सेना में महिला
अधिकारियों का उत्पीड़न
इंद्र वशिष्ठ
सेना में महिला
अधिकारियों के उत्पीड़न के 12 मामले सामने आए है। राज्यसभा में रक्षा राज्य
मंत्री
सुभाष भामरे ने यह जानकारी दी।
सेना में महिला अधिकारियों के उत्पीड़न और भेदभाव की शिकायतों
के बारे में सांसद श्रीमती झरना
दास वैद्य के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि
तीन साल के दौरान सेना में 6, नौसेना में
3,वायुसेना में 2 ,मेडिकल और नर्सिंग में
एक मामला सामने आया है। भारतीय सेना के
तीन अंगो
और सेना के चिकित्सा अधिकारियों एवं नर्सिंग में महिला अधिकारियों की
संख्या 8960 है। इनमें
थल सेना में 1528,
नौसेना में 469,वायुसेना में 1581, मेडिकल में 1288 और नर्सिंग में 4994
महिला अधिकारी है।
मंत्री ने बताया कि महिलाओं की सेना में भागीदारी बढ़ाने के लिए
सरकार द्वारा कई निर्णय लिए
गए है। साल 2011 में सरकार ने तीनों सेनाओं की विशिष्ट
शाखाओं अर्थात जज एडवोकेट जनरल
और सेना की सैन्य शिक्षा कोर तथा नौसेना एवं
वायुसेना में, उनकी समकक्ष शाखाओं नौसेना में
नौसैन्य निर्माता और वायुसेना में
लेखा शाखा में पुरूष एसएससीओ के साथ स्थाई कमीशन प्रदान
किए जाने के लिए महिला
शॉर्ट सर्विस कमीशन अफसरों पर विचार किए जाने को अनुमोदित किया
है।
मार्च 2016 में ,महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अफसरों को समुद्री
टोह शाखा में पायलट के रूप में
और ऩौसैन्य आयुदध निरीक्षणालय(एनएआई) संवर्ग में शामिल
किए जाने के लिए अनुमोदन प्रदान
किया गया है।
साल 2017 के मध्य से इन्हें शामिल किए जाने की योजना है। भारतीय वायुसेना ने
महिलाओं को लड़ाकू शाखा में
पांच साल की अवधि के लिए प्रयोगात्मक आधार पर शामिल करने
के लिए शॉर्ट सर्विस
कमीशन स्कीन में संशोधन किया है। पहले बैच की तीन महिला अफसरों को
लड़ाकू शाखा में 18
जून 2016 को कमीशन दिया गया था।
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