Tuesday 29 November 2022

आतंकियों बदमाशों तस्करों के गठजोड़ के खिलाफ एनआईए की छापेमारी का तीसरा दौर.दिल्ली सहित कई राज्यों में बदमाशों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर तलाशी.

आतंकियों बदमाशों तस्करों के गठजोड़ के खिलाफ एनआईए की छापेमारी 


इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए) ने आतंकियों बदमाशों और ड्रग्स/ हथियार तस्करों के गठजोड़ को नेस्तनाबूद करने के लिए आज (29 नवंबर) पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में 13 से अधिक स्थानों पर  छापेमारी की .
छापेमारी का तीसरा दौर-
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि
पंजाब के जिले फाजिल्का,तरनतारन,लुधियाना, संगरूर, मोहाली, हरियाणा के यमुनानगर जिले, राजस्थान के सीकर जिले और दिल्ली/एनसीआर के बाहरी उत्तरी जिले में छापेमारी की गई.
भारत और विदेश में आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशीली दवाओं के तस्करों  के बीच उभरती सांठगांठ को तोड़ने और खत्म करने के मकसद से एनआईए ने अगस्त, 2022 में 2 मामले दर्ज किए थे.
एनआईए का छापे और तलाशी का यह तीसरा दौर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में संगठित आपराधियों के सिंडिकेट और नेटवर्क, गैंगस्टरों के आपराधिक और व्यापारिक सहयोगियों, राजस्थान और दिल्ली में स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का हिस्सा है।
सितंबर और अक्टूबर में भी एनआईए ने पांच राज्यों में सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.
गोला-बारूद बरामद- 
गुरुग्राम के कौशल चौधरी, प्रहलाद पुर दिल्ली के विशाल मान, संगरूर पंजाब के बिन्नी गुर्जर, लुधियाना पंजाब के रवि राजगढ़ और उनके सहयोगियों के घरों/परिसरों पर तलाशी ली गई।
तलाशी के दौरान, गोला-बारूद के साथ-साथ आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है।
इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने के लिए जांच जारी रहेगी। 
तस्करी से धन जुटा रहे-
एनआईए को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये गिरोह लक्षित हत्याओं (टारगेट किलिंग) को अंजाम दे रहे थे.ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन भी जुटा रहे थे।
लोगों में डर पैदा किया-
आपराधियों के सिंडिकेट और गैंगस्टरों द्वारा हाल ही में किए गए सनसनीखेज अपराधों और व्यवसायियों, डॉक्टरों सहित पेशेवरों आदि को जबरन वसूली के लिए किए फोन कॉल ने लोगों के बीच व्यापक डर पैदा कर दिया था।
डराने के लिए अपराध का प्रचार-
 ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया (साइबर-स्पेस) का उपयोग कर रहे थे।
विदेशों से गिरोह चला रहे-
जांच से यह भी पता चला है कि इस तरह की आपराधिक वारदात स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थों के तस्करों और नेटवर्क के बीच गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से संचालित हो रहे थे।
कई गिरोह के सरगना और सदस्य भारत से भाग गए थे और वह पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों से गिरोह चला रहे हैं।
जेल से साज़िश-
इनमें से अधिकांश साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थी और उन्हें गिरोह के गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया जा रहा था।
लॉरेंस विश्नोई रिमांड पर -
आतंकियों बदमाशों और ड्रग्स/ हथियार तस्करों के गठजोड़ का सरगना लॉरेंस विश्नोई इस समय एनआईए की हिरासत में है.
सिद्धू मुसेवाला की हत्या के आरोपी लॉरेंस बिश्नोई को एनआईए ने अपने केस में 24 नवंबर को बठिंडा जेल से गिरफ्तार किया था.
एनआईए ने अगस्त 2022 में नीरज बवाना, लॉरेंस बिश्नोई समेत अनेक कुख्यात गिरोहों के सरगनाओं पर गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) की धारा में मामले दर्ज किए थे। 

Friday 25 November 2022

आस्ट्रेलिया में महिला की हत्या करने वाले अभियुक्त को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया. अभियुक्त पर दस लाख डालर का इनाम घोषित था.

