Saturday 6 January 2024

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर के घर भ्रष्ट इंस्पेक्टरों ने हंगामा किया ? , गृहमंत्री जागो भ्रष्ट अफसरों को सबक सिखाओ, पुलिस कमिश्नर की भूमिका पर सवालिया निशान।

पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा, स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां 

स्पेशल कमिश्नर के घर भ्रष्ट इंस्पेक्टरों ने हंगामा किया ? 



इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस में पैसे के दम पर भी एसएचओ लगने/लगाने की बात तो जग जाहिर है लेकिन पैसे देने के बावजूद एसएचओ नहीं लगाए जाने पर इंस्पेक्टरों द्वारा एक स्पेशल कमिश्नर के घर पर हंगामा करने के मामले ने इतिहास रच दिया है। ऐसा मामला पहली बार सामने आया है। हालांकि स्पेशल कमिश्नर का कहना है कि यह सब फ्राड है। 
शर्मनाक-
इस मामले ने वैसे तो पुलिस महकमे और खासतौर पर आईपीएस बिरादरी को शर्मसार किया है हालांकि आज के दौर में भी ईमानदार अफसर भी हैं, लेकिन अपवाद छोड़ दें, तो ऐसे अफसर भी हैं जिनसे नैतिकता, आदर्श आचरण, शर्म की उम्मीद करना बेमानी है। लेकिन इस मामले ने यह तो साबित कर ही दिया, कि पैसा देकर एसएचओ लगने/लगाने की बात में दम है। 
रणवीर सिंह कृष्णियां-
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां (1989 बैच के आईपीएस)
31 दिसंबर 2023 को सेवानिवृत्त हो गए। 29 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय में रणवीर सिंह का विदाई समारोह था। उसके बाद कुछ इंस्पेक्टरों ने उनके घर(पंडारा रोड) जाकर हंगामा कर दिया। एक इंस्पेक्टर ने पीसीआर पर कॉल भी कर दी। 
पैसे लिए, एसएचओ नहीं लगाया-
 आरोप है कि इंस्पेक्टरों ने एसएचओ लगने के लिए स्पेशल कमिश्नर के एक बेहद खास इंस्पेक्टर को लाखों रुपए दिए थे। एसएचओ नहीं लगाए जाने पर इंस्पेक्टर अपना पैसा वापस मांग रहे थे। स्पेशल कमिश्नर ने अपने खास इंस्पेक्टर को बुलाया। पैसे लेने वाले इंस्पेक्टर और पैसे देने वाले इंस्पेक्टरों के बीच कहासुनी/ झगड़ा हुआ। पीसीआर कॉल से पुलिस महकमे में हडकंप मच गया।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट में पीसीआर के डीसीपी आनंद मिश्रा ने ऐसी कोई भी कॉल होने से इंकार किया है। 
मीडिया रिपोर्ट/चर्चा है कि पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने अपने ओएसडी मनीषी चंद्रा और एक अन्य डीसीपी को स्पेशल कमिश्नर के घर भेजा। कुछ इंस्पेक्टरों के पैसे वापस कर दिए गए और कुछ को पैसे जल्द वापस करने का आश्वासन दिया और सब को समझा बुझा कर भेज दिया गया। 
सब झूठ है-
इस पत्रकार ने इस बारे में सेवानिवृत्त स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां से बात की। 
सेवानिवृत्त स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह
कृष्णियां का कहना है कि पूरा का पूरा मामला फ्राड है, गलत इरादे से कही गई मनगढ़ंत कहानी है इसमें एक प्रतिशत भी सच्चाई नहीं है। उनके घर कोई इंस्पेक्टर नहीं आया। 
कैमरे पोल खोल सकते हैं-
वैसे रणवीर कृष्णियां की अब तक की छवि ठीक-ठाक और विवाद रहित रही है। ऐसे में वह अगर सच्चे हैं तो उन्हें खुद आगे आकर गृहमंत्री और पुलिस कमिश्नर से इस मामले की जांच की मांग करनी चाहिए, ताकि उनके दामन पर लगा दाग जल्दी से जल्दी साफ़ हो सके। 
साज़िश ? 
इसके अलावा यह भी तो पता लगना ही चाहिए कि कहीं यह उनके खिलाफ किसी प्रतिद्वंद्वी/दुश्मन आईपीएस अधिकारी की साज़िश तो नहीं है। यह सब निष्पक्ष जांच से ही सामने आ सकता है। 
 रणवीर कृष्णियां के घर और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से भी यह आसानी से पता लग सकता है कि पैसे देने का आरोप लगाने वाले इंस्पेक्टर उनके घर गए थे या नहीं। 
गृहमंत्री सबक सिखाओ-
यह मामला इतना संगीन, गंभीर और खतरनाक है कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को ही इस मामले की जांच करानी चाहिए। क्योंकि मामला आईपीएस अधिकारी का है और आईपीएस द्वारा तो आईपीएस को बचाने की ही परंपरा रही है।
ईमानदारी से जांच की जाए तो बहुत आसानी से सच्चाई सामने आ जाएगी। 
किस इंस्पेक्टर ने पीसीआर कॉल की थी यह बात पीसीआर कॉल के रिकॉर्ड और उस इंस्पेक्टर के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड से साबित हो सकती है। 
कमिश्नर की भूमिका?-
इस मामले में पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है।
