार के  उपमुख्यमंत्री एवं प्रभारी आबकारी मंत्री एवं 14 अन्य के विरुद्ध वर्तमान मामला दर्ज किया गया। 
मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ और 6 अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ 25.11.2022 को एक आरोप पत्र दायर किया गया था. इस मामलें में आगे की जांच की जा रही है।
दारु मंत्री की भूमिका-
सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया से पिछले साल 17 अक्टूबर को भी पूछताछ की गई थी. 
सीबीआई ने पिछले साल अगस्त में  मनीष सिसोदिया के घर, दफ़्तर और गांव में भी छापे मारी की थी. बैंक लाकर की भी तलाशी ली गई थी.
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 19.02.2023 को जांच में शामिल होने के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था.
मनीष सिसोदिया ने बजट बनाने में  व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा. 
मनीष सिसोदिया के अनुरोध को स्वीकार करते हुए, उन्हें आज (26.02.2023 को) जांच में भाग लेने के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत एक नोटिस जारी किया गया था.
मनीष सिसोदिया आज सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे. 
मंत्री ने की टालमटोल-
सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आज मनीष से 17.10.2022 को हुई पूछताछ के दौरान उनके द्वारा टाले गए सवालों के जवाब मांगे गए. इसके अलावा जांच के दौरान एकत्र सबूतों को सामने रखकर उसके आधार पर मनीष सिसोदिया से उनकी आपराधिक भूमिका से संबंधित पूछताछ करनी थी, लेकिन मनीष सिसोदिया ने टालमटोल भरे जवाब दिए.
सबूतों के सामने होने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं करने के कारण मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है.
मनीष सिसोदिया को सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा .
गुनाह का साथी बना सरकारी गवाह-
इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल 28 सितंबर  को सबसे पहले विजय नायर को गिरफ्तार किया था, जो कि आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग का प्रमुख है.
इस मामले में गिरफ्तार किया गया दिनेश अरोड़ा बाद में वादा माफ़ सरकारी गवाह (अप्रूवर) बन गया था. शराब घोटाले में दिनेश अरोड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका है. दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों से करीब सौ करोड़ रुपए हवाला के माध्यम से दिनेश अरोड़ा ने  आम आदमी पार्टी को दिए थे. दिनेश अरोड़ा विजय नायर का भी करीबी है.
नियम कायदे ताक पर-
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव सी अरविंद ने सीबीआई/ईडी को बयान दिया कि शराब नीति बनाने में तय नियम कायदे का पालन नहीं किया गया और न ही मंजूरी ली गई. शराब नीति बनाने वाले मंत्रियों के समूह में मनीष सिसोदिया के अलावा सत्येंद्र जैन और  मंत्री कैलाश गहलोत शामिल थे. अरविंद ने बताया कि मार्च 2021 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर मंत्री सत्येंद्र जैन की मौजूदगी में मनीष सिसोदिया ने नीति का मसौदा उन्हें दिया था.
शराब कमिश्नर-
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया, शराब कारोबारियों आदि के अलावा इस मामले में आबकारी विभाग के तत्कालीन कमिश्नर आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी और असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर को भी आरोपी बनाया है.
 100 फोन-
सीबीआई ने जांच में पाया है कि शराब नीति बनाने के दौरान मनीष सिसोदिया ने विभिन्न नाम से खरीदे चार फोन नंबर इस्तेमाल किए थे.
इन फोन में मौजूद डिजिटल एविडेंस को नष्ट कर दिया गया. एक साल की अवधि में लगभग 100 फोन बदले या नष्ट किए गए. कुछ फोन बरामद हो गए लेकिन उनमें से ज्यादातर को फॉर्मेट या चैट डिलीट कर दी गई.



