Tuesday, 4 March 2025

गेट आउट: विधानसभा परिसर से विपक्ष को बाहर निकालने की नई परंपरा शुरू, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इतिहास रचा


 गेट आउट: विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने नई परंपरा शुरू कर इतिहास रचा 


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली विधानसभा में 27 साल बाद सत्ता में आई भाजपा ने विधानसभा में एक नई परंपरा/परिपाटी शुरू कर दी। 
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक ऐसा रास्ता दिखा दिया, जिसका इस्तेमाल भविष्य में दूसरे सत्ताधारी दल भी विपक्ष के ख़िलाफ़ कर सकते हैं। 
परिसर से बाहर- विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पहले सत्र में ही विपक्ष की नेता आम आदमी पार्टी की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी समेत 21 विधायकों को हंगामा करने पर सदन से निलंबित किया और उन्हें विधानसभा परिसर से भी बाहर निकाल दिया। 
सवाल तो उठेंगे- विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि विपक्षी दल के सदस्यों को सदन से निलंबित करने के साथ ही, उन्हें विधानसभा परिसर से भी बाहर कर दिया गया। उनके परिसर में घुसने पर भी रोक लगा दी गई। 
विपक्ष इसे मनमाना, अलोकतांत्रिक बता रहा है। अलोकतांत्रिक या गैर कानूनी है या नहीं, इस पर बहस हो सकती है। 
लेकिन जिस नियम का इस तरह से अक्षरशः इस्तेमाल आज तक किसी सत्ताधारी दल ने विधानसभा में विपक्ष के ख़िलाफ़ नहीं किया था, उसे पहली बार अब इस्तेमाल करने से सवाल तो उठेंगे ही। स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्ष के ख़िलाफ़ इतना कड़ा कदम उठाने से बचना चाहिए था। 
दोहरा चरित्र- यह भी सच्चाई है कि राजनीति में राजनितिज्ञों का दोहरा चरित्र होता है जब वह सत्ता में होते हैं, तो अपने हर कदम को जायज़/कानूनी ठहराते है, लेकिन जब वह विपक्ष में होते हैं, तो वही नेता सत्ता के वैसे ही कदम को लोकतंत्र पर हमला आदि की दुहाई देने लगते। 
तीर कमान से निकल गया-
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने विधानसभा में जो गलत परिपाटी शुरू की थी, उसे वह खत्म करेंगे। 
दूसरी ओर उन्होंने खुद एक ऐसी नई परंपरा/ परिपाटी शुरू कर दी है। जिसे विपक्ष का कोई भी दल अच्छी परिपाटी तो नहीं कहेगा। 
खैर अब इस कदम की आलोचना हो या इस पर सवाल उठाएं जाएं, अब तो तीर कमान से निकल ही गया। विधानसभा के इतिहास में विजेंद्र गुप्ता को नई परंपरा शुरू करने के लिए याद रखा जाएगा। 
विजेंद्र गुप्ता ने पहले सदन में और फिर पत्रकार वार्ता में भी अपने इस निर्णय को नियमों के अनुसार की गई कार्रवाई बताया है।
नियम- नियम 277, बिंदु 3(डी) स्पष्ट रूप से कहता है। जो सदस्य सदन से निलंबित किया गया है, उसे सदन के परिसर में प्रवेश करने और सदन एवं समितियाें की कार्यवाही में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा। 
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही चलाने के लिए बनाई गई नियमावली ( रूल बुक) का हवाला देकर बताया कि विधानसभा सदन की परिधि/परिसर की परिभाषा में विधानसभा की चारदीवारी के भीतर का पूरा क्षेत्र है। निलंबित सदस्य विधानसभा परिसर में भी नहीं रुक सकता। 
सदन से निलंबित विपक्षी सदस्यों को नियम अनुसार विधानसभा के परिसर में घुसने से रोका गया। 
पहली बार लागू- विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बेशक नियमों का हवाला देकर इस आदेश को उचित ठहराया है। लेकिन आज से पहले कभी इस नियम को इस तरह से  परिभाषित और लागू नहीं किया गया। 
सदन से निलंबित किए जाने वाले नेता प्रतिपक्ष और विधायक विधानसभा परिसर में प्रदर्शन/धरना करने, परिसर में स्थित अपने कार्यालय में जाने के लिए स्वतंत्र रहते थे। 
क्यों निकाला-विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि 25 फरवरी, 2025 को उप-राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों को उनके खराब व्यवहार और कार्यवाही में बाधा डालने के कारण उन्हें बाहर निकालना पड़ा। विधानसभा के प्रक्रिया नियमों के अनुसार, उप-राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कोई भी बाधा नहीं डाली जा सकती। 
उप-राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में बाधा डालने के कारण, बाद में सदन ने विपक्ष के सदस्यों को तीन बैठकों के लिए निलम्बित कर दिया। 
लेखा-जोखा-
दिल्ली की आठवीं विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पहले सत्र में हुई कार्यवाही का लेखा जोखा पत्रकारों से साझा किया। 
18 घंटे 18 मिनट कार्यवाही-
आठवीं विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी, 2025 को शुरू हुआ और 03 मार्च, 2025 को सदन अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हुआ। सदन की बैठकें 24, 25, 27, 28 फरवरी और 03 मार्च, 2025 को आयोजित की गई। इन पांच बैठकों के दौरान कुल 18 घंटे 18 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। 