आस्ट्रेलिया में महिला की हत्या करने वाले अभियुक्त को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया

आरोपी पर दस लाख डालर का इनाम था.


इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आस्ट्रेलिया में महिला की हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. अभियुक्त पर दस लाख आस्ट्रेलियाई डालर (लगभग 5.5 करोड़ रुपए) का इनाम घोषित किया गया था.
संयुक्त अभियान-
दिल्ली पुलिस के अनुसार सीबीआई,इंटरपोल और दिल्ली पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत राजविंदर सिंह को दिल्ली के जीटी करनाल रोड से गिरफ्तार किया गया है.
आस्ट्रेलिया के क्वींस लैंड में 21 अक्टूबर 2018 को हुई आस्ट्रेलियाई महिला तोया कार्डिग्ले (24)  की हत्या के आरोप में राजविंदर सिंह की तलाश थी. तोया का शव समुद्र तट पर मिला था. तोया समुद्र किनारे अपने कुत्ते को टहला रही थी, तभी उसकी हत्या कर दी गई. 
राजविंदर सिंह परिवार के साथ क्वींसलैंड में रहता था. हत्या के दो दिन बाद ही राजविंदर सिंह  पत्नी और बच्चों को छोड़कर कर आस्ट्रेलिया से भाग गया था.
इनाम घोषित-
आस्ट्रेलिया पुलिस ने 4 नवंबर 2022 को भारतीय मूल के आस्ट्रेलियाई नागरिक राजविंदर सिंह पर दस लाख आस्ट्रेलियाई डालर (1मिलियन) का इनाम घोषित किया.
राजविंदर सिंह मूल रुप से पंजाब के बुट्टर कलां का निवासी है.
रेड नोटिस जारी-
इंटरपोल ने राजविंदर सिंह की गिरफ्तारी के लिए रेड कार्नर नोटिस जारी किया था.
गैर जमानती वारंट-
सीबीआई ने 21नवंबर को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत से राजविंदर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया.
25 नवंबर को सुबह सीबीआई, इंटरपोल और आस्ट्रेलिया द्वारा दी गई सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने जीटी करनाल रोड पर राजविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी पर सवालिया निशान ? 
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आस्ट्रेलिया में महिला की हत्या के आरोपी राजविंदर सिंह को पंजाब के गुरदासपुर से गिरफ्तार किया या दिल्ली के जीटी करनाल रोड से गिरफ्तार किया? 
यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दोपहर में एक ट्वीट कर बताया कि राजविंदर सिंह को पंजाब के गुरुदासपुर से गिरफ्तार किया गया है. बाद में इस ट्वीट को हटा दिया गया.
इसके बाद शाम को दूसरा ट्वीट कर बताया कि राजविंदर सिंह को जीटी करनाल रोड से गिरफ्तार किया गया है.
सच्चाई यह है कि कई बार कानूनी दांवपेंच/ दिक्कत से बचने के लिए भी पुलिस किसी दूसरे राज्य से पकड़े गए आरोपी की गिरफ्तारी अपने राज्य में दिखाती है.




आतंकियों,बदमाशों,तस्करों के महागिरोह का सरदार लॉरेंस विश्नोई NIA के शिकंजे में, कायर बदमाशों की हड्डियों में पानी भरा है, जान बचाने के लिए लिया हथकड़ी-बेडियों का सहारा


