इंद्र वशिष्ठ,
पुलिस की मिलीभगत/सांठगांठ के बिना शराब/ड्रग्स/सट्टे का धंधा हो ही नहीं सकता। इस बात की पुष्टि इस मामले से भी होती है।
उत्तर पश्चिम जिले के सुभाष प्लेस थाने के एसएचओ महेश कसाना को लाइन हाज़िर किया गया है। शकूर पुर इलाके में खुलेआम अवैध शराब बिकने और सट्टा चलने के कारण एसएचओ महेश कसाना को थाने से हटा कर जिला पुलिस लाइन में भेज दिया गया।
एसएचओ महेश कसाना को इसके पहले अप्रैल में सिर्फ फटकार लगा कर बख्श दिया गया था। जिला पुलिस के वरिष्ठ अफसर के अनुसार इस साल अप्रैल में दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने शकूर पुर इलाके में खुलेआम शराब बिकने और सट्टा चलते हुए पाया था।
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने विजिलेंस की रिपोर्ट मिलने के बाद शकूर पुर इलाके में अवैध शराब बेचने और सट्टा चलाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी।
फटकार लगा कर बख्श दिया-
एसएचओ महेश कसाना को तब सैंश्योर दिया गया था। सैंश्योर का मतलब आधिकारिक तौर पर किसी को गलत कार्य करने पर डांटना/फटकारना या निंदा/ आलोचना करना भी कहा जाता है। तत्कालीन एसीपी शैलेंद्र चौहान से भी स्पष्टीकरण/ जवाब तलब (एक्सप्लेनेशन) किया गया था। बीट में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को बीट से हटा दिया गया था।
धंधा चालू है- लेकिन कुछ दिन ही बाद शकूर पुर इलाके में दोबारा से शराब बिकने लगी और सट्टा भी शुरू हो गया। विजिलेंस यूनिट ने अब पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी। जिसके आधार पर वीरवार को एसएचओ महेश कसाना को लाइन हाज़िर कर दिया गया।
पहले भी बख्शा गया-
सीबीआई ने 2 जनवरी 2025 को उत्तर पश्चिम जिले के सुभाष प्लेस थाने में तैनात हवलदार शिव हरि को खाने की रेहड़ी लगाने वाले सतीश यादव से दस हज़ार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। उस समय भी एसएचओ महेश कसाना के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
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