Friday 8 October 2021

बदतमीजी और भ्रष्टाचार के आरोपी दो संयुक्त पुलिस आयुक्त रेंज से हटाए गए। कमिश्नर राकेश अस्थाना,अपना OSD तो साफ छवि का रख लेते।

कमिश्नर राकेश अस्थाना, अपना OSD तो साफ छवि का रख लेते।

बदतमीजी और भ्रष्टाचार के आरोपी दो संयुक्त पुलिस आयुक्त रेंज से हटाए गए।


इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस में आज 32आईपीएस/दानिप्स अफसरों के तबादला/ तैनाती के आदेश जारी किए गए है।
चंडीगढ़ से वापस आए 1989 बैच के आईपीएस संजय बेनीवाल को स्पेशल कमिश्नर ( पर्सेप्शन एवं मैनेजमेंट और मीडिया सेल) नियुक्त किया गया है। 

बदतमीजी और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे संयुक्त आयुक्त स्तर के दो अफसरों को रेंज से हटा दिया गया है। 
पुलिसकर्मियों को जलील करने  के लिए  भी कुख्यात संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह को उत्तरी रेंज से हटा दिया गया। सुरेंद्र यादव का तबादला संयुक्त आयुक्त, ऑपरेशन के पद पर किया गया है।
सुरेंद्र यादव के खिलाफ मातहतों के साथ बदसलूकी और भ्रष्टाचार सहित कई तरह के आरोपों की शिकायत गृहमंत्री और सतर्कता विभाग को की गई थी।
नरेंद्र बुंदेला पर भ्रष्टाचार का आरोप-
मध्य रेंज के संयुक्त आयुक्त नरेंद्र सिंह बुंदेला के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सतर्कता विभाग को जांच करने का आदेश दिया है।
नरेंद्र बुंदेला का तबादला लीगल डिवीजन में किया गया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त और केंद्रीय गृह मंत्रालय को की गई शिकायत में कहा गया है कि बुंदेला अमित गुप्ता नामक व्यक्ति के जरिए एसएचओ से पैसे मांगते हैं। इसके लिए बुंदेला एसएचओ को व्हाट्सएप कॉल करते हैं।
नोएडा में बुंदेला की कोठी तैयार कराने के लिए एसएचओ पर कई तरह से दबाव डाला जाता है। पैसे और निर्माण सामग्री, दोनों की मांग की जाती है। 
आरोप हैं कि कुछ समय पहले जब पुलिस आयुक्त को शिकायत दी गई तो अमित गुप्ता पीछे हट गया था। इसके बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय में तैनात स्टाफ ऑफिसर इंस्पेक्टर सुमित देशवाल एसएचओ को फोन करने लगा। 
इन दोनों आरोपी आईपीएस अफसरों की पत्नियां आईएएस अफसर है। 
इन दोनों अफसरों के बारे की गई शिकायत सोशल मीडिया पर भी बहुत वायरल हुई है।
वीनू बंसल को महत्वपूर्ण पद क्यों?-
पुलिस नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद तैनात वीनू बंसल को उत्तरी रेंज के संयुक्त आयुक्त पद का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ही वीनू बंसल को 25 सितंबर को ही  ट्रैफिक से हटा कर सीपीसीआर में तैनात किया था। 
वीनू बंसल को उत्तर पूर्वी जिला डीसीपी के पद से भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण हटाया गया था। इसके बावजूद ऐसे अफसर को संयुक्त आयुक्त, उत्तरी रेंज का अतिरिक्त कार्यभार सौंपना सवाल खड़े करता है। 
कुत्तों वाला आईपीएस, कमिश्नर का ओएसडी।
इसी तरह अतिरिक्त आयुक्त रोमिल बानिया को अपना ओएसडी/स्टाफ अफसर बनाना और कमिश्नर सचिवालय में तैनात करना भी कमिश्नर के निर्णय पर सवालिया निशान लगाता है।
दक्षिण पूर्व जिला में तैनाती के दौरान तत्कालीन डीसीपी रोमिल बानिया ने अपने दफ्तर में अपने निजी कुत्तों के लिए कमरे बनवाए, कूलर लगवाए और कुत्तों  की सेवा में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया था।
लेकिन तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने रोमिल बानिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी। कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने तो यह तक नहीं बताया कि कमरे सरकारी धन के दुरुपयोग से बनाए गए या भ्रष्ट तरीके से बनवाए गए। 
कमिश्नर सावधान-
कमिश्नर राकेश अस्थाना चूंकि गुजरात काडर के होने के कारण बाहरी हैंं, इसलिए उन्हें दिल्ली पुलिस में तैनात ऐसे आईपीएस अफसरों की करतूतों की भी पूरी कुंडली/ जानकारी जुटा लेनी चाहिए और उसके आधार अफसरों का चयन करना  चाहिए।

