सब- इंस्पेक्टर मंत्री का दामाद ?
सीबीआई दिल्ली पुलिस के लाहौरी गेट थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई। सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम लेकर थाने से भागने में सफल हो गया। सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना की तलाश की जा रही है।
पुलिस में चर्चा है कि सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना राजस्थान के एक मंत्री का दामाद/रिश्तेदार बताया जाता है।
पुरानी दिल्ली में आसिफ़ अली रोड, शंकर गली निवासी सैय्यद अनीस अहमद की शिकायत पर सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना के ख़िलाफ़ सीबीआई ने 29 जनवरी को मामला दर्ज किया। अनीस अहमद दूतावास के बाहर वीज़ा फार्म आदि भरने का काम करता है।
शिकायत के अनुसार अभय सिंह नामक व्यक्ति ने वीज़ा संबंधी कार्य के लिए अनीस अहमद के बैंक खाते में 29700 रुपए डाले थे। बेटे के विवाह में व्यस्त होने के कारण अनीस अभय सिंह का काम समय पर नहीं कर पाया।
दो लाख मांगे-
25 जनवरी को लाहौरी गेट थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना और एक अन्य पुलिसकर्मी अनीस अहमद को पकड़ कर फतेह पुरी पुलिस चौकी में ले गए। पुलिस वालों ने अनीस अहमद के बेटे ऊजेर अहमद को भी चौकी में बुला लिया। पुलिस वालों ने कहा कि अभय सिंह ने अनीस के ख़िलाफ़ शिकायत की है। सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना ने मामला निपटा देने के लिए दो लाख रुपए रिश्वत मांगी। सब- इंस्पेक्टर ने अभय सिंह के 29700 रुपए भी वापस उसके खाते में डाल देने के लिए कहा।
रिश्वत न देने पर अनीस और उसके बेटे को जेल में डाल देने की धमकी दी। सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना परस्पर बातचीत के बाद 70 हजार रुपए रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया।
दो सीढ़ियों का चक्कर -
सीबीआई ने जाल बिछाया। 29 जनवरी को दोपहर में अनीस के बेटे ऊजेर ने लाहौरी गेट थाने की तीसरी मंजिल पर स्थित सीढ़ियों में रिश्वत की किश्त के रूप में 10 हजार रुपए सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना को दिए। सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना ने ऊजेर अहमद से रिश्वत की बकाया रकम भी लेकर आने को कहा। ऊजेर अहमद ने रिश्वत देने के बाद सीबीआई टीम को सूचना दी। सीबीआई टीम जब वहां पहुंची तो सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना दूसरी ओर बनी सीढ़ियों से भाग गया।
सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना का साथी हवलदार रोहतास सीबीआई को थाने में मिल गया। उससे पूछताछ की गई।
अनीस अहमद के बेटे ऊजेर अहमद ने बताया तीसरी मंजिल पर दो सीढ़ियों बनी होने का उन्हें पता नहीं था। उसने दाई ओर बनी सीढ़ियों पर सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना को रिश्वत की रकम दी। रिश्वत लेने के बाद सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना बाईं ओर बनी सीढ़ियों से भाग गया। थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना सीढ़ियों से जाता हुआ कैद हुआ है।
25 हजार लेकर छोड़ा-
ऊजेर अहमद ने बताया कि 25 जनवरी को सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना ने उन्हें डराने के लिए बंद/गिरफ्तार करने का पूरा नाटक भी किया था। उजैर अहमद ने बताया कि जमा तलाशी के नाम पर उसकी घड़ी और पर्स ले लिया गया। पर्स में रखे 15 हजार रुपए सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना ने ले लिए। उजैर अहमद ने बताया कि दस हजार रुपए और लेने के बाद सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना ने उसे और उसके पिता को छोड़ा था। इसके बाद 27 जनवरी को उन्होंने सीबीआई में शिकायत की।
भ्रष्टाचार का सिलसिला जारी-
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों का इस महीने में यह चौथा मामला सामने आया है।
सीबीआई ने दस जनवरी 2025 को आउटर डिस्ट्रिक्ट के राज पार्क थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर दीपक झा को आपराधिक मामले को बंद करने के लिए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने दो जनवरी 2025 को उत्तर पश्चिम जिले के नेताजी सुभाष प्लेस थाने में तैनात हवलदार शिव हरि को खाने की रेहड़ी लगाने वाले सतीश यादव से दस हज़ार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया।
दो जनवरी 2025 को ही सीबीआई शाहदरा जिले के सीमा पुरी थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र को रंगे हाथ पकड़ने में विफल हो गई। सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र रिश्वत की रकम लेकर भाग गया।
सीमा पुरी थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र ने कार मरम्मत का काम करने वाले मोहम्मद आजाद से कहा कि उसके खिलाफ़ दो मतदाता पहचान पत्र रखने की शिकायत दर्ज हुई है। आजाद के खिलाफ कार्रवाई ना करने के लिए सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र ने आजाद से चार लाख रुपए रिश्वत मांगी।
रिश्वत न देने पर उसे देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी।
सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र जीटीबी एंक्लेव थाने की तीसरी मंजिल पर बैरक में रहता है। सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र ने दो जनवरी को आजाद से रिश्वत के डेढ़-दो लाख रुपए बैरक में लिए। आजाद ने रिश्वत दे कर नीचे आने के बाद सीबीआई को इशारा किया। सीबीआई की टीम तीसरी मंजिल की बैरक में गई, तब तक सब-इंस्पेक्टर राजेन्द्र वहां से भाग गया।
सीबीआई विफल-
सीबीआई दिल्ली पुलिस के कई रिश्वतखोरों को रंगेहाथ पकड़ने में विफल हुई है। साल 2024 में भी सीबीआई के विफल होने के कई मामले सामने आए थे
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