आतंकियों,बदमाशों,तस्करों का 
सरदार लॉरेंस विश्नोई : एनआईए



इंद्र वशिष्ठ
आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के सिंडिकेट द्वारा जनता के बीच आतंक पैदा करने की साजिश से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सिंडिकेट के सरदार कुख्यात बदमाश लॉरेंस विश्नोई को गिरफ्तार किया है.
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि लॉरेंस विश्नोई पुत्र लविंदर कुमार विश्नोई (निवासी वीपीओ- दुतारण वाली, अबोहर तहसील, फाजिल्का जिला, पंजाब) को 24-11-2022 को बठिंडा जेल से एफआईआर नंबर आरसी-39/2022/एनआईए/डीएलआई में गिरफ्तार किया गया है.
आतंकवाद के लिए भर्ती-
एनआईए के अनुसार यह मामला भारत और विदेशों में स्थित आपराधिक सिंडिकेट/गिरोहों के सदस्यों द्वारा धन जुटाने, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती करने के लिए रची गई साजिश से संबंधित है. जिसमें देश के लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से प्रमुख लोगों की हत्याओं सहित जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जाता है। 
इस सिलसिले में शुरू में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा (एफआईआर नंबर 238/04.08.2022)  मामला दर्ज किया गया था. 26.08.2022 को एनआईए द्वारा फिर से मामला दर्ज किया गया.
डर,आतंक पैदा किया -
एनआईए को जांच में पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व में एक आतंकवादी, गैंगस्टर और ड्रग तस्कर सिंडिकेट कई लक्षित हत्याओं (टारगेट किलिंग) और व्यवसायियों सहित डॉक्टरों आदि पेशेवरों से जबरन वसूली में शामिल था.
इस सिंडिकेट ने  बड़े पैमाने पर जनता के बीच डर और आतंक पैदा कर दिया था.
इस तरह की सभी आपराधिक गतिविधियां स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि देश के भीतर और बाहर दोनों जगह सक्रिय आतंकवादियों, गैंगस्टरों, मादक पदार्थों के तस्करों की गहरी साजिश का हिस्सा थी. 
जेल से चला रहा गिरोह-
एनआईए ने जांच में यह पाया कि अधिकांश साजिशें लॉरेंस बिश्नोई द्वारा जेल के अंदर से रची गई थीं और उन्हें भारत और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया गया था.
गिरफ्तार विश्नोई एक दशक से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में लक्षित और सनसनीखेज हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई मामलों में शामिल और वांटेड है.
आतंकवाद के लिए धन -
जांच में यह भी पता चला है कि लॉरेंस अपने भाइयों सचिन और अनमोल बिश्नोई और सहयोगियों गोल्डी बरार, काला जठेड़ी, काला राणा, बिक्रम बरार और संपत नेहरा सहित आतंकवादी / आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ड्रग्स और हथियारों की की तस्करी और जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटा रहे थे.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल-
लॉरेंस विश्नोई पर पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी आरोप है.
इस साल जून में पंजाब पुलिस गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पूछताछ के लिए विश्नोई को दिल्ली से पंजाब ले गई थी. 
यूएपीए लगाया -
एनआईए ने अगस्त 2022 में नीरज बवाना, लॉरेंस बिश्नोई समेत अनेक कुख्यात गिरोहों के सरगनाओं पर गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) की धारा में मामले दर्ज किए थे। 
एनआईए ने 12 सितंबर को कनाडा में मौजूद बदमाश गोल्डी बरार के भारत स्थित ठिकानों, लारेंस विश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा, संदीप उर्फ काला जठेड़ी, विक्रम बरार, गौरव पटियाल उर्फ लक्की ( गौरव पहले आर्मेनिया में पकड़ा गया था), नीरज बवाना, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, अमित डागर, दीपक कुमार उर्फ टीनू, संदीप उर्फ बंदर, उमेश उर्फ काला, इरफान उर्फ चीनू पहलवान, आसिम उर्फ हाशिम बाबा, सचिन भांजा और इनके साथियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
एनआईए ने तब पांच राज्यों में इन बदमाशों के पचास से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। 
नीरज बवाना के घर से  मिले अवैध हथियार के मामले में उसके पिता को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इसी अभियान के तहत एनआईए ने 18 अक्टूबर को दूसरी बार भी पांच राज्यों में बदमाशों के 52 ठिकानों पर छापेमारी की थी