संयुक्त पुलिस आयुक्त मीनू चौधरी का तबादला ट्रैफिक से संयुक्त आयुक्त दक्षिण रेंज के पद पर किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ट्रैफिक के पद पर तैनात सुमन गोयल को संयुक्त आयुक्त,  मध्य रेंज का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।   
संयुक्त पुलिस आयुक्त मनीष अग्रवाल का तबादला राष्ट्रपति भवन से  संयुक्त आयुक्त ट्रैफिक के पद पर किया गया है।


पुलिसकर्मियों को जलील करने वाले आईपीएस सुरेंद्र यादव के कारनामे-

सुशील पहलवान, रामदेव से कनेक्शन?
क्या हत्या के आरोपी ओलंपियन सुशील पहलवान की मदद  के लिए रामदेव ने संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव को ही फोन किया था?
सरकार विरोधी हरकत?-
क्या 26 जनवरी 2021 को पुलिसकर्मियों से जय जवान जय किसान के नारे लगवाने की कायराना हरकत कर आईपीएस सुरेंद्र सिंह यादव ने भारत सरकार के खिलाफ काम किया है। क्या ऐसा करके किसानों का समर्थन और सरकार की नीतियों का विरोध किया गया है।
गृहमंत्री से गुहार-
गृहमंत्री और दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा मेंं उत्तरी क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव के खिलाफ दी गई शिकायत में  उपरोक्त गंभीर आरोप लगाए गए है। शिकायतकर्ता जितेंद्र सिंह ने आईपीएस के डर के कारण अपनी पहचान उजागर नहीं की है।
आईपीएस के एक फोन पर पकड़ा जाता।-
सागर पहलवान की हत्या के बाद सुशील पहलवान हरिद्वार गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार रामदेव ने संयुक्त पुलिस आयुक्त को सुशील की मदद करने के लिए फोन किया था।
इस पत्रकार ने मई में ही यह उजागर कर दिया था कि रामदेव ने अगर किसी संयुक्त आयुक्त को फोन किया है तो वह रामदेव की ही जाति के सुरेंद्र सिंह यादव भी हो सकते हैं। क्योंकि सुरेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में ही इस मामले की जांच की जा रही थी।
वैसे रामदेव ने जिस भी आईपीएस को फोन किया हो वह अगर तुरंत हरिद्वार पुलिस को फोन कर देता तो सुशील पकड़ा जाता। इस मामले में रामदेव और आईपीएस का जिक्र सामने आया। लेकिन पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव की चुप्पी से साफ है कि रामदेव ने सुशील को पनाह दी थी।
आईपीएस की कायराना हरकत-
26 जनवरी 2021 को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सुरेंद्र सिंह यादव कह रहे हैं कि इनको (किसानों) को शांति से समझाओ, वरना ये हमारे ऊपर से जाएंगे। सुरेंद्र सिंह यादव ने जय जवान जय किसान के नारे लगाए और पुलिस कर्मियों से भी लगवाए। शिकायत के अनुसार आईपीएस का यह आचरण सरकार विरोधी है।
वैसे अनेक वरिष्ठ आईपीएस अफसरों ने सुरेंद्र सिंह यादव की इस हरकत को पुलिसवालों का मनोबल तोड़ने वाला बताया। अफसरों का कहना था कि ऐसी कायराना हरकत करने वाले अफसर को तो फोर्स और सेना मे बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाता है। ऐसे अफसर को सेना में तो नौकरी से निकाल दिया जाता है।
 बदतमीजी का खामियाजा- 
वैसे आईपीएस अगर ईमानदार हो तो भी उसे किसी के साथ बदतमीजी तो बिलकुल ही नहीं करनी चाहिए। आईपीएस का व्यवहार अच्छा हो तो  मातहत पुलिस कर्मी उसके लिए जान तक दे सकते हैंं। लेकिन व्यवहार ही खराब हो तो वहीं मातहत हिंसक प्रदर्शन या दंगों के दौरान आईपीएस को अकेला छोड़ कर भाग भी सकते हैं।