Thursday 23 February 2023

खालिस्तानी आतंकियों और देशद्रोही बदमाशों के 6 साथी गिरफ्तार : एनआईए



खालिस्तानी आतंकियों, देशद्रोही गुंडों पर एनआईए का प्रहार 



इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तानी आतंकियों और बदमाशों के गठजोड़ वाले गिरोहों के 6 बदमाशों को गिरफ्तार किया है.
आतंकियों,बदमाशों और मादक पदार्थ/हथियार तस्करों के गठजोड़ को खत्म करने के लिए एनआईए द्वारा 21 फरवरी को आठ राज्यों में 76 ठिकानों पर मारे गए छापों के सिलसिले में यह गिरफ्तारियां  की गई है.
खालिस्तानी कनेक्शन-
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कनाडा में मौजूद भारत द्वारा आतंकी घोषित अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला के साथी लक्की खोखर उर्फ डेनिस समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. 9 बंदूकें और 2.3 करोड़ रुपए जब्त किए.
बठिंडा, पंजाब निवासी लक्की खोखर को श्रीगंगानगर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया. लक्की कनाडा में मौजूद आतंकी अर्श दल्ला के सीधे और निरंतर संपर्क में था. वह युवाओं को बरगला कर  गिरोह में भर्ती करता था. आतंकी गतिविधियों के लिए अर्श दल्ला उसे पैसा भेजता था. लक्की ने अर्श दल्ला के साथियों को पंजाब में हथियार, गोला बारूद उपलब्ध कराया था्. इन हथियारों का इस्तेमाल हाल ही में जगराओं, पंजाब में हुई हत्या में किया गया.
एनआईए ने पिछले साल अगस्त में खुद संज्ञान लेते हुए हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा और अर्श दीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था. इस मामले में दीपक रंगा (सुर्ख पुर गांव झज्जर) को एनआईए ने पहले गिरफ्तार किया था.
लक्की खोखर आतंकी अर्श दल्ला के लिए काम कर रहा था, वह खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे विभिन्न खालिस्तानी आतंकी गिरोहों के लिए भारत में इंटरनेशनल और इंटरस्टेट बार्डर से गोला बारुद, विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी में शामिल रहा है.
सोशल मीडिया पर प्रचार-
एनआईए ने लक्की के अलावा लखवीर सिंह गिद्दड़बाहा मुक्तसर, हरप्रीत मोगा, दलीप बिश्नोई अबोहर फाजिल्का, सुरेन्द्र उर्फ चीकू चौधरी नारनौल हरियाणा और हरि ओम उर्फ टीटू गुरुग्राम हरियाणा को गिरफ्तार किया है. 
लखवीर सिंह के पास से 9 बंदूकें बरामद हुई है. लखवीर सिंह एनआईए द्वारा पहले गिरफ्तार किए जा चुके छोटूराम भाट निवासी चौटाला गांव का साथी है.लखवीर सिंह लोगों को डराने के लिए सोशल मीडिया पर अपने अपराधों का प्रचार करता था. सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को बरगला कर आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती करने की कोशिश कर रहा था. 
एनआईए द्वारा पिछले साल दर्ज किए गए इस मामले में अब तक कौशल चौधरी, अमित डागर, सुखप्रीत सिंह, भूपी राणा, नीरज बवाना, नवीन बाली और सुनील बाल्यान समेत 9 बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका  है.
देशद्रोही लारेंस बिश्नोई गिरोह-
सुरेन्द्र चौधरी और दलीप बिश्नोई बदमाश लारेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और कनाडा में मौजूद गोल्डी बरार के गिरोह के हैं. इनको धन जुटाने, युवाओं को अपराध के लिए गिरोह में शामिल करने, आपराधिक और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 
एनआईए द्वारा पिछले साल अगस्त में दर्ज  मामले में लारेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, काला जठेडी, काला राणा, जोगेंद्र सिंह, राजेश कुमार, राजू बासोडी, अनिल छिपी, नरेश यादव और शहबाज़ अंसारी समेत दस बदमाशों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है.
फायनांसर-
एनआईए के अनुसार सुरेन्द्र चौधरी आतंकी और बदमाशों के गठजोड़ का मुख्य फायनांसर है. सुरेन्द्र  शराब तस्करी, हरियाणा में शराब और खनन ठेकेदारों से जबरन धन वसूली में शामिल है.
अपराध के 13 मामलों में शामिल आदी अपराधी दलीप बिश्नोई भी इस आतंकी गिरोह का एक मुख्य फायनांसर है. दलीप पंजाब और राजस्थान में गिरोह के बदमाशों के रहने और अन्य जरुरी सुविधाओं का इंतजाम करता है.
विदेश से गिरोह संचालन-
एनआईए को जांच में पता चला है कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, फिलीपींस, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए. वह भारत के विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से आतंकी गतिविधियों और अपराधों की योजना बना रहे थे। ये जबरन वसूली और लक्षित हत्याएं (टार्गेट किलिंग) कर रहे थे
हवाला, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।
एनआईए का टारगेट-
एनआईए की जांच का उद्देश्य आतंकी ,अपराधी, तस्कर सिंडिकेट की मदद करने वाले बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान करना और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना है।
इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी है।
इस गठजोड़ को तोड़ने और खत्म करने के लिए एनआईए ने सितंबर ,अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 में भी पांच राज्यों में सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.

( लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)


 
(रविवार दिल्ली 26 फरवरी से 4 मार्च 2023) 

Wednesday 22 February 2023

CBI ने 5 लाख रुपए लेते बागवानी अफसर को पकड़ा.


सीबीआई ने 5 लाख रुपए लेते बागवानी अफसर को पकड़ा.


इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने 5 लाख रुपए  रिश्वत लेते हुए वरिष्ठ बागवानी अफसर को गिरफ्तार किया  है.
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने एवं स्वीकार करने पर राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुरुग्राम (हरियाणा) के वरिष्ठ बागवानी अधिकारी सुनील कुमार रेवाड को गिरफ्तार किया गया है.
सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर वरिष्ठ बागवानी अधिकारी सुनील कुमार रेवाड , राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुरुग्राम के विरुद्ध मामला दर्ज किया, जिसमें बागवानी गतिविधियों हेतु राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा लागू की गई भारत सरकार की योजना के अनुसार  शिकायतकर्ता के पक्ष में  सब्सिडी राशि जारी करने के लिए शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है.

सीबीआई ने जाल बिछाया जिसमें सुनील कुमार को शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपए की रिश्वत स्वीकार करने के दौरान रंगे हाथ पकड़ा गया.
सुनील कुमार के जिला झुंझनू (राजस्थान) और गुरुग्राम के परिसरों में 3 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें संपत्ति, बैंक विवरण, निवेश विवरण एवं शिकायतकर्ता के मामले से संबंधित प्रासंगिक फाइल आदि से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए है।

गिरफ्तार आरोपी को पंचकूला (हरियाणा) के सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया एवं उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया।


Tuesday 21 February 2023

NIA के निशाने पर बदमाशों को बंदूकें देने वाले और हवाला कारोबारी. बंदूकें और करोड़ों रुपए बरामद. 8 राज्यों में 76 ठिकानों पर छापे मारी.