इस अभियान के तहत कुख्यात बदमाशों, उनके आपराधिक/ बिजनेस सहयोगियों, शराब माफिया और हथियार सप्लायर के ठिकानों पर यह छापेमारी की गई।
वकील गिरफ्तार-
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर पूर्वी  दिल्ली में उस्मान पुर के गौतम विहार निवासी वकील आसिफ खान को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। 
आसिफ खान के परिसर की तलाशी में चार पिस्तौल आदि हथियार बरामद हुए है। पिस्तौल गुप्त स्थान पर छिपाई गई थी।
एनआईए के अनुसार वकील आसिफ खान जेल में बंद और बाहर मौजूद दिल्ली और हरियाणा के अपराधियों के संपर्क में था।
वकील आसिफ अपराधियों की गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था।
शराब माफिया-
एनआईए ने अवैध शराब माफिया राजेश उर्फ राजू मोटा निवासी बसोडी, सोनीपत हरियाणा को भी गिरफ्तार किया है। सोनीपत और आसपास के इलाके में सक्रिय शराब माफिया राजेश कुख्यात बदमाश संदीप उर्फ काला जठेड़ी का साथी है। अपराध से कमाई मोटी रकम अवैध शराब के धंधे में लगाई गई है।
नेस्तनाबूद करने का अभियान-
एनआईए का मकसद भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, बदमाशों और ड्रग / हथियार तस्करों के  गठजोड़ को खत्म करना है।
आईएसआई  और खालिस्तानियों से संबंध-
पुलिस को  जांच के दौरान खासतौर पर पंजाब के बदमाशों का आईएसआई और खालिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध की बात सामने आई थी इसके बाद एनआईए ने   आतंकियों, बदमाशों, तस्करों के गठजोड़ को खत्म करने का अभियान शुरू किया है। 
पुलिस की सांठगांठ -
ताकत के अहंकार में बंदूक के दम पर जीने वाले बदमाशों को एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि वह इस भ्रम में न रहे कि वह अपने दम पर अपराध जगत में हैं। 
सच्चाई यह है कि कुछ बेईमान पुलिस वालों और जेल अफसरों की सांठगांठ के दम पर ही वह अपराध जगत मेंं है।
वरना पुलिस जिस दिन ठान लेती है तो बड़े से बड़ा गुंंडा भी कुत्ते की मौत मारा जाता है। 
भ्रष्ट अफसरों की गिरफ्तारी जरुरी-
एनआईए को बदमाशों से सांठगांठ करने वाले पुलिस और जेल के भ्रष्ट अफसरों को भी यूएपीए/मकोका के तहत गिरफ्तार करना चाहिए. सच्चाई यह है कि पुलिस वालों की मिलीभगत के बिना कोई भी बदमाश इतना बड़ा माफिया बन ही नहीं सकता.
जेल के भ्रष्ट अफसरों की सांठगांठ से ही ये बदमाश जेल के अंदर से ही मोबाइल फोन के माध्यम से अपराध जगत में सक्रिय रहते हैं. 
बदमाश की कुत्ते जैसी मौत- 
 पैसे के लिए अपराध कर रहे बदमाशों को भी एक बात समझ लेनी चाहिए कि आज जो साथी तुम्हारे लिए जान देने और जान लेने की बात करते हैं। तुम्हारी मौत के बाद बदला लेने की बात तो दूर शायद अर्थी को कंधा देने तक भी नहीं आएंगे। इस पत्रकार ने देखा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिन बड़े बड़े कुख्यात गुंडों का अपराध जगत में वर्चस्व था जिनकी कई राज्यों में तूती बोलती थी। जिनके आगे नेता भी नतमस्तक रहते थे। जब वह पुलिस के हाथों कुत्ते की मौत मारे गए, तो उनमें से कई के तो परिजन भी उनके शव लेने को तैयार नहीं होते थे।
 भिखारी से भी गए बीते गुंडे-
पैसे के लिए अपराध करने वाला बदमाश बहादुर नहीं कायर ही होता है। किसी से जबरन वसूली करना बहादुरी नहीं, बल्कि भिखारी से भी निचले स्तर का काम  होता है। कायरों की तरह छिप कर फोन पर धमका कर भीख सी मांगने वाले गुंडे बहादुर हो भी नहीं सकते। 
हथकड़ी, बेडियों का सहारा-
पैसा वसूली के लिए नृशंसता से दूसरों की हत्या करके खुद को बहादुर दिखाने वाले बदमाश असल में कायर है. कायर लॉरेंस और काला जठेडी को भी पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मार दिए जाने का डर सताता है। 
अदालत में इन बदमाशों ने अपनी जान की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई थी कि दिल्ली और किसी दूसरे राज्य में ट्रांजिट रिमांड पर और अदालत में पेशी के लिए ले जाए जाते समय हाथों मे हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहनाई जाए।
लॉरेंस और जठेडी को  डर है कि पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर और अदालत  में पेश करने ले जाते समय उसका फर्जी एनकाउंटर कर देगी और कह देगी, कि उसने भागने की कोशिश की थी। हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़े  होने के कारण पुलिस ऐसा नहीं कर पाएगी।