इस शिकायत के बारे में तब संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई थी। व्हाट्सएप भी किया गया। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस के तत्कालीन स्पेशल कमिश्नर (कानून व्यवस्था) संजय सिंह ने भी कोई जवाब नहीं दिया था।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता आईपीएस चिन्मय बिस्वाल ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। 
सब-इंस्पेक्टर आत्महत्या कर लेता-
जनवरी 2018 में संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव ने रात में चेंकिग के दौरान पुलिस की सक्रियता देखने के लिए झपटमारी की झूठी कॉल की थी। मौरिस नगर थाने का सब- इंस्पेक्टर रामचंद्र मौके पर अपनी कार में गया। 
इस पर सुरेंद्र सिंह यादव ने सब- इंस्पेक्टर को गालियां दी और उठक बैठक भी लगवाई। सुरेंद्र सिंह यादव के साथ उनका दोस्त रवि था। रवि ने भी सब इंस्पेक्टर से बदसलूकी की थी। सब इंस्पेक्टर ने रवि को पलटकर जवाब दे दिया तो गुस्साए यादव ने कहा कि रवि गृहमंत्री का रिश्तेदार है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त के दुर्व्यवहार से दुखी होकर  सब- इंस्पेक्टर रामचंद्र ने आत्महत्या करने तक की सोच ली थी। सब- इंस्पेक्टर रामचंद्र ने इस मामले की शिकायत रोजनामचे में दर्ज कर दी। तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और उप राज्यपाल को इस मामले की शिकायत की गई। इसके  बाद बटालियन में तैनात संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव का दिल्ली से बाहर तबादला कर दिया गया था।
एसएचओ को अर्दली बनाया-
शिकायत के अनुसार इसके पहले सुरेंद्र सिंह यादव जब उत्तर पूर्वी जिले में डीसीपी थे तब भी वह एसएचओ को बहुत जलील करते थे। शाहदरा के तत्कालीन एसएचओ को तो उसके पिता के सामने ही जलील किया गया।
इसके अलावा कई एसएचओ से दफ्तर में अर्दली का काम करा कर भी अपमानित किया जाता था।
एक एसएचओ तो बदसलूकी का सदमा झेल नहीं पाया और डिप्रेशन का शिकार हो गया। 
कांग्रेस कनेक्शन-
शिकायत के अनुसार सुरेंद्र सिंह यादव राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी हैं। वह अलवर से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते है। 
शिकायत में डेरा मांडी छतरपुर में एक फार्म हाऊस से उनका संबंध होने जिक्र भी किया गया है।
शिकायत में हवलदार प्रवीण यादव, सिपाही मंजीत यादव और सिपाही सोनू यादव को संयुक्त पुलिस आयुक्त का खास चहेता बताया गया है।
आप पार्टी से भी संबंध - सुरेंद्र सिंह यादव जब एंटी करप्शन ब्रांच में तैनात थे तो उनका अपने वरिष्ठ आईपीएस मुकेश मीणा से विवाद सुर्खियों में रहा था।
शिकायत के अनुसार सुरेंद्र यादव आम आदमी पार्टी से भी विधानसभा सभा का टिकट चाहते थे इसलिए वह उसकी कठपुतली की तरह काम कर रहे थे।
 
