दिल्ली पुलिस के कारनामे-खास खबरें
IPS सत्येंद्र गर्ग का कारनामा (वर्ष1999)
माडल टाउन के विधायक के भाई की हत्या के आरोपी के दोस्त से डीसीपी सत्येंद्र गर्ग ने उपहार मे पिस्तौल ली।
इस पत्रकार द्वारा यह मामला उजागर करने पर सत्येंद्र गर्ग को उत्तर पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त के पद से हटा दिया गया और कई साल तक किसी महत्वपूर्ण पद पर तैनात नहीं किया
गया।
पुलिस कमिश्नर निखिल कुमार और पश्चिम जिले के तत्कालीन डीसीपी दीपक मिश्रा का बम धमाकों के मामलों को सुलझाने के दावे की पोल इस पत्रकार ने खोली।
वाइन बना कर बेचने वाले IPS मैक्सवेल परेरा का कारनामा।( 1996)
गया।
पुलिस कमिश्नर निखिल कुमार और पश्चिम जिले के तत्कालीन डीसीपी दीपक मिश्रा का बम धमाकों के मामलों को सुलझाने के दावे की पोल इस पत्रकार ने खोली।
इस मामले में सात पुलिस वालों को तरक्की दी गई। ( 1996)
परेरा के दान के गुणगान की खबर इंडियन एक्सप्रेस और मिड डे में छपी थी। उसे पढ़ कर मैं चौंका क्योंकि वाइन बनाना और बेचना दोनों जुर्म है। लेकिन दोनों अखबारों ने इस अपराध के बारे में कुछ नहीं लिखा था।
इस तरह मुझे परेरा के इस अपराध को उजागर करने का आइडिया मिला। IPS करें तो शौक और दूसरा कोई करें तो अपराध मानती हैं पुलिस।

मध्य जिले के तत्कालीन डीसीपी मुक्तेश चंद्र को बलात्कार पीडिता विदेशी युवतियों को प्रेस कांफ्रेंस में पेश करने पर जिले से हटाया गया। युवतियों को पेश करने पर इस पत्रकार द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में सवाल पूछा गया था।








दक्षिण जिले के डीसीपी विवेक गोगिया और एसएचओ राजेन्द्र बख्शी का झगड़ा





जेसिका लाल हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपियों की पुलिस अफसरों ने आवभगत की, एसएचओ ने अपने साथ बिठा कर खाना खिलाया।
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