Tuesday, 24 June 2025

30 लाख रुपए रिश्वत मांगने वाला ग्रेटर कैलाश थाने का इंस्पेक्टर गिरफ्तार


तीस लाख रिश्वत मांगने वाला इंस्पेक्टर गिरफ्तार


इंद्र वशिष्ठ, 
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने ग्रेटर कैलाश थाने में तैनात इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव और उसके साथी धर्मवीर को गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव ने तीस लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। 
एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया धर्मवीर खुद को वकील बता रहा था।
ग्रेटर कैलाश की रहने वाली महिला ने विजिलेंस यूनिट को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके और उसके पति के खिलाफ थाना ग्रेटर कैलाश में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस मामले के आईओ इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव मामले में उनका पक्ष लेने के लिए उनसे रिश्वत मांग रहे हैं।  सौदेबाजी के बाद रिश्वत की रकम 30 लाख रुपए तय हुई है। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव ने उसे धर्मवीर को रिश्वत की रकम देने का निर्देश दिया है, जिसने खुद को वकील बताया है।  
एसीपी, विजिलेंस की देखरेख में एक टीम गठित की गई। 23 जून को विजिलेंस टीम ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए बाद धर्मवीर निवासी खिड़की एक्सटेंशन, मालवीय नगर‌ को गिरफ्तार कर लिया।  इसके बाद इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव को भी गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस को जांच के दौरान पता चला कि धर्मवीर रजिस्टर्ड वकील नहीं है और वह खुद को वकील के तौर पर गलत तरीके से पेश कर रहा है।

भ्रष्टाचार चरम पर-
दिल्ली पुलिसकर्मियों के लगातार पकड़े जाने के बावजूद भ्रष्टाचार थम नहीं रहा।