आतंकियों,बदमाशों, तस्करों के गठजोड़ पर  एनआईए का प्रहार.
NIA के निशाने पर बदमाशों को बंदूकें देने वाले और हवाला कारोबारी. 
बंदूकें और करोड़ों रुपए बरामद.
 8 राज्यों में 76 ठिकानों पर छापे मारी


इंद्र वशिष्ठ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का  आतंकवादियों,गैंगस्टरों और ड्रग/हथियार तस्करों के गठजोड़ को नेस्तनाबूद करने का अभियान जारी है.
एनआईए द्वारा पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों में स्थित आतंकवादी समूहों और ड्रग तस्करों के साथ मिलकर काम कर रहे गैंगस्टरों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है. 
2.3 करोड़ बरामद-
एनआईए ने मंगलवार को 8 राज्यों में 76 स्थानों पर छापे मारे और बड़ी मात्रा में हथियार और 2.3 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की गई।
कबड्डी खिलाड़ी शामिल-
एनआईए द्वारा अगस्त 2022 में तीन मामले दर्ज किए गए थे. कुछ कबड्डी खिलाड़ियों सहित कई लोगों की पहचान की गई और उनके खिलाफ आतंकवाद और अन्य आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज किया गया है.
जिसमें लक्षित हत्या (टार्गेट किलिंग), प्रमुख व्यापारियों और पेशेवरों से  जबरन वसूली आदि शामिल है। 
जेल से सक्रिय-
एनआईए  को जांच में पता चला है कि पिछले साल महाराष्ट्र में बिल्डर संजय बियानी और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी के आयोजक संदीप नांगल अंबिया की सनसनीखेज हत्या सहित ऐसे कई अपराधों की साजिश विभिन्न राज्यों की जेलों में रची जा रही थी और उन्हें विदेशों में मौजूद बदमाशों के संगठित नेटवर्क के गुर्गो द्वारा अंजाम दिया जा रहा था।
हथियार और हवाला कारोबारी-
एनआईए के निशाने पर इस बार बदमाशों के गिरोहों के लिए हथियार उपलब्ध कराने वाले हथियार सप्लायर और गिरोहों के लिए काम करने वाले हवाला कारोबारी थे.
छापेमारी में पिस्तौल, रिवाल्वर और राइफल सहित 9 अवैध हथियार और 2.3 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए। दस्तावेज, हार्ड ड्राइव और मोबाइल फोन सहित आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई।
8 राज्यों में 76 ठिकाने-
मंगलवार को पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में छापे मारी की गई. 
गिद्दड़बाहा के लखवीर सिंह के मुक्तसर, नरेश के अबोहर, सुरेंद्र उर्फ ​​चीकू के नारनौल, हरियाणा, कौशल चौधरी और अमित डागर के गुरुग्राम और सुनील राठी के बागपत, यूपी के परिसरों में तलाशी ली गई. 
कुछ हवाला ऑपरेटरों, कबड्डी खिलाड़ियों, हथियार आपूर्तिकर्ताओं, बंदूक घरों  , व्यापारियों और उनके कथित फाइनेंसरों पर भी छापे मारे गए।
पंजाब के अबोहर, भटिंडा, मुक्तसर साहब, मोगा, फाजिल्का, लुधियाना, मोहाली, फिरोजपुर, तरनतारन, लुधियाना, फरीदकोट, संगरूर और जालंधर जिलों में, हरियाणा के गुरुग्राम, यमुना नगर, रोहतक, महेंद्रगढ़, सिरसा और झज्जर जिले; राजस्थान के श्रीगंगा नगर, सीकर, जोधपुर और जयपुर जिले; उत्तर प्रदेश के बागपत, बरेली, प्रतापगढ़, बुलंदशहर, लखनऊ और पीलीभीत; मध्य प्रदेश के उज्जैन और रतलाम जिले; मुंबई में भायखला; गुजरात में गांधीधाम; और द्वारका, दिल्ली/एनसीआर के मध्य और बाहरी उत्तरी जिले समेत आठ राज्यों में कुल 76 ठिकानों पर छापे मारे गए. 

विदेश से गिरोह संचालन-
एनआईए को जांच में पता चला है कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे.  विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से अपने अपराधों की योजना बना रहे थे। ये जबरन वसूली और लक्षित हत्याएं (टार्गेट किलिंग) कर रहे थे
हवाला, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।

एनआईए का मकसद-
एनआईए के अनुसार इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी है। 

आतंकवादियों, बदमाशों,अवैध हथियार और मादक पदार्थों के तस्करों के बीच उभरती सांठगांठ को तोड़ने और खत्म करने के लिए 
एनआईए ने सितंबर ,अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 में पांच राज्यों में सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.
 
एनआईए की जांच का उद्देश्य आतंकी ,अपराधी, तस्कर सिंडिकेट की मदद करने वाले बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान करना और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना है।



Friday 17 February 2023

निक्की यादव हत्याकांड: दिल्ली पुलिस के सिपाही समेत पांच गिरफ्तार.


