Friday 29 June 2012

पाकिस्तान फिर बेनकाब

पाकिस्तान फिर बेनकाब ----  मुंबई हमला
इंद्र वशिष्ठ
पाकिस्तान के पाले हुए मुंबई हमले के आतंकवादी सरगना सैयद जबीउद्दीन अंसारी(31) उर्फ अबू हमजा उर्फ अबू जिंदाल उर्फ रियासत अली की गिरफतारी ने एक बार फिर  दुनिया के सामने पाकिस्तान के आतंकी और शैतानी चेहरे को बेनकाब कर दिया। एक बार फिर यह साबित हो गया कि भारत में आतंकवादी वारदात पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी ही करते  है।
  जबीउद्दीन महत्वपूर्ण - जबीउद्दीन भारत के लिए डेविड हेडली,तहव्वुर राणा और  अजमल कसाब से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कसाब को सिर्फ ट्रेनिंग पार्ट की जानकारी थी। हेडली और राणा को साजिश के बारे में पता था। उन्होंने एफबीआई को इस बारे में बताया भी है लेकिन ये दोंनो भारत की जांच एजेंसियों की कस्टडी में कभी नहीं रहें। दो साल पहले भारतीय एजेंसियों को इनसे अमेरिका में पूछताछ का मौका मिला था। लेकिन इनसे पूरा सच नहीं जाना जा सका।  लेकिन जबीउद्दीन के रुप में एक  ऐसा शख्स पकड़ में आ गया जो मुंबई हमले की पूरी साजिश का खुलासा कर सकता है और पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने नंगा कर सकता है। जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू हमजा  को 21 जून 2012 को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफतार किया। उसे सउदी अरब से डिपोर्ट करा कर लाया गया। वह रियासत अली के नाम से बने पाकिस्तानी पासपोर्ट पर सउदी अरब में रह रहा  था।
अमेरिकी दबाव- सऊदी अरब ने अमेरिका के दबाव में जबीउद्दीन को भारत को सौंपा हैं। सऊदी अरब की उसकी लोकेशन भी अमेरिका ने ही बताई थी।  मुंबई हमले में कई अमेरिकी भी मारे गए थे। इस लिए अमेरिका ने करीब एक दशक तक अपने मुखबिर रहें हेडली को भी खुद ही गिरफतार किया और अमेरिकी राणा को भी पकड़ा।  22-1-2002 में कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर हमला कराने वाले इंडियन मुजाहिद्दीन के आफताब अंसारी को भी अमेरिका के दबाव में ही दुबई ने भारत को सौंपा था। अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने वालों आतंकवादियों को अमेरिका दुनिया के किसी भी कोने से खोज कर और दबाव डाल कर सजा दिलाने के लिए उस देश के हवाले करावा देता है  लेकिन अमेरिका का दोगलापन है कि हेडली को उसने भारत के हवाले नहीं किया।
मुख्य साजिशकर्ता -जबीउद्दीन मुंबई में 26-11-2008 को हुए आतंकवादी हमले का एक मुख्य साजिशकर्ता है। हमलावर अजमल कसाब और उसके 9 साथियों को उसने हिंदी सिखाई उनको मुंबई के बारे में जानकारी दी, टैक्सी के मीटर देखना भी सिखाया। इन सब को कराची के समुद्र तट से मुंबई के लिए रवाना भी किया। कसाब को मुंबई के सीएसटी स्टेशन का रास्ता भी बताया था।
 कराची में कंट्रोल रूम- कराची में बने लश्कर ए तोएबा के कंट्रोल रूम में बैठ कर जबीउद्दीन मुंबई में हमला कर रहे आतंकवादियों को फोन पर दिशा- निर्देश दे रहा था।उस समय कंट्रोल रूम में लश्कर का सरगना जकी उर रहमान लखवी, हाफिज सईद और पाक सेना का अफसर भी था। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने वह बातचीत रिकार्ड कर ली थी। जबीउद्दीन  की आवाज के नमूने से उसका मिलान किया जाएगा।
जबीउद्दीन ने जनवरी 2009 में कराची में निकाह कर लिया। उसका दो साल का एक बेटा भी है। पाकिस्तान पर बढ़ रहे दबाव के कारण बाद में वह  पाकिस्तानी पासपोर्ट पर सउदी अरब भाग गया। 
जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू हमजा महाराष्ट्र में बीड जिले के गेवराई गांव का निवासी है। उसने बीड में आईटीआई से इलेक्ट्रिशयन का कोर्स किया था। 2003 में एक महिला की हत्या की कोशिश के आरोप में जबीउद्दीन को गिरफतार किया गया था। पहले सिमी से जुड़ा रहा जबीउद्दीन  गुजरात दंगों का बदला लेना चाहता था।
मुंबई हमले की साजिश- जबीउद्दीन ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि मुंबई हमले की साजिश 2006 में रची गई थी। शुरु में औरंगाबाद,बीड और मालेगांव के युवकों से यह हमला कराया जाना था। लेकिन मई 2006 में औरंगाबाद में 16 ए के 47 रायफल,43 किलो आरडीएक्स और 50 हथगोले की एक बड़ी खेप के साथ उनके कई लोग पुलिस की पकड़ में आ गए तो प्लान फेल हो गया। जबीउद्दीन उस समय पुलिस को चकमा देकर भाग गया। इसके बाद वह वाया बंगलादेश पाकिस्तान गया। वहां मुरीदके में लश्कर के ट्रेनिंग कैम्प में अबू और उसके साथ गए 6 अन्य भारतीयों को ट्रेनिंग दी गई। 2007 में फिर से मुंबई हमले की साजिश रची गई और 35 पाकिस्तानियों को ट्रेनिंग में रखा गया। इनमें से कसाब समेत दस को चुना गया। मुरीदके के ही कैम्प में मुंबई में हमला करने वाले कसाब और 9 अन्य आतंकवादियों को कमांडों जैसा ट्रेंड किया गया। हमले की रिहर्सल भी कराई गई थी।
कोलम्बों के होटल में बैठक- मई 2006 में बंगलादेश भागने से पहले जबीउद्दीन ने कोलबों के एक होटल में इंडियन मुजाहिदीन के इंडिया कमांडर रियाज भटकल और सिमी के सरगना फैयाज कागजी के साथ बैठक की। उस बैठक में भारत में आतंकवादी हमलों के लिए बातचीत की गई।  इसी बैठक में तय किया गया कि जबीउद्दीन लश्कर के कैम्प में ट्रेनिंग लेगा। जबीउद्दीन के बयान के अनुसार इसके बाद वह पहली बार पाकिस्तान गया। तब वह वहां 21 दिन तक रहा।  वह अपने साथ 6 अन्य युवकों को भी ले गया था। वहां मुरीदके में हथियार और बम फोड़ने की ट्रेनिंग दी गई। वहां पर वह आतंकवादी सरगना जकी उर रहमान लखवी और जरार शाह से मिला था। लखवी और शाह मुंबई हमले के मामले में वांटेड है। लश्कर के सरगनाओं ने जबीउद्दीन को भारत में युवकों को भर्ती करने और ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने की हिदायत दी थी। जबीउद्दीन ने कई लड़कों को वहां भेजा। जिनमें से कई बाद में भारत में पकड़े भी गए।
नेपाल में भी ट्रेनिंग---जबीउद्दीन ने पुलिस को बताया कि 2004-5 में एक कश्मीरी ने उसे सबसे पहले लश्कर के एक सरगना से मिलवाया। इसके बाद जबीउद्दीन और उसके साथियों को पहले नेपाल और फिर पाकिस्तान में हथियार चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई।
असलम कश्मीरी- 25-8-2009 को स्पेशल सेल ने असलम कश्मीरी को गिरफतार किया था।  मुंबई हमले में जबीउद्दीन के शामिल होने के बारे में असलम कश्मीरी से ही पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली बताते है। इसके बाद ही पुलिस हमले के भारतीय हैंडलर की पहचान कर सकी थी। 6 भाषाओं के जानकार असलम ने लखनऊ से अरबी में एमए किया था। असलम ने मुहम्मद युसुफ नाम से पाकिस्तानी पासपोर्ट बनवाया था। असलम ने जबीउद्दीन के खास साथियों फैयाज कागजी, शेरजिल और अजहर के नाम भी पुलिस को बताए थे। ये तीनों भी बीड जिले के है।
अबू हमजा और अबू जिंदाल दरअसल जबीउउदीन को लश्कर ए तोएबा के दिए गए नाम है। अबू का अर्थ सेनापति और सारे सेनापतियों का जो सरदार या सरगना या मुखिया होता है उसे हमजा कहा जाता है। आमतौर पर अबू हमजा फिदायीन दस्ते का मुखिया होता है।  

1 comment:

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