अफसरों की तबादला/तैनाती सूची-
संयुक्त आयुक्त साइबर सेल प्रेमनाथ का तकनीक एवं साईं पैड शाखा में, संयुक्त आयुक्त प्रोविजन एंड लाइन तुषार ताबा का दिल्ली पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का महा प्रबंधक , यातायात में तैनात संयुक्त आयुक्त संजय कुमार को इसी पद पर राष्ट्रपति भवन, लाइसेंसिंग में तैनात अतिरिक्त आयुक्त एके सिंह का यातायात  ट्रेनिंग में तैनात अतिरिक्त आयुक्त परवेज अहमद का अतिरिक्त आयुक्त प्रोविजन एंड लाइंस , पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त आयुक्त दीपक पुरोहित का सुरक्षा में, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल झरोदा कलां के प्रिंसिपल मिची पाकू का अतिरिक्त आयुक्त सशस्त्र पुलिस , महिला शाखा में तैनात एबी देशपांडे काअतिरिक्त आयुक्त पुलिस मुख्यालय. एंटी करप्शन ब्रांच में तैनात अतिरिक्त आयुक्त ऋषि पाल का दिल्ली पुलिस एकेडमी में संयुक्त निदेशक, जबकि प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे महेश चंद्र भारद्वाज का भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अतिरिक्त आयुक्त के पद पर तबादला किया गया है।

योजना एवं कार्यान्वयन शाखा में तैनात अतिरिक्त आयुक्त धीरज कुमार को अपराध शाखा का अतिरिक्त आयुक्त बनाया गया है। लीगल सेल में तैनात डीसीपी राजेश देव को अपराध शाखा भेजा गया है। डीसीपी रेलवे के पद पर तैनात हरेंद्र कुमार सिंह को उनके कार्यभार के अलावा लीगल सेल का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तैनात डीसीपी विक्रम पोरवाल को डीसीपी सुप्रीम कोर्ट सिक्योरिटी के पद पर जबकि डीसीपी सुप्रीम कोर्ट सिक्योरिटी के पद पर तैनात कुमार ज्ञानेश को डिप्टी डायरेक्टर दिल्ली पुलिस एकेडमी के पद पर भेजा गया है। यातायात में तैनात डीसीपी एसके गौतम को डीसीपी संचार के पद पर भेजा गया है, जबकि ऑपरेशन और संचार शाखा में तैनात डीसीपी एसके सिंह को डीसीपी यातायात आधुनिकीकरण के पद पर भेजा गया है। उत्तर पश्चिम जिले में अतिरिक्त उपायुक्त प्रथम के पद पर तैनात जीएस सिद्धू को डीसीपी लाइसेंसिंग बनाया गया है।

रोहिणी जिले में अतिरिक्त उपायुक्त द्वितीय पद पर तैनात कृष्ण कुमार को उत्तर पश्चिम जिले में अतिरिक्त उपायुक्त प्रथम बनाया गया है,जबकि मॉडल टाउन के एसीपी रविकांत को रोहिणी जिले का अतिरिक्त उपायुक्त द्वितीय बनाया गया है। आउटर नॉर्थ इलाके में तैनात अतिरिक्त उपायुक्त द्वितीय धीरेंद्र प्रताप सिंह को दिल्ली पुलिस अकैडमी का डिप्टी डायरेक्टर बनाया गया है जबकि एसीपी कोतवाली उमाशंकर को आउटर नॉर्थ जिले का अतिरिक्त उपायुक्त द्वितीय बनाया गया है। कमिश्नर सचिवालय में तैनात एसीपी तनु शर्मा को वहीं पर अतिरिक्त उपायुक्त पद पर तैनात किया गया है।



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