निक्की यादव हत्याकांड:  सिपाही समेत पांच गिरफ्तार


 इंद्र वशिष्ठ
निक्की यादव की हत्या के मामले में अपराध शाखा ने साहिल गहलोत के पिता और दिल्ली पुलिस के एक सिपाही समेत पांच और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.
पत्नी थी-
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के स्पेशल कमिश्नर रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि हत्या आरोपी साहिल गहलोत ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि निक्की उसकी पत्नी थी, वह लिव इन पार्टनर नहीं थी. साहिल गहलोत ने बताया कि एक अक्टूबर  2020 में दोनों ने ग्रेटर नोएडा में आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली थी.
साहिल गहलोत ने पुलिस को बताया कि निक्की उसे परिवार द्वारा तय की गई दूसरी लड़की के साथ शादी न करने के लिए दबाव डाल रही थी.
पुलिस के अनुसार इस बात को लेकर निक्की यादव और साहिल गहलोत में झगड़ा हुआ था. 
शमशान घाट पर हत्या-
साहिल ने निक्की को रास्ते से हटाने के लिए साज़िश रची. योजनानुसार  9/10 फरवरी की रात करीब एक बजे साहिल निक्की को उसके घर (उत्तम नगर) से घूमने के बहाने से कार में ले गया.
साहिल गहलोत ने दस फरवरी की सुबह करीब 9 बजे कश्मीरी गेट थाना इलाके में निगम बोध शमशान घाट की पार्किंग में कार में निक्की की मोबाइल डाटा केबल से गला घोंट कर हत्या कर दी. 
फ्रिज में लाश-
शव को मित्राऊं गांव में अपने बंद पड़े ढाबे के फ्रिज में रख दिया.
अपराध शाखा ने एक सूचना के आधार पर 14 फरवरी को साहिल को पकड़ा और ढाबे से फ्रिज में रखा निक्की का शव बरामद किया.
 हत्या कर दूल्हा बना -
स्पेशल कमिश्नर रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि साहिल और निक्की यादव की शादी के बारे में साहिल के परिवार को पता था. निक्की की हत्या साज़िश रच कर की गई. निक्की की हत्या के बाद साहिल ने आशीष, नवीन, अमर और लोकेश को बुलाया और उन्हें बताया कि योजनानुसार हत्या कर दी गई है.
 इसके बाद ये सभी मित्राऊं गांव के बाहर बने उस ढाबे पर गए. साहिल ने शव को फ्रिज में रखा, तब ये चारों ढाबे के बाहर निगरानी कर रहे थे. जिस कार में निक्की की हत्या की गई, उसे ढाबे पर छोड़ दिया गया. साहिल उन चारों के साथ दूसरी कार में घर चला गया. घर जाकर उसने अपने पिता वीरेंद्र को भी हत्या करने के बारे में बता दिया. इसके बाद साहिल बारात लेकर शादी करने चला गया.
पिता, भाई, दोस्त  शामिल-
पुलिस ने इस मामले में साहिल के पिता वीरेंद्र सिंह , चचेरे भाई आशीष, मौसेरे भाई नवीन, दोस्तों अमर और लोकेश से गहन पूछताछ की.
इस मामले में उनकी भूमिका की पुष्टि होने पर पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया.
साहिल की मौसी का बेटा नवीन दिल्ली पुलिस में सिपाही है. 
इन सभी को अपराधिक साजिश़ , सबूत नष्ट करने, अपराधी को शरण देने और अपराध की सूचना पुलिस को न देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
बस में दोस्ती-
जनवरी 2018 में साहिल गहलोत और झज्जर, हरियाणा निवासी निक्की यादव परीक्षा की तैयारी के लिए उत्तम नगर के कोचिंग सेंटरों में एक ही बस में जाते थे. तभी उनकी दोस्ती हो गई. फरवरी 2018 में साहिल ने ग्रेटर नोएडा के कॉलेज में डी फार्मा में दाखिला ले लिया. निक्की ने भी उसी कॉलेज में बीए में दाखिला ले लिया. दोनों वहां किराए के मकान में साथ रहने लगे.
एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए और कई जगहों जैसे मनाली, ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून आदि घूमने भी गए.
कोविड लॉकडाउन के दौरान वे अपने घर लौट आए और लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिर से द्वारका इलाके में किराए के मकान में एक साथ रहने लगे. 
साहिल का परिवार उस पर किसी और लड़की से शादी करने का दबाव बना रहा था और आखिरकार दिसंबर 2022 में साहिल की सगाई और दूसरी लड़की के साथ शादी क्रमशः 9 फरवरी 2023 और 10 फरवरी 2023 तय की गई.
साहिल ने निक्की को अपनी सगाई या शादी की योजना के बारे में नहीं बताया.लेकिन किसी तरह निक्की को इस बात का पता चल गया. 









Thursday 16 February 2023

पासपोर्ट: पुलिस वैरीफिकेशन 5 दिन में, आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट में होगा परिवर्तन. सिविल लाइन थाना सर्वश्रेष्ठ

              गृह मंत्री अमित शाह
डीसीपी सागर सिंह कलसी, एसएचओ अजय कुमार शर्मा
           एसएचओ अजय कुमार शर्मा