पांच दिनों तक विभिन्न अवसरों पर कुल 126 बार सदस्यों ने सदन में अपने विचार व्यक्त किये। 
सदस्यों ने पहले दिन 24 फरवरी, 2025 को शपथ ली। वरिष्ठ सदस्य श्री अरविंदर सिंह लवली को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया।
उप- राज्यपाल का अभिभाषण-
25 फरवरी, 2025 को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सदन को सम्बोधित किया तथा उन मुद्दों के बारे में व्याख्या की, जिन पर सरकार दिल्ली के विकास तथा लोगों की भलाई के लिए कार्य करेगी।
उप-राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सदन में 28 फरवरी, 2025 को पारित किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 16 सदस्यों ने भाग लिया तथा माननीय मुख्यमंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया।
सदन में 27 फरवरी, 2025 को  मोहन सिंह बिष्ट जी को उपाध्यक्ष चुना गया।
सीएजी रिपोर्ट पेश-
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि‌ पहले सत्र का मुख्य बिंदु सीएजी की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करना रहा। 
आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा सीएजी रिपोर्टों को सदन में प्रस्तुत करने में अनावश्यक देरी करने के बारे में उन्होंने भी सक्रियता से कार्यवाही की और इसके लिए उन्हें माननीय उच्च न्यायालय भी जाना पड़ा।
'दिल्ली में शराब के विनियम और आपूर्ति' पर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट 25 फरवरी, 2025 को माननीय मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्तुत की। सदस्यों की मांग के बाद, इस पर सदन में दो दिन चर्चा भी की गई। इस चर्चा में 23 सदस्यों ने भाग लिया।
दिनांक 28 फरवरी, 2025 को माननीय मुख्यमंत्री ने 'सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन' पर सीएजी की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सदन में इस रिपोर्ट पर भी 28 फरवरी और 03 मार्च को चर्चा हुई। इस चर्चा में भी 23 सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये।
तीन महीने में रिपोर्ट-
सदन की लोक लेखा समिति इन रिपोर्टों की जांच करेगी।
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि लोक लेखा समिति  तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी । संबंधित विभागों यानि आबकारी और स्वास्थ्य विभाग को एक महीने के अंदर अपने 'एक्शन टेकन रिपोर्ट' भेजने का निर्देश दिया गया है।
विशेष उल्लेख-
इस सत्र के दौरान नियम-280 के तहत विशेष उल्लेख के कुल 109 नोटिस प्राप्त हुए और तीन दिनों में 42 मामलों को सदन में उठाया गया, जिन्हें संबंधित विभागों को उत्तर देने के लिए भेज दिया गया है।
पहले सत्र के दौरान सभी सूचीबद्ध कार्यों को पूरा किया गया। सोमवार, 03 मार्च को सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से लेकर शाम को 06 बजे तक चली, जो इस बात का प्रमाण है कि जनहित से जुड़े ख़ास मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में समय की कोई सीमा नहीं है।
गलत परिपाटी खत्म होगी-
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों तथा सदन के प्रक्रिया नियमों के अनुसार सदन को निष्पक्ष और सकारात्मक ढंग से चलाना चाहते हैं पिछले दस वर्षों के दौरान जो भी गलत परिपाटी बनी हैं, उन सबको दूर किया जाएगा।
अब सदन का नियमानुसार सत्रावसान (Prorogation) किया जाएगा, पहले की तरह एक ही सत्र को अलग अलग टुकड़ों में साल भर नहीं चलाया जाएगा। विशेष सत्र की गरिमा भी बहाल की जाएगी। आपातकालीन और विशेष परिस्थितियों में ही विशेष सत्र बुलाया जाएगा। विधान सभा सत्र की अपनी गरिमा और मर्यादा होती है, जिसका पालन किया जाएगा। 
प्रश्न काल शुरू होगा-
बजट सत्र से प्रश्न काल भी शुरू होगा, जिसे पिछली सरकार के दौरान लगभग बंद ही कर दिया गया था।
समान महत्व-
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान पक्ष और विपक्ष को समान महत्व दिया जायेगा लेकिन नियमों का उल्लंघन किये जाने पर समुचित कार्यवाही भी की जायेगी। सदन के समय का अधिकतम सदुपयोग मेरी प्राथमिकता रहेगी। सदन अब सहयोग, संतुलन, सदभाव और स्थापित नियमों से चलेगा।
राष्ट्रीय स्मारक-
दिल्ली विधानसभा के भवन का स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व रहा है। पुराने सचिवालय को राष्ट्रीय स्मारक और प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। 
-विधान-
विधानसभा को कागज रहित बनाने के लिए ई-विधान प्रोजेक्ट लगभग दस वर्षों से लंबित है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने और दिल्ली विधानसभा को पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड करने के लिए इस दिशा में जल्दी से जल्दी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।




No comments:

Post a Comment