एफआईआर से नाम हटाने के लिए रिश्वत-
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 10 जून को गोविंद पुरी थाने के एएसआई सुशील शर्मा और उसकी महिला सहयोगी को शिकायतकर्ता से 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तार महिला की थाने के बाहर चाय की दुकान है। एएसआई सुशील शर्मा उसके जरिये रिश्वत लेता था। एफआईआर से दिहाड़ी मजदूर शिकायतकर्ता के परिवार के सदस्यों के नाम हटाने के लिए एएसआई सुशील शर्मा ने दस हजार रुपए रिश्वत मांगी। 
ट्रैफिक वाले गिरफ्तार-
21 मई को दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने समयपुर बादली ट्रैफिक सर्कल के दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एएसआई विजय कुमार और हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र हैं। इन पर आरोप है कि शिकायतकर्ता से ट्रैफिक चालान से प्रोटेक्शन के तौर पर 30 हजार रुपये रिश्वत वसूली थी। 
डीसीपी विजिलेंस के मुताबिक, 21 मई को दिल्ली पुलिस के थाना विजिलेंस में अपनी शिकायत लेकर आए शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि समयपुर बादली ट्रैफिक सर्कल के महादेव चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। विजिलेंस यूनिट ने टीम गठित की। कथित पुलिसकर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया। इसके बाद रोहिणी सेक्टर-30 में एक सुनसान जगह से रिश्वत लेते पकड़ा गया।
पता चला कि शिकायतकर्ता पहले ट्रैफिक पुलिस की क्रेन पर काम करता था ये पुलिस वाले  रिश्वत की रकम लाने के लिए शिकायतकर्ता का इस्तेमाल  थे। 
हवलदार भाग गया
15-4-2025  को दिल्ली पुलिस के पश्चिम विहार थाने के हवलदार को विजिलेंस यूनिट ने एक अपराधी से 40,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा, लेकिन वह मौके से भागने में सफल रहा। एस एच ओ पश्चिम विहार को जिला लाइन भेजा गया
दिल्ली पुलिस के अनुसार, विजिलेंस विभाग को एक बीसी (बैड कैरेक्टर) व्यक्ति से शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पश्चिम विहार पश्चिम पुलिस स्टेशन के दो पुलिस अधिकारी उसे 40,000 का भुगतान न करने पर झूठे मामले में फंसाने और गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे थे
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया जब शिकायतकर्ता पश्चिम विहार में हेड कांस्टेबल मनोज को पैसे सौंपने के लिए पहुंचा, तो विजिलेंस टीम को हवलदार, मनोज ने  देख लिया और हिरासत में लिए जाने से पहले भाग गया।
रिटायर्ड इंस्पेक्टर से 2 लाख लेते एएसआई गिरफ्तार, एसएचओ फरार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बावजूद पुलिस वाले मकान बनाने वालों से वसूली करने में लगे हुए हैं। 
बेखौफ, निरंकुश, भ्रष्ट पुलिस वालों द्वारा रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर से भी मकान निर्माण करने देने के लिए रिश्वत वसूलने का मामला सामने आया हैं। 
एसएचओ फरार-
माडल टाउन थाने में तैनात एएसआई सुदेश कुमार यादव को दिल्ली पुलिस के ही रिटायर्ड इंस्पेक्टर यशपाल से दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पुलिस की ही विजिलेंस यूनिट ने 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से बचने के एसएचओ पवन मीणा फरार हो गया। 
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि एएसआई सुदेश कुमार को सस्पेंड और एसएचओ पवन मीणा को लाइन हाज़िर किया गया है। एसएचओ पवन मीणा सोमवार दोपहर में एक दिन की परमिशन लेकर घर गया था, लेकिन मंगलवार रात तक वह डयूटी पर वापस नहीं आया। 
लाख मांगे-
रिटायर्ड इंस्पेक्टर यशपाल का महेंद्रू एन्क्लेव में दो सौ गज का मकान है। मकान में सबसे ऊपरी म़जिल पर 140 गज में बना हुआ है। अब शेष छत पर यशपाल निर्माण कार्य/ लैंटर करवा रहा था।
यशपाल द्वारा विजिलेंस यूनिट में की गई शिकायत में आरोप लगाया कि उनके मकान में छत पर मरम्मत/निर्माण कार्य करने की अनुमति के बदले एएसआई सुदेश द्वारा उनसे लगातार 4 लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी। जब उसने कुछ निर्माण कार्य शुरू किया, तो एएसआई सुदेश और क्षेत्र के अन्य बीट स्टाफ द्वारा उसे रुकवा दिया गया। 4 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गई, साथ ही धमकी दी गई कि रिश्वत देने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। अंत में मामला दो लाख रुपए में तय हुआ। 
एसएचओ की मिलीभगत-
रिटायर्ड इंस्पेक्टर काम रुकवाए जाने के संबंध में अपनी शिकायत लेकर माडल टाउन थाने के एसएचओ पवन मीणा से भी मिला था, लेकिन एसएचओ ने उसे एएसआई सुदेश से मिलने के लिए कहा।
एसएचओ ने उसके साथ बदतमीजी से बात की और कहा "चलिए, काम बंद करिये "
एएसआई सुदेश ने उसे 14 अप्रैल को रिश्वत के पैसे के साथ बुलाया। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ एक पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराई, जिसमें बताया कि रिश्वत की मांग के संबंध में  मॉडल टाउन थाने के विभिन्न पुलिस अधिकारियों के साथ उसकी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग है। 
यह सूचना मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट की टीम ने जाल बिछाया। 14 अप्रैल को शाम को एएसआई सुदेश ने थाने  की पहली मंजिल पर स्थित अपने कमरे में शिकायतकर्ता यशपाल से  2 लाख रुपए रिश्वत ली।
विजिलेंस की टीम ने तुरंत एएसआई सुदेश कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया।
गृह मंत्री के निर्देश की धज्जियां उड़ाई-
केंद्रीय गृह मंत्री ने एक मार्च को गृह मंत्रालय में दिल्ली की कानून व्यवस्था की समीक्षा  बैठक में निर्देश दिया था कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के मामलों में पुलिस की परमिशन की जरूरत नहीं होगी। बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोरा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद थी। 
गृह मंत्री के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार ने भी बकायदा सर्कुलर निकाला था जिसमें कहा गया था भवन निर्माण कार्यों में दिल्ली पुलिस की अनुमति की जरूरत नहीं होती। पुलिस का कार्य केवल अवैध निर्माण की सूचना संबंधित एजेंसी को देना है। 
हवलदार विजिलेंस टीम को टक्कर मार कर भाग गया-
4 अप्रैल 2025 को जाफरपुर कलां थाने का हवलदार गजेंद्र रिश्वत के 15 हजार रुपए लेकर भाग गया। शिकायतकर्ता से मकान बनाने देने और बोरिंग के लिए रिश्वत मांगी। 
हवलदार  कार से विजिलेंस टीम को टक्कर मार कर भागा। विजिलेंस टीम के दो पुलिसकर्मी घायल हुए। हत्या के प्रयास और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।
एसएचओ फरार-
सीबीआई ने 26 मार्च को दिल्ली पुलिस के सागरपुर थाना में तैनात हवलदार सांवरमल और सिपाही शुभम गिल को ढाई लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार  किया है। रिश्वत लेने के बाद पुलिसकर्मी ने एसएचओ को फोन किया। सीबीआई की रेड का पता चलते ही गिरफ्तारी से बचने के लिए सागर थाने का एसएचओ दिनेश कुमार भाग गया था। एसएचओ को बाद अदालत से जमानत मिल गई। 
आरोपी पुलिस कर्मियों ने शिकायतकर्ता महिला को नशे/ड्रग्स का धंधा करने देने और ड्रग्स के मामले में नहीं फंसाने के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। 