पासपोर्ट वैरीफिकेशन 5 दिन में हो जाएगी


इंद्र वशिष्ठ

दिल्ली पुलिस ने पासपोर्ट के लिए सत्यापन  पांच दिन में करने की सुविधा शुरू की है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने आज न्यू पुलिस लाइन में आयोजित दिल्ली पुलिस के 76 वें स्थापना दिवस समारोह में यह घोषणा की है.
गृह मंत्री ने कहा कि अब पासपोर्ट के पुलिस सत्यापन के लिए 15 दिन की राह नहीं देखनी पड़ेगी, अब मोबाइल टैबलेट द्वारा सत्यापन किया जाएगा और 5 दिन में ही ऑनलाइन सत्यापन मिल जाएगा.
दिल्ली पुलिस को रोजाना पासपोर्ट सत्यापन के लगभग दो हज़ार आवेदन मिलते हैं. अब नई व्यवस्था/ सुविधा से लोगों की दिक्कतें कम हो जाएगी.
फोरेंसिक वाहन-
इस अवसर पर 5 मोबाइल फोरेंसिक वाहनों को दिल्ली पुलिस में शामिल किया गया. 
गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस देश का पहला ऐसा बल बनेगा, जो 6 साल या उससे ज़्यादा सज़ा वाले अपराध के मामले में फोरेंसिक टीम घटना स्थल पर जाकर जांच के लिए साक्ष्य जुटाती हैं.
मोबाइल फोरेंसिक वाहनों को 14 अलग-अलग फोरेंसिक किटों से युक्त किया गया है. इससे पुलिस की दोष सिद्ध दर यानी सजा कराने की दर में वृद्धि होगी.
आने वाले दिनों में फोरेंसिक जांच न्याय प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखने वाला है. 
इसके लिए नौ राज्यों में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है. अगले दो साल में देश के हर राज्य में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी शुरू हो जाएगी.
तीनों कानूनों में परिवर्तन-
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट में आमूल चूल परिवर्तन करने जा रही है. यह परिवर्तन आज के समय, हमारे संविधान के अनुकूल और आतंरिक सुरक्षा मजबूत करने के अनुकूल किए जाएंगे. 
जी-20 की चुनौती-
गृह मंत्री ने कहा कि यह वर्ष दिल्ली पुलिस के लिए जी-20 सम्मेलन  के कारण महत्वपूर्ण  है.अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएंगे.
जी-20 की सुरक्षा, व्यवस्था और ट्रैफिक के लिए दिल्ली पुलिस को सजग रहना पडे़गा.
गृह मंत्री ने कहा कि इस चुनौती में भी दिल्ली पुलिस देश को यश दिलाएगी.
गिरोहों पर नकेल-
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली, राजस्थान, पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी के तत्वाधान में अंतरराज्यीय गिरोहों पर नकेल कसने का काम शुरू किया था. उसमें बहुत बड़ी सफलता मिली है. इसमें दिल्ली पुलिस का भी बहुत बड़ा योगदान है.
श्रद्धांजलि-
गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 75 सालों में कर्तव्य का पालन करते हुए शहीद हुए दिल्ली पुलिस के कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की.
सर्वश्रेष्ठ थाना-
इस अवसर पर दिल्ली पुलिस के सिविल लाइन थाने को सर्वश्रेष्ठ थाने के पुरस्कार से सम्मनित किया गया.
उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी के नेतृत्व वाले सिविल लाइन थाने के एसएचओ अजय कुमार शर्मा को गृह मंत्री ने ट्राफी और प्रशस्ति पत्र  देकर  सम्मानित किया .

गृह मंत्री ने राष्ट्रपति के वीरता, सराहनीय और विशिष्ट सेवा पदक विजेता अफसरों को पदक लगा कर सम्मानित किया.

 दिल्ली पुलिस के 76 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज न्यू पुलिस लाइन में शानदार पुलिस परेड़ का आयोजन किया गया.