पुलिस कमिश्नर को एसएचओ लगने के लिए लाखों रुपए देने वाले वाले उन सभी इंस्पेक्टरों और स्पेशल कमिश्नर के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करके मिसाल कायम करनी चाहिए थी।
पुलिस कमिश्नर अगर ईमानदार, काबिल और निष्पक्ष हैं तो उनकी ईमानदारी नज़र भी आनी चाहिए। 
रिकॉर्ड सार्वजनिक हो-
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा पीसीआर कॉल का रिकॉर्ड सार्वजनिक करके साबित करें कि किसी इंस्पेक्टर ने पीसीआर कॉल की थी या नहीं। पुलिस कमिश्नर बताएं कि उनका ओएसडी मनीषी चंद्रा सेवानिवृत्त स्पेशल कमिश्नर के घर गया था या नहीं।
 मनीषी चंद्रा के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड से भी उनकी उस दिन/समय की लोकेशन स्पेशल कमिश्नर के घर पर थी या नहीं, यह आसानी से पता चल सकता है। 
पीसीआर कॉल का रिकॉर्ड और ओएसडी मनीषी चंद्रा के मोबाइल फ़ोन का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने से ही इस मामले की सच्चाई सामने आ सकती है। 
मौजूदगी-
मीडिया रिपोर्ट/चर्चा है कि दस से ज्यादा इंस्पेक्टरों ने स्पेशल कमिश्नर के घर पर हंगामा किया था। इन सभी इंस्पेक्टरों के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड से भी उनकी स्पेशल कमिश्नर के घर पर मौजूदगी साबित हो सकती है। 
खास इंस्पेक्टर-
स्पेशल कमिश्नर के साथ लंबे समय से जुड़े राजस्थान के ही निवासी इंस्पेक्टर विकास कुमार सिंह के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड की जांच से भी यह पता चल सकता है कि क्या कुछ इंस्पेक्टर एसएचओ लगने के लिए उसके साथ निरंतर संपर्क में थे? क्या इंस्पेक्टर विकास भी हंगामा वाले समय स्पेशल कमिश्नर के घर गया था या नहीं? इंस्पेक्टर विकास कुछ महीने पहले तक स्पेशल कमिश्नर का स्टाफ़ अफसर (एस ओ) था। स्पेशल कमिश्नर की मेहरबानी से वह आजकल दक्षिण पश्चिम जिले में साइबर थाने का एसएचओ है। 
भ्रष्ट इंस्पेक्टर-
वैसे स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां के घर हंगामा करने और आरोप लगाने वाले इंस्पेक्टर भी भ्रष्ट तो ही, है यह तो उन्होंने हंगामा करके खुद ही ढिंढोरा पीट कर साबित कर ही दिया। ऐसे इंस्पेक्टर ही एसएचओ लगने के बाद पैसा वसूलने के लिए डाकुओं की तरह आम लोगों का तो खून चूसते ही है, बल्कि पैसा लेकर अपराध और अपराधियों को संरक्षण तक देते हैं। लेकिन ऐसे हालात के लिए नाकाबिल और बेईमान आईपीएस अधिकारी जिम्मेदार होते हैं। 
कमिश्नर को मुहूर्त का इंतजार-
स्पेशल कमिश्नर रणवीर सिंह कृष्णियां पर आरोप लगाने वाले  इंस्पेक्टरों ने एसएचओ लगने के लिए पैसा देने की बात हंगामा और ढिंढोरा पीट कर (पीसीआर कॉल) कबूली। अब ऐसे में पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को स्पेशल कमिश्नर और इंस्पेक्टरों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने के लिए क्या किसी मुहूर्त या किसी के आदेश का इंतजार है। 
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा का तो यह कर्तव्य बनता था कि जैसे  ही उनकी जानकारी में भ्रष्टाचार का यह संगीन मामला आया, तुरंत मामला दर्ज करना चाहिए था। 
आईपीएस खाकी को खाक में मत मिलाओ-
यह मामला खतरे की घंटी है। वैसे लगता है कि अब तो बात हंगामे तक ही रह गई, लेकिन आईपीएस अफसर अगर नही चेते/सुधरे/संभले तो वह दिन भी आ सकता है जब उनके पाले हुए भ्रष्ट इंस्पेक्टर/एसएचओ ही उनकी पिटाई तक करने से नहीं चूकेगें। 
पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का एक मात्र रास्ता है कि आईपीएस अपने आचरण से ईमानदारी की मिसाल पेश करे। 
इस मामले में पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से बात करने के लिए उनके घर पर और मोबाइल फोन पर संपर्क की कोशिश की गई। पुलिस कमिश्नर के घर से बताया गया कि वह दिल्ली से बाहर हैं। पुलिस कमिश्नर जयपुर में आयोजित पुलिस महानिदेशक सम्मेलन में भाग लेने गए हुए हैं। 
पुलिस का बयान
 दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस तरह की किसी भी घटना से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि पीसीआर कॉल के साथ ही संबंधित इलाके के नजदीक वाले सभी थानों के रोजनामचा की भी जांच की गई है। जिसमें इस तरह की किसी भी घटना की कोई जानकारी नहीं है। 







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