उड़ता पंजाब , उड़न छू सरकार , नशे में सबसे आगे
इंद्र
वशिष्ठ
नशाखोरी
के मामले में पंजाब वाकई उड़ता पंजाब साबित
हो गया है। सरकार के आंकड़ों से भी इस बात
का खुलासा हो गया है। राज्य सभा में सरकार ने बताया कि साल 2014 और 2015 में देश भर में ड्रग्स के 50940 मामले
दर्ज हुए , जिसमें 19392 मामले पंजाब में ही दर्ज हुए है । राज्य सभा
में गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने यह जानकारी
देते हुए माना कि पंजाब में स्थिति गंभीर है
लेकिन सरकार ने इससे निपटने के लिए कई कदम
उठाए । बड़ी संख्या में ड्रग्स पकड़ी गई ।
नशे के कई सौदागर भी पकड़े गए है ।
राज्य सभा
में इस बारे में सवाल पूछने वाले वकील के टी एस तुलसी ने इसे गंभीर और चिन्ताजनक बताते हुए कहा कि
पंजाब में मंत्री भी ड्रग के कारोबार में शामिल
है लेकिन कोई भी कार्रवाई उनके खिलाफ नहीं की गई । सिर्फ नशेड़ियों को पकड़ा गया है । नशे के बड़े सौदागरों को छुआ तक नहीं गया । इससे
लगता है कि पंजाब के मंत्रियों को बचाने में केंद्र सरकार की मिलीभगत
है ।
कांग्रेस
के प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि ड्रग के कारोबार में गिरफ्तार किए गए डीएसपी जगदीश
सिंह भोला ने कोर्ट में खुलासा किया था कि बादल सरकार के 3 मंत्री शामिल है उसमें से
एक मंत्री को किंगपिन बताया था । बाजवा ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग
की । बाजवा ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या सिंथेटिक ड्रग्स है पंजाब में इसका उत्पादन
भी होता है । 70 प्रतिशत सिंथेटिक ड्रग्स,20 प्रतिशत शराब ,अफीम, चरस ,गांजा और 10
प्रतिशत हेरोइन का इस्तेमाल नशे के लिए किया
जाता है । शरद यादव ने भी जानना चाहा कि सरकार सीबीआई जांच कराएंगी या नहीं ।
गृह
राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने कहा कि सिर्फ
किसी का नाम लेने से केस नहीं बनता है उसकी एक प्रक्रिया होती है ।
शिव
सेना के संजय राउत ने कहा कि फिल्म उड़ता पंजाब पर हंगामा हुआ था । लेकिन सिर्फ पंजाब ही नहीं उड़ रहा ड्रग्स के मामले में देश की
उड़ता हिन्दुस्तान जैसी स्थिति हो गई है ।
सामाजिक
न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला
ने बताया कि पंजाब में 35 हजार लोगों के खून की जांच कराई गई है जिसमें से 3 हजार के खून में ड्रग
का पता चला है । पंजाब में 28 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए है ।
सरकार
देश भर में ऩशाखोरों का पता लगाने के लिए विस्तृत
सर्वे कराएगी । एम्स को यह सर्वे करने की जिम्मेदारी गई है एम्स 2018 तक जानकारी उपलब्ध कराएंगा। राज्य सभा में दो दिन प्रश्न काल में यह मुद्दा उठाया गया ।
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