बदमाशों की हड्डियों में पानी भरा है-

"डरा कर लोगों को वो जीता है जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है। मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया।"
फिल्म घातक में सन्नी देओल के  यह डायलॉग का इन बदमाशों पर लागू होता है


(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)

Wednesday 16 November 2022

MLA अखिलेश पति त्रिपाठी का साला गिरफ्तार. केजरीवाल के MLA ने लगाई टिकट की बोली. 90 लाख दो टिकट लो, टिकट नहीं तो पैसा वापस.

         अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा
ईमानदार केजरीवाल के ईमानदार एमएलए.  
एंटी करप्शन ब्रांच के अफसरों की भूमिका पर सवालिया निशान? 
मधुर वर्मा बताएं कि रेड का वीडियो कैसे वायरल हो गया.
ओम सिंह को कहां से पकड़ा? 

विधायकों ने डुबाई केजरीवाल की लुटिया 

इंद्र वशिष्ठ
चुनाव में राजनैतिक दलों की टिकट बिकती है यह जगजाहिर है. ईमानदारीनदारी का ढोल पीट कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी भी इससे अछूती नहीं है. आम आदमी पार्टी के एक एमएलए द्वारा एमसीडी चुनाव की टिकट की कीमत 90 लाख रुपए मांगे जाने का मामला सामने आया है.
दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने माडल टाउन के एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी के साले ओम सिंह, पीए शिव शंकर पांडे उर्फ विशाल पांडे और प्रिंस रघुवंशी को गिरफ्तार किया है.
इनको एमसीडी की टिकट देने के नाम पर लिए गए 33 लाख रुपए लौटाते हुए शिकायतकर्ता गोपाल खारी के यहां से पकड़ा गया. पैसे वापस मिलने पर गोपाल ने पूछा कि उससे कहां कमी हो गई. इस पर उसे बताया गया कि दिक्कत यह हो गई कि वहां से दो गूजरों को टिकट नहीं दे सकते.