हवाला से रिश्वत लेने वाला सब- इंस्पेक्टर  गिरफ्तार

सीबीआई की मुंबई टीम ने 19 मार्च को दिल्ली पुलिस के रोहिणी साइबर थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर राहुल मलिक को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अनुसार सब- इंस्पेक्टर राहुल  मलिक को मुंबई, इरोड (तमिलनाडु) और नई दिल्ली में स्थित कई हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से आंशिक भुगतान के रूप में 2.5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में  गिरफ्तार किया है। 
सब- इंस्पेक्टर राहुल मलिक ने शिकायतकर्ता और उसके साले को गिरफ्तार करने की धमकी दे कर पचास लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। 
मुंबई में टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय करने  वाले शिकायतकर्ता शाहबाज़ शेख ने सब- इंस्पेक्टर राहुल मलिक के ख़िलाफ़ सीबीआई की मुंबई शाखा में मामला दर्ज कराया था। 

सीबीआई ने 22 मार्च को ट्रैफिक पुलिस के वसंत विहार सर्किल में तैनात एएसआई अशोक कुमार और हवलदार राम सिंह को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।शिकायतकर्ता से साप्ताहिक बाजार में टेबल सप्लाई करने की अनुमति देने के लिए रिश्वत मांगी।
हवलदार भाग गया-
मार्च में ही हरिनगर थाने के हवलदार सतीश को सीबीआई रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई। 
हवाला से रिश्वत- सीबीआई की मुंबई से आई टीम ने 19 मार्च को हवाला के माध्यम से ढाई लाख रुपए रिश्वत लेने वाले रोहिणी साइबर थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर राहुल मलिक को गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता और उसके साले को गिरफ्तार करने की धमकी दे कर पचास लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। 
एसएचओ लाइन हाज़िर- सीबीआई ने 20 फरवरी को सनलाइट कालोनी थाने में तैनात एएसआई राम सिंह को 10 हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एएसआई राम सिंह ने एक दम्पति को जेल भेजने की धमकी दे कर 30 हज़ार रुपए रिश्वत मांगी। एएसआई राम सिंह को निलंबित किया गया। इस मामले में सनलाइट कालोनी थाने के एसएचओ गुलशन नागपाल को लाइन हाज़िर किया गया। 
सब-इंस्पेक्टर भाग गया- सीबीआई 29 जनवरी 2025 को लाहौरी गेट थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई। सब- इंस्पेक्टर अनिल खटाना रिश्वत की रकम लेकर थाने से भागने में सफल हो गया।सीबीआई ने 10 जनवरी 2025 को आउटर डिस्ट्रिक्ट के राज पार्क थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर दीपक झा को आपराधिक मामले को बंद करने के लिए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।  सीबीआई ने 2 जनवरी 2025 को उत्तर पश्चिम जिले के नेताजी सुभाष प्लेस थाने में तैनात हवलदार शिव हरि को खाने की रेहड़ी लगाने वाले सतीश यादव से दस हज़ार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। 2 जनवरी 2025 को ही सीबीआई शाहदरा जिले के सीमा पुरी थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र को रंगे हाथ पकड़ने में विफल हो गई। सब- इंस्पेक्टर राजेन्द्र रिश्वत की रकम लेकर भाग गया। 











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