गृह मंत्री अमित शाह का पूरा भाषण

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह आज नई दिल्ली में दिल्ली पुलिस के 76वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने पासपोर्ट सत्यापन की पूर्णतया ऑनलाइन सुविधा का लोकार्पण किया और दिल्ली पुलिस में शामिल किये गए मोबाइल फॉरेंसिक वाहन भी जनता को समर्पित किये। इसके साथ ही गृह मंत्री ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के दिल्ली कैंपस के शैक्षणिक संकुल का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह सचिव और दिल्ली पुलिस आयुक्त सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज़ादी से लेकर आज तक, दिल्ली पुलिस अपने गौरवमयी इतिहास और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था से पूरे देश और दुनिया की प्रशंसा की पात्र बनी रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कई देशों के दूतावास हैं, अतिमहत्वपूर्ण व्यक्तियों के आवास हैं, इसीलिए दिल्ली पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की पूरी दुनिया प्रशंसा करती है।
 अमित शाह ने कहा कि पुलिस और उसके कार्य में आज़ादी के तुरंत बाद बदलाव आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले पुलिस के काम में सेवा का सूत्र शामिल नहीं था और पुलिस का काम आंतरिक सुरक्षा को बरकरार रखना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना और मुख्य रूप से अंग्रेज़ी शासन के हितों की रक्षा करना था। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद दिल्ली पुलिस शांति, सेवा और न्याय के सूत्रों के साथ आगे बढ़ी और इस उद्देश्य परिवर्तन के साथ ही इस 75 साल की यात्रा में दिल्ली पुलिस ने अपने कार्यों, गतिविधियों और विचारों में काफी परिवर्तन किए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में देश और दुनिया बड़ी कोरोना महामारी से गुज़रे हैं, और, उस वक्त दिल्ली पुलिस का मानवीय चेहरा सबके सामने आया जिसने देश-दुनिया में इसकी छवि को बदलने का काम किया। दिल्ली पुलिस के जवानों ने कोरोनाकाल में दिल्ली के वृद्ध और बीमार व्यक्तियों की चिंता की और सदैव उनके परिवारजन बनकर उनके साथ रही और उनकी रक्षा की। दिल्ली पुलिस के कई जवान खुद भी कोरोनाग्रस्त हुए और कई जवानों ने अपनी जान भी गंवाई लेकिन दिल्ली पुलिस कोरोना संकट खत्म होने तक अपनी ड्यूटी के शांति, सेवा और न्याय के सूत्र को चरितार्थ करने का काम करती रही।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां मोबाइल टेबलेट द्वारा पासपोर्ट सत्यापन सुविधा की भी शुरूआत हुई है जिससे अब 15 की जगह 5 दिन में ही पासपोर्ट एप्लीकेशन का पुलिस सत्यापन ऑनलाइन मिल जाएगा। पासपोर्ट के लिए रोज़ाना औसतन 2 हज़ार आवेदन प्राप्त होते हैं और अब उनकी ऑनलाइन प्रोसेसिंग होने से जनता की दिक्कतें भी कम हो जाएंगी।
 अमित शाह ने कहा कि आज दिल्ली पुलिस में मोबाइल फॉरेंसिक वैन भी शामिल हुई हैं। दिल्ली पुलिस में शामिल हुई इन आधुनिक उपकरणों वाली मोबाइल फॉरेंसिक वैन से फॉरेंसिक एविडेंस के आधार पर न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी। आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस देश का पहला ऐसा पुलिसबल बन जाएगा जो 6 साल और इससे अधिक सज़ा वाले हर अपराध में फॉरेंसिक टीम की विज़िट के साथ मामले की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश के न्यायतंत्र को फॉरेंसिक साइंस के एवीडेंस का आधार देकर मज़बूत करने की बहुत ज़रूरत है। श्री शाह ने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं और अलग-अलग प्रकार की 14 फॉरेंसिक किट से युक्त ये वाहन जब क्राइम सीन विज़िट करेगा तब सज़ा कराने के लिए दोष सिद्धि दर में बहुत वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि NFSU के दिल्ली परिसर में शैक्षणिक सुविधाओं के लिए 34 करोड़ रूपए की लागत वाली एक आधुनिक बिल्डिंग का भी आज लोकार्पण हुआ है। उन्होंने कहा कि 5000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली ये बिल्डिंग छात्रों की सहायता करेगी और उन्हें पढ़ाई और रिसर्च करने के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान करेगी। इस बिल्डिंग में 90 आधुनिक छात्रावास के कमरे भी उपलब्ध हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार आने वाले दिनों में IPC, CrPC और Evidence Act में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को समय और संविधान की भावना के अनुकूल बनाने के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए फॉरेंसिक और अन्य साक्ष्यों की उपलब्धता के साथ और मज़बूत बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए देशभर में फॉरेंसिक साइंस के नेटवर्क को फैलाना होगा। श्री शाह ने कहा कि इनमें से एक सुधार का दिल्ली पुलिस ने ट्रायल भी शुरू कर दिया है कि 6 साल और इससे ज़्यादा सज़ा वाले हर अपराध में फॉरेंसिक साइंस टीम विज़िट को अनिवार्य किया  जा रहा है। इसके लिए ट्रेंड मैनपावर और फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में एक्सपर्ट्स युवा चाहिए, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के 9 राज्यों में NFSU के कैंपस की स्थापना की जा चुकी है और अगले दो वर्षों में देश के सभी राज्यों में NFSU के कैंपस खोले जायेंगे। श्री शाह ने कहा कि इससे इन प्रस्तावित कानूनी परिवर्तनों को ट्रेंड मैनपावर का आधार मिल जाएगा।
 अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस के लिए 2023 का वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है, इस वर्ष होने वाले G-20 सम्मेलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था में भी दिल्ली पुलिस देश को यश दिलाएगी। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर 20 क्षेत्रों में सुधार की प्रक्रिया की शुरु की गयी थी जिनमें से सोलह क्षेत्रों में बहुत अच्छी प्रगति हुई है। इससे आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस के कार्यों में बहुत बड़े सुधार होंगे जो दिल्ली की समग्र जनता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण और लाभदायक होंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 से लेकर 2023 तक देश की कानून-व्यवस्था की परिस्थिति और आंतरिक सुरक्षा के मोर्चों पर आमूलचूल परिवर्तन आए हैं। कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद हमारी सुरक्षा एजेंसियों का आतंकवाद पर संपूर्ण वर्चस्व दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ताजा आंकड़ों के अनुसार आतंकी घटनाओं में बहुत बड़ी गिरावट आई है। कश्मीर में करोड़ों लोग पर्यटन के लिए आ रहे हैं। पहले आए दिन होने वाली पथराव, जुलूस और बंद की घटनाओं की जगह आज पूरा कश्मीर इनसे मुक्त होकर लाखों सैलानियों की आवभगत में जुटा है। श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से हमारे देश के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ था, लेकिन अब इसमें बहुत कमी आई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से होने वाली हिंसा के सबसे कम आंकड़े साल 2022 में देखे गये हैं और वामपंथी उग्रवाद सिमटकर अब सिर्फ 46 पुलिस थानों तक रह गया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। श्री शाह ने कहा कि हमारे सुरक्षा बल चुस्त- दुरुस्त होकर विश्वास के साथ वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों में वैक्यूम के एरिया में शौर्य,साहस का परिचय देते हुए आगे बढ़ रहे हैं जिसके परिणामस्वरुप वामपंथी उग्रवाद सिमटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने झारखंड और बिहार के बॉर्डर पर बूढा पहाड़ सहित कई क्षेत्रों को वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त कराने का काम किया है। श्री शाह ने इसके लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी सुरक्षा बलों को बधाई दी।
 अमित शाह ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट में भी पहले उग्रवाद फैलाने वाले अनेक ग्रुप कार्यरत थे लेकिन आज वहां शांति प्रस्थापित हुई है और 60 प्रतिशत उत्तर-पूर्व से आज AFSPA हटा लिया गया है। श्री शाह ने कहा कि आज नॉर्थ-ईस्ट में 8000 से ज्यादा युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। सरकार ने यहां कई उग्रवादी संगठनों के साथ समझौते कर उन्हें स्पिरिट के साथ लागू किया जिससे यहां सरकार और गृह मंत्रालय की विश्वसनीयता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने राज्यों के बीच में सीमा विवाद हल करने के लिए भी इनिशिएटिव लिए हैं और कई राज्यों के बीच ऐसे सीमा विवाद समाप्त कर शांति स्थापित है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली, पंजाब, राजस्थान पुलिस और NIA ने  मिलकर उत्तर भारत में अंतरराज्यीय गैंग्स पर नकेल कसना शुरू किया जिसमें इन्हें बहुत बड़ी सफलता मिली, इसमें दिल्ली पुलिस का भी बहुत बड़ा रोल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा चलाए गये नशा मुक्त भारत अभियान को मजबूत करने के लिए भी दिल्ली पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी विशेषकर दिल्ली की युवा पीढ़ी को नशे से मुक्त कराना हम सबकी साझी जिम्मेदारी है, इसमें दिल्ली पुलिस को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने नशे की तरफ जा चुके लोगों के प्रति सहानुभूति रखकर उन्हें मुख्यधारा में वापिस लाकर समाज में पुनः प्रस्थापित करना और नशे का कारोबार करने वालों को कठोरतम दंड देकर जेल की सलाखों के पीछे डालने का काम बहुत अच्छे तरीके से किया है।
 अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पुलिस और सभी सीएपीएफ(CAPF) के लिए हाउसिंग सेटिस्फैक्शन रेश्यो बढ़ाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार वर्ष 2024 से पहले  देश की पुलिस, सभी सीएपीएफ और दिल्ली पुलिस के हाउसिंग सेटिस्फैक्शन रेश्यो को 60 प्रतिशत से ऊपर ले जाएगी। श्री शाह ने कामना की कि दिल्ली पुलिस के सभी जवान अपने ध्येय वाक्य शांति, सेवा और न्याय के पथ पर आगे बढ़ते हुए देश की राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति को शानदार तरीके से संभालते रहेंगे।