एमएलए त्रिपाठी ने 90 लाख मांगे -
खुद को आम आदमी पार्टी का सक्रिय सदस्य बताने वाले कमला नगर के गोपाल स्वीट के मालिक गोपाल खारी ने एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की है. शिकायत के अनुसार एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी ने टिकट देने के लिए 90 लाख रुपए मांगे थे.
गोपाल खारी ने अपनी पत्नी शोभा खारी की  टिकट के लिए 55 लाख रुपए दे दिए, शेष रकम टिकट मिलने के बाद देना तय हुआ.
एमएलए राजेश गुप्ता को 20 लाख-
गोपाल खारी के अनुसार 35 लाख एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी के साले ओम सिंह को दिए थे. 12 नवंबर को अखिलेश पति के कहने पर 20 लाख रुपए उसके सामने ही वजीर पुर के एमएलए राजेश गुप्ता को उसके घर में ही दिए.
आम आदमी पार्टी ने शोभा खारी को टिकट नहीं दिया. गोपाल खारी को ओम सिंह ने 33 लाख रुपए वापस कर दिए. 
अफसरों की भूमिका पर सवालिया निशान-
इस मामले में एंटी करप्शन ब्रांच के अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है. एसीबी इस मामले को अदालत में साबित कर पाएगी, इसमें संदेह है. क्योंकि अभियुक्तों को पैसा लौटाते हुए गिरफ्तार किया गया है.पैसा वापस करना अपराध नही होता. यह पैसा रिश्वत के रूप में एमएलए को दिया गया था.अदालत में यह साबित करना आसान नहीं होगा. एमएलए ने रिश्वत ली थी, यह साबित करने के लिए एमएलए द्वारा रिश्वत मांगने और रिश्वत स्वीकार करने के ऑडियो वीडियो रिकार्डिंग आदि पुख्ता सबूत होने जरुरी होते हैं.
टिकट खरीदना और बेचना यानी रिश्वत देना और लेना दोनों ही अपराध है.ऐसे में गोपाल खारी को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
गोपाल खारी भी गुनाहगार-
गोपाल खारी ने अगर रिश्वत देने से पहले एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की होती तो वह निर्दोष माना जाता. लेकिन उसने तो रिश्वत देकर टिकट खरीदने की कोशिश कर खुद भी अपराध किया था.
टिकट न मिलने पर पैसे वापस मिलने पर ही उसने शिकायत की है. ऐसा करने से गोपाल खारी का अपराध खत्म नही हो जाता है. 
गोपाल खारी द्वारा की गई शिकायत ही उसके अपराध /भ्रष्टाचार में शामिल होने का कबूलनामा है.
गोपाल खारी की जो शिकायत वायरल हुई है उस पर गोपाल खारी के दस्तख़त ही नहीं है.
रेड का वीडियो कैसे वायरल हो गया? 
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त 
मधुर वर्मा ने मीडिया को बताया कि रकम लौटाते हुए अभियुक्तों को रंगेहाथ पकड़ा गया है. 
ऐसे में सवाल उठता है कि उस दौरान का वीडियो वायरल कैसे हो गया, जिसमें गोपाल खारी कह रहा है कि इसमें दो लाख रुपए कम हैं.इस वीडियो में गोपाल खारी ओम सिंह से फोन पर खुद बात करता है और पैसे लौटाने आए प्रिंस रघुवंशी की भी बात कराता है. इससे पता चलता है कि ओम सिंह पैसे लौटाने गोपाल के घर नहीं गया था. ऐसे में एसीबी ने ओम सिंह को भी रंगेहाथ पकड़ने का जो दावा किया है वह सही नहीं है.
एसीबी ने अभियुक्तों को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया था. तो ऐसे में एसीबी की मौजूदगी में यह वीडियो किसने बनाया और किसने वायरल किया ? 
क्या वीडियो एसीबी ने वायरल किया है? 
 यह सब देख कर लगता है कि शायद प्रचार के चक्कर में एसीबी ने रेड के लिए अनिवार्य कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं किया है. एसीबी के कारण ही यह मामला अदालत में टिकना मुश्किल है.
इन सब बातों से एसीबी की कार्यप्रणाली और भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है.
बेईमानी के धंधे में ईमानदारी-
शोभा खारी को टिकट मिल जाता तो सब ठीक था, टिकट नहीं मिला तो बात बिगड़ गई. 
वैसे गोपाल खारी को इतना तो शुक्र मनाना चाहिए कि उसके पैसे तुरंत ईमानदारी से वापस कर दिए गए, वरना नेताओं के पास गए पैसे आसानी से वापस कहां मिलते है.
गोपाल क्या इतना नादान है? 
घाट घाट का पानी पीने वाले गोपाल खारी ने शिकायत में कहा है कि एमएलए ने टिकट का लालच देकर उसे ब्लैकमेल किया . एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी और एमएलए राजेश गुप्ता ने अपने पद का दुरुपयोग किया है.
पैसे देकर टिकट खरीदने की कोशिश करने वाले गोपाल का यह कहना हास्यास्पद है.
दोनों एमएलए पकड़े जाते-
मूल रुप से वजीर पुर गाँव निवासी गोपाल अगर ईमानदार होता तो पैसे देने से पहले एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत करता. जब उसने एमएलए राजेश गुप्ता को एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी के सामने ही 20 लाख रुपए दिए, तब ही वह दोनों एमएलए को रंगे हाथों पकड़वा सकता था.
गोपाल खारी ने पचपन लाख रुपए का इंतजाम अपने दोस्तों/ रिश्तेदारों से करने का दावा किया है. एंटी करप्शन ब्रांच को इस मामले की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग को भी सूचना देनी चाहिए.

आईएएस को सजा-
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ करने वाले आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को भी  हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के साथ सजा हुई थी.
1989 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार, हरियाणा में प्राथमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक थे, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री चौटाला ने 3,208 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्ट प्रथाओं का सहारा लिया था। उन्होंने वरिष्ठ राजनेता पर भर्ती के दौरान 2,000 से अधिक शिक्षकों के नाम बदलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था।

(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)



          दैनिक बन्देमातरम 22-11-2022