Tuesday, 21 February 2017

महिलाएं अपनों से भी सुरक्षित नहीं , रक्षक बनें भक्षक

  महिलाएं अपनों से भी सुरक्षित नहीं , रक्षक बनें भक्षक
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली में महिलाएं दिनोंदिन असुरिक्षत होती जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाएं बाहर ही नहीं घर के अंदर अपनों के बीच और पुलिस से भी सुरिक्षत नहीं है। 2016 में महिलाओं,बच्चियों की इज्जत लूटने के मामलों में 96 फीसदी से ज्यादा आरोपी उनके जानकार या रिश्तेदार थे। 2016 में दिल्ली पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी रेप के 11, छेड़छाड़ के 27 और छींटाकशी का एक मामला  दर्ज किए गया।
अपनों से भी सावधान- दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के स्पेशल कमिश्नर ताज हसन के अनुसार वर्ष 2016 में रेप के 2155 मामले दर्ज किए गए । रेप के आरोपियों में 96 फीसदी से ज्यादा आरोपी महिलाओं के जानकार या रिश्तेदार थे। सिर्फ 3.57 फीसदी आरोपी ही महिलाओं से अनजान /अजनबी थे।2015 में रेप के 2199 मामले दर्ज हुए थे।वर्ष 2016 में छेड़छाड़ के 4165 मामले दर्ज हुए। इनमें 3033 मामलों में आरोपी पकड़े गए । साल 2015  में छेड़छाड़ के 5367 मामले दर्ज हुए थे। साल 2017 में 31 जनवरी तक रेप के 140 ,छेड़छाड़ के 238 और छींटाकशी के 51 मामले दर्ज हुए है।
 पुलिस के अनुसार महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के विश्लेषण में पाया गया कि अपराध के ज्यादातर  मामले झुग्गी बस्ती,पुनर्वास कालोनी में हुए जहां पर नागरिक सुविधाएं खराब है और जहां पर मजदूर तबका रहता है।वर्ष 2016 में छेड़छाड़ के 4165 मामले दर्ज हुए। इनमें 3033 मामलों में आरोपी पकड़े गए । साल 2015  में छेड़छाड़ के 5367 मामले दर्ज हुए थे ।उत्तर-पूर्वी राज्यों की 22 महिलाओं ने वर्ष 2016 में रेप के मामले दर्ज कराए ।इनमें 15 मामलों में आरोपी पकड़े गए । छेड़छाड़ के 30 मामले दर्ज कराए। इनमें से 18 मामलों में आरोपी पकड़े गए।
रक्षक बने भक्षक -पिछले तीन साल में दिल्ली पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज रेप के 36 मामलों में से 28 मामले दिल्ली में और 8 अन्य राज्यों में दर्ज किए गए हैं ।तीन साल में पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ के 90 मामलों में से 70 मामले दिल्ली में और 20 अन्य राज्यों में दर्ज हुए है।छींटाकशी के सभी 9 मामले दिल्ली में दर्ज हुए है। गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में यह जानकारी दी।
गृह राज्य मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए है। अपराध संभावित क्षेत्रों की निरंतर पहचान की जाती है।पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने के लिए पिकेट,पैदल गश्त और पीसीआर वैन तैनात की गई है। मनचलों को पकड़ने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सादे कपड़ों में महिला पुलिस तैनात की जाती है। वर्ष 2016 में 175840 लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी गई। महिला संवेदनशीलता के 212 कार्यक्रमों में 7457 पुलिस वालों को प्रशिक्षित किया गया। इमरजेंसी हेल्प लाइन नंबर 100 और महिला हेल्प  लाइन नंबर 1091 की लाइनों की संख्या बढ़ाई गई। पुलिस कंट्रोल रूम में स्पेशल एंटी-स्टाकिंग दल 24 घंटे कार्य कर  रहा है। थानों में महिलाओं के लिए 24 घंटे सहायता डेस्क है। लड़कियों के स्कूल, कॉलेजों के खुलने और बंद होने के समय वहां पर स्थानीय पुलिस और पीसीआर वैन तैनात की जाती है।







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