 




Friday 10 February 2023

अपराध के 50 % मामले भी नहीं सुलझा पाती पुलिस, साढ़े चार लाख मामलों को सुलझाने में दिल्ली पुलिस नाकाम





अपराध के पचास फीसदी से ज्यादा मामले अनसुलझे, 
साढ़े चार लाख मामलों को सुलझाने में पुलिस नाकाम





इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2022 में अपराध के तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. लेकिन अपराध के पचास फीसदी से 
ज्यादा मामलों को पुलिस सुलझा ही नही पाई है. 
पिछले तीन साल के आंकड़ों से पता चलता है कि अपराध के साढ़े चार लाख से ज्यादा मामलों को सुलझाने में पुलिस नाकाम रही है. पुलिस की अपराध को सुलझाने की दर पचास फीसदी से भी कम  है.
इससे पता चलता है कि लोगों को अपना शिकार बनाने वाले लाखों अपराधी खुले घूम रहे हैं.
राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने  एमडीएमके के सांसद वाइको और आम आदमी पार्टी के सांसद नारायण दास गुप्ता द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में अपराध के यह आंकड़े दिए हैं.
अपराध सुलझाने की दर कम-
दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2022 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अपराध के कुल 301882 मामले दर्ज किए हैं. पुलिस सिर्फ 137584 मामले ही सुलझा पाई है.पुलिस ने 127552 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
वर्ष 2021 में आईपीसी के तहत अपराध के कुल 293303 मामले दर्ज किए गए. पुलिस सिर्फ 136609 मामले ही  सुलझा पाई है. पुलिस ने 134486 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
वर्ष 2020 में आईपीसी के तहत अपराध के कुल 250324 मामले दर्ज किए गए. पुलिस सिर्फ 114431 मामले ही सुलझा पाई. पुलिस द्वारा 114668 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
साढे़ चार लाख मामले अनसुलझे-
 इस तरह वर्ष 2020, 2021और 2022 में आईपीसी के तहत अपराध के कुल 845509 मामले दर्ज किए गए. पुलिस इस अवधि में कुल 388624 मामलों को ही सुलझा पाई है. कुल 376706 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
काबलियत पर सवालिया निशान-
इन आंकड़ों से पता चलता है कि दर्ज किए गए अपराध के आधे से ज्यादा मामलों में पुलिस अपराधियों का पता लगाने/ पकड़ने में नाकाम रही है.
इससे पुलिस की कार्य प्रणाली और तफ्तीश करने की पेशेवर काबलियत पर सवालिया निशान लग जाता है.
अन्य अधिनियम-
साल 2020, 2021और 2022 में यूएपीए, शराब, जुए, आर्म्स एक्ट आदि जैसे विभिन्न अधिनियमों के तहत क्रमशः15746,13086 और 18392 मामले दर्ज किए गए. कुल 65161 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
महिलाओं के खिलाफ अपराध-
वर्ष 2022 में बलात्कार के 2084 मामले दर्ज किए गए हैं. वर्ष 2021 में बलात्कार के 2076 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2018, 2019 और 2020 में बलात्कार के क्रमशः 2135, 2168 और 1699 मामले दर्ज किए गए थे . 
महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला करने के अपराध (धारा 354) के वर्ष 2022 में 2509 मामले दर्ज किए गए हैं. वर्ष 2021 में  2551 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2018, 2019 और 2020 में  क्रमशः 3314 , 2921 और 2186 मामले दर्ज किए गए थे. 
महिला के शील का अपमान करने के अपराध (धारा 509) के वर्ष 2022 में 403 मामले दर्ज किए गए हैं. वर्ष 2021 में  440 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2018, 2019 और 2020 में  क्रमशः 599 , 495 और 434 मामले दर्ज किए गए थे. 
झपटमारों का आतंक-
दिल्ली के लोग झपटमारों/चेन स्नैचरों से बुरी तरह आतंकित और त्रस्त हैं लेकिन पुलिस ने आंकड़ों की बाजीगरी से एक बार फिर साबित कर दिया है कि झपटमारी के अपराध वर्ष 2022 में भी कम हुए हैं. पुलिस ने साल 2022 में जंजीर झपटमारी के सिर्फ 996 मामले दर्ज किए हैं. साल 2021 में 1133 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2018, 2019 और 2020 में  क्रमशः 1822 , 1604 और 1184 मामले दर्ज किए गए थे. 
डकैती-
 वर्ष 2022 में डकैती के मामले भी कम दर्ज हुए हैं. पुलिस ने साल 2022 में डकैती के 1808 मामले दर्ज किए हैं. साल 2021 में डकैती के 2333 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2018, 2019 और 2020 में डकैती के  क्रमशः 2444 , 1956 और 1963 मामले दर्ज किए गए थे. 
चोरी- 
वर्ष 2022 में भी चोरी के मामलों में वृद्धि हुई हैं. पुलिस ने साल 2022 में चोरी के 198263 मामले दर्ज किए हैं. साल 2021 में  190598 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2018, 2019 और 2020 में चोरी के  क्रमशः 188756 , 239719 और 169474 मामले दर्ज किए गए थे. चोरों से लोग सबसे ज्यादा त्रस्त हैं, लेकिन पुलिस चोरों को पकड़ने के लिए ईमानदारी/ गंभीरता से कोशिश ही नहीं करती.
आंकड़ों की बाजीगरी की परंपरा -
सच्चाई यह है कि अपराध दिनों दिन बढ़ रहें हैं. पुलिस के आंकड़े हमेशा हकीकत से कोसों दूर होते हैं। आंकड़ों की बाजीगरी से अपराध को कम दिखाने के लिए मामलों को दर्ज न करना या हल्की धारा में दर्ज करने की परंपरा जारी है। ऐसा करके पुलिस एक तरह से अपराधियों की मदद करने का गुनाह ही करती है. 
अपराध और अपराधियो पर अंकुश लगाने का सिर्फ और सिर्फ एकमात्र रास्ता यह है कि पुलिस अपराध के मामलों को सही धारा में दर्ज करें। 
पुलिस के इन आंकड़ों से भी अपराध सुलझाने और अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की नाकामी उजागर होती हैं। 
आईपीएस जिम्मेदार-
अपराध के मामले सही दर्ज न करना और अपराधियों को पकड़ने में नाकामी के लिए आईपीएस अफसर ही पूरी तरह जिम्मेदार है।
आंकड़ों की बाजीगरी से अपराध कम दिखा कर ही पुलिस कमिश्नर, डीसीपी,एसएचओ  खुद को सफल अफसर दिखाना चाहते हैं।
आंकड़ों से अपराध कम दिखाना गृहमंत्री से लेकर पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और एसएचओ तक सब के लिए अनुकूल रहता है।
 जबकि सच्चाई यह है कि अपराध सही दर्ज होगा, तभी अपराध की सही तस्वीर सामने आएगी और तभी अपराध और अपराधियों से निपटने की कोई भी योजना कामयाब हो सकती हैं। 
पुलिस अपराध को सुलझाने और अपराधियों को पकड़ने के लिए पूरी ईमानदारी से कोशिश कर अपनी पेशेवर काबिलियत का परिचय दें। आसानी से सुलझने वाले अपराध को सुलझा कर अपनी पीठ थपथपाने की बजाए उन अपराध को भी सुलझाए, जिनमें वाकई पुलिस की तफ्तीश की काबिलियत का पता चलता है।
जितना दिमाग और मेहनत पुलिस अपराध कम दिखाने में लगाती है अगर उसकी बजाए ईमानदारी से सही धारा में एफआईआर ही दर्ज करने लगे तो अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण लग सकता हैं.
लुटे पिटे लोगों को धोखा देते.अफसर-
दिल्ली में लुटे पिटे लोगों को पुलिस अफसरों द्वारा भी धोखा दिया जाता है. 
अपराध का शिकार व्यक्ति पुलिस पर भरोसा करके एफआईआर दर्ज कराने थाने जाता हैं. 
लेकिन अपराध का मामला आईपीसी की सही धारा में दर्ज न करके एसएचओ/डीसीपी लुटे पिटे व्यक्ति को धोखा देने और उसका भरोसा तोड़ने जैसा अक्षम्य अपराध करते है. ऐसा करके अफसर एक तरह से जानबूझकर अपराधी की मदद करने का अपराध करते हैं.
जागो लोगों जागो- 
लोगों को भी जागरुक होना चाहिए लूट, झपटमारी और मोबाइल/ पर्स चोरी के मामले में सही धारा में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस के सामने अड़ना चाहिए। 
पुलिस ऐसे मामलों में लोगों को थाने, कोर्ट के चक्कर काटने और अपराधी को पहचानने के ख़तरे बताने के नाम पर डरा देती हैं। ऐसा पुलिस सिर्फ इसलिए करती है ताकि उसे एफआईआर दर्ज ना करनी पड़े। क्योंकि अगर एफआईआर दर्ज की तो अपराध में वृद्धि उजागर होगी और पुलिस पर अपराध सुलझाने का दबाव बनेगा। 
लूट, झपटमारी, चोरी के ज्यादातर मामलों में शिकायतकर्ता से यह भी कह दिया जाता है कि वह खुद ऑन लाइन मोबाइल/पर्स की खो जाने या चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर दे.

(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)