Wednesday 20 November 2019

कश्मीर में एक भी व्यक्ति पुलिस की गोली से नहीं मारा गया, धारा 144 हटा दी, गृहमंत्री अमित शाह

कश्मीर में एक भी व्यक्ति पुलिस की गोली से नहीं मारा गया।
कश्मीर में  स्थिति सामान्य हो चुकी हैं, धारा 144 हटा दी। गृहमंत्री अमित शाह

इंद्र वशिष्ठ

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में कहा कि
कश्मीर घाटी में पूरी स्थिति सामान्य हो चुकी है।
कश्मीर के प्रशासन को जब उचित समय लगेगा तो इंटरनेट पर से प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।

राज्य सभा में सांसद  माजिद मेमन ने गृहमंत्री से पूछा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य कब तक हो जाएगी ?
गृहमंत्री ने कहा कि पूरी स्थिति सामान्य हो चुकी है।

धारा 144 हटा दी-

सांसद डॉक्टर टी सुब्बारामी  रेड्डी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि कश्मीर के सभी 195 थानों के इलाके से धारा 144 पूर्णता हटा ली गई है। सिर्फ कुछ इलाकों में रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक धारा 144 लगाई गई है।
गृहमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक लोगों को बहुत इकट्ठा होने की जरूरत भी नहीं होती।

गृहमंत्री ने कहा कि इंटरनेट सूचना के लिए महत्वपूर्ण है । लेकिन देश और कश्मीर के लोगों की सुरक्षा और आतंकवाद का सवाल है। इसलिए इंटरनेट बंद किया गया।
कश्मीर के प्रशासन को जब उचित समय लगेगा तो इंटरनेट पर से प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।

आंकड़ों से स्थिति सामान्य होने का दावा-

स्कूल-कालेजों में छात्रों की 98%उपस्थिति, अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या लाखों , दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने आदि के आंकड़ों से गृहमंत्री ने बताया कि कश्मीर में स्थिति सामान्य हो गई है। 

पुलिस की गोली से एक भी व्यक्ति नहीं मारा गया-

गृहमंत्री ने बताया कि धारा 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद यानी 5 अगस्त 2019 से आज़ तक एक भी व्यक्ति पुलिस की गोली से नहीं मारा गया। जबकि इस सदन में भी आशंका व्यक्त की गई थी कि खून की नदियां बह जाएंगी, रक्तपात हो जाएगा, काफ़ी  लोग मारे जाएंगे।
गृहमंत्री ने कहा कि धारा 370 हटाने के बाद हजारों लोगों को जेल में डालने की छवि बनाई जा रही है।

गुलाम नबी आजाद ने सरकार के दावों को ग़लत बताया--

राज्य सभा में कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आजाद ने कहा कि स्थिति सामान्य है तो नेता जेल में बंद क्यों हैं? शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गृहमंत्री ने स्कूल-कालेजों में 98% उपस्थिति का जो आंकड़ा पेश किया है वह परीक्षाओं के दौरान की उपस्थिति का है।
 गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हकीकत यह है कि स्कूल- कालेजों में उपस्थिति सिर्फ 0.5% है।
ग़ुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री के दावों को ग़लत बताया और कहा कि लगता है कि किसी दूसरे राज्य के आंकड़े गृहमंत्री के हाथ में आ गए हैं।
इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वह जिम्मेदारी के साथ जवाब दे रहे हैं।
उन्होंने ग़ुलाम नबी आजाद को चुनौती देते हुए  
कहा कि वह रिकॉर्ड पर इन आंकड़ों को चैलेंज करें यानी गलत साबित करें।
गृहमंत्री ने कहा कि वह पास्ट यानी अतीत में जाना नहीं चाहते। लेकिन गुलाम नबी आजाद उनको अतीत में घसीट ले जाना चाहते है तो मुझे उनको जवाब देना है।

गृहमंत्री ने कहा पूरे देश में मोबाइल फोन सेवा 1995-96 में शुरू हुई थी लेकिन कश्मीर में मोबाइल फोन सेवा 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ही शुरू की थी। तब तक सुरक्षा कारणों से शुरू नहीं हुई थी। इंटरनेट को भी कई सालों तक रोका गया। वर्ष 2002 में वहां इंटरनेट की परमीशन दी गई।

विपक्ष ने नेशनल कांफ्रेंस के लोकसभा सांसद फारुख अब्दुल्ला को रिहा करने की मांग की ताकि वह संसद सत्र में हिस्सा लें सकें।

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