Friday 25 November 2022

आतंकियों,बदमाशों,तस्करों के महागिरोह का सरदार लॉरेंस विश्नोई NIA के शिकंजे में, कायर बदमाशों की हड्डियों में पानी भरा है, जान बचाने के लिए लिया हथकड़ी-बेडियों का सहारा


आतंकियों,बदमाशों,तस्करों का 
सरदार लॉरेंस विश्नोई : एनआईए



इंद्र वशिष्ठ
आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के सिंडिकेट द्वारा जनता के बीच आतंक पैदा करने की साजिश से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सिंडिकेट के सरदार कुख्यात बदमाश लॉरेंस विश्नोई को गिरफ्तार किया है.
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि लॉरेंस विश्नोई पुत्र लविंदर कुमार विश्नोई (निवासी वीपीओ- दुतारण वाली, अबोहर तहसील, फाजिल्का जिला, पंजाब) को 24-11-2022 को बठिंडा जेल से एफआईआर नंबर आरसी-39/2022/एनआईए/डीएलआई में गिरफ्तार किया गया है.
आतंकवाद के लिए भर्ती-
एनआईए के अनुसार यह मामला भारत और विदेशों में स्थित आपराधिक सिंडिकेट/गिरोहों के सदस्यों द्वारा धन जुटाने, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती करने के लिए रची गई साजिश से संबंधित है. जिसमें देश के लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से प्रमुख लोगों की हत्याओं सहित जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जाता है। 
इस सिलसिले में शुरू में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा (एफआईआर नंबर 238/04.08.2022)  मामला दर्ज किया गया था. 26.08.2022 को एनआईए द्वारा फिर से मामला दर्ज किया गया.
डर,आतंक पैदा किया -
एनआईए को जांच में पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व में एक आतंकवादी, गैंगस्टर और ड्रग तस्कर सिंडिकेट कई लक्षित हत्याओं (टारगेट किलिंग) और व्यवसायियों सहित डॉक्टरों आदि पेशेवरों से जबरन वसूली में शामिल था.
इस सिंडिकेट ने  बड़े पैमाने पर जनता के बीच डर और आतंक पैदा कर दिया था.
इस तरह की सभी आपराधिक गतिविधियां स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि देश के भीतर और बाहर दोनों जगह सक्रिय आतंकवादियों, गैंगस्टरों, मादक पदार्थों के तस्करों की गहरी साजिश का हिस्सा थी. 
जेल से चला रहा गिरोह-
एनआईए ने जांच में यह पाया कि अधिकांश साजिशें लॉरेंस बिश्नोई द्वारा जेल के अंदर से रची गई थीं और उन्हें भारत और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया गया था.
गिरफ्तार विश्नोई एक दशक से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में लक्षित और सनसनीखेज हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई मामलों में शामिल और वांटेड है.
आतंकवाद के लिए धन -
जांच में यह भी पता चला है कि लॉरेंस अपने भाइयों सचिन और अनमोल बिश्नोई और सहयोगियों गोल्डी बरार, काला जठेड़ी, काला राणा, बिक्रम बरार और संपत नेहरा सहित आतंकवादी / आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ड्रग्स और हथियारों की की तस्करी और जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटा रहे थे.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल-
लॉरेंस विश्नोई पर पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी आरोप है.
इस साल जून में पंजाब पुलिस गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पूछताछ के लिए विश्नोई को दिल्ली से पंजाब ले गई थी. 
यूएपीए लगाया -
एनआईए ने अगस्त 2022 में नीरज बवाना, लॉरेंस बिश्नोई समेत अनेक कुख्यात गिरोहों के सरगनाओं पर गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) की धारा में मामले दर्ज किए थे। 
एनआईए ने 12 सितंबर को कनाडा में मौजूद बदमाश गोल्डी बरार के भारत स्थित ठिकानों, लारेंस विश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा, संदीप उर्फ काला जठेड़ी, विक्रम बरार, गौरव पटियाल उर्फ लक्की ( गौरव पहले आर्मेनिया में पकड़ा गया था), नीरज बवाना, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, अमित डागर, दीपक कुमार उर्फ टीनू, संदीप उर्फ बंदर, उमेश उर्फ काला, इरफान उर्फ चीनू पहलवान, आसिम उर्फ हाशिम बाबा, सचिन भांजा और इनके साथियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
एनआईए ने तब पांच राज्यों में इन बदमाशों के पचास से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। 
नीरज बवाना के घर से  मिले अवैध हथियार के मामले में उसके पिता को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इसी अभियान के तहत एनआईए ने 18 अक्टूबर को दूसरी बार भी पांच राज्यों में बदमाशों के 52 ठिकानों पर छापेमारी की थी
इस अभियान के तहत कुख्यात बदमाशों, उनके आपराधिक/ बिजनेस सहयोगियों, शराब माफिया और हथियार सप्लायर के ठिकानों पर यह छापेमारी की गई।
वकील गिरफ्तार-
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर पूर्वी  दिल्ली में उस्मान पुर के गौतम विहार निवासी वकील आसिफ खान को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। 
आसिफ खान के परिसर की तलाशी में चार पिस्तौल आदि हथियार बरामद हुए है। पिस्तौल गुप्त स्थान पर छिपाई गई थी।
एनआईए के अनुसार वकील आसिफ खान जेल में बंद और बाहर मौजूद दिल्ली और हरियाणा के अपराधियों के संपर्क में था।
वकील आसिफ अपराधियों की गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था।
शराब माफिया-
एनआईए ने अवैध शराब माफिया राजेश उर्फ राजू मोटा निवासी बसोडी, सोनीपत हरियाणा को भी गिरफ्तार किया है। सोनीपत और आसपास के इलाके में सक्रिय शराब माफिया राजेश कुख्यात बदमाश संदीप उर्फ काला जठेड़ी का साथी है। अपराध से कमाई मोटी रकम अवैध शराब के धंधे में लगाई गई है।
नेस्तनाबूद करने का अभियान-
एनआईए का मकसद भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, बदमाशों और ड्रग / हथियार तस्करों के  गठजोड़ को खत्म करना है।
आईएसआई  और खालिस्तानियों से संबंध-
पुलिस को  जांच के दौरान खासतौर पर पंजाब के बदमाशों का आईएसआई और खालिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध की बात सामने आई थी इसके बाद एनआईए ने   आतंकियों, बदमाशों, तस्करों के गठजोड़ को खत्म करने का अभियान शुरू किया है। 
पुलिस की सांठगांठ -
ताकत के अहंकार में बंदूक के दम पर जीने वाले बदमाशों को एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि वह इस भ्रम में न रहे कि वह अपने दम पर अपराध जगत में हैं। 
सच्चाई यह है कि कुछ बेईमान पुलिस वालों और जेल अफसरों की सांठगांठ के दम पर ही वह अपराध जगत मेंं है।
वरना पुलिस जिस दिन ठान लेती है तो बड़े से बड़ा गुंंडा भी कुत्ते की मौत मारा जाता है। 
भ्रष्ट अफसरों की गिरफ्तारी जरुरी-
एनआईए को बदमाशों से सांठगांठ करने वाले पुलिस और जेल के भ्रष्ट अफसरों को भी यूएपीए/मकोका के तहत गिरफ्तार करना चाहिए. सच्चाई यह है कि पुलिस वालों की मिलीभगत के बिना कोई भी बदमाश इतना बड़ा माफिया बन ही नहीं सकता.
जेल के भ्रष्ट अफसरों की सांठगांठ से ही ये बदमाश जेल के अंदर से ही मोबाइल फोन के माध्यम से अपराध जगत में सक्रिय रहते हैं. 
बदमाश की कुत्ते जैसी मौत- 
 पैसे के लिए अपराध कर रहे बदमाशों को भी एक बात समझ लेनी चाहिए कि आज जो साथी तुम्हारे लिए जान देने और जान लेने की बात करते हैं। तुम्हारी मौत के बाद बदला लेने की बात तो दूर शायद अर्थी को कंधा देने तक भी नहीं आएंगे। इस पत्रकार ने देखा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिन बड़े बड़े कुख्यात गुंडों का अपराध जगत में वर्चस्व था जिनकी कई राज्यों में तूती बोलती थी। जिनके आगे नेता भी नतमस्तक रहते थे। जब वह पुलिस के हाथों कुत्ते की मौत मारे गए, तो उनमें से कई के तो परिजन भी उनके शव लेने को तैयार नहीं होते थे।
 भिखारी से भी गए बीते गुंडे-
पैसे के लिए अपराध करने वाला बदमाश बहादुर नहीं कायर ही होता है। किसी से जबरन वसूली करना बहादुरी नहीं, बल्कि भिखारी से भी निचले स्तर का काम  होता है। कायरों की तरह छिप कर फोन पर धमका कर भीख सी मांगने वाले गुंडे बहादुर हो भी नहीं सकते। 
हथकड़ी, बेडियों का सहारा-
पैसा वसूली के लिए नृशंसता से दूसरों की हत्या करके खुद को बहादुर दिखाने वाले बदमाश असल में कायर है. कायर लॉरेंस और काला जठेडी को भी पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मार दिए जाने का डर सताता है। 
अदालत में इन बदमाशों ने अपनी जान की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई थी कि दिल्ली और किसी दूसरे राज्य में ट्रांजिट रिमांड पर और अदालत में पेशी के लिए ले जाए जाते समय हाथों मे हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहनाई जाए।
लॉरेंस और जठेडी को  डर है कि पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर और अदालत  में पेश करने ले जाते समय उसका फर्जी एनकाउंटर कर देगी और कह देगी, कि उसने भागने की कोशिश की थी। हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़े  होने के कारण पुलिस ऐसा नहीं कर पाएगी।

बदमाशों की हड्डियों में पानी भरा है-

"डरा कर लोगों को वो जीता है जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है। मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया।"
फिल्म घातक में सन्नी देओल के  यह डायलॉग का इन बदमाशों पर लागू होता है


(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)

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